महात्मा विदुर: जाने कैसे हुआ उनका पृथ्वी लोक पर जन्म और मृत्यु। #dharmicstories
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Description: महात्मा विदुर, महाभारत के एक प्रमुख पात्र, अपनी अद्भुत बुद्धिमत्ता और नीति ग्यान के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी नीतियों और विचारों ने न केवल पांडवों को मार्गदर्शन दिया, बल्कि धर्म और न्याय की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जानिए उनकी प्रेरणादायक गाथा और महाभारत में उनके योगदान की कहानी।
00:00प्राचीन काल में पुशी मांडवी ने यमराज को श्राप दिया कि वे धरती पर दासी पुत्र के रूप में जन्म लेंगे। इसी श्राप के कारण यमराज ने महाभारत के प्रमुक पात्र महात्मा विदूर के रूप में अवतार लिया।
00:13विदूर के जन के समय गिद, गीदड और कौवे चिलाने लगे और तेज दूफान आया।
00:19विदूर अपनी बुद्धिमत्ता और नीति ग्यान के लिए प्रसिद्ध थे।
00:23जब दुर्योधन ने लाक्षाग्रह में पांडवों को जलाकर मारने की साजिश रची,
00:27तो विदूर ने पहले ही ये शडियंतर समझ लिया।
00:30उन्होंने अपने सेवक से लाक्षाग्रह के नीचे एक सुरंग बनवाई जिसे पांडव वहां से सुरक्षित निकल सके।
00:37महाभारत युद के बाद विदूर ने अपनी मृत्यु का अनोका अनुभव किया।
00:42एक दिन वे एक पेड के नीचे खड़े थे, तबी उनके प्रान निकल कर युधिष्ठिर में समा गये।
00:48इस घटना ने उनके यम्राज होने की सच्चाई को प्रमानित कर दिया।
00:51ये कहानी महाभारत की अध्भुत गाथा का एक अन्मोल हिस्सा है।