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कांवड़ यात्रा में हंगामा, तोड़फोड़ और आगजनी जिम्मेदार कौन? देखें ख़बरदार

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00:00नमस्कार, मैं श्वेता सिंह, आपका स्वागत करती हूँ, वक्त है हर खबर से आपको खबरदार करने का, जहां आज आपको हम आपके हक और हित की बड़ी खबरों से खबरदार करेंगे, सावन शुरू हो गया है।
00:30बनाने वालों से खबरदार करेंगे, साथ ही आपको बताएंगे कि धर्मांतरण का अब तक का सबसे बड़ा रैकेट चलाने वाले जमालुदीन उर्फ छांगुर बाबा के उत्तर प्रदेश पुलिस में कितने एजेंट काम करते रहे। और आज आपको वो खबर भी दिखा�
01:00है कि एक घंटे में 13 किलो काजू, किश्मिश, बादाम अफसरों ने खा लिया लेकिन सबसे पहले वो खबर जिसकी चर्चा उत्तर भारत में इस वक्त सबसे ज्यादा हो रही है। खबर कावड यात्रा पर बढ़ते हंगामे की। कहा जाता है कि हाला हल यानि सागर मंथन से
01:30यात्रा की शुरुआत हुई। ये पूरी आस्था की यात्रा सयम और तप से जुड़ी है। लेकिन अब हर बार इसी यात्रा के दौरान सडकों पर हंगामा, तोडफोड, आगजनी, मारपीट भी नजर आती है। कुछ लोग श्रद्धालों को उपद्रवी के तौर पर द
02:00जो अब भी सुरक्षित कावड यात्रा का इंतजाम नहीं कर पाती।
02:30जगा है हरित्द्वार का बहादराबाद। कार तोड़ने वाले कुछ कावड ये है। टी-शर्ट पर लिखा है गोर आश्ट्रमाता 71 लीटर जल।
03:00का नाम लेकर चलते कावड यू की स्टोली ने कार का कचूमर निकालना शुरू कर दिया।
03:06फिर हरित्द्वार पुलिस आई तीन लोगों को गिरफतार कर लिया।
03:14अब इस पर दो पक्ष हैं।
03:20कुछ को लगता है कि भक्ती की कावड यात्रा में इतना फुर्दंग क्यों।
03:24दूसरा पक्ष सोचता है इतनी कठिन यात्रा किसी कार की टककर से अधूरी रह जाये।
03:29तो फिर गुस्य में आया कावड या क्या करे। आप किस पक्ष की तरफ हैं।
03:33यह सोचते हुए दूसरा वीडियो देखे।
03:39डंडे से स्कॉर्पियो कार पर हमला होता है।
03:43फिर पात से छे लोग इसी स्कॉर्पियो को किसी प्रतियोगिता का हिस्सा बनने की तरह पलट देने की कोशिश में जुट जाते हैं।
03:52महादेव का नारा लगाते हैं। पलट नहीं पाए तो फिर डंडा लगाकर शीशा पोड़ना शुरू कर दिया।
03:58फिर स्कॉर्पियो के बोनट पर खड़े होका विंड स्क्रीन यानि आगे के शीशे को चकना चूर करने का काम शुरू होता है।
04:08इतना गुस्सा क्यों।
04:10लगाते हैं।
04:34यह सब हरिद्वार रूर की हाइवे पर हुआ आरोफ वही है जो सावन के महीने में पिछले कई वर्ष के दौरान इस तरह की घटनाओं की वज़ा बनते हैं
04:56हरिद्वार से कावण में गंगा जल लेकर चलते कुछ कावणियों से स्कॉर्पियों की टकर हुई कावण खंडित होने पर स्कॉर्पियों को खंड खंड कर दिया गया
05:05नतीजा ये हुआ 19 से 24 साल के 5 युवा कावडियों को हरिद्वार पुलिस ने गिरफतार कर लिया
05:12यहां भी दो पक्ष वीडियो देखकर बनते हैं
05:15एक पक्ष जिसे लगता है कि कावडियों के रूप में कुछ लोग कानून के लिए खत्रा बन जाते हैं
05:20दूसरा पक्ष कहता है नंगे पैर सैक्रो लीटर गंगा जल कंधे पर लेकर चलने वाले कावडियों की सुरक्षा के साथ हिलवार क्यूं होता है
05:28आप किस पक्ष की तरफ हैं यह सोचते हुए अब तीसरा वीडियो देखिए
05:50जैसे कोई लाथी कंप्टीशन चल रहा है एक तरफ डंडा लेकर वार करते कुछ कावडियों दूसरी तरफ हेलमेट लेकर लडता एक बाइक सवार घटना उत्तर त्रदेश के मुझदफर नगर की है
06:20यहां भी हंगामा और मार पीटिस लिए क्योंकि दावा है बाइक सवार की टकर कावड ये से हुई जहां ति यह कावड लेकर चलने वाले हंगामे के दौरान पुलिस से भी नहीं डरते
06:47तो अब जिम्मेदार किसे कहेंगे कावड ये जो मार पीट कर रहें हैं कार या बाइक सवार जिन से टकर के बाद कावड खंडित हुई या फिर वो प्रशासन जो आज भी कावड यात्रा को सुरक्षित नहीं बना पाता
