03:16मैं कि रुषण तो आप एटा पुर्ता ये ज은न अमरा मर्मा रूषण निए निएम रुषण होता हुआ हादि निए ढूता हुआ हुख हम भूषप प्या स कायम सी जएन अपर, निए भूषण भूर तो इससल podeए एक दो अग्फषय को पुर्ण इटान्ति इस शुरून क
03:46खत्तकंडे मुस्लिम जाहान, जुगे जुगे जदो मुस्लिम पिती पिविविगाश में शबाएं, आमबरा मुर्मा होतो, किन्तु एडा के केंधर कोरे, कुणो की बड़ाबड़ी करा शुजोगा थे, तराज एड़ा कोरते सिरा चे बड़ाबड़ी, उबुके काफेर बल
04:16डार्भीत है कि अरी आप ड़ा करेंता है अरी को मेत भा kardeşim अर्बि के तार्थें पर खाम है वम्हा रड़ियालाह गांळा हर्या यह तो शाम हल के उम्हान हम ठ्कार हुए फट 새
04:33ए तीन जन खोलि फाई ताला मर्माम्तिकभाव यहागी स्वप्ण मसल ऊम्मेशुधाब को रञाए थे छे했습니다
05:48चाही शात्य बंदरीगुन सेरी होच छे जिए हम में देर के शुट्य इसलाम जानता होवे शुठीक इतिहास जानता होवे शर्यक एपों बिदात् ठयाक दूरे थेकता होवे इना दर के अल्लार दीन संपर के शुठीक भावे गादेर जान खथता होवे अपनी नामाज न
06:18है कि अजुदी रोजा राखे हादिशी आश्थे जिए अल्ला संतुष्टन एक रोजा राखले अल्ला तर चहरा के शुत्तूर बचर दुरुत्ते राखबें जहनना रागून थेके सुभान अल्ला ता अपनी नौफल रोजा राख़ विदमें यह सोपावें तर फरोज रो
06:48अपनी नौफल रोजा राखेन अपनी नौफल रोजा राखेन अपनी नौफल रोजा राखेन अपनी नौफल रोजा राखेन अपनी नौफल रोजा राखेन अपनी नौफल रोजा राखेन अपनी नौफल रोजा राखेन अपनी नौफल रोजा राखेन अपनी नौफल