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  • 7/2/2025

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00:00ओम अथशिवचालीसाँ जैगनेश गिरिजासुवन मंगल मूल सुजान
00:18कहत आयोध्यादास तुम देवभयवरदान जैगिरिजापति दीन दयाला सदाकरत संतन प्रतिपाला
00:40भाल चंद्रमा सोहतनीके कानन कुंडल नाग फनीके अंग गौर शिरगंग वहाए मुंड माल तनक्षार लगाए
00:59वस्त्रखालवा घांबर सोहे छबी को देखी नागमन मोहे
01:08मैना मातो किहवे दुलारी बाम अंग सोहत छबी न्यारी
01:18करत रिशूल सोहत छबी भारी करत सदाशत रुनक्षय कारी
01:27नंदी गणेश सोहत ह कैसे सागर मथ्य कमल है जैसे
01:37कार्तिक शाम और गणराओ या छबी को कही जात नकाओ
01:47देवन जब ही जाय पुकारा तब ही दुख प्रभु आपनिवारा
01:56कियाओ पत्रव तारक भारी देवन सब मिली तुम ही जुहारी
02:06तुरत शडानन आप पठायो लव निमेश मह मारी गिरायो
02:16आप जलंधरा सुरसमारा सुयश तुम्हार विदित संसारा
02:26क्रिपुरा सुरसन युद्ध मचाई तब ही कृपा करलेन बचाई
02:36कियात पही भागी रथ भारे पुरव प्रते ग्याता सुपुरारे
02:46दानिनमह तुम समको नाही सेवकस्तुति करत सदाही
02:56वेद माही मही मातुम गाई अकथ अनादि भेद नहीं पाई
03:05प्रकटे उदधी मन्थन मेज्वाला जरत सुरा सुरभए विहाला
03:15कील दयात तह करी सहाई नील कंठ तब नाम कहाई
03:25पूजन राम चंद्र जब कीन हा जीत के लंक भी ही शण दीन हा
03:35सहस कमल में हो रहे धारी कीन परिक्षा तब ही त्रिपुरारी
03:45एक कमल प्रभु राखे उजोई कमल नयन पूजन चह सोई
03:55कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर भय प्रसंद दिये एक छितवर
04:05जय जय जय अनन्त अभिनाशे करत क्रपा सब के घटवासी
04:14दुष्ट सकल नित मोही सतावे भ्रमत रहो मोहे चैन नावे
04:24त्राही त्राही मेनाथ पुकारो यह अवसर मोही आन उबारो
04:34ले प्रिशूल शत्रुन को मारो संकट से मोही आन उबारो
04:44मात पिता प्राता सब कोई संकट में पूछत नहीं कोई
04:54स्वामी एक है आस तुम्हारी आया हरहु मम संकट भारी
05:03धन निरधन को देत सदा ही जो कोई जाचे सो खल पाही
05:13अस्तुति के ही विधी करो तुम्हारी शम हुनाथ अब चूक हमारी
05:23शंकर हो संकट के नाशन मंगल कारण विखनवी नाशन
05:33योगी अतिमो निध्यान लगावे शारद नारद शीष नवावे
05:43नमो नमो जय नमशिवाय सुरब्रम्हादिक पार नपाय
05:53जो यह पाठ करे मन लाए तापर होत है शंभु सहाई
06:02रनिया जो कोई हो अधिकारी पाठ करे सो पावन हारी
06:12पुत्र होन की इच्छा जोई निश्चय शिव प्रसाद तेही होई
06:22पंडित त्रयोदशी को लावे ध्यान पूर्वक होम करावे
06:31त्रयोदशी व्रत करे हमेशा तन नही ताके रहे कलेशा
06:41धूपदी पनई वेत्य चढ़ावे शंकर संमुख पाठ सुनावे
06:51जन्म जन्म के पाप नसावे अंतधाम शिव पुर में आवे
07:00कह अयोध्यादास तुम्हारी जानी सकल दुख हर हुआ मारी
