00:00Shām के वक्त बरसाती गली, एक सर्द, पुरसुकून शाम में, वो सिर्फ एक और आदमी था, जो घर जा रहा था.
00:08छतरी के साथ चलने वाले आदमियां अचानक रुख जाता है, जैसे एक हलकी सी चीख ने उसे अपनी पट्रियों में रोग लिया.
00:15कूडे दान के पास कांपते हुए एक छोटे भीगे हुए बिल्ली के बच्चे को देखा और अकेला, भूख लगी है, लेकिन वो नहीं चला, उसने आगे बढ़ा महरबानी के साथ.
00:28आदमी घुटने टेखता है, आहिस्ता से बिल्ली के बच्चे को अपने कोट में लपेटता है. आदमी बिल्ली को खुश्क कर रहा है, उसे खाना खिला रहा है, और बिल्ली का बच्चा आहिस्ता आहिस्ता गरम हो रहा है और साफ कर रहा है. कभी-कभी हमदर्दी का सबसे �