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रायपुर में किशोर की हत्या की साजिश का पर्दाफाश! देखें वारदात

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00:00नमस्कार मैं हूँ शम्स ताहर खान और आप देख रहे हैं वारदाथ
00:0736 गड़ में इन दिनों एक टरंक सुर्खियों में
00:11ये टरंक कई जगा देखा गया
00:13कभी लिफ्ट में तो कभी बाजार में
00:16कभी टैम्पो में तो कभी कार में
00:18और आखिर कार ये टरंक एक जगा लावारिस पड़ा मिलता है
00:22इसके बाद जब टरंक को खोला जाता है
00:24तो अचानक मेरट की मुस्कान की याद आ जाती है
00:27क्योंकि इस टरंक में भी सिमिंट था
00:30और सिमिंट में लिप्टा वही खौफनाक सच
00:33यकीनन नीले रंग के इस टरंक को आप भूले नहीं होगे
00:38बाकाइदा टेंपो में रखकर इसे इस वक्त
00:40मेरट पुलिस अपने निगरानी में मुर्दा घर ले जा रही
00:43क्योंकि इस टरंक के अंदर एक पती पैक
00:46मुस्कान का पती सौरप
00:48अब मेरट से दूर छप्तिसगड की राजधानी रायपूर चलते है
00:53टेंपो यहाँ भी है पर यहाँ टेंपो पर ड्रम नहीं बलकि एक ट्रंक
00:57टेंपो पर रखे ट्रंक के साथ साथ एक स्कूटी चल रही है
01:01इसे स्कूटी पर दो लोग बैठें एक महिला और एक पुरुश
01:05यह रायपूर में एक अपार्टमेंट की लिफ्ट है
01:09इस लिफ्ट से कुछ लोग बाहर निकलते हैं
01:12इनके साथ भी एक ट्रंक है
01:13ट्रंक को घसीट कर यह कैमरे से बाहर निकल जाते हैं
01:17यह रायपूर के उसी अपार्टमेंट का में गेट
01:20इस गेट से इस वक्त एक आल्टो कार बाहर निकल रही है
01:24आल्टो कार चल रही है लेकिन डिगी खुली हुई है
01:27इस कार की डिगी में भी एक ट्रंक है
01:29यहां भी कार के साथ साथ एक स्कूटी चल रही है
01:32इसे स्कूटी पर एक महिला दुपट्टा से मुठा के जाती दिखाई दे रही है
01:37ये रायपूर में ही इंदरप्रस्त वाटर पार्क के करीब का एक सुनसान इलाका है
01:42इस वक्त यहाँ पुलिस वालों के साथ साथ आम लोग भी मौजूद है
01:46सभी के नाग रुमाल से ढखे हुए है
01:49अब यहाँ भी आपको वही ट्रंक नजर आएगा
01:52जो इससे पहले अलग-लग कैमरों में बंद आप पहले ही देख चुके है
01:56इस ट्रंक के बराबर में एक लाल रंग का बैग है
01:59बैग के उपर सीमेंट दिखाई दे रहा है
02:02सेमेंट काट कर जब बैग के अंदर का सच अमने आया
02:05तो वह सच ये निकला
02:07अब पहले बैग में फिर ट्रंक के अंदर ये बज़ुक शक्स पहुचे कैसे
02:14तो चलिए, पहले बैग और फिर ट्रंक में पहुँचने के इस बुजर्ग के आखरी सफर के भी गवाह बिजाएगी
02:20यह राइपुर के उसी अपार्टमेंट की तस्वीर है जहां से ट्रंक निकलते आपने देखा था
02:26अब इस तस्वीर को देखे, यह लिफ्ट के बाहर की तस्वीर है, तस्वीर 21 जून शाम 6 बच कर 22 मिनट की है
02:33यही बुजर्ग शक्स वॉकर के सहारे लिफ्ट के अंदर दाखिल हो रहा है, यह इसकी जिन्दगी की आखरी जिन्दा तस्वीर है