07:10नितनेम उठी प्रात है पाठ करो चालीस
07:20तुम मेरी मन कामना पूर्ण करो जगदीश
07:29जय गणेश गिरिजासुवन मंगल मूल सुजान
07:40कहत अयोध्यादास तुम्ह देवभय वरदान
07:51जय गिरिजापति दीन दयाला सदाकरत संतन प्रतिपाला
08:02भाल चंद्रमा सोह तनीके कानन कुंडल नाग फनीके
08:11अंग गौर शिरगंग बहाए मुंड माल तनक्षार लगाए
08:21वस्त्रखाल वाघांबर सोहे छबी को देखी नागमन मोहे
08:30मैना मातो किहवे दुलारी बाम अंग सोहत छबी न्यारी
08:40करत रिशूल सोहत छबी भारी करत सदाशत्र नक्षय कारी
08:49नंदी गणेश सोहत ह कैसे सागर मत्य कमल है जैसे
08:59कातिक शाम और गणराओ या छबी को कही जात नकाओ
09:09देवन जब ही जाय पुकारा तब ही दुख प्रभु आपनिवारा
09:18कियाओ पत्रव तारक भारी देवन सव मिली तुम ही जुहारी
09:28तुरत शडानन आप पठायो लव निमेश मह मारी गिरायो
09:38आप जलंधरा सुरसमारा सुयश तुम्हार विदित संसारा
09:48त्रिपुरा सुरसन युद्ध मचाई तब ही कृपा करलेन बचाई
09:58कियात पही भागी रथ भारे पुरव प्रते ज्याता सुपुरारे
10:08दानिनमह तुम समकुनाहि सेवकस्तुतिकरत सदाहि
10:18वेदमाहि महिमा तुमगाई अकथ अनादि भेद नहीं पाई
10:28प्रकटे उदधि मन्थन मेज्वाला जरत सुरा सुरभए विभाला
10:38कील दयात अकरी सहाई नील कंठ तब नाम कहाई
10:48पूज नराम चंद्र जब कीन हाँ जीत के लंक भी भीषण दीन हाँ
10:57सहस कमल में हो रहे धारे कील परिक्षा तब ही त्रिपुरारे
11:07एक कमल प्रभु राखे उजोई कमल नयन पूजन चह सोई
11:17कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर भय प्रसंद दिये एक्षित वर
11:27जय जय जय अनन्त अभिनाशे करत क्रपा सब के घटवासी
11:37सुष्ट सकलनित मुही सतावे भ्रमत रहो मुहे जैन न आवे
11:47प्राही त्राही में नाथ पुकारो यह अवसर मुही आन उबारो
11:57संकट से मुही आन उबारो मात पिता फ्राता सब कोई संकट में पूछत नहीं कोई
12:16स्वामी एक है आस तुम्हारी आय हरहु मम संकट भारी धन निरधन को देत सदाही जो कोई जाचे सोखल पाही
12:36अस्तुति के ही विधि करो तुम्हारी शमहु नाथ अब चूक हमारी
12:45शंकर हो संकट के नाशन मंगल कारण विखनवी नाशन
12:55योगी अति मुनि ध्यान लगावे शारद नारद शेश नवावे
13:05नमो नमो जय नम शिवाय सुरब्रम्हादिक पार नपाय
13:15जो यह पाठ कर मन लाए ता पर होत है शंभु सहाई
13:24रनिया जो कोई हो अधिकारी पाठ करे सो पावन हारी
13:34पुत्र होन की इच्छा जोई निश्चय शिव प्रसाद तेही होई
13:44पंडित त्रयो दशे को लावे ध्यान पूर्वक फोम करावे
13:53त्रयो दशी व्रत करे हमेशा तन नहीं ताके रहे कलेशा
14:03धूपदी पनई वेत्य चढ़ावे शंकर संमुख पाठ सुनावे जन्म जन्म के पाप नसावे अंतधाम शिव पुर में आवे
14:22कहे अयो ध्यादास तुम्हारी जानी सकल दुख हर हुआ मारी नितनेम उठी प्रात हहे पाठ करो चालीस तुम्
