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CID New Season – Ep 3 | Full Episode | Crime Thriller

In this gripping episode of CID New Season, the team investigates a chilling mystery that begins on a moving train. When a passenger mysteriously disappears and a suspicious suitcase is discovered, the CID team must act quickly to uncover the truth. Join ACP Pradyuman, Daya, and Abhijeet as they dive deep into a puzzling case filled with suspense, twists, and shocking revelations.

Don’t miss this full episode packed with intense drama, sharp investigation, and unforgettable moments.

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Transcript
00:00हालोग, भाई साब, आपने मेरे हस्बेंड को देखा क्या?
00:14नहीं देखा, मैम.
00:17भाई साब, आपने मेरे पती को देखा क्या?
00:19नहीं, नहीं देखा, आपने मेरे पती को देखा?
00:24भाई साब, आपने मेरे पती को देखा क्या?
00:26वाइट शर्ट अब ब्लू जीन्स पहने हुए थे
00:29शायद उस टेशन पर रह गए होंगे
00:30भाई साब, बुसावल के बाद ट्रेन कहीं रुखती है नहीं है
00:33डारेक्ट मुंबई जाती है तिर कहा उतरेंगे
00:35वो शायद बुसावल में रह गए होंगे
00:36अरे नहीं नहीं, माँ से जब ट्रेन निकली थी, हमने एक राउन मारा था
00:39सब लोग अपने बर्त पर सो रह थे
00:41मैं, मैं दूसरी बोगी में देखतर आती हूँ
00:44माडम जी, इंटर कनेक्टिंग शेटर बंध है
00:46रात को चोरी चकारी का डर रहता है
00:48तो रात को बुसावल के बास तो ऐसे भी दर्वाजे लोग कर दिये और ये भोगी छोड़के तो वोगे भी जा भी नहीं सकते
00:53तो फिर कहांगे मेरे आलोग
01:00खूद
01:02खूद
01:03खूद
01:04खूद
01:05यह खूद
01:06यह खूद है सेट के नीचे
01:07अड़ो, साइड़ो
01:08खूद
01:10खूद
01:11खूद अवलेश
01:12खूद
01:31शवश
01:32पच्छिस
01:33पच्छिस
01:35खूद
01:36आज
01:37मुक
01:38सर
01:40बॉड़ी को चबवीस हिसों में एप काटए
01:42और फुरसब में एप के बॉड़ा
01:44बॉड़ी को
01:46इतना ताइम था क्या खूदी के पास
01:48वोब इतने लोगों के बीच में
01:49तो जोबिग ने चुकाने वली बात है
01:52बात है
01:53बोड़ी को चब्वीस टुड़ों में काटके रीचा के बैक में डाल दिया है
01:57और यहां पे किसी ने न देखा कुछ न सुना
02:00इसका जवाब तो यह पैसेंजर्स और इसकी पत्नी दे सकती है
02:07कि अखिर इस बोगी में हुआ तो हुआ क्या है
02:11देखता हूं
02:23प्रेशर जी मैं CID से हूँ
02:30मेरा आलोग
02:32मुझे मेरा आलोग को लटा नीचे से
02:37मुझे तोड़के कैसे जा सकता है
02:41प्रेशर प्रेशलिए अपने आपको
02:44आपको यह लगता है कि वो आपके पति आलोग है
02:48उनका तो चेरा भी बैचान में नहीं आ रहा है
02:50सर वो ब्रेसलेट, अंगोटी, कपड़े सब हुनी के थे
02:55रात में सूते समय उन्होंने वही पहना था
02:59उनको पेटिंग रूम में लेकर जाओ
03:04अब आप चलिए आराम करिये
03:06हुआ
03:08हुआ
03:10हुआ
03:12हुआ
03:14हुआ
03:16हुआ
03:18हुआ
03:20हुआ
03:22हुआ
03:24हुआ
03:26तुमारी ड्यूटी थेना ट्रें में
03:28जी सर
03:30ट्रें के अंदर कोई सीसी टीवी कैमरा बगड़ा था देख नहीं रहा
03:33नई सर अभी इनमे नहीं लगी है
03:35नहीं ट्रेयनों में लगा दी गई है
03:37जल्दी इनमें लग जाए
03:39बोगी के अंदर हुआ क्या था
03:41एक्साक्ली डिटेयल में बताओ मल्या
03:43जी सर ये जो मैडम रुर ही हैं सर
03:46ये और इत्ली पती नागपुर से ट्रेंव जड़ते
03:48पिर
03:49मैम
03:50बुसावल तक हम लोग पढ़िया खाते पिते आ रहा थे
03:52हम लोग ने रात में गेम भी खेली थी
03:54दमसराज
03:55मैंने उसका ब्लॉग भी बनाया था
03:59ये दिखिया
04:02रात में करीब धाई बज़े के असपास
04:04जब प्रेंग बुसावली स्टेशन निकल चुकी थी
04:06तब हम सब अपने बर्त पस होने के चले गए थे
04:08अपने के लिए चले गए थे
04:09रिचा जी निचे वाली बर्त बे थी और आलोग जी उपर वाली बर्त थे
04:12सुबे करीब साड़े च्छे वजे के आसकास
04:14जब प्रेंग मुम्भाई स्टेशन पहुचने वाली थी
04:16तब प्रेंग जोड जोड चिलाने लगी
04:18उनके पती गाइब हो गए
04:20और ये ट्रें के दरवाजी वागयर
04:22सर्सावाण सेट ट्रेंग चलती है
04:24और मुमभाही आखे रुपती है
04:26सारे चार कंटे के लिए हमने चारो दरवाजे लॉक करदी थे
04:28हुँ
04:30इस तरे संटीर सप्टुर्ड और गार्ट्स गोडे पेच के सोरे थे या नेन की गोडी आखाली थे तेने बरे वे डब्या में किसे ने यह पर कुछ होते वे देखा नहीं सुना एसे हो सकता है
04:52यहां सर, बढ़ें इतनी मजबूत होती हैं, इनने काटने के लिए तो हतियार भी बढ़ा हो ना चागे ना?
