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चंदन मिश्रा हत्याकांड में तीन शूटर गिरफ्तार, हुए सनसनीखेज खुलासे, देखें वारदात

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00:00नवस्कार मैं हूँ शम्स ताहर खाना और आप देख रहे हैं वारदात
00:08चंदन मिश्रा शूट आउट केस में शामिल छे में से चार शूटर पकड़े जा चुके हैं
00:14अब सिर्फ दो शूटरों की गिरफतारी बागी है
00:16मंगलवार की सुबह पटना के करीब आरा में एक एंकाउंटर के बाद तीन शूटरों को गिरफतार किया गया
00:23इन में से दो के पैरों में गोली लगी है
00:26इन शूटरों की गिरफतारी के बाद अब चंदन मिशा शूट आउट केस की साज़िश लगभग बेनकाब हो चुकी है
00:34इन पाँच चेहरों को तो आपने कही बार देखा पर सबसे आगे चल रहे है इस शूटर को छोड़के बाकी शूटरों का अब तक सिरुप चेहरा ही देखा
00:46अब इन पाँच में से दो को छोड़कर बाकी तीन के नाम भी सामने आ चुकी है
00:52ने सिर्फ नाम बलकि ये तीनों के तीनों पुलिस के गिरफ्त में भी आ चुके है
00:57इस शूट आउट को लीट करने वाला सबसे आगे आगे बिना कैप पहने जो शूटर है
01:04उसका नाम तौसीफ बादशाह उस तौसीफ रजा है
01:07तौसीफ के बाद तीसरे नंबर पर जो शूटर है उसका नाम बलबन थे
01:12जबकि सबसे आखर यानि पाँचवे नंबर पर जो शूटर है उसका नाम रवी रंगजल है
01:17अब पारस हॉस्पिटल के सिकन्ड फ्लोर से नीचे चलते हैं
01:22इस मोटर साइकल पर तीन शूटर बैठे होने हैं और इनमें से एक हेलमेट वाला है
01:27इस शूट आउट में शामिल ये एक लौता शूटर था जिसने अपना चेहरा शुडू से आखर तक हेलमेट के पीछे चुपा रखा था
01:34लेकिन अबना सिर्फ इसका चेहरा हेलमेट के बाहर आ गया है बलके इसका नाम भी सामने आ चुपा है ये भी शेग है
01:4322 जुलाई यानि मंगलवार की सुबह पतना से करीब 7 किलोमेटर दूर आरा के गाउं में एक एंकाउंटर होता है
01:50इस एंकाउंटर में दो लोगों को पैरों में गोली कर गती है जबकि तीसरा बिना खायल हुए है पुलिस के गिरफ्त में आ जाता है
01:58जिन दो लोगों को गोली लगे उनमें से एक बलबन थे और दूसरा रवी ड़न थे जब ती जो बिना गोली खाए पुलिस के हत्ते चाश वो अभी शेख
02:08पारस हॉस्पिटल हत्या कांड में शामिल तीन अपरादियों का आज पुलीस और स्टीएफ ने एंकाउंटर किया और उन्हें फिर धर दवोचा है और बड़ी काम्याबी ये दरसल माना जा रहा है पुलीस के लिए और ये तमाम जो याज की घटना है ये पटना से तकरीबं
02:38पुलीस और स्टीएफ को जानकारी मिली की तीन की संख्या में अपराधी जो है वो इस इलाके में छुपे हुए है और उसके बाद पुलीस यहां पर पहुंचती है और फिर अपराधियों की घेरबंदी करती है उनको घेरती है और फिर उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा ज
