- 7/16/2025
Part- 06 मानव भूगोल (प्रकृति एवं विषय क्षेत्र) (GEO--मानव भूगोल के मूल सिद्धांत--1--मानव भूगोल के मूल सिद्धांत )
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00:00सभी विद्यारति में हूँ नमश्कार, राम राम, रादे रादे
00:03आए दोस्तों हम चर्चा करते हैं हमारा मानब घॉल के अंदर
00:07जो जो टोपिक चल रहा था
00:09जी से हम बोलते हैं प्रकृतियं विष्य शेट्र
00:11मानब घुल में प्रकृतियों विशेशे देखी तुपिक चला था उसकी 4 कलास हुचकिए आज 5 कलास है आप सभी ने दोस्तों हम चछी कलास में जब अंत में हमने स्वाप्त की ऐक लास है तो उस समय हमने एक चीज देखी थी कि जो मानब घूल का इठिहास है वो काफी लंब
00:41वो ज़ाता फैल नहीं पाया फिर आप जानते हैं कि पंदवी सोलवी स्ताबदी के अंदर दोस्तो मैं इस मुद्री वार्गों की खोज हुई जिसकी वज़े से दोस्तो मानव जो गोल उसके अध्यन के अंदर थोड़ा सा विकास हुआ बाद में आप जानते हैं एक पुस्तक
01:11के चल्डों में विकास हुआ वो सारी की सारी हम बात करने वाले हैं तो इन पर हम बात करेंगी तो आइए बात करते हैं मानना मखोल हमारा पांचवे कक्षा है आज और पांचवे कक्षा में हम अच्छे रोपसी इसके उबर चर्चा करेंगे
01:41देखते हैं मानना मखोल प्रकृतियां विशे शेत्र हमारा तोपिक था दोस्तों ये मानना मखोल हमारा विश्य है उसमें पहला तोपिक था प्रकृतियां विशे शेत्र उसमें ही ये गलास है और पांच में गलास है भाग पांच आइए देखते हैं
02:11आज हमें क्या देखना है? हमें दोस्तों, जो माननवल है
02:17इसके इथिहास के बारे में कितने चरणो में उकास होगा एक एक करके देखेंगे
02:22और यह क्टो यह यह बढ़ती हमें अब जानते हैं पंदरवी श्ताब्दी से
02:26वर्तमान का जो कालि under 26 का लिट
02:40तो भोग सारे समुद्री ELT गांने स्मुद्री मार्गूं की सेने कि जब हुए टो नई नए डिष देखे वह के दो चल्चर को डेखा वहां पर होने वाली फसन को डेखा वहां पर क्याया खामपन है
02:53संदरी मारगों की खुछ होने के बाद इसका अतिमबरारम गवाता विविकास पटियए पखड़ यह देख लेते हैं सबसे पहले हम लिख लेते हैं
03:07कि अ फंद्रीश अ
03:16आधुनिक काल तक पंद्रमें श्ताब्दी से आधुनिक काल तक मानव घुल का विकास
03:35मानव घुल का विकास आईए देखते हैं इसके बारे में बड़ा सरल्स आईए ठीक है अब कितने चरणों में विकास हुआ आप सबी जानते हैं
04:01चरणों के अंदर विकास हुआ है मानव घुल पंद्रमें श्ताब्दी से अगर हम वर्तमा तक आएं तो दोस्तों ध्यान रखेगा टोटल कितने चरणों में विकास हुआ है तो सबसे पहले जो चरण है दोस्तों वो क्या है तो हम कहेंगे आरंभिक उपनिवेशकाल एक नं�
04:31चलो हमने यह देख लिया अरंभिक उपनिवेशकाल दो नंबर पर हम बात करें दोस्तों तो उत्तर उपनिवेशकाल कौन सा आता है उत्तर उपनिवेशकाल उत्तर उपनिवेशकाल चलो हमने यह भी देख लिया है उत्तर उपनिवेशकाल अगर हम और बात करें तो तीन न
05:0110.30 का निसो टीस तक खाल, त्थीक है. इसके लावा भी बात कि रहें, हम कहेंगे दोस्तों, नीसो धिहान थिसके नीसो थिसके निसो थिसके, अंतर से धिहान थिसके, दोस्तों,
05:25उन्नीस सो तीस के दसक से दसक के अंत से अंत से उन्नीस सो शाट के दसक के अंत तक
05:42अंत तक च्यार होगे पांच है दोस्तों हम कहेंगे 1970 का दसक
05:55उन्नीस सो सतर का दसक अंत चैनल परापता है 1990 का दसक के यह लिजे तो इतने सारी चर्णों में विकास हुआ है हमने सारे के सारे देखे हैं इसका अमलब यह नहीं कि हम इतने से देखर स्माप्त कर देंगे नहीं हमें अच्छे रूप से अगर इसके बारे में जानकर रिप्र
06:25सारे में कैसे मानुब भुगोल का विकास ह Cake और पंदर्वे आरम्भी कुभुत्र इसकाल में दोस्तों मानुबूंबूंग की उपागम क्या था वह भी हम यह फर देखने वाले हैं तो यहतों प्रतकी लिखने बात करते कि किसके बारे में बात करैं missed aём Bask clinics.
