हरेला मेला के आयोजन का इतिहास सैकड़ों वर्षों से बताया जाता है क्योंकि भीमताल का महत्त्व मैदान से पहाड़ जाने के रास्ते के पहले पड़ाव के रूप में प्राचीनकाल से रहा है। चंदकालीन कुमाऊँ में यह छखाता परगने के शासकीय केंद्र के रूप में जाना जाता था। जबकि कुमाऊँ के अन्य बड़े शहर जैसे हल्द्वानी, रामनगर और नैनीताल ब्रिटिशकाल में अस्तित्व में आये हैं।
उपलब्ध लिखित प्रमाणों अनुसार भी यह मेला कम से कम 100 वर्षों से भी अधिक पुराना ब्रिटिशकालीनतो माना ही जा सकता है। क्योंकि इसके आयोजन में अंग्रेज भी प्रतिभाग किया करते थे और उनके द्वारा इसे हरियाली नाम दिया गया। अंग्रेज भी भीमताल को व्यापार की दृष्टि से मैदान और पहाड़ के बीच एक मुख्य पड़ाव मानते थे। उस समय हल्द्वानी से तिब्बत को पैदल रास्ते से व्यापार किया जाता था। अंग्रेजों ने तिब्बत को भारत और चीन के बीच एक स्वायत्त क्षेत्र के रूप में माना था।
00:00कि आपने के लिए आपने को देखते हुएं सरकार के द्वारा चुट्टी की घोषड़ा की गई है आला कि आफिस ने स्टाप और अध्यापों को आना है कुछ समय में जाओंगा
00:28और उसके बाद निकल जाओंगा मेला देखने स्कूल के बच्चों को ही प्रोग्राम है तो अभी मैं जेस्ट आ रहा हुए नीचे आ जाती है सड़क शड़क पर यह है थोड़ा सा यातायात का ट्रैफिक नहीं कि स्कूल बस है उगरा कम है और सड़क अभी शान्त है सामने सा
00:58अभरेन की स्कूल क्वाँ सब इस आफिक मैं स्कूल है इस होस्तास समयाइब घय प्रोग धरुंगान को लिए लिए लिए वज्टासवारद नाथ है मैं मैं थाम क्र्पाव दोड़क व्लिए थ्यमावी जेए लिए अभरेन का आँछओफ व्लित
01:28आो अपरा हान से उग। फट感 रहाने रहान 20 मैं 0
01:45क्गारा क्वारा की नच बंग का इंग
01:51जाल को मैं आपके जलना चाहु रहा है
02:21जाल को मैं आपके जलना चाहु रहा है
02:51जाल को मैं आपके जलना चाहु रहा है
03:21बहुती सुंदर में और संगीत में प्रिस्तुती दी गई स्कूली बच्चों के द्वारा
03:28तो आज है मेले का लास्ट कल से ये लोग भी चले जाएंगे जो भी बाहर से ब्यापारी लोग आते
03:34इसके लावा दू जगह अभी और मेला लगता है एक लगता है देवी धुरा में और इसके बाद लगता है नैनी ताल में तो यह सामान लेकरके उधर ही जाते हैं और वैसे भी ठंडे में जाए पहाड़ों की ठंडी हवा भी खा लेते ब्यापार भी गा लेते हैं परेशान
04:04वाइल में प्रॉब्लम आ रही कि ज्यादा लंबे वीडियो में पूरा एंड्रोइट का ऑपरेटिंग सिस्ट्रम हैंक करने लगता है इसलिए 10-10 मिनिट में
04:12मैं रिलीज कर रहा हूं खैरे आज इस तरह से मैं मुख्य मेला प्रांगण में ही जा रहा हूं आम तोर पर जिसके आप पुरुष वर्ग ले तो यहां कम ही सामगरी होती हैं बाकी महिलाओं के हाउस्किपिंग का समान हाउस होड रिफिंग और यूटेंसिल से होते हैं थोड
04:42मार्केट में जाने पर भी नहिं मिलतां कि कि मार्केट में भी
04:47कप्रा है तो कपड़ी की डुकानने मिलेंगे ताल्पशा आपकी थे प्लौ का
04:53पर एक ही कहना चीए मैदान पर सारे चीज उप्थपात उपलब्ध हो जाते हैं चाहे खाने पीने का इस्टाल हो चाहे कप्ड़े का हो चाहे चश्मा हो चाहे ऐसे सिरी जो भी और इस तरह से स्कूली बच्चे भी आनंद ले रहे हैं मेले का क्योंकि इनकी भी छुट्टी है
05:23अभी आ गया था हाला कि मुझे लेना तो क्या था फिर भी कोई चीज दिख जाती तो जुरूर नहींगा मैं अभी मैंने डिसाइड नहीं किया कि मुझे क्या लेना एक मेरे ही सब्क्राइबर कहना चीए सम्माने दर्शका कमेंट भी आया था कि गुरू जी आपने क्या-क्
05:53कानिंग किया भी नहीं है और यहां पर महिलाओं के पर्शों के दुकाने यहां बच्चों की फराग वगए बच्चों इखिलानों की दुकाने और वैसी भी आप जब से ओनलाइन वगए हैं शुरू है एप्स वगए तरह-तरह के तो इस तरह कि लोगों काफी कम हो गया प
06:23युवाव का भी थोड़ा इन चीजों में एट्रेक्शन कम हुआ है और हादरी कल्चर एक्टिविटी होते रहती ये भी छेत्र विशेश के लिए पहचान का दाइरा बढ़ाता है इस तरह के अगर कोई आयोजन होता है ये पुलिस आहिता के इंदर कोई खोया पाया विभा�
06:53क्या है यहां पर तीन चार चीजे एक साथ होने से थोड़ा सा क्राउट कम हुआ है इस बार ऐसा मैंने महसूस क्या वैसा पता नहीं है तो जो राजनेतिक की लोग है वह कह सकते कि हमारे गाउं में भी आजकल जो है ग्राम सभा के चुनाव अगरे हो रहे चुनाव गतिवि
07:23भागने भारी अलर्ट जारी किया कि घर से बहार ना निकले आवश्या काम होने पर ही निकले और तीज मुशलाधार बारी सत्वा बिजली गिरने की संभावना इस प्रकार के मैसाइज पर रिफलेक्ट होता है तो आदमी घर से कमी निकलता है अगर आपने चैनल पर पहली �
07:53जानके लिए निकले बाद माद से चैनल पर पर रहे होता है उता रिफके है यू में फ्रेश बाल इकन फो इस ते नोटर्फिकरिशन आप पर दो आपने यू पार्ट ना देली आपके मैं अगले एपिसोड में तब तक के लिए गुद बाय