00:26तब राची की वो फैक्टरी HEC जिसने इस मिशन की बुनियादी रखी वो खूद जिंदगी की जंग हारती नजराई
00:33एक समय भारत की अध्योगी ताकत का प्रतीक रही
00:36Heavy Engineering Corporation आज मशीनों के सनाटे मजदुरों की भूक और सरकारी खामोसी से घीरी हुई है
00:44Salary रूख ही गया है परिसानी तो बहुत ज़्यादा है अभी बेटी का साधी करना था
00:49CPF लोन के लिए भी फॉर्म भरे थे तो वो भी नहीं मिला
00:54इसके बाद लगा कि अब दूसरा लोन भरते हैं वो भी CPF हमारा बलोक हो गया है
01:00अब इस्तिती ऐसी होगी कि मतलब घर का इस्तिती बहुत खराब होगी
01:04अस्कूल में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल होगी है
01:06अभी माने यह कि अस्कूल के बारे में जैसा जानकरी हुआ
01:09कि परबंदन कुछ हम लोग को डिसकाउंट दिया लेकि
01:11अभी जाए विद्याले को देना पड़ेगा पईशा तो पैशा है नहीं मेरे पास क्या कहा है
01:18इस्तिती बहुत गंभीर है बारतमाई इस्तिती में बहुत खराब हम लोग का सेच्वियसन है
01:22कि कैसे घर चलेगा हम लोग का भोजन पानी पर आफथ है
01:27इस्तिती तो एतना बुरा है आज के समय में कि कहा नहीं जा सकता है
01:32क्योंकि हम लोग भी जुडे हुए हम लोग का भी इस्तिती वह ही है
01:35तो कहने का मतलब है कि करीब करिव हमको लगता है कि सौ सप्लाई कर्मी ऐसे हैं भ्यागति
01:41who are very involved in the HEC.
01:44They have to pay for money.
01:47What are they doing now?
01:49They are selling a momo,
01:51selling a Italy,
01:53taking a car on the road
01:55and taking a car on the drive.
01:57In 1972, HEC was the one who did the HEC.
02:00The Lord was doing this.
02:03At that time,
02:05there were 25,000 regular workers.
02:08It was a little bit of a contract worker.
02:13The Karkhana was increased in 85 years.
02:18After 85 years, there was a lot of money for 2-2 times.
02:22In 87 days, there was a lot of money.
02:26There was a lot of money for Karkhana.
02:29There was a lot of money.
02:32There was a lot of money.
02:34It was a lot of money.
02:40Then, one month after that, it was a lot of money.
02:44The Karkhana went into the government.
02:47So, there was a lot of money.
02:50There was a lot of money.
02:54The Karkhana got a lot of money.
02:58Now, the HCVA went to the house.
03:02There was no cars.
03:04फीस घर का राशन इलाज सब कुछ ठफ हो गया है लेकिन उमीद अब भी बाकी है इसी ने देश को वो टेक्नलोजी दी जो इसरो के लॉंचिंग पेडस्टरल और टावर क्रेन में जलगती है लेकिन आज वही फैक्टरी 780 करोड रुपिये के घाटे में है हर महीने 3 करोड का
03:34में सुरू से काम होती आई है आज आप देख लिजे कि सभी चीज का आप अपना गाली को रखे हुए वो भी टाइम टू टाइम ओभर वाइलिंग अव सर्विसिंग को उसता है लेकिन उन्हीं सो साथ का पुराना मसीन का आज तक आधुनी करन नहीं हुआ है तो जो आधु
04:04मैं बता दो कि एक जुलाई को आपका संसदिय कार समीति की वाइठक थी जुसमें कमीटी में लोक्षभा के शांशाद, राइसभा शांशाद, भारी उद्यो मंतराले के शेगेट्री, जोएन शेगेट्री, आपके सीमडी और डारेक्टर और सभी उन्हों ने वहाँ पे ज
04:34एचिसी को लेके सारी बाते को रखा, जिसमें कई ऐसे बिंदू हैं, जिसे एचिसी के लिए सबसे बड़ा चीज़ अभी है कि कारिशिल पुंजी की जवरत है, और कारिशिल पुंजी के साथ साथ इसके एक नेगेटिव नेटवर्क होने के कारण, जो ओर्डर मिलते थे, �
05:04हर माँ हम तीन कड़ो रुपिया इंटेज देना पड़ता था, उसको लेके बैंक को जो बुलाई गई है, उसमें संभावता रगता है कि ये सारी परिक्रियाएं जो चल दई है, बहुत अच्छा चल रहा है, और सरकार के तरफ से जैसा उमीद और भरोशा है हम शब को, एक
05:34हैं, और एक कभी बनने की परिक्रिया में है, मतलब आधा बन चुका है, लेकिन कारिशिल पुंजी के भाव में हम लोग अभी नहीं बना पा रहे हैं, कमीटी के जो लोग हैं, ओ लोगों दे तो बहुत ही पोजिटिव रिवाइबल अफ एची सी की बात कही है, और जो पब
06:04कि अगर कमीटी के रिकुमेंडेशन इतना जरूरी था, तो आपको ये पहले नहीं आना चाहिए था कि जो इस फैक्टरी के अंदर में आपने स्मार्ट सीटी बना दिया, फैक्टरी के अंदर में आपने विधान सभा बना दिया, तो ये सारा जो केंद्र सरकार था, पूरा
06:34we hope that the membrane of it is all positive and they have to know that the mother plant is not