06:41करनी है कि अगर हम आरंविक उपनिवेश्काल के बारे में हमें बात करनी है अगर हम अगर की इसे प्रारंभिक अवस्तह कहा जाता है
07:03अगर देखा जाए पंदरवी श्ताब्दी से पहले पहले जो दोस्तो है
07:07मानव का भुगोल ऐसी बात नहीं कि मानव की जब उत्पुत्ति उसी के साथ मानव भुगोल का अध्यन तो प्रारंब हो गया था
07:13लेकिन तक्ठिकी ग्यान नहीं होने के कारण दोस्तों उसका विकास नहीं हो पाया था
07:17जो मानव भुगोल के अध्यन का विकास हुआ है वो पंदरवे स्ताब्दी के प्रारंब से माना जाता है
07:36दूसरी बात की हम बात करें दूस्तों दूसरे point की
07:38तो हम कहेंगे कि इसमें मानव की विस्तारवादी, समराज्यवादी, व्यपारिक रूचियों के ध्यान रखिये, रूचियों के आदी के द्वरा क्या हुआ दोस्तों नमीन भुली को खोज हुए, जिससे दोस्तों उन्होंने बहुत सारे अन्वेक्शन की, विवरन किया, आ�
08:08समराज्यवाद में रूचि थी, उसमें सारे देश, यूरोप्य देश अपने अपने समराज्य को फहलाने में लगे थे, दोस्ते देशों को गुलाम बना रहे थे, इस परकार के कारे हुए ना, जैसे हम दोस्तों हमारे यहां पर देखे, सबसे पहले कोन आई, जैसे अलग
08:38बहुत सारी कोज, अनुवेक्षन, विवरन होये दोस्तों, जिसकी वज़्य से क्या है, इसको प्रुफसान मिला था. जनिकि बहुत सारी अब क्या हुआ है, सारी चीजहे होई, सारी देखिए विश्तारवादी ने थी, समराज्य वादी थी, प्यापरीक ने थी. इस वजय
09:08हम पर होता है जो हमारे लिए उप्योगी हैं किस किस प्रकार से उसका व्यपार कर सकते हैं तो उसकी समराज्य विस्तार की भी रूची थी विस्तारवादी रूची थी व्यपार करने की उसकी रूची थी इस सकर में समद्री मार्गों की खोज हुई और इसी के कारण दोस्तो
09:38मानव भुगोल की दोस्तों क्या बताया है अध्यन की मुख्या अधार बनाया यानि इस पस दोर पर अगर देखा जाए तो उस समय इस अरंबिक उपनवेश काल में दोस्तों बहुत सारी नमीन में खोज़ा हूँ
09:47तो भुगोल वेताओं ने क्या किया है नवीन भुगोलिक अध्यन का क्या बताया है इस काल का मुख्या अधार बताया है ये भी आपको धानक नहीं तो हम दोस्तों जब बहुत सारे भुगोल वेताओं ने अरंबिक उपनवेश काल में मानव भुगोल के अगर बात की जाए �
10:17दोस्तों बड़ा सरल्चा है सबसे पहला पॉइंट हम यहां पर अगर देखें तो सबसे पहला पॉइंट क्या कहेंगे सबसे पहला पॉइंट आता है हम सबस तोर पर कहेंगे दोस्तों यह मानो भुगोल की त्यान रखेगा हम कहेंगे यह मानो भुगोल की यह मानो भुगोल
10:47ulator कि अवस्ता थी चलो में अच्छे रोप से इसके बारे में लेख लेख लिए यह वस्ता थी
10:53ओके दो नंबर पॉंट पर हम बात करें तो हम कहेंगे दोस्तों कि इसकाल में मानव की ज्Whoa
11:12इस काल में मानव की इस काल में मानव की विस्तारवादी समराज्यवादी इसके अलावा बात करें दोस्तों व्यपारिक रूचियों के कारण
11:42इस काल में मानव की विस्तारवादी समराज्यवादी इसके बात करें दोस्तों आप सबी चानते है अच्छिय परूफ से नमीन भोली को जें हुई क्या हुई दोस्तों हम कहेंगे नमीन भोल भोली को जें हुई
12:03खुजे हुई अन्वेक्षण का कारे हो�øँ विवरण के कारे हुए आदि को क्या मिला आदी से इसको प्रोचान मिला हुए थो में इह southwestर की में वानव कि विश्दारवादी समराजय covenant व्या पारिक रूचिए के