04:58यहां सर, ऐसा समतकार तो कोई जादूगर भी नहीं कर सकता सर
05:02इस डिपे के अची तरह से तलाशी लो, अगर इस बोड़ी को टेन के अंदर काटा गया है, तो खून के चीटे भी ज़रू उड़ें गए, देखो जरा
05:11मैडम, मेरी नीद बिल्ले जैसी है, एक सुई गिरे तो नीद खुल जाए
05:15और यहां तो सामने के सामने एक जिन्दा आदमी का मूँ कुछल दिया गया, उसकी बोड़ी के तुक्डे तुक्डे कर दिये गये, और मुझे आवाज तक सुनाई नहीं दी, ऐसा नहीं हो सकता कभी
05:26सर, हमसे कुछ दस फुट की दूरी पर ही आलोग जी और रिचा जी की सीटे थी, मैं और मेरे सिनियर साथी, सारी रात दर्वाजे के बार फैनाथ थे, हमारे रहते तो वहां कुछ हुआ नहीं था, सर
05:40और नीन में? नीन में कुछ हुआ होगा तो? मैं कुछ समझा नहीं, सर
05:45पर नीन तो आती होगी ना तुम लोगों को भी
05:47तीन से पांच बजे का सामें बड़ा खतरनाक होता है, अच्छे-च्छे लोडग जाते है
05:52जो भी बोलना, सो समझ के बोलना, मेरे कानों में लाई डिटेक्टर लगा हुआ है
06:00सर, हमें सोने के लिए नहीं, लोगों की शुरक्सा के लिए रखा गया
06:04सर, हम साड़ी वाले नहीं तो क्या हुआ, लोगों के लिए हम भी जान दे सक्क्या
06:08वेरी गुड़ विकास जी, बहुत अच्छे है, क्या जजबा है
06:16आपके और आपके टीम पे मैं कोई शक नहीं कर रहा हूँ
06:19और क्या करें, हमारा काम ही कुछ ऐसा है
06:23कभी-कभी सख्ती करने बढ़ती है
06:26जब ट्रेन साथ बजे निकलती है नागपुर से और बुसावल स्टेशन पहुचती है राद धाई बजे
06:41और जब ट्रेन सुभे साड़े छे बजे मुंबई पहुचती तो आलोग किलाश मिलती है सूटकेस के अंदर
06:48मतलब जो कुछ भी हुआ है राद धाई बजे से साड़े छे बजे के बीच में हुआ है जब ट्रेन पटरी पे दोड़ रही थी
06:55सर सत्ताइस पैसंजर्स की मौजूद की ने पर यह सब तो बोल रहें कि यह ने कुछ पाता हैं तो यह सब सच बोल रहे हैं
07:06यह फिर इन सबने मिल के माराया लोग का सर पूरी चेक कर लिए यह बैक जिसमें से खुन तबक राए इसके अलावा अवा खुन की एक बून नी मिली कहीं सर अने खुनी ने अच्छी तरसे साफ सफाई की एक बोगी की कोई मटब एपन कुछ मिला नाई सर कहीं कुछ नहीं
07:36पंकर जे काम करो बोगी में जितनी भी खडकी आया ना चेक करो कोई खडकी खुली या तूटी भूई तो नहीं है प्रेक सर अ
07:48मर्डर वेपन हावा में गायब हो गया क्या एक काम करते हैं पैसंजर के जितने भी बैग है न सब की तलाशी लेते हैं अगर मर्डर वेपन बाहर नहीं भेका गया है तो किसी ना किसी एक के बैग में ही मिलेगा
08:18सर आप अंकच सर ये बोगी की चित्तिवी खिड़किया है न सब सब बराबर है सब एक भी तूटी भी नहीं है इंफाक जो एमर्जंजी सील का रवर है वो वैसे का वैसा ही एक बात बताईए आप लोग उसावाल स्टेशन के बाद किसी ने भी आलोग को अपनी सीट से नी
08:48प्रहकर अवोर कि अचित्क कर दो एंट करेंस द दो षीट सिधा सुटकेस के अंदर है सर एक शेविंग प्रेंग नहीं लें किसी के बाग में इसे के बैग में है वी एजीद है चलती ट्रें में खुण हूआ है एज तरें कहीं नहीं रूड़किये कोई ट्रें नहीं चड�
09:18अगर पूरे भोगी में कहीं पे भी फून के निशान नहीं है, सिवाए उस पैग में जिसमें लाच थी.
09:23दरवाजे सारे बन, आर्पिएफ का जवान, तैनाथ था.
09:26तो फिर खुनी आया कहां से, और गाहब कहां हो गया?
09:32खुनी नहीं भूथ.
09:34है?
09:34अरे, ये फूथ हूथ का जखकर है.
09:38मैंने कली रात एक साउथ इंडियन पिचर में देखा था.
09:41फूथ अपनी मौत का बतला लेने के लिए ट्रेन में आता है.
09:44क्या अज़र, आप भी.
09:46फूथ हूथ कुछ नहीं होता.
09:47यार देया, अगर चलते हुई ट्रेन की भोगी में से कोई बाहर गया नहीं,
09:57कोई अंदर आया नहीं,
09:59तो इसका मतलब साफ है,
10:02खुनी इनहीं में से कोई है.
10:04क्या मज़ा कुना करके हैं, सर?
10:06हमें कई गंटों से इंतजार करवा रहे हैं.
10:07अब तो सारी त traumatic도 भी हो गई,
10:09अब तो हमें जाने दो,
10:10और नहीं तो क्या?
10:11अब क्या कोटका फैसलाने हुए ही रखोंगे?
10:13गलाब बात अगीा?
10:22आप अना फैसला सुनाएगी तुनायगी
10:23लेकिन जब थ Dollय कोई अब को यहां से जाने के लिए नहीं कहीऔगा,
10:37विसका मतलब साफ है, खुनी आप में सही कोई है.
10:40हम क्यों वारेंगा इसको?
10:41हम तो उसी जानते भी नहीं.
10:43तलाशी होगी सब्की, सब्की तलाशी होगी.
10:46इन सब्की तलाशी लो.
10:47सब कपड़े, आइडी, टिकेट सब चेक करो.
10:50खुनी हमारे आँखों के सामने ही पैसेंजर बनके गुम रहा है.