06:59इसलिए मार पीट और हंगामे के दौरांग शामिल रहे प्रशांत नाम के कावड ये को सुनिये
07:08सासन से बहुत दूर से बोलते हैं कि रोड बंद करवादो रोड बंद करवादो मगर परसादन हमारी बात नहीं सुनरी और अब भी आप देशकते हैं रोड पे कितना चाम है और सारे बोड़ों ने वेट उठा रखका उनको आने जाने में कितनी दिक्कात हो रही होगी आ�
07:38सवाल है कि जब उत्तर प्रदेश से उत्तरा खंट तक की सरकारों ने सावन में कावड यात्रा के लिए तमाम उपाय किये
08:06सियम योगी खुद हवाई सर्वेक्षड करके सकुषल सुरक्षित यात्रा सुनिष्चित करने के निर्देश दे चुके हैं तो यूपी में ऐसी घटनाए क्यू बढ़ती जा रही है जिनमें कावड ये भी परेशान हो रहे हैं आवाम भी
08:17केवल भासन देखर के चले जाना पोटुकित के हमारा हम कावड के लिखने के लिए आगे मार्ग पे ये केवल करने से नहीं होगा अधिकारियों को फिल्ड में उतरना पड़ेगा केवल वी सी में बैट को में मिटिंग करना नहीं कोई अधिकारी सड़क पर दिखरा को क्या
08:47सड़क बनाई जाएं उस सड़क के ऊपर कोई और नहीं चले सिवाय कावड़ वालों के कानून ब्यवस्ता से कोई अगर चेड़ चाड़ करेगा तो वो कानून अपना काम करेगा
08:57उत्तरा खंड में तो पुलिस हंगामा करने वालों पर कारवाई कर भी रही है लेकिन उत्तर प्रदेश में ज्यादा तर जगहा पर मामला आपस में समझावता करा के पुलिस छोड़ देने में जुटी है
09:07सरकार के दावों और वाद एक तरफ और सड़क पर परिशानी जेल रहे कामर ये और आम लोग दूसरी तरह
09:14दावे तो यूपी में भी किये गाए है कि उत्तर प्रदेश में मुख्य कावण मार्गो पर कुल 29,454 CCTV कैमरे 395 ड्रोन 1222 पुलिस सहता केंडर
09:24फिर भी अगर उत्तर प्रदेश से उत्तरा खंड तक सावन के पहले दिन इतना हंगामा देख चुका है
09:53तो आगे कि सुरक्षा की जिम्यदारी कौन लेगा या सिर्फ सियासत के नाम पर सुरक्षा के दावे हुए
09:58हकीकत में न कावणियों की चिंता है न सड़क पर चलते आम आदमी की
10:03अगर सिर्फ यूपी की बात की जाए तो करीब साढ़े चार करोर से अधिक कावणिये सावन में किसी न किसी सड़क रूट से गुजरेंगे
10:14पूरे उत्तर प्रदेश में 840 ऐसे कावण यात्रा रूट हैं जहां पवित्र नदियों के 322 घाटों से पवित्र जल लेकर निकलेंगे
10:23जिन में 12,535 किलोमीटर की यात्रा करते हुए अलग जिलों और क्षेत्रों में 4,556 शिवालयों तक जाएंगे
10:33ये कितनी व्यापक यात्रा है कि यूपी सरकार महीनों पहले से इसकी तैयारी में लग जाती है
10:3860,000 से अधिक पुलिस कर्मी और अन्य बलों के जवान यात्रा की सुरक्षा में तैनात रहते हैं
10:44एक महीने की यात्रा में सिर्फ यात्रा रूट और मंदिरों तीर्थों पर करीब 1,000 करोड रूपय का कारोबार होता है
10:51अगर टक्राव हो और उसको विवाद हो तो पुलिस प्रशासन इसी लिए कि सुनिश्चित करे कोई कि टक्राव ना हो बीग बचाव करे
10:58और लोगों को तितर बितर करे पहली चीज़ तो यह है कि जहां कावड का प्रमुख यात्रा मार्ग है
11:04वहाँ पर वाहन के आने जाने का कोई सिल्चला होना नहीं चाहिए
11:08अगर रहता है तो कम से कम इतनी वांचित दूरी बना के रखें कि कावड़ियों के साथ आमना सामना नहों
11:13लेकिन दिखाई यह पड़ता है कि इन मार्गों पर तो कुछ नहीं होता है
11:17लेकिन जो मुख हाईवे है और जो पर मुख वार्ग है वहाँ पर जब कावड़िये जाते हैं
11:22और अगर तक्कर हो गए और दुर्भागे से अगर किसी की गंभीर दुर्गटना हो गए
11:27तो उसको लेकर के तोड़पुर और आगजनी होती है
11:29सबसे पहले में कहूंगा इसके तीन कारण है
11:32एक समूह, एक ठकावट और एक इस तरीके का क्योंकि जो
11:36मेंटल पिटीग होता है उसको लेकर के आकरोष सादा रहता है
11:40आप स्वहम समझें कि कई हफतों से कोई अगर इतना बड़ा बोज कंदे पे लेके चल रहा