12:14नमीन बहुलिक खोजों अन्वेक्षन विवरण आदी को क्या मिल गया दोस्तों तो नमीन बहुलिक खोजों अन्वेक्षन को और विवरण को आदी को दोस्तों क्या मिला है विवरण को आदी को प्रोथसान मिला है आदी को प्रोथसान मिला है
12:33यानि मानव के जो यह रूचियां रही है इनके कारण ध्यान रखेगा मानव की विस्तारवादी- समराज्यवादी और वियापारी
12:43अपारिक रूचियों के काड़ किसको दोस्तों प्रोचान मिल गया, अन्वेक्शन को, बहुत सारी नमीन भोली खोजों को, और विवरन को, आधी को प्रोचान मिल गया, जब इनको प्रोचान मिलेगा, तो पीछे-पीछे और भी लोग आएंगे, नए-न्वेक्शन करेंगे,
13:13इस काल के भूल वेताओने, मानव गोल का, ध्या नक्येगा, मानव गोल का, मुख्ये अधार, मुख्ये अधार, अन्वेक्शन और विवरन,
13:43इस काल के भूल, इस काल के भूल वेताओने, मानव गोल का, मुख्ये अधार, अन्वेक्शन और विवरन को बनाया है, अन्वेक्शन और विवरन को बताया, विवरन को बनाया, इस काल के भूल वेताओने, मानव गोल के अध्यान का, मानव गोल के एक शप्ण नीचे लिए
14:13अध्यान का मुख्याधार अन्विक्षन और फिवरन को बनाए चलो हमने देख लिया अब बात आती है विश्काल में दुफ्तों उपागम कौन से थे हम करेंगे इस काल में इस काल में
14:34मानव घोल इस काल में मानव घोल के उपागम अन्विक्षन और विवरन था और विवरन था तो यह आप सभी को अच्छी रुप से ध्यान रखना है
15:02तो आप सभी ने नोट कर लिया होगा अच्छी रुप से दोस्तों, यह बह semua
15:04पूरा दी चैसे हैं उनके एक काणिए मानव की जो रूच्यां थी यह जो मानव की रूच्यां थी इस
15:22तो नई बहूलिक खोजी आन्विक्षन आट को बात कर रही हैं और इसी वजह से उस
15:32दो इसके क्या है उबागम है अब आपकी मन में आगा क्या क्या कोजी हुई तो आप सभी अच्छी रूप से जानते हैं कि पंद्रवी स्थाब्दी के अंदर की बात करें हम किसकी पंद्रवी स्थाब्दी की तो आप सभी जानते हैं दोस्तो कोलंबस को भी आप जानते हैं व
16:02फिर उसे पता चला नहीं मैं कहां पर पहुंचिया हूं उत्रे में का पहुंचा हूं मैं इंडिया नहीं पहुंचा लेकिन उसी दोरान दोस्तों उसी पंदरवी इस्ताबदी के अंदर क्या होता है आप अच्छी रुप से जानते हैं दोस्तों हमारे वास्को डिगमा सोरी क�
16:32तो जब वास्को डिगामा दुबारा आए तो उसके साथ और बहुत सारे क्या आगे लोग आगे जिससे क्या हुआ दोस्तों
17:02पतä चला ऐसे दोस्तों रस्टी में आने वाले अन्यों की खोज़ी को लिए तो मानधुल को और ज्यदा पढ़ाव मिला तो यहां
17:09सभी को ध्यान एकना उस बहुत सारी प्रशथार्वादी माईतेवादी से इता्यवादी संहोरी पर तो सारे आधी रोड़ी खोज़ें
17:16नहीं नहीं खोजे हुई थी हम यह कहेंगे तो नोट कर लिया हुआ दोस्तों अब हमें बात करने किसके बारे में आम बात करेंगे उत्तर उपनिवेश काल के बारे में किसके बारे में उत्तर उपनिवेश काल के बारे में आये देखते हैं
17:28अगुरा दोस्तो इस ग् Алекс भुगॉल वेटा हुए उत्तर उपनिवेश का अगर उत्तर उपनिवेश कात
17:52सबी परदेसों को किसका इस समाना है प्रित्वी को क्योंकि वो जहां भी जा रहे थी वहां पर सबी पर उन्हें परवत पठार में देखे एक चीज़ सोची जब अरंबिक उपनिवेश काल था तो जहां पर भी वो गए पहले वो गुमे नहीं थे जहां पर भी गए कहीं पर �
18:22उस पूरे एरिया का अच्छी तरीके से सर्वेक्षन कर लिया और उन्हें पता चला कि पूरी प्रित्वी के ओपर जहां जहां आम गए हैं पांपर में पठार मुरुस्तल परवत सभी समानी चीज़ें देखने को मिली है इसका मतलब यह सारे के सारे एक ही इसा रहे हैं तो
