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  • 2 days ago
Sher Episode 19 | Danish Taimoor | Sarah Khan | 2025 [ENG SUB] | Pakistani Dramas
Some love stories aren’t simply etched in memory—they're forged in agony, sacrifice, and flame.
Welcome to the world of Sher, where two hearts—Sher Zaman and Fajar—challenge the chains of generational hatred to embrace a love deemed impossible.
Danish Taimoor commands the screen as Sher Zaman, a man born to rule, shaped by power and pride, with authority running in his blood.
Sarah Khan brings grace to Fajar, a tender soul caught in a whirlwind of ancestral rivalries, determined to protect her love in a world full of darkness and division.
They were never meant to meet, let alone fall in love. But destiny doesn’t ask for permission—it writes its own script.
Sher is a pulse-racing Pakistani drama drenched in fierce emotions, burning rivalries, and deep-seated cultural divides.
From shocking betrayals and hidden agendas to impossible choices and forbidden romance, each episode pulls you deeper into a story you won’t want to leave.
Brought to life by a powerhouse cast and unforgettable storytelling—Sher isn’t just a drama, it’s a legacy in the making.
Cast: Danish Taimoor as Sher Zaman Sarah Khan as Fajar Arjumand Rahim, Sunita Marshall, Nadia Afgan, Yousuf Bashir Qureshi, Faizan Shaikh, Atiqa Odho, and more.
Written by: Zanjabeel Asim
Directed by: Aehsun Talish
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Transcript
00:00तुम्हारा तमाग ठीक है, सम्राइ?
00:19हम वहाँ क्यों जाएंगे?
00:23शेर जाने और बदर जमान जाने?
00:27हराम के माल पर लोग ऐसे ही लड़ते जगड़ते हैं
00:33ऐसे माल की खातर अपस में लड़ जगड़कर मरते रहते हैं
00:38बदर जमान जो पर जो पर पर ठीक zij कर रहा है
00:44कुछ भी हो
00:48हमारे दूश्मेन तो कम होंगे कमसकम
00:51कैसी बाते कर रहा हैं
00:55आप तो ऐसी बाते नहीं करते थे
00:56नहीं करता था लेकिन
01:01इस चीज को तुम्हारे घरवालों ने मेरी कमजोरी समझ लिया
01:04तुम्हारी बेवा भावी
01:07उसका एकलोता बेटा जो असाइलम पर है
01:10पागल हो गया है वो
01:13उस औरत में इतना गुरूर इतनी नफरत है
01:18मेरे भाई को धंकी दे कर गई है वो
01:22मेरी भती जी का नाम लेकर उनकी बेज़ती करके गए जाए
01:28समरा मैं तुम्हें हर्गेज वहां लेकर नहीं जाओंगा
01:33और आएंदा हम इस मौजू पर कोई बहस नहीं करेंगे
01:40प्लीज
01:48करेंगे लोगता है
02:18बेकर मत करें, मैं हूँ न आपके बास, मैं करूँगा बाबा से बात, मैं लेकर जाओंगा पक्स्टान
02:35मेरी सिंदगी के अंदर जो कुछ भी अच्छा हुआ है, सुफ तुम्हारी बच्छ से हुआ है
02:42अगर मेरे चेहरे पे दुख में भी मुस्कुराइट आई है न तो उसकी वजा भी तुम हो
02:56इतरा है
03:12सारा को देखकर खुशी होती है ना?
03:26सारा को देखकर खुशी होती है ना?
03:36याद रही यह खुशी शाताज की दी हुए हमें
03:40आप खुशी के बात करते हैं?
03:44मुझे तो यह लगता है कि हम जो सांसे लेते ना वो भी शाताज की दी हुए है
03:50तुमारे लहजे में इतनी करवाहट क्यों है?
03:56सारी जिन्दगी कड़वा पी पी कर इंसान जहरीला ही बनता है ना?
