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  • 2 days ago
रांची में जगन्नाथ रथ यात्रा 334 वर्ष पुरानी परंपरा है, यह उत्सव भक्ति, एकता और मोक्ष का प्रतीक है. रांची से चंदन भट्टाचार्य की रिपोर्ट.

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Transcript
00:00ॐ तीन सो बर्स पुराने इस मंदीर का इतहास काफी रोचक है और इसी बज़से लगातार इस मंदीर के प्रती लोगों का आस्था जुरता जा रहा है
00:21ुराजधारी राची की धुरुआ छेत्र की पहाडी परिस्थित जगनातपुर मंदीर छारखन की धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक बिरासत और समाजिक समरस्ता का जीवन्त प्रतीक है।
00:33इसकी स्थापना बर्च 1691 में नाग बंक्सी राजा एनिनात शाहदेव ने की थी।
00:40मंदीर का निर्मान उस समय हुआ जब राजा तिर्थ यात्रा पर नहीं जा सके और उन्होंने तिर्थ को ही अपने राजी में लाने का संकल्प लिया।
00:50जर्णाप्र मंदीर जार्खन का बुनियाद है।
01:20परभाव साली और आने वाले समय में भी इसका परभाव सदाबहार के तोर पर रहना है।
01:28इस परभत का भी खास महत्व है।
01:31पुरी के जगनातपूर मंदीर से प्रेडित इस मंदीर की स्थापत्य शैली का लिंगा वस्तोसिल पर आधारित है।
01:37पर इसकी आत्मा छोटानागपूर के मिट्टी से जुड़ी है।
01:41राजा इनिनात शहादेब को भगवान जगनात ने स्वप्न में दरसन दिये थे।
01:46और उसी के निर्देश पर उन्होंने यह मंदीर बनवाया।
01:49निलांचल पहाडी परिष्थीत यह मंदीर जलासयों से घिरा है।
01:53जिसे दैविय उर्जा से युक्ट माना जाता है।
01:56पहले पानी का सुमिधा नहीं था।
01:58पानी का सुमिधा नहीं था।
01:59इसको हम लोग महोदों की तलाव बोलते हैं।
02:01मंदीर की सबसे बड़ी खाइशियत यह है कि
02:27इसके निर्मान और आयोजन में हरजाती और शमुदाय की भागिदारी सुनिश्चित की गई थी।
02:33आज भी वही परंपरा कायम है।
02:36लोहरा समुदाय 330 बरसों से रत निर्मान कर रहा है।
02:41पिड़ी दर पिड़ी यह लोग यह काम करते आ रहे हैं।
02:45परंपरा से करक्यार हैं।
02:47यह मेरे गाई है, यह नाती है, एक नाती आओर है।
02:51हम लोग इतना ही सुन्दर से बनाते हैं।
02:55इसको मन तन लगा कि हम लोग पुर्खा से पुर्खा करक्यार है।
03:02यानि प्रतिक बरस आप ही लोग बनाते हैं।
03:04कितने बरसों से यह परंपरा चला रहा है।
03:06जब से मंदिर का निर्मान है, 300 साल पुराना हो गया।
03:10उस टेम से मेरा दादा लोग कर रहा था, पिताजी लोग भी करके गुजर गए।
03:15अब हम लोग खड़ा है, हम लोग सिखा दिये नाति लोग उलोग करें।
03:20घासी फूल चड़ाते हैं। उराव समाज घंटिया चड़ाता है।
03:24मुसलिम समुदाई सुरक्षा में सहयोग करता है।
03:28कुमहार बरतन बनाते हैं और रजवार जाती रत सजाती है।
03:33हर बर्स जुन जुलाई में होने वाली रत्यात्रा यहां की सबसे बड़ी धार्मिक सार्शकितिक घटना है।
03:38इस बार 27 जुन को रत्यात्रा निकलेगी।
03:42इस अबसर पर लगने वाले जगनात्पूर मेला भक्ती, लोक संशकिती और वेफार का संगम होता है।
03:47उडिसा बंगाल और बिहार से आए दुकांदार जूले हसिल्प मिठाईयों की दुकाने और लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां इसकी पहचान है।
03:57प्रशासन हर साल इस आयोजन के लिए कड़ी सुरच्छा बेवस्था करता है।
04:02CCTV, वाच्टावर, स्वास्त और जल सुभिधा सुनिश्चित की जाती है।
04:32CCTV, वाच्टावर, सुरच्छा बेवस्था की जाती है।
05:02CCTV, वाच्टावर, सुनिश्चा बेवस्था.
05:30श्रा चार्या ईतिवी भारत राची

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