03:08अचानक से ताबरतो और पुलीस और स्टीएफ पर फारिंग शुरू कर देते हैं और फिर भागने की कोशिश भी करते हैं और यह देखिए यह लाका जो है आप यहां देख सकते हैं किस तरीके से यहां पर बिल्कुत यहां साफ नजरा रहा रहा किस तरीके से इस जगर से �
03:38को भी जो है जवाबी कारवाई करनी परी सुबह में आरा में पकड़ने को हुश की गई थी जिसके गरम में गोली बाड़ी हुई थी और उनमें गोली लगने के बाद वह घायल हुए उनको पीम से चलाए गया है यहाँ जब उनका इलाज हो जाता है तो फिर उनसे पूश्ट
04:08जबकि उसके साथ उसके मौसेरे भाई निशू खान को भी इसी गेस्ट हाउस से पकड़ा गया है दरसल गुरुवार 17 जुलाई की सुबह चंदर मिश्चा का कतल करने के बाद तोसीव शुक्रवार को ही कोलकता पहुँच गया था कोलकता में उसने इसी ग्रीन एज रिजन
04:38चीफ बात्शाह उसे भी गरफतार किया गया और ये ऑपरेशन लगभग एक घंटे तक चला और इससे पहले कल सुबह से ही कोलकता के विभिन इलाकों में बिहार पुलिस और कोलकता पुलिस की ओर से चापे मारी चल रही थी और बाद में शाम के बाद खबर मिली कि इस गे
05:08उसमें पांच लोगों ने और जो प्राप्त जानकारी है उसके मताबिक शुक्रवार को ये पांच लोग जिनमें एक महिला भी शामिल है ये यहां इस गेस्ट हाउस में पहुंचे थे इन्होंने किराय पर अब ये दो कमरे लिए लगभग 15 सो रुपय किराया वो भी चुक
05:38को बिहार पिलिस ट्रांजिट रिमान पर अपने साथ सड़क के रास्ते खोलकता से पटना लाए इसी दौरान निशू खान ने मेडिया से कुछ बातचीद दीगी
05:47कर दिया बस तुम कर दिया तो फिर जाके सिलेंडर पर ओको इससे पहले कि घर वाले को हमको परिशानी हो हम तुमको बार बर समझाते थे कि कोई ऐसा काम नहीं करना जिसके वह से कुछ ऐसा ही हो
06:03शेरू शिंग के साथ आपका भाई का मुलकाद का ऒो था वह जील में ती दो-ड़ाई सल पहले कोई अच्छा रिलेशन था हा दोनों दोस्त है
06:25पतना पुलिस के मताबिक शुरुवाती पूस्ताथ में जो जानकारी सामने आई
06:50उसके हिसाब से चंदरमिश्रा के गतल की पूरी प्लैनिक इसी निशुखान के घर पर रची गई थी
06:56शूटाउट के बाद भी शूटरों को पारस अस्पताल से निकालने और भगाने में निशु नहीं उनकी मदद थी
07:03तो जो इसमें में शूटर थे तौसिफ उनको कलकत्ता में घेरा गया कलकत्ता पुलिस कलकत्ता
07:11स्टीफ के द्वारा बहुत ही सराहनी सहयोग दिया गया हम लोगों को और उस सहयोग के बजालत ही तोसिफ की गिरफतारी कलकत्ता से हो पाई है तोसिफ के साथ तीन अन्य वक्ती भी वहाँ पे मिले हैं जिनका इस शर्यंतर में रोल रहा था अभी तक जो पिमनरी पूश्�
07:41तो इस तरह हेलमेट वाले शूटर समेथ शूटाउट में सीधे सीधे शामिल बाकी पांच शूटरों में से तीन अब पकड़े जा चुके हैं लेकिन दो शूटर यानि इस फ्रेम में नजर आने वाले दूसरे और चौथे नंबर के शूटर अब भी फरार है
08:09पटना पुलिस का दावा है कि इन दोनों की भी न सिर्फ शिनात हो चुकी है
08:13बल्कि बहुत जल्द ये भी पुलिस की गिरफ्त में होगी