04:06गुनाकार हमारी अपनी अवलात है साइगा
04:13दुनिया इससे भी बत्तर है साइगा
04:16सबके हातों में अपना नहीं दूसरों का आमाल नमा होता है
04:21और जिससे गुना हो जाएना उसे खुशी की तरफ हाथ बढ़ाने का कोई हक नहीं होता
04:31आइने की तरह आमाल दिखाते हैं
04:37बदर्समान के अलफाज
04:40तहमीना की नजरें
04:44तकबर
04:46तकबर
04:47तकबर
04:50उच भी नहीं हटता मेरी नसरों से
04:53तकबर
05:10शुजाहती देखें
05:12साथ सारा का मैसेजा है
05:14आप नाना बनने वाले हैं
05:20दिखाँ
05:21दिखाँ
05:22कितने अरसे के बाद मैंने आपके चेहरे में मुस्कुराहत देखिये
05:36शुजाहत
05:41शुजाहत
05:42फजर भी आपी की बेटी है, आपी की अलाद है
05:48कोई बात नहीं, अच्चो से गलतियां होई जाती है ना?
05:56वो गलती नहीं थी इसाइका, वो गलती नहीं थी
06:06उसने भरी महफिल में मेरे इतबार को मेरे मुझ पे देमारा
06:14मुझे सब के सामने बरहना कर दिया
06:18अगर वो गलती थी भी, तो उस गलती की कोई तलाफी नहीं है
06:26क्या सोच रहा है जोज़ान?
06:44तुमने मुझे बताया नहीं कि शाजमान का बेटा जो है वो फजर का पेशन्ट
06:55कौन?
06:57शाजमान का बेटा, शेर्जमान
07:02शेजाद मुझे नहीं बता था, मुझे इस बात का नहीं मानूम था
07:10शेर्जमान उसका पेशन्ट है और वो उसका हिलाज कर रही है
07:16साइका उसी की मा मेरे खिलाफ टेंडर भरके गई है जमीन कर
07:24आप क्या जाते हैं क्यों फजर उसका इलाज ना करें?
07:30नहीं, अब मैं तुमारी बेटी के हवाले से कुछ नहीं सोचता
07:36मेरी बेटी? आपकी भी बेटी है वो आपकी भी उलाद है
07:46नहीं
07:48वो मेरे अंदर दफन हो चुकी
07:54अगर उस दिन तुमारी ममता सामने ना आती तो वो आज मनों मिटी के नीचे तफन हो चुकी होती
08:06तुमारी वजा से जन्दा है वो तुमारी खाइश में जन्दा है वो तुमारी खाइश में जन्दा है वो
08:36झाल झाल
09:06झाल
09:36हमेशा की तरह ये जमीन मजीद 20 साल के लिए
10:05रईस शाह जमान के एहलिया तेहमीना शाह जमान के हवाले की जाती है
10:14को बाल जेंगे की पहले को खारी खारी जी जीए हरेब अरगान थे प्रॉणां आप
10:23खर जेंगे की पान Shift Light
10:26बहुत बहुत मुंभारी को
10:27थेंकियो
10:36यह वा
10:37आर गयना दुबारा से
10:40मैने कहा थाना जीत हमारी ही होगी
10:44मिना वजह तुम लोग
10:46रस्ताकाट नहीं कोशिश करते हो
10:51मैने कहा थाना मलक शजाद
10:54रईस शाजमान भरे अब इस दुनिय में नहीं
10:58कि मैं भी जिन्दा हूँ
11:00शेर भी जिन्दा है
11:11आरतों से और आरतों की बचा से आरने की आदत सी होगी है तुम्हें
11:18तुम्हें दबता कि तुम्हें
11:20मर जान चाहिए
11:23तुम्हें तुम्हें
11:26आयोग किसा
11:53तुम्हें
11:54तुम्हें
11:55तुम्हें
11:56तुम्हें
11:57तुम्हें
11:58तुम्हें
11:59मैं आपकी जीत पर बहूत खुश हूँ
12:01मामा
12:02जोती अबश्फ
12:03बहुत मुबारक हो
