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00:00सत्ता पक्ष के लोग सब मेरे बोलने से पहले ही भग गया हैं
00:03ये लोग वहाँ पे इस सरकार के भरोसे गए
00:06और इस सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया
00:09किति हास की बात आप करिए
00:12मैं वर्तमान की बात करना चाहते हैं
00:14देश जानना चाहता है कि उस दिन एपरिल 22, 2025 को क्या हुआ और क्यूँ है
00:21आप तो खुद अपनी पीछ थप थपाने में लगे रखते हैं
00:25इस ओपरेशन का सिंदूर का क्रेडिट उसका श्रय तो हमारे प्रधान मंत्री जी चाहते हैं
00:33मैं मजाग की बात नी कर रही हूँ थोड़ा सा ध्यर्य रखिए उस दिन पहल गाम में वैसे महोदे मेरी मा की आसू के बात किये
00:41मैं इसका जवाब देना चाहती हूँ
00:45मेरी मा के आसू तब गिरे जब उनके पती को आतंकवादियों ने शहीद किया
00:54अधरनिया अध्यक्ष महोदे मैं आपको धन्यवाद देना चाहती हूँ कि इस महतवपून मुद्दे पर आपने मुझे बोलने का मौका दिया
01:05यह अलग बात है कि सत्ता पक्ष के लोग सब मेरे बोलने से पहले ही भाग गाए
01:11आईए आईए आपको देखके मैं खुश थी कि अब वापिस आगए सबसे पहले मैं उन सैने को उन जवानों नफसरों को नमन करना चाहती हूँ
01:29जो हमारे देश के रेकिस्तानों में हमारे देश के घने जंगलों में पर फीले पहाड़ीं पे हमारी देश की रक्षा करते है
01:43जो हर पल देश के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार रहते हैं
01:501948 से लेकर अब तक जब से पाकिस्तानी रेडर्स ने कश्मीर पे हमला किया
01:59तब से लेकर अब तक हमारी देश की अखंडता की रक्षा करने में उनका बड़ा योगदान है
02:08हमारी आजादी अहिंसा के आंदोलन से हासिल हुई
02:18लेकिन जैसे मैंने कहा उसको कायम रखने के लिए हमारी सेना का बहुत बड़ा योगदान है
02:28अध्यक्ष महोदे कल में सदन में बैठी हुई सब के भाशन सुन रही थी
02:34आदर्निय रक्षा मंत्री महोदे ने बोला सत्ता पक्ष के कई मंत्रियों ने बोला
02:41एक घंटे का रक्षा मंत्री जी का लंबा भाशन था
02:49सुनते सुनते एक बात मुझे बहुत खटक रही थी
02:52उसके बाद जब दूसरे भाशन भी सुनें आपके
02:56सत्ता पक्ष के
02:58तब भी ये बात बार-बार
03:00मेरे मन में आ रही थी
03:02कि सारी बातें कर ली
03:03अपरिएशन सिंदूर की बात
03:06कर ली, आतंक वाद
03:08की बात कर ली
03:09देश की रक्षा की बात कर ली
03:12इतिहास का पाथ
03:14भी पढ़ा दिया
03:15लेकिन एक बात छूट गई
03:18उस दिन 22 अपरेल 2025 को जब 26 देश वासियों को अपने परिवार के सदस्यों के सामने खुले आम मारा गया
03:34तो ये हमला कैसे हुआ क्यों हुआ
03:40अधियक्ष महोदे ये लोग बैसारण वाली में पहल गाम के पास कश्मीर में क्या कर रहे थे
03:58आज कल पॉब्लिसिटी का दौर है प्रचार का जमेना है
04:03कुछ समय से हमारी सरकार ये प्रचार कर रही थी कि कश्मीर में आतंगवाद खत्म हो गया है
04:11कि कश्मीर में शांती है अमन चैन है
04:14प्रधान मंत्री जी ने खूब भाशन दिये देश वासियों को कहा कि चलिए कश्मीर चलिए सेर करिए
04:21कई बार मैंने ये भी देखा
04:23मीडिया पर टीवी पर
04:25कि कश्मीर जाईए
04:26जमीन खरीदिये
04:28अब वहाँ अमन चैन है
04:29शांती का वातवर्ण है
04:31इसी बीच
04:33शुभम द्विवेदी
04:36एक कानपूर के नौजवान
04:39और उनके पूरे परिवार
