00:00मैं तो कलाकारों का बहुत धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने बाजी राव पेश्वा की इस प्रतिमा को अस्वारूड बनाया है जदुना सरकार ने बाजी राव पेश्वा के लिए काफी कुछ लिखा है बगर एक वाक्य में कभी नहीं बुल सकता
00:18उन्होंने कहा कभी भी किसी व्यक्ती का जन्म गोडे के साथ नहीं होता बाजी राव एक मात्र व्यक्ती ऐसा है जिसका जन्म ही गोडे के साथ हुआ रहे
00:31पूरा 20 साल का कालखन उनको घोडे से नीचे उतरते हुए किसी ने नहीं दिखाए।
01:01बचे हुए कालखन में पुरा जीवन तो युद में गया जो चार माँ बत्ता था उसमें भी उन्होंने कई सारे सुधार के काम भी किये।
01:31सेना का वर्णन नहीं सुना जीसमें एक सिपाई और तिन घोडे की व्यवस्ता थी।
01:37हर जगे पर गुड़ स्वार होते थे एक गोड़ा और एक सिपाई।
01:45स्रीमंत बाजीराव की सेना में एक सिपाई पर तिन घोड़े होते थे।
01:49घोड़ा ठकता था, आराम करता था, सिपाई आगे बढ़ता रहता था।
01:55और आश्चरे जनक रित से बिजली की तरह दूस्मनों पे वो तुट पड़ते थे, उनकी त्वरा से अच्छे अच्छे पराजीत हुए।
02:06मैं सोची नहीं सकता कितनी विकट परिस्तितियों में इतने फैले हुए मकड़ जाल को भेद कर
02:14एक के बाद एक, एक तालीस दो में कोई कैसे सफलता पराप्त करता है।
02:29कुछ लोग उनको इस्वर्दत सेनापति कहते हैं, कुछ लोग उनको अजिंक्य योद्धा कहते हैं,
02:43और कुछ लोग उनको सीव सिश्योत्तम बाजी राव पिश्वा भी कहते हैं।
02:51अगर भी सारे राजाओंने प्रचंड यूद किये, विजय भी प्राप्त किये।
02:59मगर बाजी राव पिश्वा के सभी विद्धों में एक बात विशेश थी, वो अपने लिए नहीं लड़ रहे थे, वो देश के और स्वराज के लिए लड़ रहे थे, क्योंकि वो तो पंत प्रदान थे।
03:12उन्होंने कभी भी छत्रपती के साथ अंग्रेजों ने इतियाश को विक्रूत करने का बहुत प्रयास किया।
03:24अगर आज जीवन इतना पराक्रम इतनी बड़ी शक्ति होने के बावजूद वो पिश्वा ही रहे।
03:34हर्यूद मात्रु भूमी के लिए हर्यूद धर्म के लिए हर्यूद स्वराज के लिए लड़ा।
03:43अपने 40 साल के जीवन में एक ऐसा अमर इतियास लिखने का काम किया।
03:52जो आने वाले कई सद्यों तक कोई और लिख न पाए ऐसा अमर इतियास लिखने का काम किया।
04:00श्रिमंत बाजी राव की भीरता और महानता को वर्णन करने के लिए मेरा मेरे पास सब्द नहीं है
04:12अगर मेरे जीवन में कभी भी कोई निरासा दस्तक देने लगती है
04:22तो मुझे हमेशा बाल सिवाजी और स्रिमंत बाजी राव की विचार आता है
04:32और निरासा कोसो दूर चली जाती है कि अगर इतनी विपरित स्तिती में वो लोगे कर पाए
04:41तो हमारा तो दाई तो है अब सब जगे अनुकुलता ही अनुकुलता है