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  • 6/22/2025
Mann Mast Malang Episode 45 - [Eng Sub] - Danish Taimoor - Sahar Hashmi
Mann Mast Malang is a captivating love story that follows the journey of two families once bonded by an engagement but torn apart by a single incident. What begins as a deep connection between Kabeer and Riya turns into rivalry, forcing them onto opposite sides. However, fate has other plans—despite the animosity, their hearts find their way back to each other. As love rekindles, they must navigate the complexities of family feuds, proving that true love can heal even the deepest wounds. Will their love be strong enough to reunite their families and overcome the past?

7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Ali Faizan Writer: Nooran Makhdoom

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Transcript
00:00सिकंदर
00:24सुनो
00:26मैं भी तुम्हेरे साथ कोट चलती हूँ
00:27तुम क्यों जाओगी मैं जा रहूँ ना
00:30पता चल गया है ना मेरी वकीन से बात हो गई है
00:37कभी की गैराजरी होगी
00:43उसी गैराजरी के अंदर कोट हमें खुला लिख के दे देगी
00:46और अगर जैज ने विया गी हाजरी का का
00:50उसको पेश करने के लिए का तो
00:57वो भी मेरी बात हो गई है
00:59हम कोट में कहेंगे कभीर उसे जबरगस्ती लेकर गया है
01:02साइन बीन अकली थे जिनके जोर पर वो उसे तुलिश के सामने लेकर गया है
01:11हमारे पास बहुत कुछ है
01:13इंशाला हम कर लेंगे तो परिंशन नी लो
01:16इंशाला हैसा ही होगा
01:18तुम देखनो कभीर को तो मूगी खानी पाएगी
01:22उमीत तो है
01:24माना ते कभीर हमारा दुश्मन ने लेकर रिया तो मेरी चोटी पहन
01:37मेरी सगी मैं
01:39सूछतीयों के करेंट
01:42तो उसके साथ जयाती तो नहीं करते
01:44अब कर दिया तो कर दिया
01:48अब अगर पीछे आटोगी तो पूरी तुम ही बनोगी
01:53तुम ही तुम ही बनोगी
01:55तुम ही तुम ही बनोगी
01:57तुम क्या क्या रहा है
01:59सच क्या रहो
02:01तुमने बद्ला ले रहा था
02:05मैं तुम एक आइडिया दिया तुम्हारी मदद की
02:07तुमने उस पे अमल किया
02:09पहले कुबीर खान की रिया से शादी करवा दी और पिर
02:13रिया की तलाक का मुझालबा कर दिया
02:15तो अब सुचना कैसा
02:23बस तुम जिहान इस पर रखो कि कबीर खान रिया को तलाक दे दे
02:28कि वो तो गहरा की तलाक का कहस पाड़ के गया है
02:32अगर रिया की तलाक ना होई
02:37तो सारा प्लाइन चौपर हो जाएगा
02:43और पर तुम्हारे मनले का क्या होगा?
03:13सुनो, तुम्हे अपना वादा याद है कौनसा वादा? वही वादा जो तुम्हे अपने बहले किया था के? के तुम मुझे अपने बहन भायू से बिलवाओ के है
03:33मुझे अपने घर जाना है कबीर
03:39तुम्हे वादा किया था
03:45ठीक है मैं तुम्हे ले जाता हूँ मुझे तुमारे खुशी अजीज है
03:50तो बस ठीक है ना मेरी खुशी इसी में
03:57अच्छा बस एक छोटी से रिक्वेस्ट है मेरी
04:00के?
04:01विया तुम अपनी बहनी अपने भाई की बातों में आके कभी
04:05अपना घर नहीं खराब करना
04:19बहुत प्यारी लग रही है
04:21कहां लेके जा रहे हो मुझे?
04:35सप्राइज है तुमारे लिए
04:37मुझे तुमारे लिए
05:07कपीर तुम मुझे कभरस्तान क्यों लेके आया हो?
05:21तुमारा भाई और तुम्हारी बेन तुम्हें कभी नहीं लाएन यहां पर?
05:25नहीं
05:27यह आज मैं तुम्हें
05:35मेरे बाबा से मिल्वाने लाया
05:39बाबा?
