02:14हाला कि ये मारवारी समुदाय के विरोध प्रदर्शन और मांग के बाद मारपी करने वाले साथ आरोपियों पर मुकदमा तो हो गया
02:22लेकिन राजनीत इठामी नहीं
02:24एक तरफ महराष्ट्र सरकार के एक मंत्री कहते हैं, हिंदू और महराष्ट्र के दूसरे मंत्री कहते हैं, मराठी का अपमान करने वाले पर कारवाई होगी
02:44महराष्ट्र में मराठी तो बोलने ही पड़ेगी, अगर मराठी नहीं आती है तो आपका ये आटिरूट नहीं चलागे कि हम मराठी बोलेंगी नहीं
02:52महराष्ट सरकार के मंत्री माराठी नहीं बोलने वाले पर एक्शन की बात करते हैं, तो बाजार के बड़े निवेशक सुशील केडिया, राज ठाकरे के नाम, सोशल मीडिया पोस्ट करके लिखते हैं, कि उन्होंने कसम खाली है, वो माराठी नहीं सीखेंगे, जो करना है क
03:22महराष्ट्र में सियासत के गल्यारे से समाज के कोने तक फैल रही ये सारी कड़वाहट, दरसल जनहित के सरोकारों से विचलन और मुद्दा विहीं राजनीत की मिसाल है, जो एक सरकारी आदेश से शुरू ही
03:33महराष्ट्र की महायूती सरकार की ओर से देश की नहीं शिक्षानीत के अंडरू, पहले 16 अप्रेल, फिर 17 जून को सरकारी आदेश पारित हुआ, जिसमें राजजने कफशा 1-5 तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ�
04:03सवाल खड़े किये जाने लगे कि महराष्ट्र में हिंदी भाषा क्यों थोपी जा रही, हिंदी अनिवारे करने से मराठी एक जुटता खंडित हो जाएगी, पांचवी क्लास तक हिंदी पढ़ाने से मराठी अस्मिता पर खत्रा है, इस फैसले को गुजरात में लागू क्
04:33शुरू हो गई, मामला बढ़ने लगा, तो मराठा आरक्षन के मुद्दे से हुए नुकसान की जली सरकार ने चिंगारी भड़कने से पहले 16 प्रेल और 17 जून को जारी सरकारी आदेश वापस ले लिया, यहां तक हिंदी को कमपलसरी सिखाने का सवाल है, तो इस संदर में
05:03भाषा के नाम पर महराष्ट्र में द्रूवी करन की कोशिश नाकाम होती देख, मार पीट धंकी बायान बाजी का नयादार शुरू हुआ, जिसकी परिनिती हिंदी मराठी से आगे टोपी दाड़ी तक पहुँच गई
05:14दरसल महराष्ट्र सरकार ने राष्ट्रिय शिक्षानीती 2020 के तहत प्राथमिक शिक्षा में चर्णबद रूप से लागू की जा रही, भाषानीती के तहत हिंदी की पढ़ाई शुरू करने का फैसला लिया था,
05:42क्योंकि इससे पहले भी उद्धव ठाकरे सरकार के दौरान डॉक्टर रगुनात माशेलकर की अध्यक्ष्टा में गठे टाफ पोर्स ने 14 सेतंबर 2021 को जो 101 पन्नों की रिपोर्ट सौपी उसमें कक्षा एक से बारहता का अंग्रेजी और हिंदी को अनेवारिय दूसरी भा
06:12ठाकरे परिवार को BMC चुनाओ सामने नजर आ रहा है आठ साल पहले हुए चुनाओ में BJP को 82 सीटें और 27.2 प्रतिशत वोट मिला था तो शिव सेना को 84 सीट और 28.3 प्रतिशत वोट और MNS को 7 सीटें और 7.7 प्रतिशत वोट मिला
06:31NCP को 9 सीटें 4.8 प्रतिशत वोट मिला अन्य को 14 सीट और 15.5 प्रतिशत वोट अब अगर हिंदी विरोध के नाम पर ही सही उद्धाव राज साथ हाते हैं तो BJP की सीटें घटकर 64 हो जाएंगी
06:44कॉंग्रेस की सीटें घटकर 25 शिव सेना MNS मिलकर 118 सीटें और 36 फीजडी वोट पालेंगे बाकि NCP की एक सीट घटेगी अन्य की दो सीट
06:53बस इसी उमीदों उमानों में शायद हिंदी विरोध की बहाने उद्धाव राज को एक जुट होने का मौका तलाशा गया
07:00वरना पांचवी तक के बच्चों को हिंदी पढ़ाने से मराठी असमिता के नश्ट होने का कोई तर्क नजर नहीं आता