00:00लेकिन जो व्यवस्ता थी वो व्यवस्ता ठीक नहीं थी एक्जिट का दुआर बंद कर दिया था एक रास्ता रह गया जहां से इंट्री होता है बहीं से एक्जिक होते भीड का नियंतर पसार्शन से ठीक से नहीं किया पर एक्जिट
00:30कर दो तिन वज़े तक हम भी मंदिर के पास थे लेकिन जो व्यवस्ता थी वो व्यवस्ता ठीक नहीं थी क्योंकि जगनातर जी के पास
00:59मासुबद्र और बलबद्र भाया के रथे लेकिन जो आजमी जाता है तीनों रथों का दर्शन करके यूटन लेता है लेकिन इस बार प्रसासर ने बहुत तकलिब नहीं अपलाया वो उसने लोगों जान एक्जिट का दौर बंद कर दिया था और एक्जिक के दौर में इस �
01:29जिसके बदे से रात को लूग भीड बढ़ता रहा एवंग टाफिक में वेवस्ता भी बहुत गलत था क्योंकि अनौर अथ्रडिस पास गाड़ी बहुत मात्रा से मंदिर के पास आता रहा रादभर इसी करद से भीड का नियंत पसासन से ठीक से नहीं किया पर एक्जिक मु
01:59कि दिन बें देखे रचयातरा के दीन भी बहुत आद्मीय लेकिन इंटिल्ला को यह सरकार ने उस मौत को बंद कर दिया लोगों गों को देख आना � difí
02:06लोगों को देखा नहीं प्रेस में देखा नहीं इतने आध्म मारे लेकिन उस दिन भी हमको पड़ता है साथ आदमी रथे आतरा में मारे थे उसका बाद भी परससटन को भूमा के लुचा के छुपा के बोला कोई जीरो काजूलिटर है कोई आत नहीं हो उसके उभर कंट्रि�
02:36जिस रश्य�� जाती थे वहीरास्टे से लोग निकेल अतरे दिए स्चेश के बिए इसके मासर बदले से लोग ब्यादा दूर चलके बजा बदले बदले वही हला जर्टे से
02:48और दी ग्रहन दी अधीए सिर्ट है में उनको बहुत ओती में जिसके बीडर से के सामने दुर्ट गटना सम्हें