05:43मैंने सिकंदर भाई और असमा पसे बहुत का
05:59कि मुझे आपसे मिल्वाने लेके आए बाबा
06:03लिकनो मुझे कभी नहीं लाए
06:09आए
06:15लेके
06:16मैं हू रियाँ दियाजगरली खान आपकी सबसे चोटी बेही
06:39मैं आपसे आजवर के माफी मांगता हू
06:49उसे के तुम जी माव करती चूँ
06:55मुझे के तुम जी माव करती चूँ
06:59मेरे हाथों से चलने वाली गोली ने आपकी जान गया दी
07:15आपकी जान गया दी
07:17तुम जाने इन जानु में इस वाद बड़ा कुनो आप
07:25जानु में जानु में इस वाद बड़ा कुनो आप
07:37आपको मिच्रिक हो
07:43माफी के लाव मेरे पास कुछ नहीं माव
07:45सोचे कि तुमुझे माफ कर दीजिए
07:55मैंने आपकी बेटी से शादी किया है
08:01मैंने अपकी बेटी से शादी किया है
08:09भी अपनी पूरी कुशिश करूँगा कि जिंदगी विज़े से खुश्रुख
08:13तक रजर आप देख रहे हैं
08:19तो यह देकर मुझे मुझे बाफ करते हैं
08:24आज मैं आप से बादा करता हूँ
08:31कि भी जिन्दगी की आखरी सांस तक
08:36आपके बीटी की वाज़त करुपा
08:43इससे महबत करूँगा इसका साथ हूँगा हमेशा
08:52इस दुनियाती सारी खुश्यवा
09:00इसकी कदमों में लाके रख तुमाद
09:04इससे महबत करते हुँगा
09:13इससे महबत करते हुँगा
09:15इससे महबत करुबचान इससे मैं लाके सारी सारी
09:33झाल झाल
10:03झाल
10:33झाल
11:03तबी
11:06तुम उश्रमी कोट को ने क्या है
11:10यह यहां से दो रास्ते निकलते हैं
11:15एक मेरे साथ उससा मेरे दो है
11:21हम जानते हैं हम इक बीसरों से मौपत करते हैं
11:30इसका मैं तो करता हूँ
11:36लेकिन अब हमें चुमना होगा
11:42मैं कसम खा की कहता हूँ कि मिरे जिन्दगी किया फिर सास्तर कुम से मौपत करता हूँ
11:49अब तुम देख लो तुम मेरे साथ मज़ूर है या उससे अदर कोड़ा
12:05जब तुमसे निकार किया था ना इसी तरह तुम्हारा आत पकड़के तुम्हें लेगिया था
12:19तुम्हें खुला चाहिए हाथ ते भी तुम्हारा नहीं छोगबा
12:25यह तुम जाती होगा वे
12:30जो
12:43जो
12:44सफ्वाल
12:45पराश
12:46पराश
12:47जो
12:48जो
12:49जो
12:51जो
12:53जो
12:54जो
12:55जो
12:56पराश
12:58बिलकुल ठीक है
12:59जी जी
13:02अगले महीने का पहला जुम्हां बहुत मुबारिक
13:05बिल्कुल ठीक, ठीक है जी, फिर बात होती है आप से
13:10मुबीन की शादी की तारीक तै कर दी है मैंने
13:17अगले महीने का पहला जुमा
13:25और इस खुची में मैं इस इत्वार को ढोल की रख रही हूँ
13:28तुम दोनों ने भी शामिल होना है, खूब तयारो कर आना
13:32मेरे शाओर की शादी, ये मेरा हुकुम है
13:38ये मेरा हुकुम है
13:56वकिन साब, आपके क्लाइन कहा है, आज तो उन्हें पेश होना था
14:05जैज साब मेरे क्लाइन कबीर खान शहर से बाहर गए भी, इसलिए उनसे रापता नहीं हो सका
14:12मेरी आप से दर्खवासत है कि आप हमें कुछ महलत दे दें
14:15बलके ये भी दर्खवासत है कि अगली पेश्ची की कोई तारिक दे दे दे
14:23उन्हें कोट का नोटिस नहीं मिला था क्या?
14:34बिलकुन मिला था, लेकिन उनके शहर से बाहर होने की वज़ाद से उनसे रापता नहीं हो पाया
14:39जड़ साहब देर किस बात की है? लड़की ने खुद खुला की अपील दायर की है
14:54अगर आपके क्लाइन को भी तो पेश होना चाहिए था, वो कहा है?
