Jhansi Station Delivery: 5 जुलाई की सुबह झांसी रेलवे स्टेशन पर एक चमत्कारी दृश्य देखने को मिला। पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस में सफर कर रही अश्वर्फलक कुरैशी को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। समय बहुत कम था, अस्पताल जाना नामुमकिन। तभी भीड़ में से मेजर रोहित बचवाला, एक आर्मी डॉक्टर, फरिश्ते की तरह सामने आए। बिना किसी मेडिकल सुविधा के, उन्होंने स्टेशन पर ही सुरक्षित डिलीवरी करवाई। उनके पास सिर्फ एक पॉकेट चाकू, धोती और हौसला था। महिला टीटीई और रेलवे स्टाफ ने मिलकर जो सहयोग किया, वो इंसानियत की मिसाल बन गया। इस वीडियो में देखिए, कैसे एक आम दिन असाधारण बन गया जहां सिर्फ एक बच्चा नहीं, उम्मीद और इंसानियत ने भी जन्म लिया।
00:00ये देखने कोशिश की कि उसका दर्द क्यों हो रहा है फिर मुझे पता चला कि वो अक्टिव लेबर में थी पहले पेशन को बताया कि आपको कोई भी चिंता होने की जरुवत नहीं है क्योंकि मैं हूँ यापर वो सिचुवेशन वहाँ पर ऐसा था कि मैं वो पेशन को वो ज
00:30को तसल्ली दे जाएगी इंसानिया तभी भी जिन्दा है पांच जुलाई की सुभ है जहां सी रिल्वेस्टेशन पर कुछ अलगी हल चलती प्लैटफॉर्म पर आम दिनों के तरह भीड भाड थी मगर एक कूने में एक आहरत दर्द से कराह रही थी उसका नाम था अश्रफ
01:00हो गई मौहमद जुबैन ने हडबडी में ही रेल मदद मांगी रेल मदद एप से ये मदद की उन्होंने गुजारिश की जहांसी रेल्वेस्टेशन पर जैसे ही ट्रेन रुकी रेल्वे की मैडिकल टीम और महिला टीटीई तुरंट एक्टिव हो गए महिला कू वीलचेर �
01:30मीजर रोहित बचवाला, 31 वर्षय आर्मी डॉक्टर जो जहांसी मिलिटरी हॉस्पिटल में तैनात है और उस दिन हैदराबाद अपने परिवार से मिलने जा रहे थे मगर भाग्या ने उन्हें एक और मिशन सौप दिया, यह मिशन था नया जीवन इस दुनिया में लाने क
02:00रेलवे करमचारियों से मिले कुछ दस्ताने भी इनके पास थे लेकिन उन्होंने इतने कम एक्क्यूप्मेंट्स इतने कम समान के बावजूद भी हार नहीं मानी हिम्मत नहीं हारी
02:09स्टेशन पर मौझूद महिला रेलवे स्टाफ ने तुरंत घेरा बना लिया, महिला की प्राइवेसी सुनश्चित की गई, समय के नाजुकता को समझते हुए रोहित ने फुर्ती से डिलेवरी कराई, कुछ यह मिन्टों में एक नवजात की मासूम से रुलाई, पूरे स्�
02:39तो मुझे करना चाहिए, अगर मैं कुछ नहीं करता, तो शायद हम किसी जिन्दगी को खो देते, मेरे लिए सिर्फ एक ड्यूटी नहीं, एक इंसानियत का फर्ज था, महिला टीटी ने रोहित को गले लगा कर धन्यवात दिया, और कहा, यह इंसान नहीं देव दूत है, ज
03:09उन्होंने कहा, हमने मदद मांगी थी, और हमें इंसान के रूप में भगवान मिल गए, महिला टीटी भी अस्पताल आई, हमारे लिए खाना, बच्चों के लिए कपड़े ले कर आई, यह इंसानियत की मिसाल है, इस घटना ने साबित कर दिया, कि वर्दी पहनने वाले दे
03:39कवे निष्ठा, एक उनर जनम सा हो गया था, वहराल इस पूरे मामले को आप कैसे देखते हैं, इस नई जिंदगी के बारे में, मेजर की जितनी तारीफ की जाए, वो तो कम ही है, पर आपकी राए के लिए है हमारा कॉमेंट सेक्शन, वहाँ पर अपनी टिपणी जरूर कर