00:00ुत्राखन में बद्रिक एदार धाम सहित आदे गड़वाल को जोड़ने वाली तोता घाटी में कई दरारों का खुलासा हुआ है
00:16उत्राखन में सुरुआत से लेकर अब तक अपने भोगलिक सरचना को लेकर चर्चाओं में रहने वाली तोता घाटी की क्या कुछ कहानी है और आज तोता घाटी की जो भोगलिक सरचनाएं हैं या फिर आपे जियोलोजिकल जो बदलाब हैं वो किस तरह से हो रहे हैं आई जा
00:46घाटी का इतिहास बड़ा रहस्य मई है बताते हैं कि आजादी से पहले यहां कोई भी ठेकेदार सड़क बनाने को तैयार नहीं था जब कोई आगे नहीं आया तो उत्राखन के एक जामबास ठेकेदार तोता सिंग रांगण ने इस पहाड को काट कर सड़क बनाने का निश
01:16सड़क बना डाली इस बारे में बता रहे हैं इतिहास कार शीषपाल गुसाईंग मार्ग है नीचे जो है गंगा नदी है देपरियाग से ब्यासी के बीच यहां तोता घाटी है कोई एक बैकल पिक मार्ग नहीं है जो है वो यही है तो जब भी यह पिछले दिनों आल वेद
01:46किसले दिनों उस पे कम से कम चार पांच साल पहले एक महा का काम चला था तो पूरा जो चार जनपदों का जो आवागमन था वो टेहरी होकर आया या कोड़दार होकर आया मैदानी इलाकों में तो इसलिए इसकी प्रासंगता बहुत ज्यादा रहती है लेकिन उस मार्ग में
02:16जिसकी महाराजा नरेंदर सहाजी द्वारा प्रसंचा हुई और उन्हें पद्वी भी दी गए
02:20बाद में इस सड़क को रिशिकेज से बद्रीना तक पहुचाया गया पिछले सालों में औल वेदर रोड बनाने के लिए इस सड़क का चोड़ी कर्ण किया गया
02:32उस दौरान पता चला कि तोता घाटी की पहाड़ी पर बड़ी दरारें आई हुई हैं फिर इनकी भूगर भी जांच हुई जांच में डराने वाली बातें सामने आई हैं बता रहे हैं वरिश्ठ भूव है क्या निए
02:47तो इस भी समारे नेच वाले आए कि गुरुजी थोड़ा से समें टेक्निकल इंपूर्टी है तो मैंने गए ठीक इसकी मॉनिटरिंग करो आज कर चल रही है उसकी और वो मॉनिटरिंग के बाद ही उसमें कुछ कास आ सकता है कि इसमें कितना किस रेट से हो रहा है कितना मॉ
03:17लगबग उपर क्राउन के उपर तो वहां पे मेजर जो ब्रे क्रैक हैं जो दो ढाई फित तीन फित चोड़े है वो और इनके लंबाई अलिमिटेड है और गहराई कभी कुछ अंत नहीं है वो ऐसी लगता है उसका जो सिलिप सर्फेस बन रहा है वो यहां ता कि सड़क के �
03:47लॉक फॉल हो गया तो यह पुरा पहाड़ी जो ओबर हैंक कर रहा है वहां पे इत्पे गो डाउन और नीचे अलग नंदा में जाए वो गंगा में जाएगा वो वरिष्ट भूबय ज्यानिक महेंद्र पताब सिंग ने सरकार को भी आने वाले खत्रे से आगाह कर दिया है क
04:17लेकिन उनका कंट्रिमिशन है था कि राजा ने उनको बाद में उसके काम के बदले उनको अलग से एक जागिरदारी भी दे दी थी ने ने नगर के पास
04:28लेकिन उस बंदे ने जब रोड बनाई होगी उस जगह पर तो जो टैररन है वो basically लाइम स्टोन का है औरण बेड़ी बड़ी दरारे होती है
04:44उसके बारे मता रह आ है तो वो जो लाइम स्टोन है उसमें फ्राक्शर सहें बहत बड़े बड़े अब ये
04:52There is a common phenomenon in the limestone that they are joints and cleansed.
04:56They are joints slowly and slowly and slowly open.
04:59So I was not even aware that where Tota ghaati is from today,
05:04there are so many big injuries from 300 meters.
05:08But those injuries are so big,
05:11you can see that the person gets blown away.
05:14If this Titan falls,
05:17then this is our highway.
05:21The second generation of Shishpal Gusain has also been sent to the Tota ghaati.
05:28The King Narendra Sahar has become this city.
05:33The King Narendra Sahar has become this city.
05:36And the other people who have been in Tota ghaati,
05:40they have been in Tota ghaati.
05:44The King Narendra in Pratab Nagar was very close to the city.
05:50He had completed this work. He had a house for his own, he had a house of clothes.
05:55Then he had completed this work for a half years.
05:59And Narendra Saha had such a great pleasure,
06:03that he had kept his name as his name,
06:06and he had a son of Lath-sahab.
06:16This was the one that was seen by the Magnus.
06:22The one who saw the Tewaag in the US was the one that was more than the one that has been here.
06:28The Tewaag Nishaa War was the one that was made.
06:31It was a long time where it was going to be so far,
06:34and after that, we had to do it with the Hibitishan.
06:37The one that was done after the Tewaag,
06:39which was also a hard time when he was trying to do it.
06:42So, what was the one that was put on the Tewaag?