02:40दरसल ये वॉकर के सहारे ही चलता हुआ खुद अपने कातिलों के कमरे तक जा रहा है
02:46कमरे में पहुचने के बस कुछ देर के अंदर ही 21 जून को ही इसका कतल हो जाता है
02:52और फिर पहले इस लाल बैग में और उसके बार बैग के साथ इस ट्रंक में ये सोसाइटी से इसी कार में बाहर निकलते हैं
03:01और इस सुनसान जगे पर इस ट्रंक और इस बैग के खुलते हैं पहली बार इनकी मौत का रास खुल जाता है
03:08एक ट्रेडिशनल ट्रंक जो लोही का ट्रंक होता है उसके अंदर एक यूबक की लाश को पहले उसका गर्दन बहुत ही एक धारदार हत्यार से उसका गर्दन चीरा गया उसके बाद उसके बॉड़ी को एक ट्रंक के अंदर भर के पहले प्लास्टिक राप किया गया ट्रंक के
03:38बद्बू की वज़े से आसपास के लोग उसको इंफॉर्म नहीं करते हैं।
04:08प्रंक में पैक देखा था। अंकित और शिवानी पर इनी किशोर पैकरा के कतल का इल्जाम पर सवाल ये है कि एक पती पत्नी ने एक बज़र्ग शक्स जो अपने पैरों पर चल भी नहीं सकते थे। उन्हें ऐसी मौत क्यों तो चलिए कहानी शुरू करते हैं।
04:23किशोर पैकरा ने कुछ वक्त पहले गाओं में अपनी पुष्टैनी जमीन बेची थे जिससे उन्हें करीब 50 लाग रुपे मिले थे।
04:30जमीन का ये सौधा अंकित नहीं करवाया था। उसे पता था कि किशोर के पास इस वक्त काफी कैश करीब 20 लाग रुपे अंकित ने किशोर से उधार दी।
04:39लेकिन पैसे नहीं लुटाएं किशोर ने कई बार पैसे मांगे तब अंकित और उसकी पत्नी शिवानी ने मिलकर एक साधिश रचे।
04:46साधिश ये जगर किशोर को मार दिया जाए तो उसका कोई पूछने वाला भी नहीं और सारे पैसे भी दो लो खड़प लेंगे।
04:54बैग में लास्ट हिकाने लगाने की कई कहानिया मिया बीवी ने देख और सुन रखी थी। लिहादा सबसे पहले इन्होंने लाल रंग का एक बैख खरीदा।
05:0321 जून को साधिश के तहत अंकित और शिवानी ने किशोर पैकरा को अपने फ्लैट पर बलाया।
05:08किशोर पैकरा को कुछ वक्त पहले एक सड़क हादसे में पैरों में चोट लग दी इसलिए वो वाकर के सहारे चला करते हैं 21 जून की शाम जब च्छटी मंजिल पर अंकिता और शिवानी के फ्लैट पर पहुंचने के कुछ देर बात ही मिया बीवी ने मिलकर किशोर का गला
05:38के बैग में ठूस कर उसे बंद कर दिया इरादा देर रात बैग को किसी सुनसान जगे पर ले जाकर फेंक देने का था बैग में रखकर लाश को ठिकाने लगाने के लिए मिया भीवी ने कुछ दिन पहले ही सेकेंड हैंड ऑल्टो कार भी खरीदी थी साथ हजार उपए में
06:08लाम देने के लिए उस ओल्टो का जो सामने का नम्र प्लेट है उसे फेक कर दिया गया था यानि उसके उपर एक दूसरी लाइश है सेक्लूड प्लेशन में लाया गया जो रिहाईशी इलाका बिल्कुल नहीं या
06:38तो लंबे दिन तक इन्वेस्टिगेशन या पुलिस को डिले किया जा सकता है।
06:42लेकिन हुआ यूँ कि गला काटने की वजह से खून बेताहशा बहने लगा।
06:47जिससे पूरा बैग खून से लटपत हो गया।
06:50अब ऐसे में खून से सने बैग को बाहर ले जाकर कार में रखना रिसी था।