11:06थैंक यू.
11:09सर सारे पैसेंजर्स चेक हो गए हैं, विकिन कुछ नहीं मिला.
11:12मिलिया सर, मिलिया, खुनी मिलिया सर, मैं बता तो.
11:17सब यह देखी, इस बोगी में 27 लोग थे.
11:20अभी हमारे सामने 26 लोग खड़े, मतलब 27 कुमी है ना सर?
11:25जैसे ही ट्रेन रुकी उसको मौका मिलिया, वो भग गया.
11:31भाई साब, 27 लोग नहीं है.
11:3527 लोग अदमी लाल सूटकेस के अंदर मरा पड़ा हुआ है, आलोक.
11:40गिंती मैच हो गई आपकी, पंकजी?
11:41मंगच, लाश को पोस्ट मार्टम के लिए बिजवा दो, अगे?
11:47आपकी, सॉरी सर, सॉरी सर, अभजीत, एक बार फिर से, आलोके पत्नी से पूष्टाच करते हैं.
11:54समझ में नहीं आ रहा है, क्योंकि अगर वो खुणी चाता, तो लाश को ट्रेन से भाहर भीग सकता था, अपने साथ ले जा सकता था, मगर उसने ऐसा नहीं किया, उसने रीचा के पती को मार के उसकी लाश को रीचा के बैगेज में क्यों डाल दिया?
12:08आप लोग मुझ पर शक कर रहे हैं, सर. मैं और आलोग एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे. आप जाए किसी से भी पूछ लीजे. एक तो मैं इतनी ही तकलीफ में हूँ, उपर से आप लोग.
12:20देखिए, हमारा काम है हर तरह के सबाल पूछना जिससे हम खुनी तक पहुँ सके हैं. उन चब्विस पैसंजर्स में से आप भी थी उस बोगी में. तो जितने वो लोग शक के दारे में हैं, उतनी आप भी हैं.
12:33कैसे? सब कुछ तो आपके सामने है, सर. अगर मैंने आलोग को कुछ किया होता, तो आस-पास लोगों कुछ पता नहीं चलता क्या?
12:41देखिए, सर. आप लोग यहाँ अपना टाइम बरबाद करने की बज़ाए, फूनी को डूंडिये. बिना मतलब मुझे परिशान कर रहे हैं.
12:51सूटकेस लॉग तुमने किया था?
12:54जी. चाबी मेरे ही पास है.
12:57तो तुम्हारे बिना सूटकेस खोले, कोई वो लाश तुम्हारे सूटकेस के अदर कैसे रख सकता है, बता हो.
13:04नहीं अपी का बैग है, मैं चूरी नहीं कर रहा हूँ.
13:18ये मीरा बाग नहीं है.
13:21अभी तक तो ये तुम्हारा बैग था ना?
13:24अब बातों में फसरी हो, तो बाने मना रही हो
13:26तो पिर तुम्हारा सुटकेस का है
13:40पता नहीं सर, मैं घर से तो अपना सुटकेस लेकर ही निकली थी
13:44लेगिन शायद खुनी ने ये चेंज कर दिया होगा
13:46सर मुझे कुछ याद नहीं है
13:48नागपुर सर जब चड़ी थी, तो मैंने ये सुटकेस नहीं जमाला था
13:52अबजीद, एचा भी इस बैक के नहीं है
13:55अबजीद, मैंने एचाई लेकर ही तो मतलब खुनी, तुम्हारे जैसे लाद रंग के सूटकेस लेकर चड़ता है
14:01तुमारे पती का खुन करता है और उसके टलाश के टुकड़े करके इस बैक में डАल के चला जाता है
14:05मुझे नहीं पता सर
14:06तो तुमारा बैक का है?
14:08तुमारा बैक कुनी ले गया?
14:10वसावल के बाद ट्रेन कहीं पे रुकी भी नहीं थी?
14:12नहीं पता सर मुझे नहीं पता कुछ नहीं पता मुझे!
14:17अभजीत,
14:17मैं रुमनी इनाग्पू स्टेशन जाके पता करते हैं जहां से एक आनी शुरी हुई है, वहीं से कुछ पता चलेगा.
14:23ठीक है, चुछ.
14:25पंकाज, सार.
14:26सावल स्टेशन से लेके मुंबई स्टेशन तक जो रेलेविट ट्रैक है ना, उसको द्रोन से चेक करो, तेको कोई लाल बैग या मुडर वेपन जैसी कोई चीज दिखती है क्या?
14:36सार, यह तो भूसे के डेर में सुई दूनने जैसा है.
14:39हमारे पास दूसरा कोई चारा नहीं है, अपंकाज.
14:42खुणी को पकड़ने के लिए भूसा जलाना भी प्याड़े तो जला दो.
14:45जा तो, सार.
14:47सार.
14:48हाँ, पुर्वी?
14:50सार, पैसेंजर सार इरिटेट हुरे हैं, क्या करें?
14:53ठीक है.
14:55उनके नाम और पते तो हैं हमारे पास, जाने दो.
14:58लेकिन उनको बोलो, शायर चोड़के ना जाया.
15:01ओके सार.
15:02और सार, ये रिचा?
15:04रिचा के खिलाब हमारे पास कोई ठोस सबूत नहीं है.
15:09जाने दो, लेकिन जोविस घंटे नजर तको इस पर.
15:13जाने जाने टो, ये रिचा के अटे दो पर दो.
15:23ठीक है, मुंबै स्टेव नाथको.
15:27ये ये.
15:28ये.
15:29सेकंडे इसी जो बोगी है, उसके सामने जो CCTV कैमरा है, उसका फुटेज दिधा हो.
15:34ये, सेकंडेसी है?
15:35ये.
