00:00या देशाचा शिर्शत्तानी भगवाज हेंदाच आजा पाईजें
00:04हिंदुस्तान सा धेंदा फिरंगानाई है
00:07हिंदुस्तान सा राष्टाद्वच भगवाई
00:10तो पर लाल के लिया होती
00:12फड़कवने चा कामानी अच्चा उपोषनाची परिशमाप्ती होना रहे
00:18चर्दमदी स्भाजी महाराज है कि ढर्मदी सम्वाजी महाराज है
00:24ने महायदन्य लगाने तो महायदन्य व्जुते थाका मने
00:32कर दिश्तने यह महायदन्याची संत्गता यह देशाचा किस नसे भगवाज हैंदाच अल nouvelle towards
00:46यह गोस्टी नहीं कराई ची तॉ
01:16चत्रबदी जादे, चत्रबदी जादे केवल पाउने नौ वर्षाद, चत्रबदी मुनू काम अपल्या बडलाना शोभेशा सकेज़, बडलान चा तोड़ी स्थोड गाकन बड़ जास, आप प्रतीम करतुत तो पाउने वर्षाद गाज़ होले, नंतर अथी क्रूर मराण त
01:46आप अवर्षाद गाज़ जादे, नीचपना क्यादा, यावले यही पर उरका, उरका, उरका, उरका, उरका, तो जादे सग्रा प्रश्नाना उत्तर, हिरोजी फरजयन मनुन, शीव चत्रबदीन सा भाव होता, तो सग्रा नमना, अज़ आपन कुनाचा सम्हा साथ, इंदी
02:16अपन थोड़े रायगर्ला दाविया, महराज शेवती जादागे वरती होते, हैं शेवती श्यास्वास्वाचा जाज़ अपनाशी बहुदने, महराज त्यं तक, शेक्ती हिंद हादे होते, दोंशे, कॉन नमदल राय के जादे श्वचत्वती हाम हाम पोलुशे, पाद फ
02:46कुतुपशाई, मुगल्शाई, देज प्रेश पंचो इरिद नंगा सिद्ध्यापशी, या सग्रा फर्वाइन शित्तक कर गेऊन, महराज नी इंद इस्वाज श्यास्वाच वंपनने के जादे जागे चा भूती बसले पर, जीवा चत्तवती नहुते, तीन एप्रिल स्�
03:16सरेन चगर, आर्चनी ही डोल्यातना श्रू हातायत, क्या आपन खेती दिश्यापद, अपनी टकुन चल्लो, तीन दुख होता, सरेन हमनले, अमी जातो हो, अमसा काल खला, अमसा इतला मुक्काम संबला, सब तर सिंधु, सब तर गुंगा मुक्त खला, काशीज दा विश्व
03:46अजी जात परत निर्मायन कराइन। यहा शंगा अच्वनी तूंट, मराथामंदेरी उतली अथली महारस्ताती सब्स्यादी धर करी, आनि अस्ट्याज़वकाते एल, महारस्तात न धर करी, कन्याक वान इकाश्मिर में परमत आहेते मुलकिक्षतान, वाड़बा बदीसे कर
04:16यहांचा जोख्रातुन मुक्ता केला शरा देश पाधकरांद केला अचकपार गेले ओ दिली जा मयूर सियासन मोगलांचा सियासन में रसुकाई तक्त तोडला तुख्रे केले हाणी मराचनी लाल किल्या वरती शत्राशे सावर्याइशी ते अच्छाशे तीन भगवा फटका
04:46अच्छा जन्जे छिंदुस्तान चा जेंदा तिरंगाना ये हिंदुस्तान चा राष्टा द्वच भगवा है तो पर लाल किल्या ओती फटकावनिया चा कामानी अच्छा उपोष्णाची परिशमापती होना रे अच्छा उपोष्ण असत्तस लितुपुतुच नाइए �
05:16अच्छा उपाटे जासरके ति मावल नारू नहीं कमी ओनारू नहीं ते करून अफ लाल थामभाई से करसा उतंत्र त्याव्च मिलनर स्ताथ करसाथ सुतंतर त्याव़श मिलनर का जाविवावाववा पुड़कना अत्ता है स्वातंतर परिंतु रामाला लाग चंद रहा