18:52स्थान के अंदर तक नहीं गया होगा वो तटके उपर उत्रा वहां देखा मैदान कहीं और देश में गया तो वहां पूसने हो सकता है परवत देख लिए नहीं पटा देख लेकिन जब उत्तर उक्रेश काल आया तब तक दोस्तों अगर देखा जाए तो जिस स्थान पर ग
19:22अगर उसके पिछी और बिर्टेन वाले यहां तो इसलिए मैं इस गाल के अंदर जितने भी घल भेता हुए उन्होंने समस्त मुगोली परदेश्व को परदेश्य को अश्सामाना ये बात आप सभी को ध्यानक नहीं है
19:46अब दोस्तों यहां पर एक चीज का धान किया इसका मतलब क्या हुआ
19:54इसका मतलब यह हुआ कि उस समय के जो भी भुगोल वेता रही है
19:58उन सभी ने दोस्तों क्या किया है कि अच्छे रूप से भुगोलिक, आर्थिक, समाजिक सांस करते
20:04यानी सभी पक्षों का उनोंने अच्छे रूप से अध्यन किया था
20:07और उसकी अच्छे रूप से व्याध्या किया तो हम कहेंगे
20:10दोस्तों उस काल के जो भुगोल वेता रही है
20:12उन्होंने विभीन परदेसों के सभी पक्षों जीसे समाजिक, आर्थिक
20:17और अगर हम बात करें भुह लिक और दोस्तो स्नसक्रते, यह उस समय के वहां जिस भी पुह लिक-षेट्र में गए होगे हो उस पर उस болइ और जहां ना Ö..
20:38अब भहुत सारी चीजों का अध्यान किया और भहुत सारी चीजों के व्याख्या किया और उसके बाद में बहुत सारी व्याख्या किया तो इससे क्या वाद दोस्तों पृत्वी को समझने में असानी हुई यानि कि वो पृत्वी को समझने में सहाइक वन
21:00यानि जो उन्होंने आध्यान किया था और भाध करें उससे पूरी पिर्थुभ्श को समझने में आसानी हो गए तो दोस्तों अब सबसे बढ़ी बाता है
21:10तो फिर उठ्णीबेश काल का उपागभ म किसे करेंगे यानि इस काल में सबसे जौर किस पर दिया गया ?
21:16तो दोस्तों, जिस चीज़ पर सब्जा जोड जिया जाएगा जिस कल में वो उस शित्र का, उस काल का उपागब माना जाएगा
21:20तो इस अबधी में ध्याना कि ए मानव भूल का उपागब अब प्रादेशिक विशलेशन था
21:24यानि उस समय इस काल के अंदर बात करें
21:27इस काल उत्र उपनिवेश काल की बात कर रहा हूँ
21:30तो उत्र उपनिवेश काल में दोस्तों
21:32देखें मैंने आपको उस पस तोर पर कहा है
21:34कि इस काल तक आते आते लोगों को ये पता चल गया
21:36कि समी माहादवीआउं की अंदर समान इस्तला करती है परवत पतारमुरुसतर, ठीक है, समस्त, इसी कारण है,
21:43दोस्तों, उस समे की गघुल विताओं ने समस्त बघुली परदेशों के परत्विक आफिस सामाना ने,
21:46आपको भी मैंने बताया और जो भी भूल वेता थे उस समय की उन्होंने क्या कर दिया दोस्तों उन्होंने ही सबसे बड़ी बात है विभीन परदेशों के जितने भी पक्ष होते हैं समाजीक सांसकर्तिक आर्थिक भूलिक सभी का अच्छे रूप से अधिन क्या और व्याख्
22:16विभी भूल वेता उन्हें इसी परकार लिखा कि प्रवत्य शेत्र में यहां पर यह जो लोग रहते हैं कि यह क्या कारे करते हैं कैसी सरंचना यहां की सारी चीज़ें लिख दिनकी संसक्रति कैसी है जैनि अध्यान के और व्याख्या की जिससे दोस्तों पूरी पुरी प्
22:46यह मानो बुगोल का उपागम क्या रहा है प्रादेशी की विशलेशन रहा है तो आईए दोस्तों सबसे जो पहला पॉंट हम यहां पर लिखने जा रही है वो पॉंट क्या है तो सबसे पहला पॉंट हम लिखेंगे दोस्तों कि उत्र उपनिवेश काल में यहां सीधा भी �
23:16इस काल में भुगोल बेताओं ने समस्त भुगोलिक परदेशों को
23:25समस्त भुगोलिक परदेशों को