11:46तो जा रहा है या आ रहा है तो ठकावट और मानसिक तनाव और अवसाद यह सपश्ट होता है वजहें तो कई एक हो सकती है लेकिन प्रमुक्ष वजह वही है जो आपने बता है कि कावड खंडित हो गई यात्रा बदित हो गई किसी को अवांचित अवांचनी यह कोई चो�
12:16दिगरस्त होते हैं वहां हर जगह च्छत दिगरस्त होते हैं प्रमुक्ष मार्गों पे भी होते हैं हाई वेस पे भी होते हैं लेकिन कावड यात्रा में कुछ इसकी बहुत आयत होती है क्योंकि वहां पर एक परिश्टितियां बहुत भिन होती है और वहां पर शायद अप
12:46कनवे की जरूरत है कावड़ियों के साथ किसी प्रकार का सवबाद होना जरूरी है और किसी भी हाल में देखें कि वेह्टूलर ट्रैफिक कावड़ियों के बीच में न जाने पाए अगर जाती है तो आप मुसीबत को दावत दे रहे हैं अगर पहुंचे तो इमान के चलिए क
13:16वर्ट डाइगरस कर सकते हैं जिससे कि किसी तरह की कोई टकराव किस्थित उत्वन न हो जहां बहुतायत होती है टकराव होता है तो उपद्रव होता है और फिर उसमें बात आती है और ये पहले परंपरा रही है कि पुलिस कर्णियों को महिनाओं को पुर्शों को कावड�
13:46को देती रहती है तो आपका response time कम से कम तीन मिनट के अंदर का होना चाहिए मैं जो कह रहा हूं एक बहुती दुश्कर कारे हैं लेकिन अगर तीन मिनट का आपका response time है कि कहीं पर फी कोई उपरद्रव होता है आप तीन मिनट में पहुंच जाते हैं आपकी resource पहुंच जाती ह
14:16बलकि किश्मिश और बादाम के साथ मध्य प्रदेश के एक गाव में कुछ अफसरों ने ऐसे गपा गप खाया कि खबरदार करना पड़ रहा है।
14:25खबर ये है शेहडोल जिले में जल सनरक्षन के नाम पर अफसरों ने एक घंटे के भीतर 13 किलो मेवा खाने का अभियान चला दिया।
14:34जहां जनता को पानी कैसे बचाना है सिखाना था, वहां दावा है कि एक घंटे में 19,000 रुपए का किवल काजू, किश्मिश और बादाम अफसर खा गए।
15:04खुद को काजू, किश्मिश बादाम खाने में जागरुक रखा और इन सब दावों की वज़ा इस बिल में लिखी हुई है।
15:34शक्कर 5,500 रुपए की, दूद 6 किलो आया 360 का, कुल 19,010 रुपए के चाय पानी वाले नाश्ते के इस बिल में सब की नजर उस 13 किलो काजू, किश्मिश बादाम पटी की है।
15:46जो दावाह की अफसरों को गाओं में जल संरक्षन अभियान के जागरुकता कारेक्टरम में खिलाया गया।
15:52और ये बिलासा दावा करता है, जिसमें सचिव की मोहर के साथ साइन भी है।
16:22ये वीडियो उस दोरान का बताया जाता है, लेकिन क्या पानी बचाने की जागरुकता गाओं में फैलाने वाले इसी कारेक्टरम में सरकारी बिल की माने तो काजू, किश्मिश और बादाम की बाहर ला दी गए।
16:34इतना काजू, बादाम, अधिकारी और चंद लोग चाप गए कि 13,000 का केवल ड्राइफ्रूट खाया गया।
16:40पांच किलो काजू, पांच किलो बादाम और तीन किलो किश्मिश।
16:45कुल मिलाके 13 किलो यही ड्राइफ्रूट शेहडोल में हुए सरकारी कारेक्रम में आरोप है कि अफसरों को परोसा गया।
16:54इसका बिल अब जब सामने आया तो इसमें नया विवात खड़ा हो गया है।
16:58शेहडोल में ये सरकारी कारेक्रम था तो वैसे जल सग्रक्षन अवियान के तहट जल स्त्रोतों को ज़ादा बहतर बनाने का।
17:07लेकिन अब इस ड्राइफरूट का बिल सामने आने के बाद सरकारी कारेक्रम में जल बचानी की योजना से कहीं जादा अफसरों के खाने की थाली में सूखे मेवों की नमी की चर्चा जादा हो रही है।
17:20सवाल उट रहा है कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री हैं जो आम आदमी की तरह मार्केट में आकर आम खरीदते हैं।
17:40आपने हमको अभीत संग्यान में बताया है कि दिल काजू किसमिस का उर्होंने लगाया है।
17:48तो नेशी गुरूप से वहां पे तिचल गंगा संबरधन अभियान के तहट कार्यकरम तवायोजीत हुआ था हम लोग भी उसमें सामिल हुए थे।