12:04थेर मुबारक
12:05बहुत मुबारक
12:07थेर मुबारक
12:08थेर
12:09थेंक्यु बश्फ
12:10पेचो, अपनी मा से तो तुम दोनों कभी ऐसे नहीं लिप्टे हैं, अम्मा, लाओ मिठाई लाओ, पहले कभी इतनी बड़ी खुशी भी तो नहीं मिली ना, ये लें, उठाई खाये, लो, सच में, छोटी अम्मी शेडनी है, शेडनी, और शेडनी अगर जीत कर आए, तो उस
12:40समर्जारी की करती है, और आपके इन छोटी छोटी बेकार की बातों को लेके उल्ची रहते हैं, आद जमीन का केस मैं नहीं जीते हैं, शाह जमान जीते हैं, और शाह जमान की काम्यावी पर तो हम दोनों का खुश होना बनता हैं, ये ले, आपा, मिठाई लें, पहुँ
13:10करता हैं, आपके काल नहीं बेचे, आर जीत ते फेर उंदी हैं ना, अब मैनू ये खुशी है, कि तुम मदान में तो तबारा उत्तरा हैं ना,
13:40तुम में ये जो अंग्रेजी तलवी में नहीं है, तुम में प्रावान उलाड़ भी हैं तुम में तालीम नहीं काका साब, रुसुवाई, वो रुसुवाई जो मेरी बेटी ने मेरे अदाब की,
13:58मेरे घर की कश्चियों में इतने छेद हैं, सोचें, मेरी अपनी बेटी उस दिवाने का इलाज कर रही है,
14:17जिसकी माँ और चचा का तंतना आज देखने वाला था,
14:30शजाद वो डॉक्टर है, वो सिर्फ अपने मरीज का इलाज कर रही है,
14:34जब उसके घरवाले इसका भला नी चा रहे, तो फजर क्यू पढ़ रही है इस मामले में?
14:39क्या मतलब?
14:40मतलब ये के शेर जमान को खलत डोस दिया जा रहा है, ताके वो कभी ठीक ना हो, और इसके पीछे फदल जमान है.
14:48मैं सिर्फ इतना जानती हूँ, कि वो एक डॉक्टर है और वो अपना फर्ज निभा रही है.
14:52और चुले में गया फर्ज है, ये लुडी जो है ये कि तर हमारी बंदाभी का ने जलूस नही निनिकाल रही है.
15:01मैं सिर्फ इतना जानती है.
15:31बाबा, आप इतनी जल्दी थक गए?
15:45थका नहीं हो, बिटे. जितनी एक्षरसाइज मुझे करनी थी, मैंने कर ली ये पानी मुझे भी फिलाओ.
16:01बाबा, वो मुझे पाकिस्तान चाहना था.
16:13विश्वाला
16:43तृए
16:49नहिन वारा ने तप्रूष दोना ह चैसे, अगर ने कर दिया, तो क्या बुरा कि ए।
16:57तृए जी के आपके बभाबाला और आपके बहन भी तो आपका बिरिंडॉष करता है
17:01अगर मेरी ममा ने कर दिया तो आपको बुरा तो नहीं लगन चाहिए
17:06तो आपको बुरा तो नहीं लगना चाहिए
17:09और ममा को पाकस्तान जाना है
17:12और वो जरूर जाएंगे
17:15देखें, बाबा, ममा ने आपके लिए बहुत सफर किया है
17:22आप तो अपनी फैमिली के साथ है
17:24ममा अपनी फैमिली के बहगर रहती है
17:26अपने का भी सोच है
17:27अपने को अपनी आपके लिए था रहती है
17:32तुहें, Samir बेटा, अपनी ममा की फैमिली का ख्याल तो आगया
17:39तुहें तुम्हें यह ख्याल नहीं आए, के वहां मेरी भी एक फैमिली है
17:42यह उन्हें पता चलेगा, तो वो मेरे साथ जीना मरना खतम कर देंगे
17:47बाबा, इस बात को हम सेक्रेट एक्रेटिंगे
17:50वी वोंटेल एनीबड़ी, आइ स्वेर
17:55पक्का?