08:16इसमें सभी के हम लोग एंटिफाइ कर चुके हैं
08:21और सभी के पीछे टीम लगी हुई है
08:23जो में थे तौसिफ इनकी गिरफ्तारी हो गई है
08:26बाकी लोगों पे भी जल्द ही करवाई है
08:27तो ये तो रही इन काउंटर और शूटरों की गिरफ्तारी के बाद
08:44अब सबसे एहम सवाल चंदनमिश्रा के गतल की साज़िश किस ने रची थी
08:49इसका असली मास्टर माइन कौन है और पारस हॉस्पिटल को ही शूट आउट के लिए क्यों चुना गया
08:54तो इन सारे सवालों के जवाब 2023 से जुड़े हुए
08:58साल 2023 में दो चीज़े हुए
09:01पहले तोसीव बादशा आमस एक्ट के तहट एक मामले में जिरफतार होकर पटना के बेऊर जेल गया
09:07उस वक्त कभी चंदनमिश्रा का दोस्त रहा शेरू सिंग बेऊर जेल में ही बन था
09:13यहीं पहली बार तोसीव और शेरू की मुलाका थी फिर दोनों में दोस्ती हुए
09:432023 में ही जमानत पर तोसीव जेल से बाहर आगया पर इतफाक से उसी साल यानि 2023 में तोसीव के मौसेरे भाई
09:59निशु खान को एक जमीन दिवात के मामले में पटना में किसी ने गोली मार थी
10:04एक गोली निशु के स्पाइनल कॉर्ड में लगे थी जिसकी वज़ा से वो पूरी तरह उट भी नहीं पाता
10:10उसके बाद से जब वो बाहर आया तो मेरे पे शूट ओट हुआ
10:14मेरे पे तो वो पिछले 2023 से वो मेरे ही साथ रहा रहा कंटिन्यू कोई ऐसा थाना में या फिर पॉल्ली में सोसाइटी में ऐसा कोई कंप्लेंड नहीं आया उसका इलिगेशन नहीं आया अब ये कैसे कर दिया क्या दिमाग में आया उसके
10:37जब निशू को गोली लग तब उसका इलाज इसी पारस अस्पताल में हो रहा था
10:46निशू को इलाज के लिए लंबे वक्त तक पारस हॉस्पिटल में एडमिट रहना पड़ा और यहीं वो दौर था जब एटेंडेंट के तोर पर तोसीव बादशा पारस अस्पताल में निशू के साथ रहा करता था
10:58लंबे वक्त तक पारस अस्पताल में रहने की वज़ा से तौसीब की नसर्फ अस्पताल के स्टाफ से अच्छी जान पहचान हो चुकी थी
11:07बलकि वो हॉस्पिटल के हर वार्ड और एंट्री एग्जिट से अच्छी तरह से वाकिफ हो चुका था
11:13तीन जुलाई को जैसे ही चंदन मिश्चा को मेडिकल ग्राउंड पर मिली पेरोल के बारे में प्रोलिया जेल में बंद शेरू को पता चला उसने फौरत तौसीफ को कॉंटेक्ट किया
11:24सूतरों के मताबिक उसने चंदन की मौत के लिए तौसीफ को दस लाक रुपे की सुपारी आफर दी
11:30पर तब ये पता नहीं था कि पेरोल पर बाहर आने के बार चंदन का रुटीन क्या होगा
11:35लेकिन इतना पता था कि वो अपने गाउं बकसर जरूर जाएगा
11:39इसलिए शुरवात में शूटरों के एक टी बकसर पर भी नज़र रखे हुए थी
11:43लेकिन बकसर में चंदन मिश्रा के एड़ गिर्ध हर वक बहुत सारे लोग होते
11:48लहाजा उन्हें मौका ही नहीं मिला
11:50फिर पेरोल खत्म होने से ठीक तीन दिन पहले चंदन मिश्रा सरजरी के लिए 15 जुलाई को पारस हॉस्पिटल में एडमिट हो जाता है
11:58ये खबर तोसीफ बादशा तक पहुँच जाती है
