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00:00तापकि जो बतनी है वो महाराष्टा से आती है और महाराष्टा में
00:04माजे मुलगान जी महात्रभाषा महाराथी आया और माजी वाई कुछी महात्रभाषा महाराथी आया
00:09तो ये जो रस्ताकशी में आप घर में कैसे जमाल रहे हैं ये रस्ताकशी
00:15देखिए मेरा अपना ये मानना है कि भाषा जो होती है वो समवाद का विशय होती है
00:19भाषा कभी भी विवाद का विशय नहीं होती है
00:22तो इसलिए भाषा जो है भाषा को तो हम और आप सब भारत वर्ष जो है वो इतना परिपक्ष और इतना अधभुत देश है कि जहां पर इसने सारी चीजों को सुईकार समवाद में विश्वास रखता है भारत भारत कभी भी विवाद में विश्वास नहीं रखता

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