15:36कर देंग बना तुर्ष कुली अलोक रिचे का बैग़ लेके अंदर चलिए।
16:06और दूसरा कुली उसका लाल बैग अद्लाबर्ली करके चला गया लिकन सर उस कुली ने ऐसा क्यों किया उसका आलोक और रिच्चा से क्या लेना देना है उसका जवाब तो कुली देगा
16:17यही है वो
16:33यही ही है
16:55सब दूसरा दापड़ मतालिएगा, हमारी अरती उठ जाएगे सर, हम सब कुछ साही से बता रहे हैं सब
17:08जिली बता
17:09एक और अधाय थी आमारे पास
17:11उसके बाद यू ऐसा ही लाल बैक था
17:13उसने हमें पैक अधला बल्री करने के बोला और उसके बदले उसने हमें थीन हजार रुपए दिये
17:19यह मारी माज़ूरी का बहुत जाद रुपए था इसवाई से हमने कर दिया साहब
17:22वो लाल बैक का है जो तुमने हाथ काड़ी सोठा है था
17:25वो तो मेडम अपने साथ ही ले गई
17:27इस अवरत का चेहरा है जिसे तुमें लाल बैक दिया था
17:30नहीं साब बुचेहरा अपना जो है टुपटे से टके हुई थी
17:40सर रीचा सच बोल रही थी उसे बिल्कुल नहीं बता था कि उसका बैक कप और कहां बदला गया
17:47नापू स्टेशन पे कूली मिला है सर उसने पैसे की लालश में आकर ये काम किया
17:51उसको किसी आवरत ने ये काम करने के लिए था उसने उस आवरत का चेहरा नहीं देखा सर चेहरा ठका हुआ था
18:00मंकज रेक्स पे कुछ मिला सर बुसावल से लेके मुंबई तक का पूरा चान मारा और वापस आके ड्रोन की पूरी फुटेज वापस से चेक की लेकिन कुछ भी नहीं मिला सर बुर्भी
18:15सर कुछ रिष्टदार मिलने आज आ रहे हैं पर रिचा और उसके घरवालों से कोई भी भारनी निकला है
18:20सर मैंने आसपड़ उसमें पूछ दाच की
18:24सब का यही कहना है कि रिचा और आलो का रिष्टा बहुत ही अच्छा था
18:27जब भी उन्हें देखा है साथ में देखा है
18:30हमेशा कुछ नजर आते थे वो लोग
18:32पर तो वो सूटकेस जो बाह से बदल कर अंदर आया
18:38गड़बड सर उसी सूटकेस में अभीजी और इस तारा किया करया इस रिचा का ही हो सकता है
18:45ताकि पकड़े जाने पर बैग बदलने का बाहना करके वो बच निकले
18:51सर लेकिन एक बात समझ में नहीं आ रही सर वो लाल सूटकेस में था क्या
18:56मुड़ वेपिन या फिर खूनी खोद उस बैग में बंदो कर आया बहार निकल कर आलो का खून किया और फिर भग गया पर सूटकेस तो बाहर से लोगता ना
19:07सूटकेस को खोला किसने और आलो की लाश अंदर डाली पैसे गई अब इसका जवाब अबजीत आलो की लाश यह देगी
19:20सर वा सर लास्टिक का सिकान तो जित ये खरूस ने मुझे गिफ्ट किया है
19:37सर एक बात पूछो आप से पूछो सर क्या यह एसीप सर आज कल की मौडर्न टेक्नोलोजी से वेल अप्टेटेड़ है उसका नाम एसीप प्रद्यूमन है
19:50ACP का दिमाग AI से भी ज्यादा थेज चलता है
19:54I never ask these kind of questions
19:57particularly regarding ACP
20:00सर आप सर आप से प्राइवेटली कुछ बात करनी है
20:15वाई हदू
20:17आई यह आई सब
20:20हाँ जी हागए
20:33बोलो kya बात करनी है
20:37यह क्या थरिखा है सर्के आपager
20:40तरीकह जी की तरीकभा oh my god
20:42बहुत कुछ बोला बस
20:44इसका चेहरा किसी भारी पत्थर से बार बार मार करके एक तम कुछ अचल गया है
20:49ताकि चेहरा पहचान महीं नहीं नहीं सके
20:51अरे कुछ नया बताई है सर ये हमें पता है
20:54अच्छा
20:54इतने बड़े फोरेंसिक एक्सपर्ट है आप
20:57तो कुछ ऐसी चेज़ बताई है जो हमें पता नो कुछ नया हो
21:01देगा गलतुली बोला है
21:03कुछ गलतुली बोला है अच्छा तो आपको ये बात पता है क्या
21:08ये लाश के जो इतने तुक्ड़े हुए है ये किसी इलेक्ट्रिक आरी से काट करके हुए
21:13ELEKTRIK AARI SE?
21:16Jee!
21:17ELEKTRIK AARI SE TREEN ME?
21:20कहीं पर छिटे तो नहीं उडी थी
21:23ये ELEKTRIK AARI IS SOUND PROOF सी क्या?
21:25यार मतलब सार ELEKTRIK AARI है
21:27॥ै यार इलेक्टRIK AARI है त्रेन में आवाज है योगी ना
21:29भुस करो या
21:30अपने थौट की ट्रेन को ज़रा प्रेक तो
21:32Boss, यह लाश ट्रेन में काटी ही नहीं गई है
21:36तो क्या तेरे घर में काटी गई थी?
21:38अरे, यार तुम आप करता है
21:41Sir, Sir यह लाश कब और कहां काटी गई है
21:44बताए ना
21:45दोगो मुझे इतना पता है कि लाश तीन दिन पुरानी है
21:48Sir, नजाए इसलिए इस पर फार्मलेन चड़क दिया गया है
21:52तीन दिन पुरानी?
21:53जी हाँ
21:53अरे, Sir, कल रात तीन बजे तक आलोग ट्रेन में ही था
21:58पैसंजर्स ने देखा है
21:59हमने भी वीडियो में देखा है उसे
22:01सर लेकिन अगर यह राश तीन दिन पुरानी है तो यह आलोग की है तो हो यह नहीं सकती
22:09याष अलों और लाश जिनदा है
22:11अलोंग जिन देखा है तो फिर यह लाश किसकी है, Sir?
22:14वही तो हम्हें पता लगाना है कि यह लाश है किसकी
22:19कि मैं कैसे बता हूँ भाई? अरे तुम लोग ढूंडो ये लाश है किसकी ही?
