00:29जो राजस्थान में दक्षन भारत की धार्मिक परंपराओं का जीवन तुदारण है
00:34ये है श्री रमा वैकुंठ नाथ मंदिर
00:50जिसे स्थानिये लोग नया रंग जी मंदिर भी कहते है
00:54यह मंदिर आज से 101 साल पहले बनवाया गया था
00:58पुषकर को यूँ ही टेंपल सिटी नहीं कहा जाता
01:06यहां 500 से अधिक मंदिर है
01:08जिन में यह मंदिर दक्षन भारत की वास्तुकला का अनूपम उदाहरन है
01:13श्री रमा वैकुंटनात मंदिर का निर्मार 1924 में सेठ मगनी राम और सेठ राम कुमार बांगर ने अपने गुरु बाल मुकंदा चारे जी की आग्या से करवाया था
01:26इन दिनों यहां जूला महुत्सव की तैयारियां जोरों पर है
01:30सावन की छोटी तीज से लेकर बड़ी तीज तक चलने वाला यह उत्सव इस बार 17 दिन चलेगा
01:56हर दिन भगवान का निया श्रिंगार किया जाता है और शिर्धालू दर्शन के लिए उमर पड़ते हैं
02:06भगवान का मंदीर है यह मंदीर बना के 1924 में बनाया अभी 101 साल पूरा हो गया है जूला महुत्सव भी 101 साल का वो चल रही है
02:20यह दक्षिन पद्दधी का उत्सव का चल रही है वह सुबह से साम तक कोई भी पूजा हो पद्दधी हो प्रसादों सब कुछ दक्षिन भारत का कैसे अंधिर्मान हुआ है आईसी चल रही है
02:32पूजा पूरा दक्षिन भारत का है वह भी खांशी पूरम पूजा का पत्दधी में चल रही है
02:39सुबह पांच बजे मंदिर कुल जाती है साड़े आठ बजे तक मंदिर का रोज का काम चलती है फिर बारा बजे मंदिर बंद होने के बाद भगवान का रोज अलग-अलग सिंगार का प्रारम होता है साम को साथ बजे सबको जूला का दर्शन का प्रारम शुरू हो जाती है
03:09And in the evening there are fliora,
03:13roti,
03:14dosha,
03:15channa,
03:16and bada.
03:17These are the five days of God's day.
03:21It is called Sravan.
03:25But also,
03:25in that time, the God of God is called Dakshin Bharat.
03:28Because if it is in Sravan,
03:31it is on any way.
03:32But in the first 10 days,
03:34Godamaj Ji's death is also started.
03:37In the last day, the Pooja began to start.
03:41Here, every Pooja part, Bhoog and Arthi is called Dakshin Bhairat's Vidhiy Vidhant.
03:50God has every day the Dakshin Bhairat's Vyajan,
03:54such as the Dahi Bhat, Puliora, Kheer and vegetables of the Bhoog.
04:00The temple is a particular Pooja, which is called Pooja.
04:03Here, Bhagawan's Pooja se pahle, Gaumata ki aradhana ki jati hai.