मेहनत का दूध और सपनों की बाल्टी | Hindi Story | Motivational
"सपने सब देखते हैं... पर क्या सभी उन्हें सच्चाई में बदलते हैं?"
"गोमती" सिर्फ़ एक महिला नहीं, हर उस इंसान की पहचान है जो सादगी में जीता है, पर अंदर से बड़े सपने देखता है। ये कहानी एक छोटे गांव की उस महिला की है जो मेहनत से दूध निकालकर शहर तक पैदल जाती थी। लेकिन एक दिन रास्ते में वो अपने सपनों में इतनी खो जाती है कि उसके हाथ से दूध की बाल्टियाँ गिर जाती हैं। उसके साथ उसके ख्वाब भी बिखर जाते हैं।
पर कहानी यहीं खत्म नहीं होती... गोमती बैठती है, सोचती है, और अगली सुबह फिर से खड़ी हो जाती है। क्योंकि उसे समझ आ गया — सिर्फ़ सोचने से कुछ नहीं बदलता, आज मेहनत करोगे, तभी कल बेहतर होगा।
अगर आप भी सपने देखते हैं, तो ये कहानी आपको सिखाएगी — गिरना ग़लती नहीं, रुक जाना ग़लती है। 🎥 इस प्रेरक वीडियो को ज़रूर देखें और अपने दोस्तों से शेयर करें। 👉 इस वीडियो को देखिए, सोचिए… और फिर मेहनत की राह पर चलिए। "आज को थामोगे, तभी कल रोशन होगा।"
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00:00एक छूटा सा गाउं था और उस गाउं में रहती थी एक सादगी भरी औरत गोमती ना कोई शौक ना कोई शिकायत बस दो गाए और उन गायों से निकलता मेहनत का दूद
00:20हर सुभा वो दूद निकालती फिर दो बालतियां कंधे पर डाल कर चल देती शहर की तरफ पैदर
00:29उस दूद में सिर्फ दूद नहीं उसके सपनी भी होते थे और उस दिन गोमती सोचने लगी अगर आज दूद अच्छे दामों में दिख गया तो मैं एक मोटी सी मुर्गे हरी दूँगी जो रोज अंडे देगी और मैं उन्हें बाजार में बेचूंगी फिर वो और भी �
00:59मैं स्ट्रोबेरी लेकर आऊंगी फिर एक नई पोशा जिसमें मैं शहर की लड़की लगूंगी लोग कहेंगे गोमती कितनी बदल गई है और फिर मैं बनवाऊंगी एक नया घर जिसमें बाख होगा फूल होगे जूला होगा
01:21खौब इतने हसीन थे कि गोमती हकीकत भूल गई बालतियां जूल रही थी दूद छलक रहा था और अचानक दोनों बालतियां जमीन फर गिर गई और उनके साथ गोमती के सारे सपने भी
01:42वो वहीं बैठ गई सिर्फ पकड़ लिया और फिर सोचने लगी मैंने तो सिर्फ सोचा था मगर मेहनत करना भूल गई थी
01:53उस दिन गोमती ने सीखा सिर्फ ख्वाब देखने से जीनगी नहीं बदलती अगर मुकाम चाहिए तो आज को थामो मेहनत करो तब जाकर कल समवरता है
02:08गोमती अगली सुभा फिर से बालती लेकर उठती है मुस्कुराती है वो फिर से चलने को तैयार है
02:25गिरना गलती नहीं वहीं रुप जाना गलती है गोमती गिरी तूटी मगर फिर उठी क्यूंकि उसे अब अपनी खाबों का रास्ता पता था
02:38और वो रास्ता सपनों से नहीं मेहनत से बनता है
02:46आज को संभालो तब ही कल रोशन होगा दूध बह गया था लेकिन हिम्मत फिर से उठी थी
02:54अगर ये कहानी आपके दिल को छू गई हो लाइक करें शेय करें और चानल को सब्सक्राइब करना न भूले