23:34प्रित्वी का हिस्सा माना है
23:40किसका हिस्सा माना है प्रित्वी का हिस्सा माना है
23:45बृत्वी का इस्सा माना है
23:51ठीक है, तो पहला point हमने यहां पर देख लिया
23:54अब हम यहां पर यह भी लिखेंगे
23:56इस इस इस इस इस काल की बुगोलवेताओं नी
24:02इस काल की बुगोलवेताओं नी
24:13इस काल के भुगोल वेताओं ने विभीन परदेशों के
24:21सभी पक्षों विभीन परदेशों के
24:40विभीन परदेशों के सभी
24:42पक्षों जैसे बात करें तो भुगोलिक, आर्थिक, सामाजिक, सांसकर्तिक,
25:05तो इस काल के भुगोल वेताओं ने विभीन परदेशों के सभी पक्षों का
25:17आद्यान कर द्राध अध्यान कर द्यान की इस काल के भुगोल वेताओं ने विभीन परदेशों के
25:29इतवी पक्षूं का अधिन भी क्या है और विस्ते अध्यन आद्यान कर व्याख्या की गई तो इस काल के बहुतने द्वारा
25:41कि इस काल के वह उन्हें गोल वेताओं ड्वारा विपेर परदेशों के सभी पक्षूं का अध्यन एक game
25:47कर व्याक्षा की गई यानि उन्होंने व्याक्षा कि अगला पॉइंट देखें दोस्तों अगला पॉइंट है इससे
25:59पृत्वी को समझना असान हो गया इससे पृत्वी को समझने में सहायता मिली
26:10अगला पॉइंट है दोस्तों हम कहेंगे इस काल में मानो भूल का इस काल में मानो भूल का
26:37उपागम इस सहल में मानो भूल का प्रादेसिक विशलेशन थाक्या था दोस्तों प्रादेसिक वि
27:03आगे बढ़ते हैं यह नोट कर लीजिएगा फिर आगे बढ़ेंगे नोट कर लिया को तो हमने दोस्तों सबसे पहले क्या देखा है कि हमारे जो मानब गोल है
27:21कि जो हमारा मानब गोल उसका विका स्वान UTS कहीं चर्ण वह हम बिता हमने दो चंड देखे थे साथ देखें अंतर युद अवदी से उनी
27:43लेकर आप सब्सक्रावदी बाल आप सभी ने नोट कर लिये होगा आगे बढ़ते हैं
27:46कि असर्फए
27:51पंतर युदा अफ्टी से उनिस सुपतीस तक का का
28:04ठीक है
28:13अब इसमें क्या हुआ दोस्तों
28:18इस काल के अगर बात करें
28:19इस काल में दोस्तों जो भी भुलिक शेकर था
28:21जो भी भुलिक परदेश था
28:24उसके विलक्षन पहचान पर बल दिया गया था
28:27सबसे बड़ी बात है
28:28तो ध्यान रखिये दोस्तों हम कहेंगे
28:30अंतर युद अफदी से 1930 तक के काल के अगर हम बात करें
28:33तो इस काल में दोस्तों किसी भी परदेश की विलक्षन पहचान पर बल दिया गया
28:48और दोस्तो इस काल में सबसे अब मान लीजे किसी ने किसी पहचान पर बल दिया जाएगा सबसे बड़ी बात है देखिए अंतर युद अवदी से 1930 तक काल अब युद क्यों हो रहे हैं यहां पर लिखा है अंतर युद अवदी के से 1930 तक युद क्यों होते हैं
29:03अब मान लीजे युद हमेशान दोस्तो यहां तो किसको प्रोपर्टी को लेकर होता है अब जानते किसे शेत्र को लेकर होगा अब जैसे कि पूर्टगालियों के बीच में भारत में राजा थे उनके बीच और अंगल भारती आफजान सुना हुए थे असमें अंगल नेपाल �
29:33को भी एक कंपनी गई थी या माली जे को राजा महराजा किसी अन्य शेत्र में गया होगा या उस समय का जो मानव था जो कहीं और जा रहा था उसने इस परस तोर पर यह कहा कि जिस भी शेत्र में जा रहे हैं उसे शेत्र की पहचान किसी ने किसी कार्ण से तो होगी तो उस �
30:03कि इस काल में दोस्तों जितने भी परदेश हैं, उनकी भीन-भीन पहचान कैसे की जाए? नहीं कि इस अवदी में क्या हुआ दोस्तों एक परदेश कैसे भीन कैसे है? उसकी पहचान कैसे की जाए? इस पर भी बल दिया गया था.
