Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • yesterday
ग्वालियर के अंकित शर्मा ने घर-घर मांग इकट्ठा की किताबें फिर जरूरतमंदों के लिए खोल दीं 2 लाइब्रेरी. कर रहे तीसरी लाइब्रेरी खोलने की तैयारी.

Category

🗞
News
Transcript
00:00मदिप्रदेश के गौालियर में रहने वाले अंकित शर्मा को पढ़ना लिखना बहुत अच्छा लगता था
00:04लेकिन वे अक्सर जब कबार की दुकानों पर किताबों को रद्दी के भाव बिखते देखते तो दुख होता था
00:10दुख इसलिए भी क्योंकि कई ऐसे चात्र होते थे जो पढ़ना चाहते थे लेकिन आर्थिक इस्थिदी आगे नहीं बढ़ने देती थी
00:17सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चे इस ग्यान से वंचित हो रहे थे इसी उलज में अंकित शर्मा को एक आईडिया आया
00:24उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक लाइबरेरी खोलने का विचार किया
00:28जहां किसी भी तरह की कोई फीस न ली जाए और जरूरतमंद शात्रों को पढ़ाई की सामगरी भी मिल सके
00:33इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए उन्होंने अपने दोस्तों के घर और नाते रिष्टेदारों से पुरानी किताबें मांगना शुरू किया
00:41शुरू में लोग आसानी से किताबें देने को तैयार नहीं होते थे लेकिन जब उनका विचार पता चलता तो किताबों की मदद कर देते
00:48धीरे धीरे करीब 3,000 किताबें उन्होंने एकटा कर ली
00:52इसके बाद साल 2019 में पहली निशुलक लाइबरेरी की शुरूआत शहर के शास्की टकसाल स्कूल में की
00:59यहां स्कूली चात्रों के साथ ही प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए भी किताबें उपलब्द थी
01:04जो कई जरूरतमन्द चात्र यहां पढ़ने आने लगे
01:08अंकित शर्मा ने इस लाइबरेरी को सौमी विवेका नंद पुस्तकाले नाम दिया
01:13इटीवी भारत से बास्चीत में अंकित उन्हें बताया
01:16उन्हें पढ़ने का बहुत शौक है
01:18जब उन्होंने सौमी विवेका नंद की किताब पढ़ी
01:20तो सिक्षा में साइबागिता करने के लिए लाइबरेरी शुरू करने का विचार किया
01:25इसका उद्देश था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे
01:29कॉम्पटीशन की तैयारी करने वाले जरूरतमंद बच्चों को भी बैठने की जगे मिल सके
01:34पढ़ने का माहौल मिले और किताबें भी उपलब दों
01:37इसके लिए सोशल मीडिया के जरीए केमपेंच चलाया और लोगों से पुरानी किताबें मांगी
01:41कि लोग किताबों को रद्दी में बेचने की जगा लाइबरेरी के लिए दें
01:46जिससे वे दूसरों के काम आ सके
02:16किताबें से केमपेंच जिसमें लोगों से पुरानी किताबें मांगी
02:40So, there are many books that have been in which are competition, school books, and books.
02:46These books are all in the same way.
02:50These books are all in the same way.
02:52Whether you are in the university or in college, or school, or in the university,
02:57or in the same way, whether you are in the same way or in the competition,
03:01or whether we talk about civil services, or NEET, or engineering,
03:08foreign
03:18foreign
03:22foreign
03:34This is the name of the GOLHPHAADIYAH.
03:37The second library is written in the name of GOLHPHAADIYAH.
03:41They also write that they will continue to learn more about the language and the language of the language.
03:49They also write that they will continue to learn more about the library of Burdash.
03:57This is the name of the GOLHPHAADIYAH.
04:00foreign
04:14foreign
04:28and they have a good performance and a good performance.
04:33This year there was a lot of children who were 90% of their percentage.
04:39So, these are the best children who are a good performance.
04:43Goalier, Piyush Srivastav, ETV, Bharat.

Recommended