04:43ने टे किया कि वह कश्मीर जाएंगे
04:45शुभम द्विवेदी की
04:47छे मही ने पहले शादी हुई थी
04:49उसकी पत्नी ने
04:52कहा कि उनके बीच
04:55एक ऐसा रिष्टा था
04:57प्रेम और दोस्ती का ऐसा रिष्टा था
05:00कि वह एक दूसरे को
05:03बच्चों की तरह हसाते थे
05:04सोशल मीडिया पर
05:06एक वीडियो भी जारी है
05:07जिसमें पूरा परिवार
05:09एक साथ बैठा हुआ ताश खेल रहा है
05:13और ऐसे हस रहे हैं
05:15ऐसे हस रहे हैं कि उस वीडियो को
05:16देख कि किसी का भी दिल तूच जाए
05:18कि इस परिवार को
05:20इस तरह से उजड़ने क्यों दिया हमने
05:2222 अपरेल 2025 को
05:28बैसारन वैली में
05:31मौसम का मिजाद अच्छा था
05:34जैसे हर रोज
05:36लगातार
05:38हजार से पंद्रह सौ लोग
05:41वहां पहुंचते थे
05:42उसी तरह से उस दिन भी
05:44तमाम परियाटक वहां पहुंचे
05:47वहां का रास्ता असान नहीं
05:49अध्यक्ष महोदेजी
05:51जंगल से जाना पड़ता है
05:53पहाडों के बीच जाना पड़ता है
05:55घोडे से जाना पड़ता है
05:57यह परिवार वहां पहुंचे
05:59मौसम सुहाना था
06:03उनके बच्चे ट्रैंपॉलीन पे खेल रहे थे
06:05थे, कोई जिपलाइन कर रहा था, कोई चाय पी रहा था, तो कोई कश्मीर की सुंदर वादियों की ठंडी हवा का मजा ले रहा था, शुभम अपनी पत्नी के साथ एक स्टॉल पे खड़े थे, तभी अचानक चार आतंक वादी जंगल में से निकलते हैं और शुभम को वहीं �
06:35वे वहां से पूरे वैली में एक घंटे के लिए लोगों को चुन-चुन कर मारते हैं, किसी के पती को अपनी पत्नी के आपकों के सामने, किसी के पता को अपने बेटे के सामने
06:51चुन-चुन कर 26 लोगों को मार डालते हैं, शुभम की पत्नी घबरा कर वहां से भागने की कोशिश करती है, अपनी जान बचाने के लिए जंगल की तरफ दोड़ती है, वहां पता चलता है कि तमाम लोग जंगल की तरफ दोड़े हैं और अपनी जान बचाने की कोशिश कर
07:21ओर गाइड की मदद लेते हुए चले जा रहा है । कूई रास्ता नहीं है को तरीका नहीं है लेकिन किसी ना
07:27किसी तरह से शुबbing की पत्री के शब्दों में किसी ऐसी शक्ती ने हम को बचा कर रख्था कि हमें किसी ना
07:35किसी तरह से हम अकेले नीचे पहुंचे पर मैं उनके लफ्स पढ़ना चाहती हूं क्योंकि उन्होंने कहा कि इस पूरे समय जब एक घंटे के लिए चुन-चुन कर भारतिय नागरिकों को मारा जा रहा था इस पूरे समय उसे एक सुरक्षा कर्मी नहीं दिखा
08:05शुबं की पत्नी ने कहा कोट मैंने अपनी दुनिया को खत्म होते हुए देखा अपनी आखों के सामने एक सिक्यूरिटी गार्ड नहीं था
08:22मैं ये कह सकती हूँ मैं ये कह सकती हूँ कि देश ने सरकार ने हमें वहाँ पे अनाथ छोड़ दिया था
08:33सिक्यूरिटी क्यों नहीं थी वहाँ वहाँ पे एक सैनिक क्यों नहीं दिखा
08:42क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां रोज से पंदरा सो पर यह टक जाते हैं क्या सरकार को मालूम नहीं था कि यहां के
08:53को पहुँचने के लिए जंगल के रास्ते से जाना पड़ता है अगर कुछ हो जाएगा तो लोग वहां से निकल नहीं पाएंगे एक चिकित्सा का इंतजाम नहीं था फर्स्ट एड का इंतजाम नहीं था ना सुरक्षा का ना फर्स्ट एड का इन लोगों को भगवान भरों स
09:23मैं पूछना चाहती हूँ यह किस की जिम्मेदारी थी इस देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किस की है
09:33क्या इस देश के प्रधान मंत्री की नहीं है क्या इस देश के ग्रिया मंत्री की नहीं है
