00:00रिक्षा में हर किसम के पैसेंजर आगे बैठते हैं माराथी गुजराती पंजाबी तो उनके इसाब से मुझे हर चीज उनको फैसलिटी के इसाब से सीखना पड़ता है मुझे
00:10मैं समस्ता हो जातक कि सीखना जरूरी है मराठी हो चाहे हिंदी हो जब मराठी में महाराष्टा में रहते हैं यहां की रोटी रोजी खाते हैं तो हमें मराठी सीखना बहुत जरूरी है यह चीज बहुत कम लोग समझ पाते हैं कि हमको जिस देश में जिस प्रफ राज्य में र
00:40मुंबरादी नहीं आती तो आपको क्या करना है ये गलत हो जाता है इसको अगर समाज बिंगता लगेंगे तो ळोग लिखते�ي को अधा का तो ँष만 नहीं
01:07मैं मुंबई में 73 से हूँ जब मेरी उमर 10 साल थी उसके बाद
01:149085 से मैंने आटो का लाइसेंस निकाला है और बॉंबई में मैं आटो चला रहा हूँ
01:19दिल्ली से हो और मुंबई में रिक्षा चलाते हो क्या आपको मराथी आती है
01:29बिल्कुल आती है क्योंकि उसको सीखना बहुत जरूरी था क्योंकि यहां पर कुछ लोग ऐसे जिनको हिंदी समझ में नहीं आती है
01:37मराथी में बोलना पड़ता है तो हमारे तो रिक्षा में हर किसम के पैसेंजर आगे बैठते हैं
01:43मराथी गुजराती पंजाबी तो उनके हिसाब से मुझे हर चीज उनको फैसलिटी के हिसाब से सिखना पड़ता है मैं समस्ता हो जातक कि सीखना जरूरी है
01:54मराथी हो चाहे हिंदी हो लेगिन ये जो हिंदी मराथी को लेकर जो विवाद चल रहा है कि उत्तरभार्टियों को उटा जा रहा है
02:02देखो ये तो एक वोटिंग करने के लिए मुद्दा उठाया है इन लोगों ने बाकी राज ठाक रहे हो या उड़े ठाक रहे हो इनका जो कहने का मतलब है कि अपने मुंबई में मराठी का सम्मान होना चाहिए तो वो बिल्कुल राइट है क्योंकि मराठी जब मराठी में मह
02:32चीज बहुत कम लोग समझ पाते हैं कि हमको जिस देश में जिस प्रफ राज्य में रह रहे हैं उस राज्य को हमें उसका सम्मान देना चाहिए और उसके लिए मुझे मराठी सीखना चाहिए अब मराठी नहीं आती है आईसा बोलने से तो काम नहीं होगा आपको रुपे मे
03:02चाहिए उस राज्य के इज्जत करो अभी हम हर एक इंसान को इज्जत से हर भाशा को इज्जत से देखते हैं वो चाहे हिंदू हो चाहे मुस्लिम हो अभी कुछ लोग
03:13अगरी सवाल है कैसे पूछना था आपको कि आपने खा कि आप धिली से हो जी मतलब आप नौर्थ इंडियन हो आप महाराठी में ओटो चलाते हो तो क्या यह जो मराठी आनी चाहिए तो क्या आप उद्दा उठा करें या राश्टा करें तो सैमत हो
03:28सैमत इसलिए है क्योंकि उन्होंने एक मुद्दा उठाया कि महाराष्ट के अंदर जो रहता है उसे महाराठी थोड़ी आनी चाहिए और आ सैमत इसलिए है कि दादागीरी से अगर आप बोलोगे या किसी को मार के बोलोगे तो वो गलत है क्योंकि हर इंसान आजाद देश म
03:58कुछे बंबई में पैदा हुए है तो वो बच्पन से माराठी सी बाराठी बोलते माराठी में सब कुछ करते जरूरी नहीं है अब जो बड़ा आदमी है जैसे कि 50 साल है 40 साल का उमर का है या 35 साल का ही पकड़ लो अगर बंबई में कुछ काम के लिए अगर आया है तो त�
04:28अब देखो रस्ते की हालत पर अगर आप जाते हैं तो मैं तो बोलता कोई भी नेता या बीजेपी हो या सिवसेना हो या कोई भी नेता हो रास्ते के बारे में किसी को ध्यान नहीं है अभी आप यह समझ लिजे कि घोड़ बंदर ठाना का रोड आप देखेंगे आप चला �
04:58अगर आप यहां के नेता हो आप यहां पे पूरा महराष्ट जमाल रहे हो तो आपको छोटी-छोटी चीज़ों का भी सब ग्यान है सब मालूम है तो वो चीज़ छोड़के आप सिरफ भाशा के पीछे जाएंगे तो गलत है
05:12यहां की लोगों को परत नकाना चाहिए कोशिश करने चाहिए ठोड़ी बहुत लंगोज यहां की लोकल लंगेजर सिखना चाहिए
05:42जो लोग तांजीत है आते जाते रहते हैं मैं इसके कर्णचा दी है वह बहुत सारे से जो से जो मलब जॉब करते हैं उनका आना जाना लगा रहता हो कहां पर सीख पाएक उनके पास टाइम नहीं वर्ट नहीं है
05:54लेकिन तो यहां से बहुत टाइम से रह रहे हैं उनको पीटा जा रहा है उनको पीटा जारा है
05:58अगर वह गलत लए इसलीग ऐसा होना नहीं जीए माराथी की बात ठीक है माराथी हमाराथी हमारी लोकल है मुंबई अगर आप लोकल यहां रहते हो तो थोड़ी वेट आपको को सीचिफ भी करनेज्फ सीखनेश चेखो क्योंका खुटका फायदा है
06:13कहीं कहीं ऐसी जगा होती है जहां पर आपको मनलब उसी चीज के ज़रुवत परती है अगर यह जो अभी चल रहा है यह तो खाली प्लिटिकल एजंडा है इसको अगर आपको करना है इसके एड़ाजिंग करो
06:23समाज में जागता लाओ कि भाई इस लंगोज को भी सीखो आपका फायदा इसमें नफसान नहीं है क्योंकि आदमी को जो है न जितनी जादा लंगोज आती ही उतना उसका खुटका वेने क्वेट है अगर कोई नहीं अगर जिसको आता है तो उसके साथ जो मार्ग बीट का है �
06:53अवधी हो गई भोजपूरी हो गई है वहां लेकिन कहीं कहता है कि यह लैंग्वज इसकम बोली जा रही है हिंदी का प्रभाव है क्या ऐसे मराधी के साथ हो जाएगा कि यह लूप थोड़ी हो गई स्टेट की अपनी लोकल रासा है जो है लोग यहां के जो लोग है उनको
07:23जो चुनाओं ने उसके वज़े से चल रहा है मैं अब थोड़ा दिन देखना मुस्पल का परिशन के चुनाओं खतम हो जाएगा वो खतम हो जाएगा इससे ज़्यादा कुछ भी नहीं है