06:55लेहाज़ 21 जून की पूरी रात लाश को घर के बातरूम में ही रखकर दोनों ने छोड़ दिया।
07:0222 जून को दोनों पती पत्मी रायपुर के गोला बाजार जाते हैं और वहां से एक बड़ा सा ट्रंक खरीदते हैं।
07:08यह उसी गोला बाजार की तस्वीर हैं और यह वही ट्रंक है जिसे खरीदने के बाद एक टैमपो पर रखकर ले जाया जा रहा है।
07:15और टेम्पो के साथ साथ दोनों पती पत्मी स्कूटी पर चल रहे हैं।
07:2022 जून को ट्रंक घर पर लाने के बाद अब मिया बीवी जिस बैग में लाश रखी थी उस पूरे बैग को ही लाश समेथ ट्रंक पर रख देते हैं।
07:29गर्मी ज्यादा थी। लहाज अब लाश से पत्मू आने लगी थी। दोनों पती पत्ती घबरा गए इसके बाद वो सिमेंट खरीद कर लाते हैं।
07:36और बैग में लाश के चारों तरफ सिमेंट का लेप लगा देते हैं। फिर ट्रंक के अंदर बैग के ऊपर भी सिमेंट का घोल डाल देते हैं।
07:44इसके बार unions को बन कर देते हैं इस ट्रंव को 22 जून की राती और डोकार में रखकर शहर के बाहर ठेकाने लगा देने का प्लैन था
07:52लेकिन बैग और ट्रंव में सिमेंट भर देने की वजह możliर से सिमेंट ठोस हो चुका था और ट्रंव काफी भारी हो गया है
08:00मिया बीवी से वो ट्रंक उठी नहीं पाया
08:03अब 23 जून की तारीख आ जाती है
08:05वजनी ट्रंक को उठाना दो लोगों के बूते की बात नहीं थी
08:08तब अंकित दो लोगों को घर बुलाता है
08:11इसके बाद सभी मिलकर ट्रंक को लिफ्ट के रास्ते नीचे लाते हैं
08:15लेकिन सिमेंट में पैक होने के बावजू ट्रंक से लगातार बदबू आ रही थी
08:19इतफाक से लिफ्ट में मौजूद इस शक्स को बदबू की वज़ा से शक हो गया
08:23अब उसने पहले गाड और फिर अपार्टमेंट के केर टेकर को ये बात बताए
08:28लिफ्ट के बाहर उसे खून यैसी कोई चीज भी फर्ष पर नज़र आए
08:31इस वक्त वो लिफ्ट के बाहर फर्ष पर शायद वही देखने की कोशिश कर रहा है
08:36बाद में गाड ने उसी वक्त पुलिस को फोन भी कर दिया
08:40कुछ देर बाद पुलिस मौके पर आ गए
08:41लेकिन तब तक मिया भीवी ट्रंक मिला श्रक कर यहां से निकल चुके थे
08:46यह उसी वक्त की तस्वीर है जब ट्रंक मिला श्रक कर अंकित कार चलाता हुआ
08:51अपार्टमेंट से बाहर जा रहा है जबकि शिवानी कार के साथ साथ चल रही है
08:55चुकि ट्रंग बड़ा था इसलिए कार की डिगी खुली रखनी पड़ी थी
08:59बाद में मिया बीवी ने इस ट्रंग को शहर के इंद्रपरस्त वाटर पार के करीब एक सुलसान जगे पर फेंग किया
09:05और यहां से सीधे दोनों एरपोर्ट की दरफ रवाना होगी दोनों ने पहले से ही रायपूर से दिल्ली की टिकेट बुक करा रखी थी जब तक पुलिस को इस ट्रंग की खबर मिलती मिया बीवी रायपूर से दिल्ली पहुत चुके थे
09:18जिनांग 23 जून 2025 को पुलिस को यह सुचना प्राफ्विती के इंदप्रस्कालोने के पीछे नाले के पास में एक स्रंग के अंदर एक त्रॉली बेक के अंदर एक अज्यात व्यक्ति का सवपड़ा हुआ है