17:55और ग्रामेर जनभी थे उनको खाने के लिए दवस्था भी की गई थी।
18:00जिला पंचैस CEO के प्रभारी कहते हैं कि खाना पीनत हुआ था लेकिन काजू किश्मिश बादाम खाना तो छोड़िये चखने को नहीं मिला।
18:29लेकिन वहीं मौझूद स्थानी नागरे ये दावा करते हैं कि काजू बादाम आया तो था।
18:34नी कारकंथ उपा सथा है।
18:36जल समभद हैंutan काहिव कर हो रहा है।
18:38का कल रहा है? जल संभद है क्लाक्टल समभद गया है जल समभद लाता नास्ता पान किए का की थी।
18:40मैं अइन हुआ है अज फानी सर आप सीर रहा है वहाँ प्रॉड़ा बना रहा है कि उड़ी जुका बना रहा है गाजु बदाम कई मिला राकाइ काजु बदाम है
19:04अगर एक घंटे के प्रोग्राम में ड्राइफ रूट की नदी अफसरों के लिए बहाई गई तो भी सवाल है और अगर नहीं केवल फर्जी बिल मेवे के नाम पर बना कर पैसा लिया गया तो भी सवाल है जहां कॉंग्रेस को सरकार को घिरने का मौका मिला
19:22पहले चार लिटर पेंट ने एक लाग छी हजार आठ हजार रुपे लगे थे और एक सो मरिख्याली सेकड़ों की तादाद में एक सो चाली से पचास दोगों ने उस पेंट को किया था 233 लोगों अभी नई बात आई कि चाउदा लोग गये काई के लिए बोरी बंदन कारिक्
19:52तो ये तो सवाल है और मैं समझता हूँ कि इतना भहिंकर खाने के बाद पचा गये ये भी एक सवाल है तो जो हम बार-बार आवाज लगाते हैं
20:01असल में शेहडोल वही जिला है जहां पहले स्कूल में चार लीटर पेंट की पुताई में 169 मजदूर और 65 मिस्त्री लगाकर एक लाग से ज्यादा का भुकतान दिया गया इसकी अभी जाग चली रही थी तब तक शेहडोल में ही पानी बचाने के नाम पर जाग रुकता का
20:31अफसर केवल मेवा ही नहीं खा रहे हैं बलकि सेवा के नाम पर जनता को ऐसे रास्ते दे रहे हैं जहां खुद ही निरीक्षन करते वक्त इंजीनियर की आँखों के सामने पूरा ट्रक पलट जाता है आज ही महाराश्ट्र से आई इस खबर को देखिए और सोचिए क्या हाल
21:01समझ नहीं पाया कि हो क्या रहा है किसी लिए एक बार रिवाइन करके देखिए एक कच्चे से दिखते रास्ते पर ट्रक आ रहा है जहां कुछ लोग खड़े होकर ट्रक को देख रहे हैं पीछे से वीडियो बनाया जा रहा है अचानक ट्रक एक तरफ जुकना शुरू होता
21:31पर महराष्ट्र के बीट जिले की जहां छात्रों ने एक सड़क बनाने की मांगी उसी नए रास्ते का निरिक्षण करने इंजीनियर पहुंचे लेकिन नए रास्ते पर निरिक्षण के दोरानी ट्रक पलट जाता है अब सवाल उन इंजीनियर पर उठ रहा है जिनके निरि
22:01गुजरात के पुलों की तो अलग ही कहानी चल रही है जहां अब एहमदाबाद में तीन साल से बंद पड़े पुल को चार करोड रुपए में तोड़ा जा रहा है
22:12ये वो पुल है जो 2017 में दावा है कि 42 करोड की लागत से बना लेकिन 4 साल में पुल की हालत ने बता दिया कि उसमें इमानदारी की सीमेंट कम और भ्रष्टाचार की बालू ज्यादा है
22:26नतीजा तीन साल से बंद पड़ा पुल जो 42 करोड में बना अब 4 करोड में तोड़ा जाएगा
22:33बस गनीमत है कि ये 4 करोड रुपया जनता से नहीं बलकि पुल बनाने वाली कमपनी से लिया जाएगा
22:40अहमदाबाद के जरजर हाटकेशवर ब्रिज पर फिलाल मेरी मौझूदगी है ये वही ब्रिज है जो कि पिछले 3 साल से अहमदाबाद नगर निगम के लिए सिरदर्द बन चुका है
22:48इस ब्रिज को तोड़ने के लिए 3 से 4 बार टेंडर की प्रक्रिया की गई लेकिन तोड़ने के लिए किसी भी कमपनी ने अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया
22:57आखिरकार अब गणेश इंफ्रा नाम की कमपनी ने 3.90 करोड के खर्च से इस हाटकेश्वर जो की जरजर ब्रिज है इसे तोड़ने के लिए पर्मिशन ले लिए और स्टेंडिंग कमीटी की तरफ से ये मंजूरी दे दी गई है
23:12अब ये हाटकेश्वर ब्रिज जो की साल 2015 के अंदर बनाने की शुरुवात अजय इंफ्रा कमपनी की तरफ से 42 करोड के खर्च से की गई थी ये ब्रिज जो 2017 के अंदर सभी प्रकार की वहानों की आवाजाही के लिए शुरू कर दिया गया था अब उसे आखिरकार तोड़