30:19किया किया? यानि एक प्रृच यानि दोसरे प्रे शुर्च कैसे भीने? इस चीज पर भी बल दिया गया. यानि हम और जो 10 फ्लिय यानि इसका में ता इम स्काल मी गोल मुध उपाघंड क्या रहा वह स्पारा होगा been beyond
30:35गोल का उपागम क्या रहा होगा शेतर विगेदन रहा होगा तो यहापको ध्यानक्त ना आईए हम देख लेते हम कहेंगे दोस्तो इस सकाल मिं इस काल में रूजश की विलेख्शन पहचान प्रबल दिया गया
30:52तो हम स्पास्तोर पर लेखेंगे कि इस काल अवदी में
30:57इस काल अवदी में
31:01मानो भुखोल में
31:05मानो भुखोल में
31:08किसी प्रादेशिक
31:15किसी
31:21किसी प्रादेश की
31:27कि
31:30इस प्रदेश की
31:35मैनो भानो भुखोल में, किसी specific प्रादेश लिखाँ है
31:43किसी प्रदेश की
31:47विलक्षण पहचान प्रबल दिया गया
31:50पर बल दिया गया पहिचान पर बल दिया गया यानि एक परदेश दूसरे परदेश से कैसे भिन है इस पर बल दिया गया तो अगला पॉइंट हम यह लिखेंगे इस काल अवधी में एक परदेश दूसरे परदेश से कैसे भिन है और क्यों भिन है इस पर बल दिया गया इस का
32:20अवदी में ध्यार रखिए दोस्तों हम बात करें इसकाल अवदी में एक पर्देश
32:25एक पर्देश है दूसरे पर्देश से दूसरे पर्देश से भीन क्यों है भीन क्यों है
32:44परबल दिया गया
32:51तो हम यहांपर लिख सकते हैं कि इस काल अवधी में
33:06हम लिख सकते हैं दोस्तों ध्यान अख्येगा
33:08हम लिखेँगे इस काल अवधी में
33:10मानो भोल का उपागम शेत्रिय विभेदन था
33:40शेत्रिय विभेदन था ये आप सभी को अच्य रुप से ध्यान रखना है नोट कर लिया होगा सभी ने आप सभी ने
33:55ठेक है आप नोट करें फिर दोस्तों आगे बढ़ते हैं और अगला जो हमारा है उसके बारे में हम बाते रहें
34:06कि नोट करें जल से जल फिर हमागे अच्छे रुप से देखेंगे दोस्तों कि यहां पर हमने 1930 तक का काल देख लिया है अगला कुंसा है दोस्तों आजे देखते हैं यहां पर लिखा है जो था
34:22जो था 1930 के दसक के अन से उनी सोरी 1930 नहीं 1950 के दसक के अन से 1960 के दसक के अन तक अब इसके बारे में बात करेंगे
34:36ठेक है नोट कर लिया है आएए देखते हैं अब हमें हेडिंग लेगा है 1950 के दसक के अन से 1950 के
34:56दसक के अन से 1960 दसक के अन तक अन तक
35:26ठीक इसके बारे में हमें देखना है तो इस काल में क्या हुआ तो इस काल के बारे में हमें बात करनी है तो सबसे बड़ी बात यहां पर हम करें तो इस काल में क्या हुआ तो इस काल में जितने में ही दोस्तों भुएल वेता हुए हैं उन्होंने क्या क्या क्या मानब भुल क
35:56कर तो नहीं कर दून और कि olduğ संक नहीं से कुर्याणी कर रहा है?
36:01वहां के लोग कौन से कारिया करते हैं, यानि कि दोस्तों
36:05इस मान अवडी में गॉल उमी ने दोस्तों मानव कोल आध्याओं में
36:09सबसे पहली बात हम लिखेंगे दोस्तों इस काल अवदी के जितने भी भुगोल वेता हुए हैं उन सभी ने दोस्तों मानव भुगोल के अध्यन में
36:39मानवी किरियाओं किरियाखलाप और मानचितर के विसलेशन है तो बहुतिक नेमों का अनुपरियोग किया और कंप्यूटर तथा प्रिश्क्रित संख्य की विद्यों का परियोग भी किया
36:50अब सबसे बड़ी बात है कि इस सभी में मानव भुगोल के अधिन का उदिश्य क्या था तो दोस्तों उदिश्य मानवी किरियाओं के मानचितर योग्य प्रतिरूपों की पहचान कर रहा है मानवी किरियाओं के
37:02मानचितर योग्य प्रतिरूपों की पहचान कर अब आपको पड़ूगी सर फिर इसका पवागं कर बता है तो स्थानिक संघन से मतलब समझते हैं इसका पवागं क्या वा स्थानिक संघन्थन यानि कि उस समय के जो भुगोल वेता थी उन्हों´ने दोस्तों क्या kia उस समय क
37:32यानि कि मानचित्र का विसलेशन करने के लिए बहुतिक नेमो को काम में ले लिया
37:37और दोस्तो दोस्तो एक जीज ध्याना किये और वह किस चीजी में काम लिया है
