00:00एक सिंपल सा उधारन देता हूं ना, मारवाडी आजमी जिस राज्य में जाता है उस राज्य की भाषा को उस राज्य की संपूती को अबना लेता है
00:07मेरे पिटा जी 35 साल आसाम में थे, हम जब यहां पर जाते थे आसाम में विजट करने के लिए
00:13तो हम लोग वहां पर आसामिज और बंगली चाओ से सीखते थे जो व्यापर यहां पर 35 सालों से महाराश्य में काम कर रहा है अगर उसने आज तक अगर महाराटी नहीं सीखिए उसके अंदर की कमी है यह उसके अंदर का दोगलापन है
00:25कि जिस मिट्टी में जो उनकी कर्म भूमी है जहां पर वो एकने सालों से कमा रहे जहांके धन के उपर उन्होंने अपना व्यावसाय बढ़ाया है अपनी संपत्ति जमाती है उस मात्रभूमी की उस मात्रवाच्य की आप अगर इसत नहीं कर सकते हो तो आप पे दिखका रह
00:55पिछले जब अंग्रेशों का साथ देने वाले लोग वो महाराश्च्टी की संपती का साथ क्या देगे हैं