23:42गई थी साल 2022 में और 2022 में जो स्टैबिलिटी रिपोर्ट इसकी सामने आई उसमें कहा गया कि ये ब्रिज जरजर है साल 2021 के बाद से लगातार 2-3 बार इस ब्रिज को रिपैर किया गया था जो की 2015 में इस ब्रिज को बनाने की शुरुवात हुई और 2017 में ये ब्रिज जब श�
24:12और 2022 से लगातार ये ब्रिज सभी प्रकार की वहानों की आवाजाही के लिए बन कर दिया गया।
24:42आएगा वो पूरानी जो कमदी है उसके पास से लिया जाएगा।
25:12आज तक की टीम पहुचिए इस बक्त सूरत के कामरेज इलाके में और नेशनल हाइवे नंबर 48 की तस्वीरिया आपको दिखा रहें।
25:31यह आप हाइवे की हालत देखेंगे तो यह तापी नदी पर ब्रीज बना हुआ है और इसी ब्रीज की हालत आप देखेंगे कि यहां से वहान निकलते हैं।
25:40क्योंकि यह दिखिया तूटा हुआ है अगर इंसिदेंस कोई होता है तो आप सीधे नदी में जाकर गिरेंगे यह जो लोहे का यह पाइप लगाया हुआ है यह इतने इलाके में यह भी कटा हुआ नजर आ रहा है और यह जो प्लेट है यह प्लेट की जरीए मापो दिखा�
26:10जब भी वहां यहां से निकलते है तो यह जंप करता आप देखेंगे लोरे की जो प्लेट लगी है एप लेट जंप करती है उसके साथ में वहां भी आप जम करते है तो जब आप हाइवे पर सफर कर रहे हो और अचानक से वीकल आपको आपको डर का एधी अभी होगा तो आ
26:40प्लेट की अच्छा प्लेट हो जाती है बेंड बेंड होने पर लोड गाड़ी वहां से निकलेगी बाइक वाला यहां से गेल की तरह उसलता है के बाद तो हमको यहां से खूप डर लग रहा है कि हमारा भी यह हाल ने हो जाए या हमारा को रिष्टेदार कभी यहां ऐसा हाल �
27:10कारणों से अच्छिंग तरह कारन से जो जो यह त्रैकल करें असे जो च्रैफिक है हम लोग वैसे भी डावर घॉल करने वाले हैं हम लोग रीज के फिर जा लिया है और अए अमर्जनसी में यह थोड़ा ब्रिज को बंद करके अहम नों अर्व बिच्छिकि अले आज जो त
27:40जो अबनों के करने वाले नेक आगा भी 20 से 25 दिनों में जो है इसको रहा है।
28:10चांगुर बाबा के मामले में जिस तरह से खुलासे हो रहे हैं उससे ये बात साफ हो गई है कि ये सिर्फ धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है।
28:19बलकि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और बेशुमार काली कमाई का एक गहरा जाल है जिसके राज धीरे धीरे खुल रहे हैं।
28:27चांगुर बाबा को 500 करोड रुपए की विदेशी फंडिंग मिलने का खुलासा हुआ है।
28:31उसे तुर्की और पाकिस्तान से भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए फंडिंग मिल रही थी।
28:52चांगुर बाबा को पकड़ने वाली उत्तरतदेश पुलिस में उसके कितनी एजेंट हैं।
29:01उत्तरदेश पुलिस में कितने अफसर हैं जो चांगुर बाबा के इशारे पर काम करते हैं।
29:06यूपी पुलिस में वो कौन से अफसर थे जिन्नों ने चांगुर बाबा के धर्मांतरन के गोरफ रंदे पर आख नाकान बंद कर रखा था।
29:20पूरा फुल चाहिता था कि धर्मांतित हो जाओ, हम आपको पैशा देंगे, आप मुचलिम हो जाईए।
29:25दर्मांतरन का सबसे बड़ा सिंडिकेट चलाने वाला, चांगुर बाबा भले ही आज कानून की गिरत में हो, लेकिन फिर भी दावा है, पुलिस उसके सताय लोगों की मदद नहीं कर रहे।
29:55फिर तीनों लोग मुझे घात लगा कर बैठे हुए थे, फिर मुझे पकड़ए और गाली दिये, दवडाय हमको जान बचा करके शिकाइट की जी हाँ, हम पहली बात तो उत्रवला कोतवाली के रेंज में आता है, आठ साथ तारीक वाल मामला, हम कोतवाल साहब को अपना द
30:25फिर भी उसके खिलाफ आवाज उठाने वाले दावा करते हैं कि उनकी सुनवाई नहीं हो रहे, कैस की वज़ा च्छांगुर बाबा की आकूत दौलत है, जिसके दम पर बरसों तक कानून के लंबे हाथ जमाल उद्दीन और च्छांगुर बाबा तक नहीं पहुचे?