09:38इस सुचना पर पुलिस के द्वारा मुखे पर पहुंच करके संदिक किस्तिते को देखते हुए अब मर करमां 41-2025-1994 ये नेसेस के ताहत में मर कायम कर प्रकंट की जांग की गए
09:52इदर मौके से लाश बरामद हो चुकी थी उधर अपार्टमेंट के गाट की सूचना पर पुलिस अपार्टमेंट में पहुंच चुकी थी
09:59सीसी टीवी कैमरों से मिया वीवी का रास फास हो चुका था
10:02कुछी घंटे में कतल की कहानी सामने थी
10:05अंकित और्शिवानी के दिल्ली जाने की खबर भी पुलिस को मिल चुकी थी
10:09दिल्ली पुलिस की मदद से दोनों को दिल्ली में गिरफतार भी कर लिया गया
10:13इसे बाद दोनों को रायपूर लाया गया
10:15ये रायपूर एरपोर्ट की उसी वक्त की तस्वीर है
10:18इस पूरे प्रक्रण में पुलिस के द्वारा सत्पर्ता पूर्वक कारवाई करते हुए।
10:48ग्रफतारी के बाद शुरुआती पूचताच में यंकित और शिवानी ने अपना जरु कुबूल कर लिया।
11:05साथे कतल की वजह भी बताए।
11:08आरोफी के द्वारा नितक जो पैसे मांग किया जाता था, इसके कारण से अपने आपको प्रतारित महसूस करते हुए।
11:18इसके कांट से अपने आपको प्रतारित महस्थोस करते हुए उसको हथिया करने के उद्थे से गले को दबा करके यहूँ जाकु के माजन से गले में और थारा कार्ट से चोड़ पहुचा करके हथिया जाना बताया है
11:37रायपूर पुलिस के मुताबिक किशोर पैकरा के कतल के बाद लाश 48 घंटे से ज्यादा इसी फ्लैट में रही थी
11:44मिया बीवी तब जादा घबरा गए जब लाश से बद्बूर आने लगी थी
11:48रायपूर पुलिस ने कतले वाले दिन यानी 21 जून से लेकर लाश ठिकाने लगाने तक की पूरी कहानी बताई
11:55पूच्ताथ के दवाश ठिकाने लगाने के वहां से ले जाकर के जो घटने तल नाला के किनारे सुनसान जगा पर बाक्त के साथ में फेका जाना बताई
12:23पूच्ताथ के दौरान ही ये पता चला कि अंकित और शिवानी ने कतले की प्लैनिंग काफी पहले बना ली थी
12:29इस प्लैनिंग के तहत ही उन्होंने रायपूर में इस अपार्टमेंट की छटी मन्जिल पर खास कतले के लिए एक फ्लैट किराए पर लिया
12:36सेकंड हैंड कार खरीदी पहले बैग और फिर टरंक लिया पर इन सारी चीजों के लिए उन्होंने फर्जी आधार काट का इस्तेमाल किया
12:45लेकिन अंकित और शिवानी से गलती होगे जो सिकंड हैंड कार इन्होंने खरीदी थी उसका पेमेंट आउनलाइन कर दिया
12:51और यहीं से अंकित का असली नाम और पहचान पुलिस को पता चला
12:55पुलिस के मताबिक गतले के बाद दोनों का इरादा कुछ वक्त तक दिल्ली में छुपे रहने का था
13:00दोनों ने दिल्ली में एक घर इसी मकसद से पहले से किराय पर ले रखा था
13:06पर तबाम एहतियात के बावजूद दोनों हर मोड पर जिस चीज से नहीं बच पाए या खुद को नहीं बचा पाए
13:13वो कैमरा और यही कैमरा इनके जुर्म का सबसे बड़ गवाह पन गया
13:18सुमी रजपन के साथ महंदर नाम देर राहपूर आज तक
13:26डिली के एक बिसनसमैन की लाश कोर्दवार में मिलती है
13:31शवरवात में ऐसा लगता है कि मामला रोड एक्सिड отп का है
13:34ल 신기े जैसे ही पॉस्ट मॉटम रिपोर्ट सामने आती है