22:24सर मेरा तु सर चकरा रहा है सर
22:26ये लाश जिसकी भी है इसे नागपुर स्टेशन पे उसी वख चड़ाय गया था
22:30जब सूटकेस के अदला बदली हुई है
22:33ये लाश कटी हुई ही ट्रेन में आई थी
22:36बिल्कुल सही अभजीत
22:38कोई तो रीचा को पसाने की कोशिश कर रहा है अलो के खून में
22:43फिर अलो का गायब हो गया सर? वो भी तो ट्रेन में था
22:48सर मेरी काउंटिंग गलत हो इनी सकती
22:51मैंने कहा दान आप से
22:52सर ये आलो की है सताइस्वा पैसेंजर जो ट्रेन से गायब हुआ था
22:56अरे यार बंकस थोड़ी देर के लिए उस ट्रेन से तुम उतर जाओ
22:59पहले हमें ये पता लगाना है कि आदमी है कौन
23:02इसे रिचा को फसाने के लिए इतनी बहरेमी से मार के काटा गया है
23:06और आलो के गायब होने से इसका क्या कनेक्शन है
23:10बभीजीत
23:12इस लाश की टिकेट नागपूर में कटवाई गई है
23:18इसके बारे में वही पर सब कुछ पता चल जाएगा नागपूर में
23:25क्या आलो की जिन्दा है
23:28पापा आपने सुना आलो की जिन्दा है
23:31फीदल तुम्हारे भाईयां जिन्दा है
23:33सर आपके साथ आएं क्या आलोक
23:35कहां है आलोक
23:37आलोक
23:39देखे वो हमारे साथ नहीं है
23:41लेकिन आप उनके ढूंडे में हमारी मदद कर सके
23:43ढूंडे में मदद मतलब
23:47देख परीज़
23:49वो सूटकेस तुम्हारा नहीं था
23:51यह हमें पता चल चुका है
23:53उसमें लाश भी किसी और की थी
23:55तुम्हारा पती आलोक जो तुमसे बहुत पयार करता था
23:57प्रेन से अचानक क्यों कब
23:59और कहां गायब हो गया
24:01इस पहेली को सुल जाने में
24:03तुम्हें हमारी मदद करने होगी
24:05अब ठीक से याद करके बताओ
24:07उस रात थाई बजे
24:09जब आलोक ने तुम्हें नीचे की बर्त पे सुलाया
24:11उसके बात क्या होगा
24:13मैं मैं आपको बता चुकी हूँ
24:15कि मैं सो गई थी
24:17तुम्हें आलोक नहीं थे
24:19तो आलोक को ट्रेन निकल गई
24:21यह तो आप लोग बताएंगे ना
24:23मेरा बेटा कहां गायब होगया
24:2526 लोगों के भी चलती ट्रेन से
24:33प्रियादाश के लिए एक बार दोरा लेते हैं
24:35कि आलोक और रिचा
24:37प्रियूट्रेन में चड़ते हैं
24:39रास्ते मनोंने खाना खाया
24:41गेम खेला मौज मस्ती की
24:43और फिर राट धाई बजे
24:45जब ट्रेन बुसावल से निकलती है
24:47तो आलोक अपनी पत्नी रिचा को इस बर्त पे सोलाता है
24:51और फिर अपनी बर्त पे सोने चला जाता है
24:53अपनी बर्त पे सोने चला जाता है
24:55और इधर
24:57रपीफ के जवानों ने
24:59इस अंपार्टमेंट के चारो दर्वाजों को
25:01और इन्टर कनेक्टिंग शटर्स को लॉक कर दिया था
25:05उसके बाद अपने पोस्ट प्या के बढ़ गए
25:07जूटी देने के लिए
25:09जूटी पे थे ना? जी सर
25:11सुए तो नहीं थे? बिल्कुल ले
25:13और रात जह है
25:17असानी से गुजर गई
25:19फिर सुबे साड़े छे वजे
25:21रिचानीन से जगती है
25:23और अलोक को अपनी सीट पे ना पाके चिलाने लगती है
25:25लेकिन अलोक कहीं नहीं मिलता
25:27ट्रेन की बोगी की सभी खिड्कियां सही सलामत है
25:31तो फिर
25:33आलो कहां से और
25:35कैस
25:41इस पर्त का पैसंजर का है?
25:43कौन है?
25:45सर, जोती नाम की लड़की है
25:47जोती?
25:49सर, जोती का फोन बंद आ रहा है
25:51और इसके घर पर प्ताला लगा हुए
25:53ये जोती वही है ना?
25:57बत कहां सरी थे?
25:59सर, उस दिन भी वह वारत अपने बर्त पर सोय हुई थी
26:01वर बत खराटे ले थी
26:03उरे टाइम उसने अपना मूँ चदर से ड़का हुआ था
26:05गाड़ी जैसी मुमभी पोची
26:07बस वैसी उसका चेरा एक बात देखा था
26:13चेरा ड़का हुआ था
26:15अर अब
26:17गर से भी गाया भै
26:19जी कहिए किस से मिलना अपको?
26:41वह अच्छली हमें जोती से मिलना है
26:43मैं ही जोती हूँ
26:45बताये क्या काम है
26:47अब जीत
26:59यह जो भी कोई है
27:01जोती की नकली आइडेंटिटी बना कर ट्रेन में सफर कर रहा था
27:05मगा सर
27:07उसका असली जोती से क्या लिना देना है?
27:09क्यूंकि उसके पास उसकी आईडेस सब कुछ निकला
27:13क्यूंकि आज़ किसी का अड्रेस और आइडी निकालना कौन से बड़ी बात है
27:17लोग सोशल मीडिया पे अपनी सारी इंफरमेशन डाल देते है
27:21इस जोती ने भी वहीं से निकाला होगा
27:23अवनी?
27:24जी सर
27:25जा एयाई का यूज करके इस लड़की का चेहरा तुम मर्द के चेहरे में बदल सकती हो?
27:30मेरा मतलब है जेंडर चेंज कर सकती हो?
27:32येस सर एयाई सब प्पेर से हो जाएका
27:34तुम्हें जल्दी करो अपनी
27:36पता तो चले
27:38इस नकली चेहरे के पीशे कौन सा चेहरा चुपा हुआ है?