30:55इस तरीका का जो है मतलब उसका जलबा था
31:25सौ से ज्यादा बैंक खाते खोले जिन में मुस्लिम देशों से पैसा आया, भारत को मुस्लिम राश्टर बनाने के मकसद से दावा होता है कि छांगुर बाबा पाकिस्तान, दुबई, साओधी अरब और तूर्किये से पैसों की बरसात हो, और इस विदेशी फंडिंग को �
31:55जो फॉरेंट फंडिंग हुई वो लगभग 40 अकाउंट्स में आई
32:00दावा है कि विदेशों से मिली सी, बेशुमाहर दौलत के दम पर छांगुर बाबा, बलरामपुर में बेताज बाच्शाह बनने लग जिसकी तूती बोलती है, उसकी जासत के बेना पत्ता भी नहीं हिलता था
32:13दावा है कि बलरामपुर में तैना, पुलिस अफसर, उसके गुलामों की तरह काम करते थे, जो उसके इशारे पर चलते थे
32:20चांगुर बाबा के खिलाब कारवाई के बाद, उसके सताय लोगों ने इस तरह के दावों की छड़ी लगा दी
32:41आज तक ने चांगुर बाबा के अत्याचार के पीड़ित लोगों से बात की, जिन्होंने चांगुर बाबा के धर्म बदलने की बात नवान कर फरजी मुकदमों का सामना किया
32:50अपने आदमीयों के द्वारा कि आपको जान से मरवा देंगे, आपको मुकदमा लिखा देंगे, ये करेंगे वो करेंगे
32:58फिर हम लोग वहाँ से अपलिकेशन पूलीस विभाग में दिया, पूलीस विभाग में कोई सुनवाई नहीं हुई
33:04अब हर जीत कश्यप से मिलिए जो च्छांगुर बाबा के हां मुन्शी का काम करता था
33:09इन्हें भी च्छांगुर ने धर्म बदलने के लिए पहले पैसे कलालस दिया
33:13और फिर दावाह की बात नमानने पर फर्जी मुकद में लाद दिये
33:16बात यहीं नहीं रुकी दावाह की च्छांगुर बाबा ने इसके बाद हरजीत कश्यप को बयान वापस लेने को भी कहा
33:47उसके सामने कोई चलती नहीं थी हम लोगों की किससे बताए आप बताए बताने जाते हैं थिरों करीխा गिया जाता था
33:52सबसे चौकाने वाली बात ये कि भले ही छांगुर बाबा पुलिस की गिरफ्त में हो उसका नेटवर्थ ध्वस्त होने के दावे हो रहे हो
34:21लेकिन दावा है कि उसकी तरफ से अभी प्रीडितों को धंकाया जाता है और उत्तरप्रदेश पुलिस आरोप है कि तमाश बीन बनी हुई
34:28दवा लेने के लिए मैं जा रहा था तासील से पहले मुझे तीन लोगों ने फिर रोग लिया वही रिया जो वही नहुआ वही कमालुद्दीन गालिया देने लेगे धंकिया देने लेगे उसके बाद जो है गिरवान पकड़ा मेरा एक थपडब भी मारा मुझे रिया यही
34:58पुलिस नहीं है, कोई सुनवाई नहीं है।
35:28छांगूर बाबा ने आखिर कैसे धर्मानतरन का इतना बड़ा रैकेट चलाया, इसे लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं।
35:58उसने खौफ का भी सहरा लिया, लोगों को डराया, धमकाया।
36:03उसका कहना है, कबर में जो मुर्दे दफन है, मैं उनसे बात करता हूँ, उनसे सलाम करता हूँ, उनसे गुपतगू करता हूँ।
36:10चांगुर बाबा की पोल खुल चुकी है, उसके पास कोई शक्ती नहीं थी, क्योंकि अगर होती, तो उसकी आलिशान कोठी जमिन्दोज ना होती, वो पकड़ा नहीं जाता, लेकिन फिर भी उसका खौफ बरकरा है।
36:26लेकिन अब वो कानून के घेरे में हैं, पर सबसे बड़ा सवाल है कि चांगुर बाबा ने पुलिस को अपने साथ कैसे मिलाया, किसने उसके रैकेट का खुला सकिया।
36:39उस सवाल का जवाब ये चेहरा है, जो आपको उन अफसरों का नाम बताएगा, जो इसके मताबिक छांगुर बाबा के इशारे पर काम करते थे।
37:09क्या अधिकारियों की भी नजर नहीं कि आपने अपनी शिकायत नहीं कराई है।
37:39बब्बु ने दो साल पहले प्रधान मंत्री कारालय को शिकायत भेज कर जमाल उद्दिन उर्फ छांगुर बाबा की पोल खुली और उसी के बाद दावा है, कानून का डंडा चलना शुरू हुआ।
37:48आपके उपर कितने रकम मतलब कितने पैसे का लेन देन पर विवात जगला शुरू हुआ था?