17:57यस
18:01प्रॉमिस
18:02प्रॉमिस
18:12तयारी करो पारिसान जाने के
18:15यस, थैंक यू रड़, थैंक यू सो मुझ
18:18प्रॉमिस
18:32भाइजान
18:39क्या वो खैरीएट
18:42देखो शाताज, मैं इस वक्त किसी भी बहस के मूड बे नहीं बहुत धका हुआ
18:48ने ने भाइजान
18:50मैं तो बस यह कहना चाहरी थी
18:51कि आपके साथ जो भी हुआ ना बहुत बुरा हुआ है
18:55अगर मेरे जखमों पे मरहम नहीं रख सकती हो ना
18:58तुने कुरे दो माद प्लीज
19:00ऐसी भी क्या बद गुवानी
19:02मैं कुछ दुष्मन हो आपकी
19:04बहन हो
19:06उस वह आपकी बात सुनी थी ना तो
19:09एक ख्याल आया था
19:12क्या ख्याल है था
19:17यह के फजर शेर का इलाज कर रही है ना
19:27तो यह क्यों नहीं सोचते के तहमीना का गुरूर और उस
19:32जिन की जान वाले दोते की जिंदगी इस वक्त आपकी बेटी की दो पोरों के दरम्यान है
19:38हम्मत करें
19:40तो तोते की गर्दन मरोर दें
19:44क्या कहना चाहरी है
19:47अब फजर से कहना
19:52कि उस तैमीना का खुरूर हाक में मिला दे
19:56उस शेर जमान का इसा खतम कर दे
19:59फजर ऐसा कैसे कर सकती है वो डॉक्टर है
20:06तो डॉक्टर है लेकिन उससे पहले आपकी बेटी है ना
20:08उसे कहें कि इससे बहतर मौका नहीं मिलेगा उसे
20:12अपने गुनाहों को थोने के लिए
20:16अगर उचाती है कि उसके घर वाले उसे माफ कर दें
20:20उसके गुनाह को भुला दें तो आप मैं काका साथ हम सब कर देंगे
20:26लेकिन इसके लिए उसको यह करना पड़ेगा
20:30देखें उसको पहले भी तो डोज मिली रही है ना
20:34थोड़ी सी और सही
20:36वो लोग तो पहले से जैनी तौर पर तयार है
20:40सोचे ना
20:45मुझे पता है आप था केवें
20:52आप सोनने की करें लेकिन सोनने से पहले इस पर सोचेएगा
20:55आप सोचेगा
21:25मुझेत
21:48ड़
21:49झाल झाल
22:19झाल
22:49झाल
23:19साब, मैं बस देख रही थी, मैंने चोरी नहीं की.
23:41साब, साब मेरे यकीन करें, मैंने चोरी नहीं.
23:51झाल झाल झाल झाल झाल
24:21कि लिक नसाब एड़ एड़ कि लिक नसाब एड़
24:51कि लिक लिक लगर, हो पी।
25:21मारोष यहां जाती है ना ओरतें बस पीछे ही पढ़ जाती है
25:31रहने दें, वैसा भी नहीं है
25:35मामा, ऐसा ही है, पिकोज आयम पैटी
25:40बताए ना अमी चोटी अमी को सुलेमान खान साब की फैमली किस तरह मारोष के पीछे पढ़ गे थे
25:48वो तो कब से घर आना चाह रहे?
25:55हाँ हाँ, वो तो इसके पीछे तब से हैं जब से शाजमान हयात थे
26:01तब तो मैंने मना कर दिया था यह कहके कि बहुत चोटी है
26:08फिर शाजमान हमें छोड़ के चले गए, शेर बिमार हो गया, सब कुछी उलट पुलट हो गया
26:15वो तो है, लेकिन वो कल पर्सों भी इस के रिष्टे की बात कर रहे थे
26:21लेकिन सुलेमान खान की फैमिली का तो पिलिटिकल बैक्ग्राउंड है ना
26:29तो क्या फरक पड़ता है, सियासी घरानों में शादी नहीं होती क्या
26:35बिलकुल ठीक कह रही है अम्मी, शादी अच्छी होनी चाहिए चोटी अम्मी और फैमिली स्टेटिस मेंटेन होने वाला घराना हो
26:43बोलो तैमीना क्या जबाब देना है उनको
26:48किसके रिष्टे की बात हो रही है?
26:57सुलेमान खान के बेटे की
27:00तो फिर बताएं चोटी अम्मी क्या उनको जवाब दूँ
27:03वो तो शादी जल्दी करना चाह रहे है
27:05सुलेमान खान की शादी की बात का फैसला चोटी चाची क्यों करेंगी?
27:14अरे आप भी ना हम महरोश के रिष्टे की बात करें
27:27और वैसे भी सुलेमान खान की बेगम ने जब से हमारी महरोश को देखा है
27:31वो तो बैस की दिवाने ही हो गई है
27:34क्या बाते कर रहे हैं आप लोग?