27:53मुझे नहीं लगता है ये आत्मी शादी शुदा है
27:56और ये अंगूठी भी शायद इसकी नहीं है
27:59मुझे लगता है इसे पहना दी गई है मारने के बाद
28:03क्योंकि यहां इस उंगली में इसने अंगूठी पहनी हुई थी लेकिन अंगूठी का कोई निशान, कोई छाप तो है नहीं
28:11शायद कोई इसका हूलिया बदलना तो नहीं चाहता
28:16मतलब कोई इसकी पैचान बदलने की कोशिश कर रहा था
28:19वो सकता है, लगता तो यह है
28:21कोई इसको आलोग बनाने की कोशिश क्यों कर रहा है सर
28:24डॉक्टर गारगी शायद कोई आलोग की असलियत चुपाना चाहता था
28:29राइट सर
28:30तुम्हे कुछ मिला क्या?
28:31हाँ सर, किसी ने इसके पैरो की नीचे की चमडी को काटा है
28:35काटा है?
28:38चमडी कोई क्यों काटेगा
28:42खाने के लिए सर
28:43खाने के लिए?
28:46हाई गॉड
28:47मतलब कैनिबर?
28:49यहाँ, इस शेहर में
28:51कैनिबर नहीं सर, चूहा
28:53तो फिर तो डॉक्टर गारगी
28:57या तो इस आदमी को किसी ने टॉर्चर करके मारा है
29:01या फिर ये बिचारा कोई
29:04रोड साइट पर रहने वाला मजदूर है
29:06या फिर कोई अन्प्लेन बॉडी होगी
29:09जिसे बात में काट दिया गया
29:12रिच्चा को फसाने के लिए
29:13इस हद तक साजिश
29:15इसे रची होगी
29:31रची होगी
29:51आलोक?
29:54आलोक
29:56तो ये आलोग की जोती बनकर उसके सीट पर बैठा वा था?
30:03मगर सर फिर वो सीट नमबर बारा पर था कौन?
30:06क्योंके पैसेंजर्स तो ये कह रहे था कि पूरे टाइम वा पर कोई चादर रोड के खराटे ले रहा था?
30:10अगर ये रीचा का पती आलोग था तो फिर रीचा ने उसे पहचाना कैसे नहीं जब वो जोती बनकर घूम रहा था?
30:20ये कोई हिंदी पिक्चर नहीं जिसमें हिरो कपड़े बदल कर, एस्टाइल बदल कर घूमता है तो हिरोईन उसे पहचानती नहीं
30:28अब ये डाल में बहुत कुछ काला है, इन दोनों मिया बीवी की बिली भगत है
30:37मगर इतना सब ड्रामा किया क्यों?
30:42इतना ड्रामा किया क्यों? इसका जवाब तो अब रीचा ही देगी
30:47ज़्या बखवास कर रहे हैं आप लोग? मेरा बेटा ऐसा क्यों करेगा?
30:51अब ये तो आपकी बहु रिचा ही बताएगी कहा है वह बुलाई उसको मैं बुलादी हूँ
30:59बाभी?
31:03बाभी?
31:06बीचा बाभी?
31:11बाभी?
31:15बाभी बाभी कमरे में नहीं है
31:19रिचा?
31:21बीचा?
31:26बीचा?
31:27बीचा?
31:39कपड़े कह रखती है?
31:40कबड में रखती है माम
31:42सुटकेस?
31:43सुटकेस भी वही रहता है
31:45सुटकेस भी वही रहता है
31:51बाभी वही रहता है
31:52बीचा?
31:53बीचा?
31:54बीचा बाभी?
31:55बीचा बॉला था न, उसपे ठीक से नज़र लखने के लिए
31:58इतनी लापरवई
31:59इतनी लापरवई
32:00ध्यान का है तुमारा?
32:01सुरी सब
32:02सब बैग में आलो की लाश नहीं थी
32:03और बैग की अदला बदली भी होई है
32:04तो मुझे लगा शायद ही रिचा
32:05तो मुझे लगा कि रिचा पेगुना है
32:06सुरी सब
32:08सुरी सब
32:09सब बैग में आलो की लाश नहीं थी
32:11और बैग की अदला बदली भी होई है
32:14तो मुझे लगा शायद ही रिचा
32:16तो मुझे लगा कि रिचा पेगुना है
32:18कि इसने वैसे ही दिमाग उथल पुतल करकर रखा हुआ
32:22तो मुझे लगा हुआ है
32:24एक ही लीट थी हमारे पास
32:26सुरी सर
32:30अनौर जी
32:32पहले आपका बेटा आलोग गायब हुआ
32:34अब आपकी बहु रिचा गायब होगई है
32:36कुछ कहना आपको इसके बारे में
32:38सर एसी पी सर सही कहे थे
32:40यह सब आलोग और रिचा कप लाइन
32:42पहले तो किसी आपनी को मार दिया
32:44फिर उसके बाद उसकी बॉड़ी को सूटकेश में
32:46कैसी बात कर रहा है आप
32:48मेरा बेटा और बहु तो पह सीधे है
32:50वह अशा करी नहीं सकते
32:52बहु किसी काम से गयोगी आजाएगी
32:54कर आउने वाली Jeffrey
32:56और इतने ही सीधे आपके बेटा और बहु तो
32:58यह आपका बेटा आलोग
33:02यह औरत बन कर यह तर्ट गुम रहा था ड्रेन और और आपकी बहु रिचा
33:06अग्हार यह रही थी घरमा कर रही थी मेरा आलोग एख़ाग यहाँ
33:08मेरा अलोग काहां गया?
33:09यह मेरा बिटा अलोग नहीं है?
33:11हां, सर, यह मेरे भाया नहीं है
33:13ऐसा कैसे हो सकता है?
33:16हमने इसका वीडियो देखा है आप ट्रेन में सपर करते भे
33:18यह ट्रेन के अंदर गेम खेल रहा था, लोगों ने देखा इसको
33:20हमारे पास गबाँ है
33:21अरे मैं बाप हूं उसका
33:23अपने बेटे को नहीं पहचानूगा
33:24यह आलोग नहीं है
33:26बिट्टु है
33:27मेरी बहु रिचा का भाई बिट्टु
33:29क्या?
33:32यह?
33:33यह रिचा का भाई है बिट्टु?