37:41दोस्तो उस काल दिन जाने की 1950 के दसा के आंसे 1970 के दसा के आंट तके जो भी भूल वेता हुए है
37:48इन्होंने मानव यह क्रियाकलाप हो और दोस्तों मानव के विचलेशन के लिए भूतिक नेमों की प्रियोग लिए।
38:06अगलाप और मान्चित्र को समझने के लिए भूतिक नियमों के साथ कम्प्यूटर और प्रिश्क्रित्र जो सांख्य की विदियां होती है उन सभी का उपयोग में लिया है
38:15अब दोस्तों उस काल के गुलवेताओं ये बात कही है कि उस समय के जो मान्व के कारे होते थे और दोस्तों मान्चित्र को समझने के लिए भूतिक नियम यानि कि हमारे जो दोस्तों भूतिक यानि स्थला करती होगा जितने की नियम होते हैं भूतिक नियमों तमाम भूतिक न
38:45मानचितर योगय परतिरूप की पहचान करना
38:47यह उदिशय था
38:48मानविय क्रियाओं के मानचितर योगय परतिरूप की पहचान करना
38:53तो अब हम कहेंगे इसका उपागम क्या रहा
38:55इसका लफदी का तो हम कहेंगे स्थानिय संग्ठन
38:57यानि कि जिस भी स्थार पर जाते थे
39:00वहां का जो स्थानिय लोग होते थे
39:01वहां के स्थानिय लोगों का जो संग्ठन था
39:03वो क्या कारिय करते थे
39:05वहां के
39:07जो बेरिया था
39:09उसका मांचितर बनाया गया
39:10और उस मांचितर को और वहां के लोगों की कारियों को
39:13समझने के लिए भोतिक की नियमों का सारा लिया गया
39:17कंप्यूटर का सारा लिया गया संक्य के विद्याओं का सारा लिया गया
39:21तो ये दोस्तों हमारे सारे चीज़ें किस पर निर्बर रहे हैं
39:24वहां के स्थानिय लोगों के संग्थन पर हम इस काल में सारी बात है किस पर हुई है जहां वहां पर रहने वाले लोगों के स्थानिय
39:30संक्तन पर बात हम कर रहे हैं
39:32तो इस काल अवधी का उपागम भी क्या रहा है
39:34इस काल अवधी का स्थानिक संक्तन उपागम रहा है
39:37आई ये बात करते हैं सबसे पहले हम किसके बारे में
39:39तो सबसे पहले हम यहाँ पर देखने वाले हैं
39:42एक नमबर पॉइंट दोस्तों कि इसकाल अब्धी में Branch & आदूर इस काल अभिन वहता हुआ ।
39:59अब्गोल व्तार रिपовать है thứ 8 कि में अए उडाल धैन फिंग के अधियन में
40:10मानो भुखोल के अध्यन में मानुखोल के अध्यमी मानवीय क्रिया कलापूं
40:24मानवीय क्रिया कलापूं
40:31और मानचित्र विश्लेशन के लिए और मानचित्र विश्लेशन के लिए भौतिकी
40:56भौतिकी नेमों का अनुपुरुक्या भौतिकी नेमों भौतिकी नेमों
41:06कंप्योटर और प्रिश्क्रित्र संच्य की विद्यों का
41:22अनुपुरुक्या यानि इन सभी का साहिता लेगी नहीं सभी से
41:36अनुपुरुक्या अनुपुरुक्या यह लिए तो इसमें सिर्फ हमें उपागम उपागम लिखना है उपागम लिख लेते हैं तो हम कहेंगे इस काल अवधी इस काल अवधी में
41:54मनोभोल का उपागम सथानिक संख्छन था है क्या था दोस्तू स्थानिक संख्छन
42:02मानो भगोल का पागम स्थानिक संग्ठन था
42:11क्या था दोस्तों स्थानिक संग्ठन था
42:17यह लिजे दोस्तों यह भी नोट करें फिर हमां आगे बढ़ने वाले हैं
42:23नोट कर लिजे गईसे
42:24नोट कर लिए होगा मेरे इसाब से आप सभी में दोस्तों
42:42तो आज अभी तक हमने क्या-क्या पढ़ा है
42:45वो सारा का सारा एक बार देख लेते हैं
42:47क्या-क्या पढ़ा है एक बार यह सारा नोट कर लेते हैं
42:51देखते हैं आईए
42:53तो अभी तक दोस्तों अगर हम बात करें तो आप देखेंगे सबसे पहले हमने पहली बात आज पांसवी कक्षा थी और आज हमने दोस्तों सबसे पहले देखा है कि मानव भुगोल की मानव भुगोल का जो अध्यन का विकास हुआ हूँ कितने चरणों में हुआ है उसकी हम य
43:23से 1960 की दसक तक अंक तक काल 1970 का दसक और 1990 का दसक इसके बाद हम बात करें तो अगला अब देखिया हम यहां पर अर्मिक उपनिवेश काल यानि पहले चरण के उपर बात करने आ रहे हैं यह मानव भूल की विकास की प्रारंबिक अबस्ता थी इस काल में मानव की विस्तारवा�
43:53प्रोटसान मिला था यानि जब मानव ने दोस्तों अपने विस्तारवादी समराज्यवादी और व्यापारी के नीतियों में रूची दिखाई तो वो अपने आवाज शित्रों से बाहर निकला और समुद्री खोजें की जब समुद्री खोजें होई तो बहुत सारी नमीर �
44:23कि मानव गोल यहान की कि अर्मिक उपनेवेश काल की जितने बी घुगौल वेतलों उन्होंनें मानव गोल का जो अधियन का मुख्या अधिहाध है वो क्या बताया फिर इस काल में अन्वेक्षण और वीवरण को बताया है तो हम यही बात यहां पर लेख सकते हैं कि कि इस �
44:53गोलवेताउन ने समस्त बहुलिक परदेश को पर्थिवे का इस्सामाना जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जब सोचो मानोग पहली बार निकला होगा जैसे मां आपको उधारन के तो पर समझाओं तो आपने देखा भारत में वासको डिगामा आया वासको डिगामा तो कालिकट
45:23तर्ट पर उत्रा वाहां पर है उसे मैदान मिले होंगी यहां हो सकता है तर उसने पहाड़ी देख लियो हो सकता है अफरिका में किसी देश कर तक वह वाहां पर मुरुस्तल देख लिया हो तो तब तक मानब यह मानब ये मानदा था कि सभी के अंदर अलग लग सप्ला कर्�
45:53सरवात में तब तक तो मदरास तक सिमिते लेकिन बाद में उत्तर भारत के उर्वड़े तो उन्हें पता चलिया कि भारत के अंदर मुरुस्तल भी है भारत के अंदर परवत भी है भारत में पठार भी है भारत में मैदान में इसी परकार भारत में नहीं अन्य देशों में भी
46:23आजकाने वीदिन ईंद वुक्त करें एक मुंनाती है
46:26शालीग सेहला कि परित्वि का रियंग और दोरॉ dif Kita जाने कि पर आदियन
46:34कि मान७ा गोल्वेता धान के सभी निहीं पर दिद्यान कि यहांने की जिस प्रदेश मानली जिस यहीं
46:37अधिनकिया आर्तिक पक्स पर अधिनकिया समाजीक संस्कृत यानि कि जो भी उस समय के मानू या भूल वे ताग घूमने गए जहां पर भी वो गए वहां पर सभी विभीन परदेशों के सभी यानि कि जिस परदेश मान लीजे किसी भी मैदानी शेतर में जो लोग रहते हैं
47:07सब्सक्राइब कर दोस्तों मानम भूल का उपागम किया रहा है प्रादेशिक विचलेशन रहा है
47:35फिर आता है अंतर यूद अवदी से 1930 का का पहला पहला पॉंटे की इस काल अवदी में मानम भूल में किसी प्रदेश की विलक्षन पहचान पर गल्दी आगया यानि कि दोस्तों जब अंतर यूद अब यूद किसलिए होते थे मैंने का था कि यूद होती किसी शेत्र को ल
48:05बीच में यूद क्यों हुए शेत्र यां प्रोपर्टी को लेकर हुए क्यों हुए तो आप जानते हैं दोस्तों कि उस समय तक मानम को यह पता चल चुका था कि जो उत्तरभाद के विशाल मैदान का शेत्र है यह बहुत जादा क्रिशी की दृष्टी समय पॉन है उस समय त
48:35दे दिया और बाद में देखिए इस काल अवदी में इसकाल अवदी में एक परदेश दूसरे परदेश से कैसे बिन है एक परदेश से इसकाल के अंदर दो तो इसकाल अवदी में एक परदेश दूसरे परदेश से बिन क्यों है और वो कैसे बिन है इस चीज़ पर भी बल �
49:05ू झाल साथ के दसक के आंतह Thakka काल रहा है
49:08इस काल में जितने भी भूघोलविता रही है वो मानव-भूघोल पिजीं में मानव क् frame पर्रिय विच ले
49:16लुए कि मानव के जो क्रिया क्राफ थे और दोस्तो मानचीत्रों को
49:21कि लिए भौतिकी नेमों को कंप्यूटर का और संख्य की विद्यों का सहारा लिया। carro दोस्तों क्यों लिया था नों की क्रिया क्यूंकि वह मानवी क्रिया कलापवे उस्तिर के मान चित्रों को समझना चाहते थे
49:45इसलिए हम कहेंगे कि इस काल अब्दी का जो उपागम है इस काल अब्दी में मानव गुल का जो उपागम है वो स्थानिक संटर रहा है तो यह सारी बाते हमने यहां पर की है
49:54तो दोस्तो आज हमने यहां पर बात की है अभी तक हमारे आप देख सकते हैं इसके बाद 1970 का दशक रहता है इसके बाद हम एक चरण और रहता है कौन सा हमारा 1990 के दशक का तो दो चरण अभी हमारे बाकी हैं उनका हम अगले नेक्स पार्ट में चर्चा करेंगे तो आज इतना