14:58जी जनाब वो जरूर पेश होती, लेकिन कबीर खान रिया को एक तरह से एकमा करके भाग गया है
15:15जी जूट है, रिया कबीर की बीवी है, वो खुद उसके साथ गई है
15:24मेरा भाई कबीर खान उसको अपने साथ जबरदस्ती नहीं लेकर गया है
15:29अगर उसमें कोई जबरदस्ती नहीं किया, अगर उसमें अखवा नहीं किया तो रिया ने खुला के मुदायर की
15:41जब साब, रिया अजगर अलिया अपने शौर के साथ खुश नहीं है, वो कबीर खान के साथ खेर महफूज है
15:54ये शादी हो तो गई, लेकिन उसमें रिया को बहुत टॉर्चर देकर जबरदस्ती अपने पास रखा हुआ है
16:09जबके रिया महा रहना नहीं चाहती, कबीर खान और उसके घरवालों से मेरी मौकिला को जान का खत्रा है
16:15ये जूट है, सिकंतर खान ने अपनी बहन की खुद शादी करवाई थी कबीर खान से
16:23तुम्हारे भाई ने हमें जलील कर रखा था, इसी वज़ा से कराई थी शादी कि ये दुश्मनी खत्म हो जाए, लेकिन तुम्हारे भाई ने दुश्मनी निकालने के लिए शादी की है
16:32और, और, और, वकिल साहिबान, अपने मौकिलीन को समझाइए, मैं इस किसम की सरगर्मिया और इस किसम की चीज़ें अपने कोट में बिल्कुल वरदाश नहीं करूंगा, अब अगर मजीद इन्होंने प्रोडोकल का ख्यार नहीं किया, तो मैं उनको तौनी अदालत के दु
17:02अगर वो नहीं आए, तो मैं यक्तरफा डिग्री दे दूँगा, खुला की
17:32अगर इजाज़त, जाएम, जी, जच साब मैं आ गया हूँ, नेरा ही नाम कबीर खान है,
18:02वकिंग साब, इनको पेश करें, तो यहाँ आज़े, कटेरे में आज़े हम दोनों, जी, आप, काम लेकूं, मुझे याद था के हमारी पेशी आज थोड़ा सा बिजी ता इसलिए लेट हो गया, सौरी,
18:32आप अपनी बीवी को जबर्दस्ति आवबा करके ले गए था, अरे नहीं जच साब मैं तो अपनी प्यारी सी नई नवेली दुलन के साथ हनी मून पे था,
18:43इसलिए थोड़ा सा लेट हो गया, आप चाहें तो पूछ रहें से,
18:59आप अपनी में जी से गींट,
19:13आपनी में जी से गींट,
19:18आपनी में झाल समें
19:35परायदने चाहें पर पकाहें,
19:37करी आपनी माजलोग करें जी फितली में जे चे तकते हैं,
19:41करी य� आपनी में,
19:43तरस्सक वितलने सत्य चाहें हो,
19:45करें एक काहेंगा साना किया हुईł
19:46झापनी में जी सांब्र ऍो Winds In 1
19:46झाल झाल
20:16कबीर के वकील का कहिना है कि वो तलाक नहीं देना चाहते क्या आप अब भी अलेद्गी चाहती है
20:27पहले शर्मा के मार डाला फिर सामने ये अदालत आपकी मजड़ी गाने वरा फैसर नहीं देगी
20:50दर्बा दर्बा के मार डाला फचे ना मिला तो फकत लदा से दर्बा दर्बा के मार डाला
21:00ववादार हमसे जमाने में कम है ववादार हमसे जमाने में कम है बबा हमने की है वववा कर रहे है
21:10कोई उनसे कहने पूरा कर रहे है
21:14वफाओं के बतले जबा कर रहे है
21:17मैं क्या कर रहा हूँ
21:26क्या कर रहे है
21:40मिली हुई है ये अपने शोहर के साथ
21:57क्या कह रहा इसे कंदर
22:03तुम तो कबीर से तलाक लेने गई थी ना
22:07क्या हुआ
22:09चुप हो गई
22:11सबके सामने है चुप हो गई
22:19दजज से वक्त मांगा है
22:22दजने इसे दो हपते सोचने का टाइम दिया
22:30ताकि ये सोचे समझे और सोचने समझने के बाद
22:38ये मुझे जमाने भर में जलील करते
22:40अच्छा भला मौका मिला था तुम्हे कबीर से जान छुडवाने का
22:45क्यूं तुमने ये मौका गवाया लिया
22:48तो खेले खत्म कर दिया ना केस खारे जो रहा था वो दो वकील ने अगले तारीख मांग दी
