Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 2 days ago
ओलंपिक दिवस पर ईटीवी भारत की खास पेशकश, मिलिए झारखंड के स्वर्ण योद्धा से.

Category

🗞
News
Transcript
00:00हर साल 23 जुन को मनाई जाने वाला अंतराष्टे ओलंपिक दिबस रिपेक तारीख नहीं बलकि खेल और खिलाडी की उस भावना का प्रतीख है जिसमें देश से बढ़ कर कुछ नहीं होता और जब इस दीन की बात होती है तो जहारखन के सीमडेगा से निकले ओलंपिक गोल्�
00:30बिद गये लेकिन देश के लिए खेलते वे जो भावनाय उनके दिल में जगी थी वो आज भी जिन्दा है उम्र के आखरी पड़ाव पर भी ओलंपिक दिबस के मौके पर जब एटीबी भारत की टीम सिल्वानोस डुगडुग के घर पहुंची तो उनका हालचाल जानने के
01:00लेकिन तभी जैसे उन्हें यह एहसास हुआ कि कोई उनसे उलंपिक को लेकर बात करने आया है वो धीमे धीमे अपने कमरे में गये कुछी देर में वो बाहर लोटे पहने हुए थे वही 1980 मासको उलंपिक की एतिहासिक जर्सी जो उन्होंने स्वर्ण पदक जित्ते समय पहन
01:30कालिंग पी-एम और राष्टपती के साथ उनकी मुलाकाते उलंपिक टीम की टीम फोटोज और उनके हाथ में लहराता तिरंगा एक कोने में बड़ी एतिहातिक से रखा था वो बलेजर जो उन्हें उलंपिक टीम में शामील होने के बाद मिला था वे उसे बहुत गर्व के
02:00मैं अपने आपको जो खेल रहा था उहां मैं खेलाडी ही था और आज मैं खेलने के लिए मैं नहीं हूं पर अभी उनको खेलाया जाता हूं या तो बताया जाता हूं बताता हूं और उनको खेल लिये या खेलो इसकर का मैं हर आदमी को खेलने के लिए काहता हूं
02:30In today's situation, it was a little bit down in this situation.
02:36After the accident of the accident in 2019,
02:43it got hurt in the mouth.
02:45So, it was a little bit reduced in this situation.
02:50That's why we couldn't remember so much.
02:53So, the body of the body is fine.
02:57I'm not going to hear the sound of the body.
03:04A little bit of a problem.
03:05E.T.B. Bharat नमन करता है उस जुनून को उस तपश्या को और उस खिलारी को जिसने भारत को स्वर्ण दिलाया और फिर सादगी से जीने भी सिखाया सिर्फ जहारखण नहीं बलकि पुरे देश सिल्बानोस डूंडूं को आज भी याद करता है जब भी ओलंपिक में होकी की बात

Recommended