14:52जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल मूल सुझान कहत अयो ध्यादास तुम्ह देव भय वरदान
15:14जय गिरिजापति दीन दयाला सदाकरत संतन प्रतिपाला भाल चंद्रमा सुह तनीके कानन कुंडल नाग फनीके
15:33अंग गौर शिरगंग बहाए मुंड माल तनक्षार लगाए वस्त्रखाल भाघांबर सोहे छबि को देखि नागमन मोहे
15:52मैना मातो किहवे दुलारी बाम अंग सोहत छबि न्यारी करत रिशूल सोहत छबि भारी करत सदाशत्र नक्षयकारी
16:11नंदी गणेश सोहत ह कैसे सागर मथ्य कमल है जैसे कार्तिक शाम और गणराओ या छबि को कही जात नकाओ
16:30देवन जब ही जाय पुकारा तब ही दुख प्रभु आप निवारा कियाओ पत्रव तारक भारी देवन सब मिली तुम ही जुहारी
16:50तुरत शडानन आप पठायो लव निमेश मह मारी गिरायो आप जलंधरा सुरसमारा सुयश तुम्हार विदित संसारा
17:10त्रिपुरा सुरसन युद्ध मचाई तब ही कृपा करलेन बचाई कियाओ तब ही भागी रथ भारे पुरव प्रतेग्याता सुपुरारे
17:30दानिनमह तुम समकुनाहि सेवकस्तुति करत सदाहि वेद माहि महिमा तुम गाई अकथ अनादि भेद नहीं पाई
17:50प्रकटे उदधि मन्थन में ज्वाला जरत सुरा सुरभए विभाला कीनह दयाताह करी सहाई नील कंठ तब नाम कहाई
18:10पूजन राम चंद्र जब कीनह जीत के लंक भी ही शण दीनह सहस कमल में हो रहे धारी कीन परिक्षा तब ही त्रिपुरारी
18:29एक कमल प्रभु राखे उजोई कमल नयन पूजन चह सोई
18:39कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर भय प्रसंद दिये एक्षित वर
18:49जय जय जय अनन्त अभिनाश्री करत क्रपा सब के घटवासी
18:59दुष्ट सकलनित मुही सतावे भ्रमत रहो मुहे चैन न आवे
19:09त्राही त्राही मैनाथ पुकारो यह अवसर मुही आन उबारो
19:18ले त्रिशूल शत्रुन को मारो संकट से मुही आन उबारो
19:28मात पिता प्राता सब कोई संकट में पूछत नहीं कोई
19:37स्वामी एक है आस तुम्हारी आय हरहु मम संकट भारी
19:47धन निरधन को देत सदाही जो कोई जाचे सोखल पाही
19:57अस्तुति के ही विधि करो तुम्हारी शम हुनाथ अब चूक हमारी
20:07शंकर हो संकट के नाशन मंगल कारण विख्नवि नाशन योगी अतिमो निध्यान लगावे शारद नारद शीष नवावे
20:26नमो नमो जय नमशिवाय सुरब्रम्हादिक पार नपाय जो यह पाठ करे मन लाए तापर होत है शंभु सहाई
20:46रनिया जो कोई हो अधिकारी पाठ करे सो पावन हारी पुत्र होन की इच्छा जोई निश्चय शिव प्रसाद तेही होई
21:05पंडित त्रयोदशी को लावे ध्यान पूर्वक होम करावे त्रयोदशी व्रत करे हमेशा तन नहीं ताके रहे कलेशा
21:24धूपदी पनई वेत्य चढ़ावे शंकर संमुख पाठ सुनावे जन्म जन्म के पाप नसावे अंतधाम शिव पुर में आवे
21:44कहे अयोध्यादास तुम्हारी जानी सकल दुख हर हुआ मारी नितनेम उठी प्रात हहे पाठ करो चालीस
22:04तुम मेरी मन कामना पूर्ण करो जगदीश
22:14जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल मूल सुजान कहत अयोध्यादास तुम्ह देवभय वरदान