09:38क्या इस देश के रक्षा मंत्री की नहीं है
09:42क्या
09:44NSA की नहीं है
09:46अध्यक्ष महोदे
09:49पहल गाम
09:52हमले से
09:54सिर्फ दो हफते पहले
09:55हमारे ग्रेह मंत्री
09:58महोदे जी कश्मीर गए थे
09:59किसलिए गए थे
10:01जो सुरक्षा की व्यवस्ता है
10:04इसको देखने के लिए गए थे
10:07इसको रिव्यू करने के लिए गए थे
10:11और उन्हें ने वहाँ कहा
10:13कि आतंक वाद
10:15पर विजय प्राप्त हुई है
10:16ये दो हफते
10:19पहले है
10:19तीन महीने बाद
10:22जेनके के गवर्नर साहब
10:25एक आम इंटर्व्यू में
10:27इसे ही चलते चलते
10:29कहते हैं
10:30कि हाँ
10:32बैसारंग वैली में बहुत लापरवाही हुई
10:35और इसके लिए
10:37मैं जिम्मेदारी लेता हूँ
10:38इसे ही चलते चलते
10:40और वो बात होती है
10:42खतम भी वहाँ होती है
10:43और वहीं खतम हो जाती है
10:44उनसे जिम्मेदारी ली भी नहीं जाती
10:48कोई सवाल नहीं उठाता
10:49कोई जवाब नहीं देता
10:51अध्याक्ष महोद है
10:53उस हमले की जिम्मेदारी
10:57एक आतंकवादी गुट
10:59जिसका नाम टी आरेफ है
11:01थोड़े दिनों बाद लेती है
11:04कौन है ये टी आरेफ
11:072019 में ये गुट बना
11:102020 में इसने कश्मीर में आतंकवाद का काम शुरू कर दिया
11:16और 2020, अपरेल 2020 से लेकर
11:2122 अपरेल 2020 तक
11:24इन्होंने 25 आतंकवादी हमले किये
11:28शेड शेड शेड शेड शेड शेड
11:30ग्रिह मंत्री महोदे ने
11:33जब UPA सरकार के समय के आतंकवादी हमले गिने
11:37तो लगभग 25 गिनवाए थे
11:39अभी अपने भाशन में
11:41इस गुट ने कश्मीर में
11:4325 हमले
11:442020 और 2025
11:47के अंदर अंदर
11:48एक पूरी लिस्ट है इन हमलों की
11:53मेरे पास इतना समय नहीं है
11:55इसलिए मैं एक एक को नहीं पढ़ना चाहती
11:57लेकिन मैं इतना कहूंगी
11:59कि इन में रियासी का हमला भी था
12:022024 का
12:03जिसमें 9 लोग मारे गए
12:05और 41 लोग घायल हुए
12:06कुल मिलाकर
12:082020 से लेकर
12:1022 अपरेल 2025 तक
12:13TRF ने
12:1441 से नौर सुरक्षा कर्मियों की हत्या की
12:1727 सिविलियन से हत्या की
12:20और 54 लोगों को घायल किया था
12:22भारत सरकार ने
12:25TRF को आतंकवादी
12:27संगठन का दर्जा कब दिया
12:302020 में दिया
12:322021 में दिया
12:342022 में दिया
12:362023 में दिया
12:37तीन साल बाद
12:39तीन सालों के लिए
12:40ये आतंकवादी गतिविदिया करना है
12:43और आप इनको आतंकवादी संगठन
12:45तब कहते हैं 2023 में
12:47इसकी क्या वज़े थी
12:49ये सब सरकार के संग्यान में था
12:54और
12:57आप मुझे बताना चाहते हैं
13:00सत्ता पक्ष के नेता बताना चाहते हैं
13:03कि ये सब आपके संग्यान में था
13:05लेकिन कोई भी एक ऐसी
13:08एजंसी नहीं है हमारी सरकार की जिसको पता चला कि ऐसा हमला, ऐसा भयानक हमला होने जा रहा है हमारे देश में कि पाकिस्तान में बैठे हुए इस हमले की योजना बन रही है कि हम भारत जाके हैवानियत करेंगे, चब्विस लोगों को माट डालेंगे और हमें पता ही नहीं ह
13:38बड़ी विफलता है, जानते थे कि ये गुठ है, जानते थे कि पाथ सालों से ये आतंकवादी हमले कर रहा है, अध्यापकों को मारा, आर्मी के बड़े-बड़े अफसरों को मारा, आम जंता को मार डाला, पुलिस वालों को मार डाला, और आप इन पे निगरानी नहीं र�
14:08इस्तिफा दिया?
