Patna Paras Hospital: बक्सर के सेमरी बड़ा गांव का चंदन मिश्रा (Chandan Mishra) कभी क्रिकेट खेलता था, लेकिन जल्द ही बिहार का कुख्यात अपराधी बन गया। दोस्ती में शुरू हुई उसकी जुर्म की कहानी 6 हत्याओं, गैंगवार और कोर्ट से भागने जैसे दुस्साहसिक कारनामों से भरी है। कोर्ट से पैरोल पर बाहर आए चंदन की हत्या उसी दोस्त शेरू ने की, जिसके साथ मिलकर उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। यह कहानी दिखाती है कि अपराध की दुनिया में रिश्तों की कोई अहमियत नहीं होती। देखिए चंदन मिश्रा की हैरान कर देने वाली क्राइम कुंडली और उसके अंजाम की पूरी कहानी।
00:12बकसर जिले के सेमरी बड़ा गाउं का रहने वाला चंदन मिश्रा
00:28कभी क्रकेट खेलने वाला एक सामान्य लड़का था
00:31लेकन उसकी जिन्दगी ने कुछ ऐसा मोड लिया
00:34कि वो बिहार के सबसे कुख्यात अपराधियों में शामिल हो गया
00:39उसकी कहानी एक दोस्ती से शुरू हुई जो धीरे धीरे दुश्मनी में बदली
00:44और आखिरकार उसी दोस्त के हाथों उसकी हत्या हुई
00:49साल दो हजार नौ में उसकी मुलाकात अंकार नाथ सिंग उर्फ शेहरू से हुई
00:55दोनों की शोर थे और क्रिकेट के मैदान में दूस्त बने
00:58एक दिन अनिल सिंग नामक योग से मैदान पर छगड़ा हुआ और तूनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी
01:05नावाली खूनी की कारण उन्हें जल्दी रिहाई मिली
01:09लेकिन बाहर आते ही दूनों ने मिलकर अपराद की दुनिया में कदम रखा
01:14उन्होंने अपना गैंग बनाया और रंगदारी हत्या लूट जैसे अपरादों की शुरुआत की
01:202011 उनके जुर्म का सबसे खौफनाक साल रहा
01:25मार्च से अगस्त के बीच उनके गैंग ने च्छै बड़ी हत्याएं की जिन में मोहमद नौशाद, भरत रॉय, जेल कलर, हैदर अली, शिवजी घरवार, मोहमद निजामुद्दीन और चुना व्यापारी राजेंदर कीसरी शामिल रहे
01:41कीसरी की हत्या के बाद चंदन और शेरू के रिष्टों में धरार आ गई, रंगदारी के पैसे के बटवारे और जातिकत समिकर्णों को लेकर दोनों अलग हो गए और अपने अपने गैंग बना लिये, इसके बाद दोनों को कॉलकाता से गिरफतार किया गया, और पकसर ला
02:11और चंदन को उमर कैद की सजा सुनाई, हना के बाद में हाई कोट ने शेरू की फांसी की सजा को उमर कैद में बदल दिया, चंदन इतना दुस्साहासी था कि एक बार कोट में पेशी के दौरान उसने पुलिस की बंदूग छीन ली और फाइरिंग करते हुए फरार हो गया
02:41और 18 जुलाई को उसे जेल लाटना था, लेकिन उससे एक दिन पहले 17 जुलाई की दोपहर 5 हथियार पंध हमलावर अस्पताल में खुसे और सीधे कमरा नंबर 209 में पहुँचकर चंदन पर ताबर तोड़ गोलियां चला दी, वो मौके पर ही मारा गया और जांच में खु
03:11वही अब उसका अंत बन गया, इस घटना ने न सर्फ चंदन मिश्रा की कहानी का अंत कर दिया, बलकि ये साबित कर दिया कि अब रात की दुनिया में दोस्ती नहीं टिकती, वहां सर्फ सत्ता और बदले का खेल चलता है