12:01तोसीफ के लिए सबसे अच्छी खबर थी
12:04क्योंकि जिस पारस हॉस्पिटल में चंदन मिश्रा एडमिट हुआ था
12:07उस पारस हॉस्पिटल के वो चप्पे चप्पे से वाकिव था
12:11इसी के बाद पटना पुलिस के दावे के मताबिक
12:15निशुखान के घर पर तमाम शूटरों की मीटी प्लैन तेह हुए
12:19एंट्री एक्जिट सब के बारे में चोटी चोटी जानकारे शूटरों को बताई गए
12:24फिर दो मोटर साइकिल पर छे शूटर 17 जुलाई की सुबह पारस हॉस्पिटल के वाहर पहले इस जगहा पर जमा होते हैं
12:32यहां उनकी चोटी सी मीटीं होती है
12:34लेकिन इन छे में से एक यानि हेलमेट पहने शूटर अभिशेख वहां से निकल जाता है
12:39उसका काम दोनों बाई के निगरानी करने थी और शूटरों के बाहर आते ही वहां से भागना था
12:45इसके बाद पाच शूटर सिकेंड फ्लोर पर प्राइवेट वार्ड में मौझूद रूम नमबर टू जिरो नाइन में खुसकर चंदल मिश्रा को दो दर्जन से ज्यादा गोलिया मारते हैं
13:14जिस वक्त शूटर चंदल मिश्रा के रूम में दाखिल हुए तब वहां चंदल के लावा कमरे में दो और लोग मौझूद थे
13:21इन में से एक था दुरगेश पाठक और दूसरा क्रिशन कान पांडे
13:26शूटर के अंदर घुसते ही क्रिशन कान घबराकर बाथरूम में खुस गया
13:30जबकि दुरगेश पाठक को एक गोली पैर के अंगूठे में लगी और वो वहीं गिर गया
13:36शूटरों का इरादा साफ था वो सिर्फ चंदन को ही मारने आय थी
13:40इसलिए उन्होंने दुरगेश और क्रिशन कान को गोली नहीं मारी
13:43दुरगेश के मताबिक जब कमरे से शूटर बाहर निकल गये तब उसने शोर मचाए
13:48लेकिन अगले 15 मिनट तक अस्पताल का कोई भी स्टाफ वहां नहीं आया था
13:53उस सुभा रोम नंबर 209 में क्या कुछ हुआ?
13:56उसके बारे में दुरगेश पाथक ने पतना के शास्त्रीनगर पुलिस स्टेशन में एक कंप्लेंड भी लिखा ली है
14:02ये उसी कंप्लेंड की कॉपी है
14:04दुरगेश पाथक ने इसमें क्या कुछ लिखा है?
14:06ये भी पढ़ने चेए
14:36कांथ पांडे पिता ब्रज किशोर पांडे के साथ बैठा था
14:39तभी पांच अपराधी हाथ में पिस्टॉल ये रूम में घुसे
14:43और चंदन मिश्रा को अंधा धुन्द गोली मारने लगे
14:46जिसमें क्रिशनकांथ पांडे अपनी जान बजा कर बातरूम में भागे
14:50और मेरे दाहिने पैर के अंगुठे में गोली लग जाने के कारण वहीं गिर गया
14:55उसके बाद सभी अपराधी बाहर निकल गए
14:57तब मैं हल्ला मचाया
14:59तब जाके हॉस्पिटल के गरमचारी करीब 15 मिनट बाद आए
15:02मैं अपराधीयों को सामने आने पर पहचान जाओंगा
15:05एक घंटे के बाद हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा मुझे बताय गया कि चंदन मिश्रा की मौत हो गई
15:10अतर श्रीमान से निवेदन है कि जाच करके सभी अपराधीयों को गिरफतार कर
15:15कठोर कानूनी कारवाई की जाए और मुझे सुरक्षा प्रदान की जाए
15:19इसके लिए मैं श्रीमान का सदा आभारी रहूँगा
