00:00पल पल जी ना मुखाल मेरा तेरे बिना ये सारे नशे बेकार तेरी आखों के सेवा करनी जाता मैं भार रहता तेरा इतिसार मेरे खाबों में आना करके सुला सिंगार
00:18मैं अब क्यूं होश में आता नी सुकूं ये दिल क्यूं पाता नी क्यूं तोड़ूं खुद से जो थे वाद के अब ये शक ने भाना नी मैं मुड़ूं तुम से जो ये चाहरा तुबारा नजर मिला ना नी ये दुनिया जाने मेरा दर्द तुछे ये नजर क्यूं आता नी
00:48किसे के बार क्या कहने हम के बैटे दिल को गाल के