37:56अनुबंद के हिसाब से पहुने तीन करोड रुपए हमारा बन रहा था, लेकिन जो इन्होंने एक्स्ट्रा काम करवाया, वो करीब बारा करोड रुपए का बन गया, जिसमें इन्होंने हमको पांच करोड सतर लाख रुपए दिया भी ओन अकाउंट, उसके बाद इन से ज
38:26इसने इसको फाइनल रिपोर्ट लगा दिया, तो बब्बुर्फ पसुद्दीन की ही शिकायत के बाद छांगुर के आलिशान कोठी मिट्टी के धेर में तब्दील हो गई, उन अफसरों का नाम भी बाहर आ गया, जिनके दम पर छांगुर बाबा गयर कानूनी काम करता था
38:56जी थी जो एडिसिनल स्पी थी, नमरता स्रीवास्तो जी, समझ लीजिए कि ऐसा लगता था कि स्पी आउफिस का मालिक यह जो आडर करता था, जितने आडर हमारे खिलाब किया, सारे मुकद में लिखे गए, चाहे वो कोट से हो, चाहे वो ठाने से हो, और हमें जेल भी भे�
39:26कि कोठी बन गए थे, सोचिया ऐसे काउन उसके खिलाफ मुझ खोलने की उमीद करता है।
39:56चाहा रिपोर्ट लगा के वापस बेज दिया जाता था।
40:26कोठी में रहते थे, कोठी में क्या और वी विदेश से भी लड़के लड़कियां आती थी क्या, हाँ विदेश से आती से और पैसा भी आता था उसका, कैसे पैसा बैग में कैसे आता था।
40:36बैग में आता था उसका, हाँ बैग में रात में की गाडियों से कैसे रात में आता था।
40:43दिन में नहीं, रात में आता था पैसा उसका, दियाईजी के पास गए तभी नहीं सुनुआई हुआ, बहुत बहुत दूर गए इसे अलामपुर में सब के पास गए जब हाँ, हाँ कोठ में गए, कोठ में जैसे बहाँ चालू रहता था, कोठ में बस रुको तारिंग मिल �
41:13चांगुर बाबा ने आयुद्या जिले में धर्मांतरण पर सब से ज़्यादा पैसा खर्च किया, जहां हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया, उसका प्लान था इन धर्मास्थलों की डेमोग्राफी को बदला जाए
41:24इसके लिए वो हनी ट्रैप और दूसरे लालच के जरिये लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने की एक सुन्योजित स्क्रिप्ट के साथ चलता था, शांगुर बाबा ये सब इसलिए कर पा रहा था, क्योंकि उसे पता था, उसे रोकने वाला कोई नहीं है
41:38यही वज़ा है कि अब तक शांगुर बाबा अपना रैकेट चलाता रहा, और फिर प्रधान मंत्री कार्याले तक शिकायत पहुँचने के बाद शांगुर बाबा पर कारवाई शुरू हुई
41:48संतोश शर्मा बलरामपुर आज तक
41:52अब बात देश के फर्स्ट लाइन ओफ डिफेंस की
41:57मई महीने में ऑपरेशन सिंदूर के तहट पाकिस्तान में घुसकर हिंदुस्तान ने मारा
42:02जिसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पर रहने वाले रहाइशी इलाकों को निशाना बनाया
42:08यह कहानी कुपवाडा के एक गाव की है जहां घर तबाह होने पर सरकार की तरफ से एक लाख बीस हजार रुपे मुआवजा मिला
42:16लोगों का कहना है कि पचास हजार रुपे तो घर का मलबा उठपाने में ही चले गए
42:21में इसे में मोहावजे की बाकी रकम से पूरी तरह तबाह गर कैसे बनाए को
42:50जो गाउं तीन तरफ से पाकिस्तान से घेरा हो
43:10वहार रहने वाले हर नागरिक एक पौजी की तरह होते हैं
43:14पाकिस्तान की पडूस में रहना कितना मुश्किल है
43:17अंदाजा कुपवाडा जिले का यहां जिनार गाउं आपको करवाएगा
43:21जहांकि लोग वतन के लिए हर मुसीवत हस कर उठाते हैं
43:25लेकिन जब इस बलिदान का सेला ना मिले और इन्हें मिलने वाली सरकारी मदद को एक आंकले तक सीमित कर दिया जाए
43:37तब व्यवस्था को खबरदार करना जरूरी हो जाता है
43:41जिसके गर बनाए है रोड़ों रुप्यास में खरें जिसके तकार का अधेश आता है वह इनका रलीव दो जी पॉंच हजार शी हजार को रिलीव है
43:54रिलीव भी बढ़ना चुगी है
43:55अपरेशन सिंदूर के वक्त पाकिस्तान ने जिस गाउं को सबसे पहले निशाना बनाया
44:08पाकिस्तान का पहला बं मिसा खरोट के पेड़ पर गेरा आसपास के घर तबाह हो गये
44:12फिर भी पाकिस्तान भारत में सीमा के पास रहने वाले इन भारतियों का होसला नहीं तोड़ पाया
44:18लेकिन पाकिस्तान के तरफ से तोड़े गए सीज फैर के गोलों से जो नुकसान
44:23बॉर्डर पर रहने वाले भारतियों ने घर तूपने की वज़ा से उठाया
44:26उसके बदले मिले सरकारी मुआफजे ने इन्हें उदास कर दिया
44:30ये समझने के लिए इस घर पर नजर दोड़ाई है
44:32पाकिस्तानी तोप के गोलों ने इस गाउं के ऐसे ना जाने कितने घरों को मिट्टी में मिला दिया
44:37इसके बदले में सरकार की तरफ से इन्हें मुआफजा मिला लेकिन दावा है
44:42घर बनाने के लिए महद एक लाख बीस हजार रुपाए
44:45प्रशासिन की तरफ से और मदद की उमीद है कि जिस तरीके से पूरा घर वो हो गया है
45:01बरबाद हो गया है
