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  • 2 days ago
Transcript
00:00एक वक्त के बाद जो सिर्फ अल्लाह ही जानता है और जब क्यामत की बड़ी निशानिया पूरी हो चुकी होंगी एक आम दिन लोगों की जिन्दगी में आएगा
00:09अम्मी जल्दी उपर देखे
00:13सूर फूंका जाएगा
00:30जीन गाप उठेगी आसमान फट जाएगा
00:37पहाड गिर पड़ेंगे समुंदर उबाल खाएंगे सितारे एक एक करके गिरने लगेंगे
00:42हर तरफ अफरात फ्री और घबराहट छाजाएगी
00:46वो दिन होगा जब आदमी अपने भाई से भागेगा
00:50अपनी मा से, अपने बाप से, हर विष्टे से दूर हो जाएगा
00:54मा अपने बच्चे को छोड़ देगी, भाई अपनी बहन से मुह मोड लेगा
01:01हर शक्स चीख कर कहेगा, मैं, बस मैं
01:05सब सिर्फ अपनी जान की फिक्र कर रहे होंगे
01:08आज कोई जुल्म नहीं होगा
01:10हर जान को उसके अमल का पूरा बदला मिलेगा
01:15यही है वादा किया हुआ दिन, धग का दिन, फैसले का दिन
01:19फिर अल्लाह मौत के फ्रिष्टे को हुक्म देता है
01:24कि सारी जिन्दा मखलूक की रूहें निकाल ले
01:27एक एक करके सबकी रूह निकाली जाती है
01:30जब तक कोई भी जिन्दा नहीं बचता
01:33सिर्फ मौत का फ्रिष्टा अकेला वसी और खाली काइनात में खड़ा होता है
01:38आखिरी हुक्म का इंतजार करता है
01:41वो कहता है या रब अब कोई जिन्दा नहीं बचा
01:45अल्लाह फर्माता है ए मौत के फ्रिष्टे
01:49वो अर्ज करता है तेरी अजमत की किसम
01:53अगर मुझे मालूम होता कि रूह लेना इतना सक्त होगा
01:56तो मैं कभी ये काम न करता
01:58अब हर तरफ खामोशी चा जाती है
02:01आसमान और जमीन के सारे दर्वाजे बंध हो जाते है
02:06पूरी काइनात खाली हो जाती है
02:09अल्लाह पुकारता है
02:12आज बादशाही किसकी है
02:15और फिर खुद ही जवाब देता है
02:18सिर्फ अल्लाह की
02:21फिर अल्लाह इसरफील अलैसलाम को दोबारा जिन्दा करता है
02:27और कहता है फिर से सूर फूंको
02:29सूर दोबारा फूंका जाता है
02:32All the ruches are in their own own body.
02:37Adam, as well as,
02:40all the people who are living in their own body.
02:43All the ruches are in their own body.
02:47All the ruches are in their own body.
02:49They are in their body.
02:51They are in their body.
02:54Who is who is who is in our body?
02:57Women give this question, who has peace and Jesus has replied to that, and the praise of Allah.
03:05Now the question is, the woman who has made the truth and the truth and the truth is that.
03:10The women who have prepared the Word of Allah and worship of Allah and the faithful.
03:14The women who have prepared the spirit itself, who run the right away.
03:19The women who have made the yes of this.
03:24जमीन बदल दी जाती है, अब एक सफेध और समतलज मीन है, ना पहार्थ, ना पेड, किनुरे, जमीन आ निशानिया
03:42हर उंबत अपने नभी के पीछे खड़ी होती है
03:45मुसा, इशा, इबराही
03:48आखिर में हजर्क मुहम्मद सलललाहु अलैही वसललम के उम्मत सबसे बड़ी तादाद में पेश की जाती है
04:00जिनका इमान मजबूत था, उन्हें अल्लाह अपने अर्ष के साए में रखता है
04:10जो गाफिल थे, वो अपने पसीने में डूबने लगते हैं
04:14मुमिनीन को हौजे कौसर की तरफ ले जाया जाता, उसका पानी दूद से ज्यादा सपेड और शहद से ज्यादा मिठा होता है
04:23नभी सलललाहु अलैही वसललम के हाथों से एक घूट पीते हैं, फिर कभी प्यास नहीं लगती
04:29अब सब दौरते हैं आदम अलैह सलाम के पास हमारे लिए सिफारिश कीजिए
04:34वो कहते हैं नफसी, नफसी, फिर नुह, फिर इबराहीम, फिर मूसा, फिर इसा अलैह सलाम
04:40आखिर में लोग मुहम्मद सलललाहु अलैही वसललम के पास आते हैं
04:46वो अर्ष के नीचे सजदा करते हैं
04:50अल्लाह फर्माता है
04:52ए मुहम्मद अपना सर उठाओ, मांगो, तुम्हें दिया जाएगा
04:57वो कहते हैं
04:59या रब मेरी उम्मत
05:00मेरी उम्मत
05:02अब अल्लाह की रहमत नाजिल होती है और हिसाब का आगाज होता है
05:07अमलनामे उरते हुए लोगों के हाथों में पहुँचते हैं
05:15जो दाएं हाथ में लेते हैं, खुशी से कहते हैं
05:20लोग पढ़ो मेरा नामयमल
05:22मगर जिनके बाएं हाथ में दिया जाता है, वो पच्चताते हैं
05:27काश, मुझे ये किताब ना दी जाती, काश मुझे पता ही ना चलता मैंने क्या किया
05:33जो नौजवान कब्र से बक्ष दिया गया था, वो आज अपने दाही ने हाथ में किताब ले रहा है, मुस्कुरा रहा है
05:41अब राज खुलते हैं
05:46औरतें जो जेवर और जिस्म दिखा कर चलती थी
05:50आज जहन्नम में जल रही है
05:53मर्द जो सूद खाते थे, उनके मुह से खून बह रहा है
05:58जो घमंड करते थे, आज चीन्टी बनकर दब रहे है
06:03फरिष्टे जुल्न करने वाली कौम को पुकारते हैं, वही सबसे पहले हिसाब में लाई जाती है
06:10फिर दो तरह का हिसाब होता है
06:14एक जो नेक थे, जिन्होंने अल्लाह के हुप्म माने
06:19उनको रहमत मिलती है
06:22और उनके अच्छे अमल भारी होते है
06:27दोक जो गुनहगार थे
06:33उनके हर अमल का सवाल होगा
06:37जो सवाल जवाब में फंसे, वो मुसीबत में है
06:42अरबों लोग खड़े है
06:45कुछ के गुनाह छुपा दिये जाते हैं
06:52कुछ को सब के सामने बेनकाब किया जाता है
06:55कुछ ऐसे भी हैं, जो बगैर हिसाब के जन्नत में चले जाते हैं
07:00ये अल्लाह की खास रहमत है
07:02फिर आता है अगला मरहला
07:07सीराथ
07:09जहन्नम के उपर से गुजरने वाला पुल
07:12अब सवाल है, सीराथ पर क्या होगा?
07:19जन्नत कैसी है?
07:22जहन्नम कैसी है?
07:26क्या कोई हमेशा के लिए दोज़क में रहेगा?
07:28या निकलने की कोई उम्मीद है?
07:34देखेंगे अगले पार्ट में

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