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  • 7/5/2025
Muharram 2025: मुहर्रम का महीना पूरी दुनिया में मुसलमानों के लिए बहुत पाक और अहम होता है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि भारत और सऊदी अरब में मुहर्रम कैसे अलग-अलग मनाया जाता है? क्या वहाँ भी ताज़िया निकलता है? क्या वहाँ भी खिचड़ा, मातम और जलूस होते हैं?

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Transcript
00:00महरम महीने की शुरुवात हो चुकी है और इसे भारत में बेहर दिल्चस्पी के साथ मनाया जाता है
00:07महरम का महीना पूरी दुनिया में मुसल्मानों के लिए बहुत पाक और एहम होता है
00:11लेकिन क्या आपने सोचा है कि भारत और सौधी अरब में महरम कैसे अलग-अलग मनाया जाता है
00:15वहाँ भी ताजिया निकलता है क्या क्या वहाँ भी खिचड़ा मातम और जुलूस होते हैं
00:20आज जानेंगे कि साओधी अरब में महरम कैसे मनाते हैं
00:23और कैसे ये भारत जैसी परंप्राउन से बिलकुल अलग है
00:26साओधी अरब में महरम को एक पवित्रो और अबादत वाला महीना माना जाता है
00:30यहां इस महीने में किसी तरह की सांस्कृतिक या जूलूस अधारित अक्टिविटीज नहीं होती है
00:35दस्वी महरम यानि आशूरा के दिन को बहुत खास माना जाता है
00:39क्योंकि इस दिन हजरत मुरसा अलब और उनके कौम को फिरौन से निजात मिली थी
00:44और इस दिन को याद करते हुए नभी मुहम्मद स्वी ने रोजा रखने की एदाय दे
00:49इसलिए साओधी में महरम का मतलब होता है
00:51नफल रोजा, तौबा, कुरान की तिलावत और सादगी से दिन बिताना
00:55भारत और साओधी में महरम नाने का तरीका बिलकुल अलग है
01:14सबी, लंगर और फातिहा का आयोचन भी होता है
01:17कई जगा सरकारी छुट्टी और बड़ी जनसभा होती है
01:19यानि मजलिस की जाती है
01:20साओधी अरब में वहाँ ज्यादतर सुनी मुसल्मान रहते हैं
01:23सरकार और समाज दोनों ही शरियत के सख्त पालन पर जोड़ देते हैं
01:27कोई जुलूस, मातम, ताजिया या सांस्कृटिक कारेकरम नहीं होता
01:31सिर्फ रोजा, दुआ और तिलावत पर फोकस किया जाता है
01:33शिया समुदाय मौजूद है
01:35लेकिन वो भी प्राइविट तोर पर अबादत करते हैं
01:38पबलिकली जुलूस की परमीशन उन्हें भी नहीं होती
01:41सौधिय अरब में सल्फी विचारधारा का बोलबाला है
01:44जिसमें माना जाता है कि जो चीज खुरान और सही हदी से साबित ना हो
01:48वो बिद्दत है यानि कोई नई सोच है
01:50ताजिया मातम या खुद को नुकसान पहुचाना जैसे जन्जी जनी
01:54शरियत के खिलाबे इसलाम दिखावे और शोर शरावे से नहीं
01:57अंदुरूनी नियत और अमल से चलता है
01:59इसलिए वहां ढोल ताशा, डीजे या जुलूस पूरी तरह बैन है
02:03मातम को शरियत में गएर जरूरी या मना किया गया है
02:06सिर्फ कुरान पढ़ना दुआ और रोजा रखना ही सही तरीका माना जाता है
02:10सौधी सरकार धार्मिक नियमों को कानूनी तोर पर लागू करती है
02:13इसलिए कोई भी सारवजनिक मातम या ताजिया महान नहीं होता
02:17भारत और सौधी में फर्क सिर्फ तरीका और महौल का है
02:19भारत में शियसमुदाय की बड़े अबादी है
02:21जिनकी परंपरा में इमाम हुसैन की शहादत को भावनात्मक रूप से याद करना शामिल है
02:26वहीं सौधी अरब में कुरान और सुन्नत के मताबिक सीधे अबादत पर जोर देता है
02:30बिना किसी रस्म या फिर प्रदर्शन के
02:32दोनों का मकसद एकी है इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करना और सब्र सचाए का परगाम समझना
02:38इसलिए नफरत नहीं बलकि एक दूसरे की भावनाओं को और अबादत के तरीकों का सम्मान करना चाहिए
02:43फिलाल इस वीडियो में इतना ही आप क्या कहेंगे
02:45कॉमेंट सेक्शन में हमें लिक कर जरूर बताएं वीडियो को लाइक करें शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूलें

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