حضرت یوسف قسط2 | اردو ڈب | Joseph The Prophet | Prophet Yousuf This story basically follows the most important happenings in Prophet Josephs life, from the view of muslims. The most important happenings are: 1. his travel to egypt 2. his rise and growing up in Egypt 3. his life problems when his "owner" Zuleikha falls in love with him and wants him to return the love to him. 4. his stay in prison, and how he reforms the prisoners. 5. his return by the side of the Pharao. 6. his uprising to the side of the pharao as his advisor. 7. his brothers coming to egypt, and how he decides to make them regret their mistakes so they can receive forgivness, and peace. 8. his reunion with his family after more than 20 years.
Orijinal Name: Joseph The Prophet Genre: Religious, Historic Directed by: Farajollah Salahshoor Starring: Mostafa Zamani, Katayoun Riahi, Mahmoud Pak Niat, Abbas Amiri Moghaddam, Jafar Dehghan, Jahanbakhsh Soltani, Rahim Norouzi, Mahosh Sabrkon, Elham Hamidi, Parvaneh Massoumi, Leila Bolukat
یہ کہانی بنیادی طور پر مسلمانوں کے نقطہ نظر سے حضرت یوسف علیہ السلام کی زندگی کے اہم ترین واقعات کی پیروی کرتی ہے۔ سب سے اہم واقعات یہ ہیں: 1. اس کا مصر کا سفر 2. مصر میں اس کا عروج اور پروان چڑھنا 3. اس کی زندگی کے مسائل جب اس کی "مالک" زلیخا اس سے پیار کرتی ہے اور چاہتی ہے کہ وہ اسے پیار واپس کرے۔ 4. جیل میں اس کا قیام، اور وہ قیدیوں کی اصلاح کیسے کرتا ہے۔ 5. فرعون کی طرف سے اس کی واپسی. 6. فرعون کی طرف اس کے مشیر کی حیثیت سے بغاوت۔ 7. اس کے بھائی مصر آ رہے ہیں، اور وہ کس طرح فیصلہ کرتا ہے کہ وہ انہیں اپنی غلطیوں پر پچھتاوا کرے تاکہ وہ معافی اور سکون حاصل کر سکیں۔ 8. اس کا اپنے خاندان کے ساتھ 20 سال سے زیادہ کے بعد دوبارہ ملاپ۔
03:45So now let's take a look if Raheel and his child
03:47is the God of God or a Christian?
03:49Or Esther?
03:53God is...
03:55Raheel and his children
03:56I'm going to get a little while ago.
03:58Where are you going?
04:01Don't leave us in this situation.
04:04You don't have to go.
04:06I don't have to go.
04:08I need to go.
04:12You want to do whatever you want to do with yourself.
04:15But I can't sit down with my hands.
04:19I don't want to do anything.
04:21I don't want to do anything.
04:24I'm going to go to the hospital.
04:29The hospital is real.
04:42This is not only for the people of God,
04:45but for my daughter's children.
04:49I don't understand what to do.
04:54I don't know why.
04:57.
05:03¶¶
05:33ये लोग इसतर को क्यों नहीं बुलवा लेते, वो एक माहिरदाई है, ठीक कहती हो
05:49जनाबे लाबान, इसतर को बुलवा लीजिए, अगर वो आ जाए, वो एक माहिरदाई है
06:03जाओ जाकर देखो, अगर इस तरह आजाए, तो जो भी मांगेगी, मैं उसे दूँगा
06:08कहना कि लाबान ने कहा है कि अगर मेरी वेटी को इस मुश्किल से निजाद दिला दी, तो मैं वादा करता हूँ
06:13कि मैं याखुब को फद्दान से शेर बदर कर दूँगा
06:16जाओ
06:33जारे बुजर्ग से मुखालफत की यही सजा है
06:36अपना मूँ बस करो
06:40याखुब से कहो, वो अपने खुदा से मदद क्यों नहीं मांग रहा है
06:51अगर मैं उसकी जगा होती, तो मुसीबत के वक्त अपने खुदा को कभी नहीं बूलती
06:56जिनाब लाबान ने मुझे बेजाएं, याकूब ने नहीं
06:59और वादा किया है कि अगर इसकी बेटी को निजात दिला दो, तो वो याकूब को शेयर बदर कर देंगे
07:04अगर राहिल को निजात दिला दो, तो कोई शक नहीं कि फद्दान के लोगों के एमान में इजाफा होगा और आपको भी इसका फायदा होगा
07:22ये सब कुछ तो राहिल की मौँ से भी हासिल हो सकता है, उसे मरने दो
07:27ठीक है, तो जाओ और यहीं जाकर लोगों से कहो, उन्हें बताओ राहिल की मौद, इस्तार की मुखालपत, यक्ता परस्टी और इस्तार, और इस्तर की कुवतों को नज़नदास करने का नतीजा है
07:40कितना अच्छा हो, अगर राहिल और उसके बच्चे की मौद के साथ ही, फदान में भारिश भी परसना शिरू हो जाए
08:10अगर इसे होश नहीं आया, तो दोनों मर जाएंगे
08:32ये दुहा इसे मार डालेगा, होश में नहीं लाएगा
08:40कुछ पता चला?