15:22आपका विश्वास भाजन दुर्गेश पाठक, पिता सुरेंदर पाठक, ग्राम करजुआ, ठाना इटाडी, बकसर
15:30बाद में दुर्गेश पाठक के अलावा चंदर मिश्वा के पिता ने भी पतना के शास्त्री नगर ठाने में एक और कंप्लेंट दर्च कराई
15:39इस कंप्लेंट में चंदन के पिता ने ये इलजाम लगाया कि उनके बेटे की मौत की साजिश में वो डॉक्टर भी शामिल है जिसने चंदन की सरजरी की थी और जान बूच कर चंदन को डिस्चार्ड नहीं किया था
15:52ये रही कंप्लेंट की दूसरी कौपी
16:09मंटु कुमार मिश्रा, और शिकांत मिश्रा, पिता स्वर्गिया श्री रजनी मिश्रा, ग्राम सोन वर्षा, थाना उद्योगिक बकसर का रहने वाला
16:17दिनांग 15-7-2025 को मेरा लड़का चंदन मिश्रा, फिस्टूला का लेप्रोस्कोपिक सरजरी कराने के लिए पारस हॉस्पिटल में भरती हुआ
16:26जो 15-7-25 को ही दोपहर एक बजे से तीन बजे के बीच सरजरी हुआ
16:31डॉक्टर पिंटू कुमार सिंग जरनल सरजन बोले कि कल आपका चुट्टी 4 बजे शाम तक हो जाएगा
16:3716-7-25 को मेरा बेटा चंदन डिस्चार्ज करने को बोला तो डॉक्टर पिंटू सिंग बोले कि आपका 17-7-25 को डिस्चार्ज हो जाएगा
16:45आज दिनांग 17-7-25 को सुबा आठ बजे रोशन पांडे के द्वारा फोन पर सूचना दी गई कि पारस होस्पिटल में इलाजरत आपके बेटे चंदन को 4-5 अपराधियों द्वारा गोली मार दिया गया है
16:58इस सूचना पर हम पारस होस्पिटल पहुँचे तो देखा मेरा पुत्र चंदन मृत अवस्था में होस्पिटल में स्ट्रेचर पर पड़ा हुआ है
17:06मीडिया में चल रही नियूज देखकर उसमें से तीन अपराधियों को मैं पहचाना और दो को नहीं पहचान पाया
17:12जिनको पहचाना एक बल्वन सिंङ, पिता नहीं मालूम, बाकी साजिश में इस घटना को कराने में कौन-कौन लोग शामिल हैं हम नहीं जानते हैं
17:35हम शिमान से निवेदन करते हैं कि जाच कर सभी इस घटना में शामिल अफराधियों को गिरफतार कर कठोर कानूनी कारवाई की जाए
17:42और मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए
17:45इसके लिए शिमान का सदा आभारी रहूंगा
17:48आपका विश्वास भाजन शिकांत मिश्र ग्राम पोस्ट सोन वर्षा थाना ओदगिक शेत्र बकसर जिला बकसर
17:57शेरु सिंग इस वक्त पश्शिम मंगाल की पुरिलिया जेल में बंध है
18:02सूत्रों के मताबिक उससे पटना पुलिस उच्टाज भी कर चुकी
18:05जरूरत पड़ी तो अदालत सरिवान लेकर उससे आगे भी पूच्टाज की जा सकती है
18:10पर फिलहार पटना पुलिस बाकी दो शूटरों की तलाश में चुटी है
18:14ताकि एक बार जब सभी आरोपी शिकंगे में आ जाए
18:18तो फिर पूच्टाज के बाद चंदन मिश्रा शूट आउट का एक एक सच सामने लाया जा सके
18:23कोलकता से अनुपा मिश्रा आरा से रोहित कुमार सिंग और सोनु सिंग के साथ
18:29शशी भूशन पटना आज तक
18:32मुंबई में एक पती अपने घर से गायब हो गया था
18:38कुछ दिन बाद उसकी पत्मी भी गायब हो जाती है
18:41पती के भाई को अब शक होता