45:07राज्जी सरकार की नीत के नुसार पाकिस्तानी गोला बारी से शतिग्रस्त संपत्ति के लिए एक लाख रुपाई की सीमा था
45:16और अचल संपत्ति के नुकसान का 50% मुआफजा दिया जाता है
45:20गोला बारी से सीधे प्रभावित होए घर के मालिक को निर्धारिक मानदंड के अनुसार एक लाख बीस जार रुपए का मुआफजा मिलता है
45:27जबकि मामुली नुकसान वाले घरों को 6500 रुपए क्रति घर दिये जाने का निया जिस घर को वनाने में जिन्दगी निकल जाती है
45:34सारी कमाई लग जाती है उसका टूटना किसी को भी परिशान करता है
45:39ये लोग तो अपने सब कुछ गवाबैत ये चुनावती तबावर बढ़ जाती है जब घर में कमाने वाल कोई नहरे साथ ने को दिया बरतन दिया
46:00आपरेशन सिंदूर की बाद जिस तरह से पाकिस्तान ने सीमा के पास प्रहरी की तरह रहने वाले भारती नागरिकों को निशाना बना है
46:07उसे देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से आर्थिक मदद बढ़ाने का एलान भी हुआ
46:11पाकिस्तानी बंबारी से तवा घरों को बनाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 25 करोन रुपय अत्रिक्त दिये गए
46:17पूरी तरह से तूट चुके घरों के लिए 2 लाख रुपय अलग से और आंशिक रूप से तूटे घर के लिए
46:22एक लाग रुपाय के अत्रिक्त आर्थिक मदद देने की होशना केंडर की तरफ से हुई
46:26यहाँ पे शेलिंग से बहुत नुक्सान हुआ
46:2963 गर जो थे उनको यहाँ पे नुक्सान हुआ
46:32यहाँ पे इंगिन आर्मी ने कुछ ने कुछ ने कुछ ने को मदद की
46:35यहाँ पे सिवल गोवेंट ने भी एक लाग रुपया एक लाग तीस जार रुपया इनको दिया
46:39टेक्नों से मकान नहीं बन पाता है तो यह आपके सामने है जो मकान की हालत है
46:43यहाँ पे टेक्टर खड़ा था उसी के ऊपर यह बाम शेल गिरा और इससे यह मकान पूरा खत्म हो गया इनका
46:48बात सिर्फ तबाह हुए आश्याने को फिर से बनाने में पूरी मदद मिलने की ही नहीं
46:53बलकि पाकिस्तान की तरफ से सीज फायर तोड़े जाने पर नागरिकों की सुरक्षाकी भी है
46:57क्योंकि बॉर्डर के पास 2,000 लोगों के इस गाउन सिर्फ चार बंकर हैं वो भी घरों से दूर इसलिए आज तक के जरी यह लोग बंकर बनानी की बुजारिश करते हैं
47:07कर दूरर के निए एक जरी पर निकलने का कोई आज तीर ते चारश अवी पर बनानी की अगया कर बना बंकर बनना झायि है
47:16यह पुपुलेशन दोजार इस गवाँ की दोजार पुपुलेशन है यह कि तो बंकर नहीं है कि जादर अरियाज में जो हमने बंकर बनते हुए देखे हैं उसमें अमने देखा है कि मतलब कुछ घरों का क्लस्टर है उसके पास एक बंकर रहता है ताकि आप कुछ सेकंड में �
47:46तो आज तक की खबरदार करती इस रिपोर्ट से हम मांग करते हैं कि पाकिस्तान से लगी सीमा के पास रहने वाले लोगों के घरों के तबाह होने पर मिलने वाले मुआपज़े की नीती पर नए से दोबारा विचार मुआपजा बढ़ाया जाए इसके अलावा तर्क संगत
48:16बिना किसी चिन तक मुकाबला दुश्मन का कर सकें
48:19अपरेशन सिंदूर में भारतिय सेना का पराकरम सब ने देखा
48:24दुश्मन के मनसूबों को ध्वस्त होता हुआ सब ने देखा
48:27लेकिन ध्वस्त होते हुए कुछ घर भी देखे
48:30जिसकी वज़े से पूरे हिंदुस्तान को खबरदार हो जाना जरूरी है
48:35आप यहाँ पर जो छर्रे जो शेल्स के निशान जो तूटे हुए घर देख रहे हैं
48:40वो केवल एक घर नहीं है पूरी ग्रिहस्ती उजड़ जाती है जीवन उजड़ जाता है
48:44और इसलिए जरूरी है कि जो पुराने पैमाने तै कर दिये गए हैं
48:50उन पर एक बार फिर तो नजर डाली जाए
48:52सरकार को प्रिशासन को ये देखने की आवश्यक्ता है
48:55कि आज लोग किस सिती में है क्योंकि बॉडर पर रहने वाला हर व्यक्ति
49:00देश के सिपाही से कम नहीं होता
49:02वो वहाँ पर उन खत्रों के बावजूद अपने घरों में मौजूद रहता है
49:06हिंदुस्तान की सरजमी पर मौजूद रहता है
49:09और इसलिए ये सोचना होगा कि सो प्रतिशत अगर एक घर डामिज होता है
49:14तो उसके एवज में अगर केवल एक लाख बीस हजार रुपे दिये जाते हैं
49:18तो क्या उससे काम चलता है
49:19ये सोचना होगा कि पूरे गाउं में अगर केवल चार बंकर मुहया करा दिये जाएं
49:26तो क्या उससे जान बचते हैं
49:29इसलिए जरूरी है कि पुराने नियमों को, पुराने कानून को देखकर, आखकर और बदलाव किये जाएं।
49:37क्यामर परसन योगेंदर सिंग और अमित बदवार के साथ श्वेता सिंग तंगधार आज तक।
49:43आज तक पर खबरों का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
49:47आपके हक और हित की हर खबर के हम बनेंगे पहरेदार। आप देखते रहिए आज तक।

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