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Transcript
00:00अगर एक शब नहीं मुझसे भार निकाला तो यहीं गात हुआ
00:03कोर्सा कोर्सा में अपरी परवरिश पे बहुत शर्मिन दो कोर्सा
00:13मतलब अभिराज सर
00:20अभिराज सर
00:22मुझे माव कर दीजिए कोर्सा मुझे माव कर दीजिये
00:31मिश्टर सत्य परकाश जी आपको पी गलप फैमी हुई यह रभिराज सर
00:38यह तो एक नमर कर नीच आगमी है
00:41यह हमारे कोवर्सा हैं जिनके खांदान की हमारा खांदान पुष्टों से सेवा कटा आ रहा है
01:00इनके दादा जी जो एक जमाने में किसी रियासत के राजा हुआ करते थे
01:06जिन्होंने आजादी के बाद अपना सब कुछ सरकार को दे दिया
01:10और अपने परिवार के साथ गुमनामी की जिन्दगी जीने लगे
01:13लेकिन आज आज उनके पोते ने उनकी रियासत से बड़ी इंडस्टी खड़ी करती हो भी अपने तब पर है