18:43एक रोज वो अपने भाई के घर पहुंचता
18:46तब ही उसकी नजर घर के फर्श पर लगी नई टाइल्स पर पढ़ती है
18:50अब वो अपने दोस्तों के साथ मिलकर फर्श की खुदाई शुरू कर देता है
18:55फिर खुदाई खत्म होते होते उस घर के अंदर पुलिस पहुंच चुकी थी
19:00सुमवार 21 जुलाई सुबह 8 बजे
19:04ये है मुंबई के नाला सोपारा इलाके का गड़का पाड़ा मुहल
19:11और गड़का पाड़ा के इस मकान में इस वक्त एक कमरे के अंदर फर्श की खुदाई चल रही है
19:16मौके पर आस पड़ुस के लोगों के साथ साथ नाला सोपारा की पुलिस भी मौजूद है
19:24सबसे पहले फावडे से फर्ष पर लगी टाइल्स को तोड़ा जाता है
19:28फिर धीरे धीरे टाइल्स के टुकड़ों को हटा कर मिट्टी की खुदाई चालू होती है
19:33और फिर जैसे जैसे खुदाई आगे वढ़ती जाती है
19:37फर्ष के नीचे से तेज बद्बू बाहर आने लगती है
19:40सवाल है आखिर एक मकान के अंदर फर्ष के नीचे वो कौन सी चीज दफन है जिसकी तलाश में ये कारवाई चल रही है
19:48तो जल्द ही आसपास मौजूद लोगों को इस सवाल का जवाब भी मिलता है
19:55करीब डेड़ से दो फीट मिट्टी की खुदाई होते ही उपर से एक बन्यान जैसी चीज नीचे दबी हुई नज़र आती है
20:02और इसी के साथ जमीन के नीचे दफन उस चीज को लेकर लोगों के मन में कौतुहल और बढ़ जाता है
20:09अब तक गढ़ा थोड़ा और गहरा हो चुका है और तेज बद्वु की वज़े से यहां लोगों का टिकना भी मुश्किल होने लगता है
20:27मगर खुदाई नहीं रुकती और आखिरकार करीब साधे चार फीट गहरे गढ़े से एक इंसानी लाश की शकल में
20:35इस खुदाई का राज दुनिया के सामने आता है
20:38लेकिन इसी के साथ ये सवाल उठता है कि आखिर ये लाश किसकी है
20:44और ये लाश इस मकान के अंदर फर्श के नीचे जमीन में कैसे पहुचे
20:50तो आगे की तफ्तीश में इस सवाल का जवाब भी सामने आता है
20:54फिलाल आईए आपको इस सवाल का जवाब बताने के लिए करीब 15 दिन पीछे लिए चलते है
21:01दरसल ये मकान एक मेसन यानी राजमिस्त्री का काम करने वाले विजय चोहान का है
21:06मगर विजय पिछले करीब 15 दिनों से ही रहसमई तरीके से गायब है
21:11और तो और उसका मोबाइल फोन भी लगातार स्विच्ट ओफ आ रहा है
21:15विजय यहां अपनी पत्नी कोमल और आठ साल के बेटे के साथ रहता है
21:20जबकि विजय का भाई यहां से थोड़ी ही दूरी पर बिलाल पाड़ा में रहता है
21:24दरसल पिछले दिनों विजय के भाई ने एक मकान खरीदा था
21:28और इसके लिए उसे कुछ पैसों की दरकान थी
21:31ऐसे में उसने अपने भाई विजय को कॉल किया
21:34लेकिन जब उसका फोन लगातार नौट रिचबल आता रहा
21:37तो फिर उसने खुद ही जाकर अपने भाई विजय से मिलने का फैसला किया
21:42यहां विजय तो नहीं मिला मगर उसकी पत्नी मिली
21:45जिसने बताया कि विजय कुछ रोज पहले अपने काम से कुरला गए
21:49तब तो विजय का भाई वापस लौट गया