14:13ग्रियम मंत्री जी के कारक्षेत्र में आता है
14:16इंटेलिजन्स ब्यूरो
14:18क्या ग्रियम मंत्री जी ने इस्तिफा दिया?
14:20इस्तिफा छोड़िये
14:22जिम्मेदारी ली
14:30साहब
14:31देखिए
14:32इतिहास की बात आप करिए
14:34मैं वर्तमान की बात करना चाहते हूं
14:36आपको तो एक पहाना चाहिए
14:40पूरे परिवार का नाम गिनवा देते हैं
14:46अरे अपनी जिम्मेदारी खुद लीजिए
14:49ग्यारा सालों के लिए तो सत्ता में आप हैं
14:52कल मान्य गौरफ गोगोई जी ने अपने भाशन में पूछा ग्रे मंत्री जी से
15:07क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं थी मैं देख रही थी
15:10राजनाथ जी रक्षा मंत्री जी यूँ यू अपना सर हिला रहे थे
15:17कुछ बोले नहीं अंदर से ये महसूस हुआ होगा
15:20कि यहां कुछ जिम्मेदारी थी लेकिन मान्य ग्रे मंत्री महोदे जी हस रहे थे वे हस रहे थे
15:29अध्यक्ष महोदे कल सत्ता पक्ष और आज भी सत्ता पक्ष के नेताओं ने
15:452008 के मंबई के हमलों की का जिक्र किया बार बार किया बार बार कहा कि मनमौन सिंग जी की सरकार ने कुछ नहीं किया ये तो
15:54जानकारी होगी न कि उसी समय जब आतंकवादी हमला चल रहा था तब ही उन आतंकवादियों को मार डाला था एक बचा था और उसको भी फासी दे दी थी 2012 में
16:05महाराश्च्र के मुख्य मंतरी ने इस्तिफा दिया देश के ग्रियमंतरी ने जिम्मेदारी लेकर इस्तिफा दिया
16:17एक जवाब गेही थी पबलिक के प्रती एक जवाब गेही थी इस देश की जंता के प्रती इस देश की धर्ती के प्रती
16:28राजनात जी राजनात जी तो तो पुल्वामा उरी और पठान कोट के समय ग्रे मंत्री रहे थे
16:48आज में रक्षा मंत्री हैं और हमारे ग्रे मंत्री महोदे श्री अमिद्शा जी के नाक के नीचे पूरा मनिपुर जल गया डिल्ली में दंगे हुए पहलगाम में अमला हुआ और आज भी वे उसी पद पर बैठे हैं क्यों
17:09अधियक्ष महोदे बंबारी से अकबारों के हेडलाइन बनते हैं मगर कहानी सुरक्षा में की चूक में भी है
17:21आज देश खोकले भाशन नहीं सुनना चाहता देश जवाब चाहता है तसली चाहता है कि सच उससे छिपाया नहीं जाएगा
17:31देश जानना चाहता है कि उस दिन एपरिल 22, 2025 को क्या हुआ और क्यों हुआ
17:40आप तो खुद अपनी पीठ थप थपाने में लगे रहते हैं
17:45सेना, देश, संसद से सच छुपाते हैं
17:54ऑपरेशन सिंदूर जब शुरू हुआ हम सब ने समर्थन किया
17:59सब एक जुठ होकर खड़े हो गए इस देश के लिए
18:02दुबारा होगा, दुबारा खड़े हो जाएंगे
18:04अगर हमारे देश पे हमला होता है
18:07तो यहाँ इस सदन में किसी भी पार्टी का हो
18:10कोई भी हो, सब आपका समर्थन करें
18:14और हमें अपनी सेना पर गर्व है
18:29लेकिन इस ऑपरेशन का सिंदूर का क्रेड़िट उसका श्रय तो हमारे प्रधानमंत्री जी चाहते है
18:38सही है ठीक है, सही है श्रय ले, श्रय ले
18:46उलिम्पिक्स में हमारा मेडल होता है उसका भी श्रय ले ले
18:53लेकिन सिर्ष रह लेने से नहीं होता नेत्रित्व जिम्मेदारी भी लेनी पड़ती है
19:00देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ
19:09कि जंग होते होते ही रुक गई
19:16रुक गई है जी और इस रुकावट का एलान हमारी सरकार हमारी सेना नहीं करती