13:37कहानी बरल जाती है
13:38पॉस्ट मॉटम रिपोर्ट के मताबिक बिसनसमैन का गतल हुआ تھा
13:55में मौझूद आलिशान कोठी रिंदा निवास इस कोठी के मालिक हैं दिल्ली के अमीर कारोबारी रविंद्र सिंग और कोठी की कीमत है करीब तीन करोड रुपए
14:08अब आईए आपको मुरादाबाद से 130 किलोमेटर दूर उत्राखंड के कोठद्वार लिये चलते हैं
14:18कोठद्वार के दुगड़ा थाना इलाके के इन जंगलों में पुलिस इस वक्त एक इन्विस्टिगेशन और रिस्क्यू आपरेशन में लगी है
14:26और काफी देर की मशक्कत के बाद आखिरकार पुलिस वाले जाडियों के अंदर से एक लाश को रिकवर करने में काम्याब हो जाते हैं
14:35तकरीबन चार से पांच दिन पुराने इस लाश पर चोट के निशान हैं जिन्हें देखने से लगता है कि शायद ये शक्स किसी एक्सिडेंट का शिकार हुआ है
14:45मगर जब तफ्तीश आगे बढ़ती है तो पोस्माटम रिपोर्ट के सामने आने से कहानी बदल जाती है
14:52पता चलता है कि इस शक्स की मौत किसी सड़क हादसे में नहीं बलकि हत्या की वज़े से हुई है
14:57क्योंकि उसके सिर गर्दन और शरीर के दूसरे हिस्सों पर ऐसे चोट के निशान मौजूद हैं जो एक्सिडेंट के मामले में नहीं बन सकते
15:05ऐसे में पुलिस मौडर केस दर्ज कर मामले की तफ्तिश शुरू करती है
15:09और कतल के इस संसनी खेज मामले का कनेक्शन सीधे मौरादाबाद की इस कोठी से जुड़ता है
15:16जी हाँ ये लाश उसी 56 साल के रविंदर सिंग की है जो इस कोठी के मालिक थे
15:26लेकिन सवाल ये है कि आखिर रविंदर सिंग की ये हालत कैसे हो उनकी हत्या किसने की उनकी किसी से क्या दुश्मनी थी
15:35तो इन सवालों का जवाब तलाशती हुई पुलिस मामले की चानबीन आगे बढ़ाती है
15:40तो पता चलता है कि रविंद्र सिंग को हाल के दिनों में अपने कारोबार में अच्छा खासा घाटा हुआ था
15:46और उन पर करोणों रुपए का कर्स था
15:50यहां तक की लेंदार उन्हें वसूली के लिए लगातार परिशान कर रहे थे
15:55और वो छुपते फिर रहे थे
15:57तो क्या रुपए पैसों की लेंदेन में ही उनकी जान चली गए
16:01लेकिन ये तो रही प्रोफेशनल फ्रंट की बाद
16:04पर्सनल फ्रंट की बाद ये थी कि रविंद्र सिंग ने दो शादियां की थी
16:09उन्हें पहली शादी से एक बेटा भी है
16:11हलंकि अब पहली पत्नी और बेटा दोनों रविंद्र सिंग से अलग ही रहते हैं
16:18रविंद्र ने आज से करीब 20 साल पहले मुरादाबाद की रहने वाली एक फीजियो थेरपिस्ट रीना सिंधु से शादी की थी
16:24उन दिनों रीना दिल्ली में रविंद्र सिंग के पडोस में ही रहती थी
16:29और यहीं दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया
16:32वैसे तो रविंद्र और रीना की उम्र में करीब 20 साल का फर्क था
16:36लेकिन रिना को रविंद्र के साथ ऐशो आराम की जिन्दगी नजर आ रही थी
16:41जबकि रविंद्र को रिना की खूब सूपती
16:50मुखबत है तुम से
16:51दोनों में शादी हुई और रविंद्र ने रिना को मुरादाबाद में
16:55तीन करोड रुपए की या आलिशान कोठी गिफ्ट में लेकर दूए।