27:40वहां शेर हस्पताल में इतनी क्रिटिकल कंडिशन में है
27:43और आप लोग को आप लोग को शादी की सुझ रही है
27:51तो क्या हुआ?
27:54अला ताला शेर को सेहत दे
27:56लेकिन उसको जिस किसम की बैमारी है ना?
28:08हमें नी पता कि अगर वो एक दिन में ठीक हो जाएगा या साल लगेगा या खुदाना खास्ता ऐसे ही पड़ा रहेगा बैमार
28:15क्लीस नाइमा आप ऐसे तो मत कहें
28:27खौफ सदा होने के बजाए बेतर है कि इनसान हकीकत को सामना करे
28:33मैं तो समझती हूँ कि अगर रिष्टा अच्छा है तो हमें दावत देके उन्हें बुला लेना चाहिए यहां पर
28:38ताई अम्मी शेर आपका एकलौता बेटा है
28:53मुझे बड़ी हैरत होगी अगर आप उसके ठीक हुए बगएर मारोश की शादी ताह करते हैं
29:01और
29:03क्या खुद मारोश अपने भाई के बगएर शादी के लिए हां करेगी
29:08अरे हम अना लेंगे क्यों मारोश
29:21तो बस फिर चोटी हमी फैसला हो गया
29:30मैं उनको इन्वाइट कर रही हूँ मिलने जुनने से अंडरस्टैनिंग होगी हम भी उनको जान लेंगे
29:34ठीक है बुला ले आपके
29:46एक तो इस घर के सारे फैसले औरते करती है
30:01मर्द की नदर से कोई देखता ही नहीं इन मामलात को
30:04कर दो देखता है
30:34वाँ वाँ
31:04साइका ने फोन कर दिया फजर आती होगी
31:10आप आज अचानक किस तरह आगे ही समर्ण भी
31:22हम तो आपके दुश्मन है
31:27समीर आपको बहुत याद करता है काका साथ
31:35समीर तो याद करेगा लगर उसको कोई याद भी दो करने दे
31:40जाँ तस्वीरे दिखाओं
31:44यह यह यह यह यह देगी काका साथ
31:53हम लोग अधर भी हंटिंग पे गहते हैं
31:56ताज भी भी नज़र नहीं आरी
31:58शाह ताज घर पई अच्छा अच्छा मिले नहीं आई वो
32:05ताज ताज तुम्हें बता ना उस्टा कितना अख्राब है
32:10एक दफा मूँ मोड ले दुबारा नहीं देखती
32:15ना देखे ना मिले
32:23अधर मिलेश इसा नहीं हो
32:27सामीप अलतचा
32:32क्या हाल है ठीक
32:36बचले
32:40कैसी अधर
32:43सामीप
32:46वजर भाजी साला लेकम
32:48एक ही माँ से जनम देने वुले बच्चे कितना बदल जाते हैं
33:12देखके हैरत होती है
33:14कभी अपने कातिल बन जाते हैं
33:18और खेर मसीह बन कर सामने आके खड़े हो जाते हैं
33:22सच कहा तू
33:25पता है
33:29पसीहा बन दे हो तू मेरी शेर के लिए
33:37समझने आरा है शेर की मदद किस तरह करेंगे हम
33:40तैमिन आंटी तो मेरी कुई बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं है
33:44अच्छ प्यां से नाव से बात कर रही थी तो
33:50बाबा ने भी सुन लिया
33:52फिर?
33:58कुछ भी नहीं कहा
33:59खामोश रहे देखते रहे और चले गए
34:04छो
34:09इसलिए को रेद रहते काका साथ
34:12कि यू अचानक कैसे आना?