19:27अमेरिका के प्रेजिडेंट करते हैं
19:30ये हमारे प्रधान मंतरी महोदे की गहर जिम्मेदारी का सबसे बड़ा प्रतीख है
19:46आज ग्रिह मंतरी जी ने इस बात पर रुललेक किया उन्होंने कहा उनकी शब्दों में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास शरन में आने के बजाय कोई चारा ही नहीं था
19:59आपने शरन दिया क्यों वो आते हैं आपके देश के अंदर लोगों को माट डालते हैं और आप उनको शरन दे रहें क्यों दिया शरन इसका जवाद क्यों नहीं दिया एक भाशन में
20:15जैसे यह जैसे यह बात उठी शरन की बात की हमारी ग्रेमंत्री जी ने इतिहास में चले गए नहरू ने क्या किया इंद्रा गांधी ने क्या किया यहां तक की मेरी मेरी मा के आसों तक चले गए
20:33लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि यह सीज फायर हुआ क्यों यह जंग रुका क्यों और तब क्यों रुका जब दुश्मन के पास कोई चारा नहीं था हमारी श्रे में आने के बज़ा है क्यों रुका यह जंग इसका जवाब नहीं दिया तान्यवाब आप लेंगे
21:03देना भाई देना, आपको टाइम मिलेगा तो, टाइम नी मिलेगा आपको शाहिए।
21:08वैसे महोदे, मेरी मा की आसू के बात किये, मैं इसका जवाब देना चाहती हूँ, मेरी मा के आसू तब गिरे, जब उनके पती को आतंकवादियों ने शहीद किया।
21:25जब वैं मात्र चो आले साल की थी, और आज अगर मैं इस सदन में खड़ी हूँ, और उन 26 लोगों की बात कर रही हूँ, मैं इसलिए कर रही हूँ, क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूँ, मैं सूस करती हूँ।
21:41अध्यक्ष महोदे, मैंने कहा, कि देश का नेतरित्व सिर्फ अपलब्धियों का श्रय लेने से मजबूत नहीं होता, सफलता और विफलता, दोनों की जिम्मेदारी लेने से बुलंद होता है, ये सोने का ताज नहीं है, कांटो का ताज है।
22:08अध्यक्ष महोदे, जब सरकार जूटी और कायर हो, तो वे बहादूर से बहादूर सेना के साहस और पराकरम को भी कमजोर कर देती है।
22:19देश को प्रतिशोध के साथ साथ सब के प्राणों की रक्षा का प्रंड चाहिए
22:26सेना की शक्ती के साथ सरकार की सच्चाई भी चाहिए
22:32महान देश भक्त शहीद इंद्रा गांदी जी जिन्नोंने सफल कूट नीती के बल पर
22:39अमेरिका के राष्ट्रपती निक्सन का मुकाबला करके पाकिस्तान का विभाजन करवाया अंगलादेश बनाया एक लाग पाकिस्तारी सेनिकों को आत्म समर्पन करने पर मजबूर किया
22:53उन्होंने कभी इसका श्रह लेने की कोशिश नहीं
22:58अगर पाकिस्तान को सबक सिखाना था तो शायद ये मकसद अभी अधूरा है क्योंकि हमारी कूट नीती विफल रही है
23:10इसका प्रमान यही है कि अगर पाकिस्तानी जेनरल जिसके हाथ खून से रंगे थे
23:18अमेरिका के राष्ट्रपिति के साथ बैठ कर लंच खा रहे हैं अगर ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकवाद को खतम करने का था
23:30तो पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद विरोधी समिती का ध्यक्ष चुने जाने से इस मकसद को धक्का लगा है
23:38इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा क्या हमारे प्रधान मंत्री लेंगे क्या उनमें ये हिम्मत है अगर इस ऑपरेशन के दौरान हमारे जहाजों का नुकसान नहीं हुआ