21:53लेकिन जब 9 दिन बाद 19 जुलाई को उसने दोबारा अपनी भाभी कुमल को फोन किया
21:58तो उसका फोन भी बंद आने लगा
22:00जब इसके बाद विजय का भाई दोबारा विजय और अपनी भाभी की खबर लेने पहुँचा
22:05तो फिर उसे ये देखकर हैरानी हुई कि उसके भाई के साथ-साथ अब उसकी भाभी भी यहां से गायब हो चुकी थी
22:11इसके बाद उसे शक होने लगा
22:14विजय का भाई 21 जुलाई की सुबर नाला सोपारा के इस मकान में पहुँचा
22:20तो उसने देखा कि कमरे के अंदर कुछ नए टाइल्स मिछाए गए जिस पर उसका शक और बढ़ गया
22:25और फिर उसने आसपडोस के लोगों की मदद से पहले खुद ही टाइल्स की खुदाई की
22:30और करीब एक देड़ फीट मिट्टी खोदने के बाद जब उसे फर्ष के नीचे से तेज बदबू आने लगी
22:36तो उसने पुलिस को इस बात की इतला दे
22:38इसके बाद पुलिस ने मोके पर पहुँचकर जब आगे की खुदाई की तो वही बात निकली
22:43जिसका डर हर किसी को सता रहा था
22:46फर्ष के नीचे से एक लाश बाहर निकली
22:49जी हाँ उसी विजय चौहान की लाश जिसका ये मकान था
22:54और जो पिछले पंदरा दिनों से गायब था
22:56अब सवाल ये था कि अगर विजय का कतल हो चुका था
23:00और उसकी लाश इस तरह उसी मकान के अंदर
23:03फर्ष के नीचे दफनाई जा चुकी थी
23:05तो फिर उसकी बीवी कोमल कहां थी
23:07और बस यहीं से कोमल की तलाश में जो कहानी सामने आई
23:11उसने चोहान परिवार को जानने वाले लोगों के साथ-साथ
23:14खुद पुलिस वालों को भी हैरत में टाल लिए
23:17तफ्तीश में पुलिस को पता चला कि विजय की पत्नी कोमल के साथ-साथ
23:21उसी इलाके का रहने वाला एक नौजवान मोनू विश्वकर्मा भी
23:25पिछले कुछ दिनों से गायव है
23:27कोमल की पत्नी की उम्र करीब 28 साल की है
23:30जबकि मोनू उससे 8 साल चोटा यानी करीब 20 साल का है
23:34तफ्तीश में मोनू विश्वकर्मा नाम के इस नौजवान के बारे में
23:38पुलिस को जानकरी मिली कि उसका विजय की पत्नी कोमल के पास आना जाना था
23:43जिसकी खबर विजय को भी थी और वो इस बात का एतराज करता था
23:47जबकि कॉमल और मोनु को विजय की ये रोक टोक अखरती थी
23:51जिसके चलते दोनों ने साज़िश रची और विजय का उसी के घर में कतल कर दिया
23:57और फिर उसकी लाश को उसी के मगान के अंदर दफना कर उपर से फर्ष पर नई टाइल्स लगा दी
24:03ताकि लोगों को कभी विजय की लाश का पता ही न चले
24:07लेकिन विजय के भाई के बार बार वहां आने और अपने भाई के बारे में पूछताच करने की वज़े से
24:12कोमल और उसके आशिक को शक हो गया और दोनों जमीन के नीचे से लाश का राज बाहर आने से पहले ही वहां से फरार हो गए
24:20फिलाल पुलिस दोनों की तलाश में जुटी है इस बीच पुलिस को पता चला है कि विजय की पत्नी ने अपने बॉइफरिंड के साथ मिलकर ही
24:42देश और दुनिया की बाकी खबरों के लिए आप देखते रही आज तक

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