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New Delhi, June 24 2025 (ANI): Prime Minister Narendra Modi inaugurated the centenary celebration of the historic conversation between Sree Narayana Guru and Mahatma Gandhi on June 24.  While addressing PM Modi’s speech in Malayalam has gone viral with the video doing rounds on social media.

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Transcript
00:00દેવી ઔર સજણો બિને એંડે એલા પ્રીય પેટમ મલ્યાલી સહોધરી સહોધરી સહોધરેન માર્કો એંડે બિને
00:30આજ યે પરીસર દેશ કે ઇતિહાસ કી એક અભૂત પૂર્વા ઘટણા કો યાત
00:46કેતકે કેતરીતાહ્રીત કેતાકે ઘટણા જેતયે નકેબલ હેતરીતા આંદ્લણ
00:59ुद्देश को नई दिशा दी बलकि स्वतंत्रता के उद्देश को आजाद भारत के सपने को ठोस माईने दिये
01:13सो साल पहले स्री नारायन गुरु और महत्मा गांधी की वो मुलाकात आज भी उतनी ही प्रेरक हैं उतनी ही प्रासंगिक है
01:33सो साल पहले हुई वो मुलाकात सामाजिक सम्रस्ता के लिए दिख्सित भारत के सामुहिक लक्षों के लिए
01:47आज भी उर्जा के बड़े स्रोत की तरख है
01:54इस आइतिहासिक अवसर पर मैं स्री नारायन गुरु के चरणों में प्रणाम करता हूँ
02:03मैं गांधी जी को भी अपनी सद्धान्जली अर्पित करता हूँ
02:13भाई बहनों से नारायन गुरु के आदर्श पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी पूंजी है
02:23जो लोग देश और समाज की सेवा के संकल्प पर काम करते हैं
02:33स्री नारायन गुरु उनके लिए प्रकास तंभकी तरह है
02:40आप सबी जानते हैं कि समाज के शोशीत पीरीच वजचीत वर्थ से मेरा किस तरह का नाता है
02:55और इसलिए आज भी मैं जब समाज के शोशीत वंचीत वर्थ के लिए बड़े निर्णे लेता हूं
03:07तो मैं गुरु देव को जरूर याद करता हूँ
03:12सो साल पहले के वो समाजी का हलत
03:19सदियों की गुलामी के कारा आई विकृतियां
03:26लोग उस दौर में उन बुराईयों के खिलाब बोलने से डरते थे
03:34लेकिन स्री नारायन गुरु ने विरोध की परवा नहीं की
03:42वो कठिनाईयों से नहीं डरे
03:45क्योंकि उनका विश्वास समरस्ता और समानता में था
03:54उनका विश्वास सत्य, सेवा और सवहार्द में था
04:02यही प्रेना हमें सबका साथ, सबका विखास का राफ्ता दिखाती है
04:09यही विश्वास हमें उस भारत के निर्मान के लिए ताकत देता है
04:18जहां अंतिम पाइदान पर खड़ा व्यक्ती हमारी पहली प्रात्विक्ता है
04:27साथियों, शिवगिरी मठ से जुड़े लोग और संत जन्वी जानते हैं
04:37कि स्री नारेन गुरू हैं, और शिवगिरी मठ में मेरी कितनी अगहाद आस्था रही है
04:47मैं भाषा तो नहीं समझ पा रहा था
04:53लेकिन पुझे सच्चिजान जी बाते बता रहे थे
04:56वो पुरानी सारी बाते याद कर रहे थे
05:00और मैं भी देख रहा तक उन सब बातों पर अपड़े भाव विबोर हो करके
05:09उसके साथ जूड़ जाते थे
05:11और मेरा सवभाग है कि मठ के पुझे संतों ने हमेशा मुझे अपना स्नेह दिया है
05:23मुझे आद है 2013 में तब तो मैं गुझरात में मुख्यमिंती था
05:34जब केदारनाथ में प्राकृतिक आपदा आई थी
05:41तब शिवगीरी मठ के कई पुझे संत वहां फस गए थे
05:51कुछ भक्त जन भी फस गए थे
05:54शिवगीरी मठ ने महां फसे लोगों सो सुरक्षीत निकालने के लिए
06:01भारत सरकार का संपर नहीं किया था
06:05परकाई जी बुरा मत मानना
06:08शिवगीरी मठ ने मैं एक राज्ये का मुख्यमंत्री था
06:15मुझे आदेश दिया और इस सेवक पर भरोसा किया
06:22कि भाई ये काम तुम करें
06:24और इस वर कुपा से सभी संत सभी भक्त जन को सुरक्षित में लापाया था
06:35साथियों वैसे भी मुश्किल समय में हमारा सबसे पहला ध्यान