23:52तो सदन में इसे साफ साफ कहने से क्या डर है क्यों नहीं कहा है कल भी रक्षा मंत्री जी ने कहा कि हमारे इंफ्रस्ट्रक्शर का नुकसान नहीं हुआ
24:02तो जहाजों के बारे में भी बता दे साफ साफ बता दे क्या हर्ज है सच्चाई तो है
24:09सवालों से बचने के लिए ये सरकार हमेशा प्रयास करती है
24:15इसकी राजनीति कायरता बेमिसाल है
24:18देश वासियों के प्रती जवाब देही का एसास ही नहीं है
24:23सच्चाई ये है कि इनके दिल में जनता के लिए कोई जगे नहीं है
24:30सब राजनीती हैं, सब प्रचार हैं, सब पुबिसिटी है, देश की जनता के लिए आपके हरेयों में कुछ नहीं रहा हो, बहुत समय
24:43हो गया हैं आप इस प्रचार में ही लिप्त हैं, जनता को देख नहीं पा रहे हैं, जो पहल गाम में हुआ… juntos,
24:53जलगाम में हुआ, उससे हर एक देश्वासी के दिल में, दिल पे चोट पहुंची है, हिमानशी नारवाल की गुहार ने हम सब को शर्मिन्दा किया है, इसलिए मैं आज यहां खड़े हुए एक आखरी बात करना चाहती हूँ,
25:09इस सदन में, लगभग सभी के पास सुरक्षा है, सुरक्षा की व्यवस्था है, हम जहां भी जाते हैं, हमारे साथ सुरक्षा कर्मी आते हैं,
25:26आपको भी मिल जाएगी आप मंतरी बन जाएंगे आपको भी मिल जाएगी
25:33मैं मजाग की बात नहीं कर रही हूँ थोड़ा सा धैरियर रखिये
25:38उस दिन पहलगाम में 26 परिवारों जड़ गए
25:4726 लोगों को अपने परिवार के सदसे के सामने मारा गया
25:5326 बेटे, पती, पिता गुजर गए
26:00उनमें से 25 भारतिय थे
26:03भारतिय थे
26:23पितने भी लोग भैसारें वैली में थे
26:28और जो 25 भारतिय यह मारे गए
26:31उनके लिए कोई सुरक्षा नहीं थी
26:35कोई सुरक्षा नहीं थी
26:37आप कितनी भी अपरेशन कर डाले
26:39आप इस सचाही के पीछे छुप नहीं सकते
26:42इसे नकाल नहीं सकते
26:43आपने उनको सुरक्षित नहीं किया
26:46कोई शर्म नहीं है
26:49कोई शर्म नहीं है
26:50कोई शर्म नहीं है
26:52और ना कभी होगी
26:53सुन लीजिए
26:54सुबह भी मैं शिव मंतर बोलके आई हूँ
27:00इंदो क्या पता शिव मंतर क्या रहे
27:04खतम कर लो अपना भाशन
27:07मैं एक बार उन पच्चिस भारतियों के नाम इस सदन में पढ़ना चाहती हूँ
27:23ताकि यहां बैठे हर सदस्य कोई ऐसास हो Certainly राजनी ती बिसात के मो�हरे नहीं थे वे बिए इस देश के सहीद हैं
27:40उनके परिजनों के प्रती हम सब की जवाब देही बनती है उन्हें सचाई जानने का हक है
27:47समीर गौहा
27:51भार्टियक
27:55विट्टन अधिकारी
27:58मनीश रंजन
28:00हेमन सुहास जोशी
28:03विने नारवाल
28:05सुशील नेथनियल
28:07अतुर श्रीकान पोने
28:10सायादादी हुसाइन शाव
28:13माने मानपलिश
28:14लें रामचंदरन
28:17संचे लक्षमन लेले
28:20मानिये प्लीश
28:22दिने शकरवाल
28:24दिलीप दिल से
28:26नात तुमार सत्पती
28:28जे-एस चंद्रमोली
28:31जे-एस चंद्रमोली
28:39यतीश पर्मार
28:41एस बदुसुदन राव
28:43अतौस जटकले
28:46जाके हायाद
28:48आगे शायलाष शैले शिराइस कराविया
28:51आलत भूषन
28:53मंजुनाठ राव
28:55कौस्टाब गनोते
28:58जाय हिन
29:00जाय हिन
29:02कर दो कर दो

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