00:00त्रेता युक का वो समय जब सरी राम ने रावन का वद्ध कर सीता माता को लंका से मुक्त कराया
00:06राम ने सीता से अगनी प्रिक्षा की मांग की और सीता ने नी संकोच अगनी में परवीश कर दिया
00:12पर अगनी देव ने उन्हें अक्षत बाहर निकाला पर क्या यह अंत्त था नहीं लेकिन कुछ समय बाद अयोध्या की गलियों में एक चर्चा फैलने लगी एक दो भी अपनी पत्नी से कहता है मैं राम नहीं हूँ जो अपनी पत्नी को प्रायप उसके घर से लोटने के बाद
00:42सरी राम सीता माता से कहते हैं जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुई मैं आपको वनवास बेजने का निरन्य देता हूँ सीता माता करवध अवस्ता में वन की और प्रस्तान करती है यह था राम का उत्याग जो एक राजा ने किया अपने नीजी सुको को छोड़ कर क्योंक