09:10नहीं, अब तो बस ये देखना है कि या गूप का खुदा काम्याब होता है या इस तर का खुदा?
09:15वो तो जाहर है, काम्याबी ये किन निश्टार ही की होगी
09:18लाबान, तुमने मुझे बुलाने की जहमत की? क्यों?
09:39यागूप का तो कहना था कि वो ये खुदरतमंद और बेमिसाल खुदा रखता है, तो फिर उसे मदद क्यों नहीं मांगता?
09:46राहिल की जान अब तुम्हरे हाथ में है, इसकी मदद करो
09:52मुझे बिलकुल अंदाज नहीं था, कि इतनी जल्दी याकूप वीश्टार के सामने दस्ते सवाल दरास करेगा
10:01कैसी फजूल सोच और ख्याल बातिल है, तुम्हें आखिर किस चीज ने ऐसा सोचने पर मच्बूर कर दिया?
10:07बहुत जल्द ये ख्याल बातिल हकीकत में बदलने वाला है, जब तुम अपनी बीवी बच्चे को अपनी आँखों से मौत के मुँ में चाता देखोगे
10:15मौत और जिन्दगी खुदा के हाथ में है, ना कि इस्तर और इस्तर के
10:20मैंने इस्तर को यहां बुलवाया है, राहिल की हालत ठीक नहीं है
10:24राहिल को सिवाए अपने खुदा के किसी और की जुरूरत नहीं, मेरे घर से निकल जाओ, चाओ
10:30रुक जाओ याकूब, मैं तुम से मुकातिब हूँ, चली जाओ
10:32तुमारी बीवी बच्चा आज रात नीस तो नाबोद हो जाएंगे
10:35इस्तर का गुसा तुमारे अजीजों की मौँ से ही चंडा होगा
10:38मेरे बीवियां तुमारी दौाओं से नहीं आई हैं जो तुमारी बद्दौा से चली जाएं
10:41निकल जाओ
10:42ना ये खुद पर रहम कर रहा है न तुम पर
10:46इसका कुफर तुमारे लिए कहत का बाइस बनेगा
10:49और इसके बीवी बच्चे के लिए मौत का
10:53जल ही तुम लोगों को इस्तर के जादू
10:56और इस्तार की खुद्रत दोनों का अंताजा हो जाएगा
11:01तुमारी खैर नहीं
11:03अगर मेरी बेटी पर कोई मुसीबा तूटी तो
11:23परवर्थिगारा तेरा यास्वान अब रालूद है
11:28लेकिन ये याकूब की आँके हैं जो परस रही है
11:33राहील ग्यारा सालों से इस बच्चे की मुन्तसिर है
11:40ग्यारा साल हो गए इसे फद्दान की ओरतों के ताने
11:46सुनते सुनते उसे कितना बुरा भला कहा गया
11:52बांच कहा गया और बेसमर कहा गया
11:57काईन आज़ा मुझे माफ करिये
12:07आज रात मैंने याकूब और इसके खानदान की बारे में
12:13खाब देखा मुझे तनहा छोड़ दें
12:17याकूब और उसके खानदान पर तमाम खुदाओं की लानत हो
12:29याकूब का कुफर उसे ले डूबेगा उसे सजा जरूर मिलनी चाहिए
12:36ये इस्तारे बुजर्ग याकूब और उसके खानदान पर अपने खुसे की आग मरसा दे
12:45राहील और उसके बच्चे को आज रात ही नाबोध हो जाना चाहिए
12:55फिर भी मैं राहील और अपने बच्चे की तरफ से फिकर मन नहीं हूँ
13:01फिकर है तो इस बात की के उनकी मौत अरबाब अख्तियार और बुद्परस्तों की खुशी का बाइस नहो
13:07If I'm afraid of this, I'm not going to give a few years of my life.