33:38तो तो फिर आलोग?
33:40मैं अभी दिखाता हूँ
33:41यह मेरा बेटा आलोग
33:49यह मतलब रिचा अपने भाई बिट्टु को
33:52अपना पती आलोग बना कर नागपूर से सफर कर रहे थी
33:55सर यह कैचल रहा है इस केस पे?
33:59यह लोग प्रुष्ट पर टुष्ट लाए जा रहे हैं?
34:00यह दोनों भाई बैन मिलके कौन से किचड़ी पका रहे हैं कुछ समझ में नहीं आ रहा है
34:08और अगर आलोग अभी भी नहीं मिल रहा है
34:12तो कहीं ऐसा तो नहीं किस लाल सूटकेस में जो लाश है वो आलोग की है
34:16और इन भाई बैन ने मिलके उसे तीन दिन पहले ही माह डाला है
34:20अच्छा, 16 दिसंबर को रिचा जब स्टेशन के लिए निकली थी
34:27तो आलोक और बिट्टू साथ में थे गया
34:29तिनों निकली थे ना साथ में
34:30नहीं सर, सिर्फ रिचा और दमाजी घर से निकली थे
34:33मुंबई जाने के लिए
34:34पर आलोक के साथ रिचा निकली थी तो पिर
34:41ट्रें के अंदर बिट्टू बनके कैसे गुम रहा था
34:44पैसेंधर तो बता रहे थे कि दोनों हस्बन वाइब बनके गुम रहे थे
34:48ये क्या कह रहा है
34:49वो तो अलो के साथ निकले थी सार, अब उन्हों फोटो दिखाई है ना?
34:53यह देखें सार
34:57आपका बेटा बिट्टू, अभी का है वो?
35:05सब पता नहीं, उस दिन सो वो भी खर पे नहीं आया है
35:08यह तो बड़ा चक्कर है है
35:12रिचा उस दिन असली आलो के साथ ही निकली थी यहां से
35:16तो रास्ते में आलो कहीं गायब हो गया और पिट्टू आलो क बनकर ट्रेन में चड़ गया
35:22सूर
35:24सूट केस में वो जो लाश मिलीती हो आलो की नहीं है कन्फर्म्ट है
35:30क्या? तो फिर किस की है?
35:33लावारिस है सर उसे पास के एक मुर्दागर से एक औरत में खरीदा था वाड़ बॉइस
35:39तो उस औरत का चेरा देखा स्वाड बैंड नहीं सर उसने कहा कि उस औरत का चेरा दुपट्टे से डखा हुआ था
35:47हो नहीं हो यह वही आउरत है जिसने पूली को पैसे देखर बैक बदलवाय थे
35:51सर अगर पिट्टू जोती बन के ट्रेन से बाहर निकल सकता है तो औरत बन के बोड़ी भी खरीच सकता है
35:59किन बोड़ी ट्रेन में लगके बिट्टू अपनी बैन को क्यों बजाएगा एक मिनट भो जरा पोटो फर से दिखाएगा जिस यह देखिए से
36:17तो यह आटो वाला ही बताएगा यहां से स्टेशन के बीच में ऐसा क्या जादू हुआ
36:23कि एक इंसान का चेहरा ही बतल गया हो यह तो वही रिक्षा है जिसमें आलो कर रिचा गयत है अब जब नाप पूस्रेशन जाएगे
36:38हाँ बड़ो
36:53पूछ लो साब जो बुछना है पूछ लो मैं पुलिस वालों से जूट नहीं बूलता
37:05तो युम्हें किसे बता चला हम लोग पूलिस वाले है तो अर नापकुर के मैंस्टेशन जा रहे हो
37:11और आतमी कोई समान भी नहीं है और आप लोकल भी नहीं लग रहे और पस्नालिटी भी आपका कोई आम आदमी जैसा नहीं है तो मैंने ग्यस कर लिया
37:21क्याना साब वाज़ इतने क्राइम सोज आते है ना तो वो देख देकि मेरा दिमाग बिरा C.I.D. जा चले लगा ऐसा
37:41कि मेरे पास जबूर आएगी अच्छा कैसे सर वो तीन दिन पहले रवी नगर से कपल को बठाया था मैंने इसी के बारे में पूछने आया हो ना आपका है
37:55कुछ हुआ था क्या वो कर से स्टेशन के बीच में फिलबडा हुआ तो चास बात हुए थी क्या अरे कुछ क्या साफ जोल वा था रास्ते में वो उस दिन जब मैंने उन दोनों को घर से बैठाया तो औरत मेरे को स्टेशन से पहले मेडिकल स्टोर पे रोखने को बली
38:12क्या है वो उसका आदमी बहुत खास रहा था ना साथ किसे लिए उसका आदमी दावाई लिने अंदर तो गया लेकिन बहार आया कोई और इतम सेम डिट्टो कपड़ा डिट्टो टूपी सेम तो सेम तूसे तुम्हें कैसे बताशला के वो पाले वाला अदमी नहीं था था �
38:42ऐसा को उनसा जड़ी भू टिखला दिया वो दवाई बना अरे यार लेकिन जब तुम्हें शख वगा तो तुम्हें किसी को बताए क्यों नहीं है अरे साब अरे मेरे को लगा कोई प्यार वैर कर लफडावेगा अरे मेरे को खाए को किसी का विलन बनना है
38:55कर लोग यार कियो नहीं है साब अभी आपको मेडिकल शॉप जाने का होगा
39:07हाते हैं जो बो यह आपे हैं अजो जो बो यहां पे है
39:20हाते हैं जो बो यहां पे है
39:24मैं बात करता हूँ
39:29अरे भाई साब यह मेरे दोस्त है ना इसका चेहरा देख देख के मैं बहुत बोर हो गया हूँ
39:38कुछ ऐसी दवाई दीजिए जिससे यह शकल सुरत यह नो बदल जाए
39:44बाई साब ऐसी कोई दवाई निया चेहरा अगर बदलना है तो प्लास्टिक सरजरी करवाए
39:49अरे जा बात करने हो भाई साब आप अभी दो तीन देन पहले मेरा एक दोस्त आयता आपके आपकी दवाई खाके पूरा का पूरा बदल गया हूँ
40:00कुछ और बन के आया थांदर और कुछ और बन के भार गया हूँ
40:03तुम दोनों नशा करके तु नहीं आयों तुम लोग जानते नहीं मैं को आनों एक बार मेरा दिमाग सटक गया ना तो भूकम पाजगा है यह भूकम चलो निकले यहां से बनना हां पूकम तो आएगा हम लोग C.I.D. से हैं
40:19क्या हुआ पाई साब इसकी के जवाई ढून रहे हो क्या है जब दया का हाथ पढ़ता है ना तो अच्छों की इसकियां बंद जाती है
40:49मेरे दुकान में गाटा चल लादा मिझे बिट्टु मेरा जिरी तो अच्छों को आया और कहने लगा कि मैं तुझे थीन लाग दूला
41:01उसके जीजा आलो का खोन करने
41:10अब आप ही पो तो यह नहां तुने बंद लग रहे है
41:15तो तुमने मारा आलो को नहीं बंद लादा अगले देन तो कुछ और ही कहने बंद देए
41:25अब यह नहीं कहानी क्या है और सर जैसा यह केस हम लोग समझ रहे थे
41:42यह उससे भी जादा पेचीदा निकला है
41:45अब अबर उनको यह पता नहीं
41:47केस चाहे कितनी भी पेचीदा हो
41:50उससे सीधा कैसे करना हम अच्छी तरसे जानते हैं
41:54अभी जीट
41:56इह रिचा भाग गई है नागपूर
42:00जल्दी से बिल से बाहर निखालो उसे
42:02अब पूर्वी बताओ
42:09सर रिचा और बिटू का पता चल गया है
42:11कहां पे?