17:00हलकी कोठी का मालिकाना रीना के साथ साथ रविंद्र के नाम पर भी रहा।
17:04रीना ने यहां फीजियो थेरफी क्लिनिक की शुरुआत की और उसका काम अच्छा चल निकला।
17:08वो सोशल मीडिया में भी काफी एक्टीव रहती थी और रविंद्र के साथ उसका रिलेशन भी अच्छा था।
17:15ऐसे में सवाल ये था कि फिर रविंद्र का कतल क्यूं हुआ।
17:18तो इनी सवालों में उल्जे कोटद्वार पुलिस के जांच अधिकारी रमेश तनवर ने कोटद्वार में लाश मिलने वाली जगह के आसपास की सीसी टीवी फुटेज खंगालने की शुरुआत कर दे और इस कोशिश में पुलिस को कोटद्वार की सड़क पर एक ऐसा सीस
17:48की नहीं बलकि खुद रविंद्र सिंग की ही थी खास बात ये थी कि इन सीसी टीवी तस्वीरों में उस गाड़ी के अंदर रविंद्र की पत्नी रीना सिंधू बैठी हुई दिखाई दे रही थी
17:58जबकि इस से पहले जब रीना से इस सिलसिले में पूछताच हुई थी तो उसने ऐसी कोई भी जानकारी पुलिस को नहीं दी थी
18:05अब पुलिस को यकीन हो गया कि इस कतल में खुद रविंद्र की पत्नी रीना का ही हाथ है
18:10पुलिस ने बगएर देर किये रीना को हिरासत में लिया और जैसे ही उससे पूछताच की शुरुआत की एक भैयानक साजिश की कहानी सामने आ गई
18:19रीना ने ये कतल अकेले नहीं बलकि अपने आशिक पारितोष के साथ मिल कर किया था
18:24असल में कर्ज में डूबे कारुबारी रविंद्र सिंग को फिलहाल पैसों की सक्त जरूरत थी
18:30वो मुरादाबाद में अपनी ये कोठी किसी को बेचना चाहते थे
18:34लेकिन बडिना इसके लिए तैयार नहीं थी
18:36उसे लगता था कि अगर रविंद्र ने ये कोठी बेच दी
18:39तो फिर उसकी ऐशो आराम वली जिन्दगी खत्म हो जाएगी
18:42उसे किसी छोटे या फिर किराय के मकान में शिफ्ट होना होगा
18:46लहाजा उसने कोठी हड़पने के इरादे से
18:49अपने बॉइफ्रेंड पारितोष के साथ मिलकर अपने पती के कतल की साजिश रची
18:54उसे शादी का जहासा दिया और कतल के बाद 10 लाक रुपए का इनाम देने की भी बात गई
19:00इसके बाद पारितोष ने रविंद्र को बिजनौर जिले में मौझूद अपने गाउं में पार्टी के लिए बुलाया
19:06पती पत्नी दोनों वहां पार्टी के लिए पहुँच गए
19:09साजिश के तहर पारितोष और रिना ने रविंद्र को जम कर शराब पिलाया
19:14और जब वो नशे में धुत हो गया तो फिर फावडे से काट कर उसकी जान ले ली
19:44इसके बाद वो लाश को ठिकाने लगाने की जुगत लगाते रहे और आखिरकार रविंद्र की लाश उसी की एस्यूवी की डिगी में रखकर ठिकाने लगाने निकल पड़े
19:59फिर दोनों ने मिलकर लाश कोटद्वार के दुगड़ा इलाके के जंगलों में फेग दी और भागनी इसके बाद उन्होंने पुलिस को उलजाने के लिए मक्तूल की एस्यूवी नौइडा में पार्क कर दी जब लाश खराब होने लगी तो लोगों का ध्यान उसकी और गया
20:29तो वारदात में फिलाल इतना ही मगर देश और दुनिया की बाकी खबरों के लिए आप देखते रही आज तक

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