22:36जय गिरिजापति दीन दयाला सदाकरत संतन प्रतिपाला
22:46भाल चंद्रमा सुहत नीके कानन कुंडल नाग पनीके
22:55अंग गौर शिर गंग वहाए मुंड माल तनक्षार लगाए
23:05वस्त्रखाल वाघांबर सोहे छबि को देखि नागमन मोहे
23:14मैना मातु किहवे दुलारी बाम अंग सोहत छबि न्यारी
23:24करत रिशूल सोहत छबि भारी करत सदाशत्र नक्षयकारी
23:33नंदी गणेश सोहत ह कैसे सागर मथ्य कमल है जैसे
23:43कार्तिक शाम और गणराओ या छबि को कही जात नकाओ
23:52देवन जब ही जाय पुकारा तब ही दुख प्रभु आप निवारा
24:02कियाओ पत्रव तारक भारी देवन सव मिली तुम ही जुहारी
24:12तुरत शडानन आप पठायों लव निमेश मह मारी गिरायों
24:22आप जलंधर सुरसमारा सुयश तुम्हार विदित संसारा
24:31क्रिपुरा सुरसन युद्ध मचाई तब ही कृपा करलेन बचाई
24:41कियाओ तब ही भागी रथ भारे पुरव प्रतेग्याता सुपुरारी
24:51दानिनमह तुम समकोनाहि सेवकस्तुतिकरत सदाहि
25:01वेदमाहि महिमातुम गाई अकथ अनादि भेद नहीं पाई
25:11प्रकटे उदधी मन्थन मेज्वाला जरत सुरा सुरभए विहाला
25:21कीनह दयाताह करी सहाई नील कंठ तब नाम कहाई
25:31पूजन राम चंद्र जब कीनह जीत के लंक भी पीषण दीनह
25:41सहस कमल में हो रहे धारी कीन परिक्षा तब ही त्रिपुरारी
25:51एक कमल प्रभु राखे उजोई कमल नयन पूजन चह सोई
26:01कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर भय प्रसंद दिये एक छित वर
26:11जय जय जय अनन्त अभिनाशे करतक्रपा सबके घटवासी
26:21दुष्ट सकलनित मुही सतावे भ्रमत रहो मुहे चैन नावे
26:31प्राही त्राही में नाथ पुकारो यह अवसर मुही आन उबारो
26:41लेत्रिशूल शत्रुन को मारो संकट से मुही आन उबारो
26:50मात पिता प्राता सब कोई संकट में पूछत नहीं कोई
27:00स्वामी एक है आस तुम्हारी आय हरहुमम संकट भारी
27:10जन निर्धन को देत सदाही जो कोई जाचे सो फल पाही
27:20अस्तुति के ही विधि करो तुम्हारी शम हुनाथ अब चूक हमारी
27:30शूकर हो संकट के नाशन मंगल कारण विख्नवि नाशन योगी अति मुनि ध्यान लगावे
27:44शारद नारद शीष नवावे नमो नमो जय नम शिवाय सुर ब्रम्हादिक पार नपाय
27:59जो यह पाठ करे मन लाए तापर होत है शंभु सहाई
28:09रनिया जो कोई हो अधिकारी पाठ करे सो पावन हारी
28:18पुत्र होन की इच्छा जोई निश्चय शिव प्रसाद तेही होई
28:28पंडित त्रयोदशी को लावे ध्यान पूर्वक होम करावे
28:38जोदशी व्रत करे हमेशा तन नहीं ताके रहे कलेशा धूपदी पनई वेत्य चढ़ावे शंकर संमुख पाठ सुनावे
28:56जन्म जन्म के पाप नसावे अंतधाम शिव पुर में आवे
29:06कहे अयोध्यादास तुम्हारी जानी सकल दुख हर हुआ मारी
29:16नितनेम उठी प्रात हहे पाठ करो चालीस तुम्ह मेरी मन कामना पूर्ण करो जगदीश
29:36ओम हर हर नमफ पार्वती पतये हर हर महादेव
29:46ओम तत्सत

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