00:00जगदंबा वो तो कल्यान कारी है विशेश समस्त शक्ति देने वाली है आनंद प्रदान करने वाली है भगवती दुर्गा के रूप है अनंत रूप है जो भी श्रिष्टी में है ये सब कुछ माई है आप किसी की भी उपास ना करें तो आपको भगवती की और ही जाना पड�
00:30समस्त संसा श्रिष्टी वो गर्भ है इसलिए इश्वर का कोई स्वरूप है तो मा का स्वरूप है कहते हैं कि शंकराचार्य हों सिद्ध हों इटु जड़ जो भी है उन्होंने सक्ति की उपासना की है तो गुप्त नवरात्रे प्रारम है जैसे प्रगट नवरात्रे उसमे
01:00मंत्र के लिए जाप के लिए बहुत ही अत्यन तश्रेष्ट है कारण कि जो भगवती ने अपनी विशेश वरूप दिसे प्रगट किये दस महाविद्याओं के रूप में वो दस महाविद्या इन्ही गुप्त नवरात्री में प्रगट होई थी जैसे काली तारा चिनमस्ति
01:30प्रगट की कुल देवी आदी की जो सादक है उन्हें इन गुप्त नवरात्रों को मनाना चाहिए आप इन गुप्त नवरात्रों में शील से रहिए संयम से रहिए जो तामसी व्यंजने उससे परेच कीजिए और भूमी शेहन आदी कीजिए पवित्रता का ध्यान रखिए �
02:00प्रियो कर सकते हैं चाहिए जब के रूप में यग्य के रूप में ध्यान के रूप में मां के स्मन के रूप में तो गुप्त नवरात्रियों का विशेश महत्व है जिनकी सादना सिद्ध नहीं हो रहे हैं जिनने लगता है कि मेरा भजन पकता नहीं है या जिनने लगता है