42:12यह लोग अपने अपको बहुत स्मार्ट समझ रहे थे
42:14इन्होंने अपने डाड का क्रेडिट कार्ट स्वाइब किया है
42:17आज ही आशा लॉज में
42:19मैं तो कहता हूं हम दोनों नेपाल चले जाते हैं
42:35वह पे मेरी अच्छी कासी सेटिंगे दोनों सेप रहें हैं
42:38कॉल
42:41रोम फर्वेज
42:43है ने
42:44मैं फर्वेज
43:05अच्छोगा सर आप लोगा के नहीं तो आलोग हमें मार देता है
43:21मारते सर यह तो फैबरी आइशन चल रहा है
43:23अरे यार यह लोग तो एक दिसरो का मारी डालेंगे
43:26उसे वाइलेंस देखा नहीं जाता है
43:29यार देया रोको यार रोको यार
43:35जल्दी से मूँ खोलना शुरू करो और मैं तोना शुरू करूँगा
43:46शंजा?
43:48वाँ रहाँ वाँ त्या बढ़िया डेली सुप का ड्रामा बनाया तुम लोगों ने वाँ
43:52पीवी ने साले के साथ मिलकर जीजा जी का कुण करने का प्लैन बनाया
43:58पिर जीजा जी ने बीवी का और साले का प्लाइन फेल कर दिया
44:03पिर जीजा जी ने मेडिकल वारे को ज्यादा पैसे दिये
44:07और फिर बीवी को और साले को अपने खून के इलगाम में फसा दिया
44:13वारे वार
44:17सेर को मिला सवा सेर
44:21मगर सवा सेर को मिले
44:24हम
44:25सेर
44:27अगले दिन आलो काया, उसने काया कि उसे बिट्टू के और मेरी बातों के वारे में पता चलिया है, उसने मुझे काउंटर ओपर दिया, और काया कि वो मुझे छह लाग रुपे देगा, और सिर्फ पैसे के जबाती तुम मैंने आकरदी में मान गया, उसने यह भी कहा कि बि�
44:57को मार दिया, जबान खोलोगे तो बहुत कुछ खुलने से बच जाएगा, बताओ जल्दी, बिट्टू ने पहुंची स्कीम में पैसे डबल करने के लिए हालोक से तीस लाक रुपे लिए थे, पर सारे पैसे डूप जाने के बाद, हालोक ने बिट्टू से हमारा नाकपु
45:27कि चीचा को मार देते हैं, बद मुझे डर था, कि कहीं बिट्टू आलोक की खुल में कहीं पकड़ा ना जाए, इसलिए मैंने बिट्टू को आइडिया दिया, कि वो मेरे साथ आलोक बनकर ट्रेन में चड़ जाए, और फिर वहां से गायब हो जाए, अगर कहीं आलोकी ला�
45:57कब और किस ने मारा, सर मेरी क्या गलती दी, मैंने बिट्टू को पैसे उदार पे दिये, तो अपने पैसे मांगूँ आई ना, इसका मतलब यह थोड़ी ना है, कि यह दोनों मुझे मार देगे, इसलिए जब मैंने इनका प्लान सुना, मैंने इनका पसाने का सोच लिया था
46:27और रिचों को फास ही हो जाए, इन दोनों को सथ ऐसे होना चाहिए, सर, बल्कि मुझे अफसोस रहेगा, इन दोनों को मैने अपने हाथों से क्यों नहीं मारा, सर, सारे रास खुल गे लेकिन एक रहेगा, सर, अगर तुम आलोग बनकर ट्रेन में बैटे थे, तो चादर के �
46:57वाख, प्लैन तो बड़ा सोच समझ कर बनाया था तुम लोगों, मगर एक बात याद रखना, क्राइम कभी भी परफेक्ट नहीं होता, अपना दी चाहे कितना भी शातिर क्यों नो हो, आफिर पकड़ा तो जाता ही है, लालच और बदले की भावना में तुम लोग अंधे ह
47:27परफे रहना, ले जाओ इनिए, पूरवी, कल थोड़ा बढ़क गया था में तुम पे, क्या करें, काम में थोड़ा सटक जाता है कभी कली, सौरी और नोंट बाइए, सौरी नहीं, सौरी नहीं, सर, जब तक सीलियर ख़़ूसना आनो तब तक काम अच्छा नेम था, ये बा
47:57हम लोग को ख़़ूस बोलके गई क्या, हम लोग को नहीं, तुम्हें ख़़ूस बोलके गई
48:06ख़़ूस
48:27झाल

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