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  • 7/7/2025
फौजी बना फरिश्ता, आर्मी डॉक्टर ने झांसी रेलवे स्टेशन पर महिला की कराई डिलीवरी

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00:00कि यह देखनी कोशिश की कि उसका दर्द क्यों हो रहा है फिर मुझे पता चला कि वह अक्टिव लेबर में थी पहले पेशन को बताया कि आपको कोई भी चिंता होने की जरुवत नहीं है क्योंकि मैं हूँ यहापर वह सिचुएशन वहाँ पर ऐसा था कि मैं वह पेशन को वह
00:30करने के लिए उससे फिर बेबी अक्टिव हुआ बेबी ने क्राई किया तो आई वस वरी हापी मैं अपना अन्वर लीव लेके अपने होम टाउन के लिए निकला था तो जैसे मैंने जागी स्टेशन पूचा तो मैंने जब मैंने सेकंड प्लाटफॉर्म के लिए जाने के �
01:00मैंने पहले उसके पास गया और ये देखनी कोशिश की कि उसका दर्थ क्यों हो रहा है फिर मुझे पता चला कि वो अक्टिव लेबर में थी तो मैंने आस पास से कुछ हेल्प मागने की को ये कोशिश की थी जिसमें मैं कुछ सामान कलेट कर पाया जैसे एक पॉकेट नाइ
01:30जरूरत नहीं है क्योंकि मैं हूँ यहाँ पर और मैं आपको 100% यहां से बहुत सेफली लेके जाओंगा और वो सिचुएशन वहाँ पर ऐसा था कि मैं वो पेशेंट को वो जगह से इवाक्वेट नहीं करा सकता था और क्योंकि पेशेंट अल्यरी अक्टिव लेबर में थी
02:00क्लिनिकल स्किल्स अपलाई करके वो बेबी को वहाँ पार डेलिवर किया कॉड को क्लांप करने के लिए हेर पिंस यूज किये कि सर्जिकल नाइज तो तो जो पॉकेट नाइज था उससे कॉड को सप्रेट किया था उसके बाद बेबी रेस्पॉन्स नहीं दे रही थी तो �
02:30इसको देखने पर माँ अभी भी दर्द में थी क्योंकि अभी उसका प्लाजेंटा यह डेलिवर हुआ नहीं था और तो उसी समय के आसपास मैं उनको अब्डॉमिल मसाज दे रहा था और कोशिश यह कर रहा था दस से पंदरा मिनिट की उसका प्लाजेंटा भी डेलिवर हो
03:00मैंने और उसके बाद माँ भी बहुत शंतूश थी माँ बच्चे को देखे बहुत शंतूश थी और मैं भी बहुत शंतूश था और वहां का जो रेलवे स्टाफ था उन्होंने बहुत मदद की प्राइवसी मेंटेन करने के लिए जो सामान जरूर था वो सामान लेके आने क
03:30यह पहली बार नहीं है, मैंने अपने लाइफ में कभी भी, जबी भी कोई आक्सिडेंट देखा रास्ते में, या कही पर वीचाहे में, on due to you, off due to you, मैंने हमेशा कोशिश की है कि वहाँ जाओ, उसको एकलिस्ट प्राइमेरी ट्रीटमेंट दो और उसको वहाँ से वैक्वेट
04:00झाल

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