34:21खिर
34:22फिल्हाल ये जरूरी नहीं है
34:24मैं भाबी से बात करती हूँ
34:26तैमीना अटी मुझे से बहुत खाइफ है
34:30वो तो मुझे कभी भी बंदाश नहीं करेंगी
34:33मुझे पता है ये सब कैसे हैंडिय करना है
34:38अब देख ले
34:41कि अजट से अज़ा
34:44करता है
34:46झाल
34:51करता है
34:53तैमना खिया
34:55तैमना पुझे
34:59दो
35:00मुझे
35:01युझे
35:07आपके अपके बुछी शेक तो मुझे बहुत पहले ही हो गया था
35:15लेकर मैं समझे कि शायद शाहसे फिर गाता शाहसे फिर देख की वज़ा से अतनी नेगटिविटी है
35:23और ये सब लोग इनके तो खोनी सफैद हो चुके
35:32कि दौलत को ऐसी तो फितना नहीं कहां कि अच्छे अच्छों का इमान डगमगा चाता है
35:40अफून सफैध होना तो आमसी बात हो गई है
35:47मुझे तो समझ नहीं आरा बिलकुल
35:57मैं कहां से वार करूँ मैं कहां से जब आप दो
36:03मैं मैं बिलकुल अगे ले पड़ कि
36:08वजाहिर अगर आप एटिजाज के और पी लें केस भी करते हैं अगर तो शेर तो बेमारी रहेगा
36:27अगर बिलकुल निकाले के लिए बहुत बग्थ चाहिए और अपर अकेली मैं
36:36स्थार आप
36:39तो यह कि शेर को खुट ठीक हो कर आपके पास आना होगा का कि अब अब बहुत बोल सके
36:46पर अब यह तो हम हम उसे निकालें के कैसे घर रख?
36:54कि निकालना ही तो निये शेयर को अगर हमने निकालने की कुछिश्की तो वो लोग जो करने हो जाएगे
37:03उसे भगाना पड़ेगा
37:24बाबा आप तुमने समरा को क्यों बुलाया बाबा बाबा जबाद करें
37:43पूछ रहा हूं आप बैठें ना खड़े क्यों बैठें ये मेरी बात का जवाब नहीं है
37:50वो शेर जमानना मेरा पेशन्ट है
37:58ये लोग उसको ऐसी दवाएं इंजेक्शन दे रहे हैं कि वो कभी ठीक ही ना हो सके
38:02अस्पतार में ही पड़ा रहे हैं और ये सब कुछ उसके चाचा और डॉक्टर्स मिल के कर रहे हैं
38:08और तुम ने सोचा कि तुम हमारे दुश्मन की जान बचाओगी
38:13पेशन्ट है
38:16दुश्मन है
38:16बापा वो तो हमारा मोसन था ना
38:25वो ही मुझे कर तक चोड़ने आए था
38:28एक भाई के बेटे ने बेटी उठाई तूसरे भाई के बेटे ने बेटी छड़वाई
38:38और मेरे हिस्से में मलक शुजात के हिस्से में क्या आया
38:44छोलिया भरबर के बद्नामी
38:47तुम्हें पता है
38:52उस शेर जमान की मा ने
38:56मुझे सरकारी दफ्तर में ललकारा पिचाड़ा
39:03और मेरी बेटी उसी की जान बचाने के लिए मरी जा रही
39:14अबा बोलो तो
39:18अगर मैं तुमसे कहूं कि तुम्हारा एक अमल तुम्हारे सारे गुनाथ हो सकता है
39:29तो करोगी
39:33आप जो बोलेंगे मैं वो करूँगी मैं अपनी जान भी दे दूंगे आपके लिए
39:38अगर तुम अपनी ड्यूटी से गाफिल हो जाओ तो क्या होगा
39:43क्या मतलब कुझ कोई समझ में नी आरा
39:49गाफिल हो जो शेर जमान से
39:51इतना कि उसकी जान निकल जाए
39:54तुम्हे पता है ना वजर लोगों ने मुझे तुम्हारे बाप होने के ताने दिये
40:06तुम्हारी अवारगी पे मुझे इतनी बाते सुनाई इतनी बाते सुनाई
40:16कि मेरा मेरा कलेजा जननी हो गया
40:20इस जननी कलेजे पर
40:25तुम तुम्हरम रख सकती हो
40:31मेरा ये सखम पर सकता है बिटा सिर्फ तुम्हारे एक अमल से
40:37बोलो बोलो करोगी
40:39खत्म कर दो शाह जमान की वन नसन
40:44जिस पे उसकी माँ इतना उचल रही है
40:49बिटा मेरी ये खाहिश है
40:55कि ये जो सारा मालमत आए ना ये ट्रस्ट को चना जाए
40:59लोग का जाएं
41:01वक्त समान की उलाद को
41:05एक दोना नसीब ना हो
41:08चाओ खत्म कर दो शेर को
41:29प्रस्ट कर दोना आए
41:41ऑल
41:43झाल

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