00:00एक रात, जब सब सो चुके थे, लारिसा छट पर बैठी, चांद से बातें कर रही थी, तब एक चमकदार रोशनी उसके करीब आकर ठहरी, वो रोशनी उसकी मा और अबेल की रोह थी, तुम्हारे अंदर रोशनी है, लारिसा, उसने कहा, एक दिन तुम्हें पहचाना जाए�
00:30जहां मलक भर की लड़कियां बुलाई गई, ताकि वो अपनी होने वाली दिलाहन चुन सके, एस्थर ने अपनी बीटियों के लिए कीमती रीशमी लबास मंगवाए, मगर लारिसा के लिए सिर्फ तंज रखा, तुम्हारी जगह राक में है, तख्त पर नहीं, लारिसा की �
01:00बाहर बैठी रही, सिर्फ खामोश तारों से बातें करती, जैसे आस्मान उसका वाहे दौस्त हो, फिर रोशनी उतरी, और अबेल नमुदार हुई, आस्मानी लिबास में, और हाथ में था एक नीला, शफाफ जोता, शेशे का, मगर