सवाईमाधोपुर.प्रदेश सरकार ने भले ही केन्द्र की स्मार्ट सिटी योजना की तर्ज पर सवाईमाधोपुर को भी स्मार्ट करने क घोषणा की हो मगर यह घोषणा पिछले करीब छह मा से कागजों में भी घूम रही है। अभी तक क्लीन एंड ग्रीन थीम के नाम पर जिला प्रशासन व नगरपरिषद ने कोई तैयारी नहीं की है। इस योजना में प्रदेश के 14 जिलों में सवाईमाधोपुर जिले को भी शामिल किया गया था। क्लीन एंड ग्रीन थीम पर पूरा पूरे शहर को स्वच्छ व सुन्दर बनाया जाना था। इस योजना के तहत नए निर्माण पर कम खर्च एवं सफाई से लेकर नालों, कचरा निस्तारण प्लांट संचालन, कचरा ट्रांसफर स्टेशन पर ज्यादा खर्च किया जाने का प्रावधान था। शहर की विरासत व बाजारो का होना था संरक्षण इस योजना में शहर की विरासत व बाजारो का संरक्षण, धार्मिक कॉरिडोर बनाना भी इस योजना का हिस्सा होगा। शहर को भूल-भूलैया जैसे मनोरंजन स्थल की भी जरूरत है। जिला स्तर पर इस योजना का संचालन जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली कमेटी से किया जाना है। सवाईमाधोपुर सहित इन जिलों की होनी है कायाकल्प सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना की तरह ही क्लीन एंड ग्रीन सिटी कॉन्सेप्ट लांच किया था। इसके तहत अलवर, बूंदी, नाथद्वारा, खाटूश्यामजी, माउंट आबू, बालोतरा, भरतपुर, बीकानेर, सवाईमाधोपुर, जोधपुर, जैसलमेर, किशनगढ़, भीलवाड़ा और पुष्कर का विकास होगा। ऐसे में एक शहर के हिस्से में 64.28 करोड़ रुपए आएंगे। बीमारियों’ के घर बन रहे कचरे के ढेर इन दिनों शहर को स्वच्छ रखने के दावे करने वाली नगरपरिषद की पोल खुल रही है। हालात यह है कि बारिश बाद शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे है और कचरा सड़ रहा है। सफाई को लेकर नगरपरिषद ने भी मुंह फेर लिया है। इससे आमजन को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिला मुख्यालय पर बजरिया मानटाउन, आलनपुर, हाऊसिंग बोर्ड, पुराने शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर से सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। शहर में कई जगह लोग खाली प्लाटो में भी कचरा डाल रहे है। इससे ना केवल लोगों को परेशानी हो रही है बल्कि मच्छर पनपने से बीमारियों के फैलने का अंदेशा बना है।
इनका कहना है... केन्द्र स्मार्ट सिटी योजना में सवाईमाधोपुर भी शामिल है। विकास कार्य व शहर के सौंन्दर्यकरण पर विशेष फोकस रहेगा। शहर को क्लीन एंड ग्रीन सिटी बनाने के प्रयास किए जाएंगे। जयप्रकाश सामरिया, कार्यवाहक सभापति, नगरपरिषद सवाईमाधोपुर