06:45उसकी ओर जाता है जिसे हम अपना मानते हैं
06:53जिस पर हम अपना अधिकार समगते हैं
07:02और मुझे खुशी है कि आप अपना अधिकार मुझ पर समगते हैं
07:11शिवगेरिय मट के संतों के इन अपने पन से जाजा है
07:16आत्मिक सुख की बात मेरे लिए और क्या हुए
07:20साथियों मेरा आप सबसे एक रिस्ता काशी का भी है
07:27वरकला वरकला को सद्यों से दक्षिन की काशी भी कहा जाता है
07:42और काशी चाहे उत्तर की हो या दक्षिन की
07:46मेरे लिए हर काशी मेरी काशी ही है
07:53साथियों मुझे भारत की आध्यात्मिक परंपरा
08:01रुशियों और मुनियों की विरासप
08:05उसे करीब से जानने और जीने का सौभागी मिला है
08:12भारत की विशिस्ता है
08:16कि हमारा देश जब भी
08:20मुश्किलों के भावर में फस्ता है
08:25कोई न कोई महान विभूती
08:29देश के किसी कौने में जन्म लेकर
08:33समाज को नई दिशा दिखाती है
08:37कोई समाज के अज्धात्मिक उठान के लिए काम करता है
08:43कोई सामाजी क्षेत्रे में समाज सुधारों को गति देता है
08:47स्री नारेण गुरु ऐसे ही महान संत्र थे
08:55निवृत्ती पंचकम और आत्मोपदेश शतकम
09:04जैसे उनकी रचनाएं ये अध्वेट और अध्यात्म के किसी भी स्टुडेन के लिए
09:15गाइड की तरह है
09:17साथियों योग और वेदान्त
09:22साधना और मुक्ती
09:25नारेण गुरु के मुख विशे थे
09:29लेकिन वो जानते थे
09:32कि कूरितियों में फसे समाज का अध्यात्म को थान
09:37उसके सामाजी को थान से ही संभव होगा
09:41इसलिए उन्होंने अध्यात्म को
09:46समाज सुधार और समाज कल्यार का एक माध्यम बनाया
09:53और स्री नारेण गुरु के ऐसे प्रयासों से
09:57गांधी जी ने भी प्रेरना पाई
10:01उन्से मारदर्शन लिया
10:05गुरुदेव रविन्ना टेगोर जैसे विद्वानों को भी
10:10स्री नारेण गुरु से चर्चा का लाब मिला
10:14साथियों एक बार किसे ने
10:21स्री नारेण गुरु की आत्मोप देश शतकम
10:26रमण महरसीजी को सुनाई थी
10:29उसे सुनकर रमण महरसीजी ने कहा था
10:35अवर एलाम तेरी निजवर
10:39यानि वो सब कुछ जानते हैं
10:47और उस दोर में जब विदेशी विचारों के प्रहाव में
10:54भारत की सब्विता, संस्कृति और दर्शन को
10:57नीचा दिखाने के शड्यंत्र हो रहे थे
11:01स्री नारेण गुरु ने हमें ये ऐसास कराया
11:07कि कमी हमारी मुल्परंपरा में नहीं है
11:12हमें अपने आध्यात्म को सही अर्थों में आत्मसाथ करने की जरुरत है
11:22हम नर में स्री नारेण को जीव में शीव को देखने वाले लोड है
11:32हम द्वाइत में अद्वाइत को देखते है हम भेद में भी अभेद देखते है हम विवीतता में भी एक्ता देखते है
11:47खाथियों आप सभी जानते हैं स्री नारेण गुरु का मंत्र था ओरु जाती ओरु मतम ओरु देवं मनुष्यनू
12:02यानि पूरी मानवता की एक्ता जीव मात्र की एक्ता यह विचार भारत की जीवन संस्कृति का मूल है
12:24उसका आधार है आज भारत उस विचार को विश्व कल्यान की भावना से विस्तार दे रहा है
12:36आप देखिए अभी हाल ही में हमने विश्व योग दिवस मनाया
12:45इस बार योग दिवस की थीम थी योगा फर वन अर्थ वन हिल्क
12:53यानि एक जर्ती एक स्वाथ
12:57इसके पहले भी भारत ने विश्व कल्यान के लिए
13:01वन वर्ड वन हिल जैसे इनिशेटिव शुरू किया है
13:06आज भारत सस्टेनेबल डवलप्मेंट की धिशाम है
13:11वन सन वन अर्थ वन ग्रीड जैसे ग्लोबल मुमेंट को भी लीड कर रहा है
13:20आपको याद होगा
13:222023 में भारत ने जब G20 समीट को होस किया साथ
13:31हमने उसकी भी थीम रखी थी
13:34वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर
13:39हमारे इन प्रयासों में वसुधेव कुटुम कम की भावना जुड़ी हुई है

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