22:55है कभीर का से रोक या इस पर अधा मुझे भी यह है
23:05तुम क्यों गई थी उसके साथ हनी बोड़ है
23:08हम्
23:23इसे समझा दो
23:32इसकी तलाक होगी
23:35जो सोचना समझना है इसी डाइरे में रहकर सोचना है
23:44दो हफते के बाद इसे तलाक लेनी है
23:48बस
24:05क्या तुम सच मुझ कबीर के साथ मिलियो यू
24:18जो वादा तुमने मुझ से सिकंदर से अपने बाबा से किया उसका क्या हुआ
24:27तुमन के साथ मिल गए आपा
24:31क्या बात है
24:33शोहर मिल गया है तुमें
24:36इसी लिए इतना ओड़ रही हो
24:37इसी पर देखो उसने मेरा क्या हाल किया है
24:47मुझे पेज़द करके मुझे सडील करके मेरी किर्दार कशी करके मेरे हाथ में तलाक थमा दी
24:57पराज हाल देखो मेरा
25:02इतने सालों से यहां एक बंजर जमीन बनी पड़ी हूं
25:12इससत से तुम्हें कबीर से बचाना चाहती थी
25:16ताकि वो तुमारा वो हाल ना करे जो उसके भाई ने मेरा किया है
25:20तुम्हें उस तकलीव से उस जिल्लक से उस पश्तावे से बचा रही थी और तुम
25:24तुम उसी की बातों में अगए तुम्हें कभी को अपना मत जो तुम्हें शुरू से पसा रहा है
25:36तुम उस पे कैसे भरोसा कर सकती और यह वो हमारा दुश्मन है
25:40वो क्या बढ़ा करेगा तुम्हारा
25:41क्यों तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें तुम्हें
26:11कुछी तूर हो रहा है, जुदा हो जाएगा।
26:25मैं, मैं गई रिष्टा खतम करने ही थी लेकिन।
26:28मुख से बस यही निकला।
26:46क्यों भई?
26:48क्या कर लिया है?
27:06कर दो हम जब परने तुमहर ली, जो हम नहीं कर सके?
27:12पुझे बाबा की कबर पर लेकर क्या दो
27:22क्या कहा?
27:30वही चो आपने सुना
27:31मुझे बाबा की कबर पर लेकर क्या जो आप और भाई कभी नहीं लेकर गया आपा
27:43मेरी आखों के साथ मुस्ते बाबा से माफी माद लेकर
27:59वह शिर्मिंदा था आपा
28:01वह अपने गुना के लिए शिर्मिंदा था उसने माफी मांगी ये बाबा से
28:06जो
28:08फिर तो तुमने कबर में से बाबा की आवास पे सुनी होगी
28:13बाबा ने ये कहा होगा ना कि उन्हें कबीर को माफ करते
28:22तुम्हे शाबाज दी होगी कि तुम दुश्मन के साथ उनकी कबर पर आई हो
28:34ये शादी की मुबारिक भी दी होगी बाबा ने तुम्हें है ना
28:38पान खोल के मेरी बात सुन लो
28:44कबीर हमारे बाबा का काते लिए
28:48और तुम उससे तलाक लोगी है
28:52और ना मैं तुम्हें अपने होतल से माटाने की
28:55समझी
28:57करने कर दो
29:24झाल झाल
29:54कबीर
29:58जी भई
30:01कर तक रिया तुमसे खुला ले रही थी
30:20अब उसे सोचने का वक्त मांग लिया है
30:23ऐसा क्या जादू कर दिया तुमने
30:27सिकंदर की शकल तो देखने जैसी थी
30:36मुझे जूटा गहरा था
30:42खुद सब के सामने मजाब बन कर रहे थी
30:45पैसे ये काया पल्टी कैसे
30:56रिया कैसे अपने भाई को छोड़ कर तुम्हारे साथ खड़ी हो गई
31:02बीवी है भाई मेरी
31:04और कहां जाएगी
31:06लोटकर मेरे पास ही आएगी
31:08बीवी तो वो पैरी भी थी तुम्हारे
31:12इन शादी की रात वो तुम्हें छोड़ कर अपने भाई के घर चली गई थी
31:17लेकिन कभी ये करिश्मा हुआ कैसे
31:27जब तुम उसे कोट में लेकर आये तो मुझे लगा के वो आते ही खुला मांग लेगी
31:36जज़ भी उसके हक में फैसला सुना देगा लेकिन वो चुप हो गई
31:43सोचने का वक्त भी मांग लिया उसने
31:46ऐसा क्या करिश्मा क्या जादू कर दिया तुम
31:50बोलो ना कभीर ऐसा क्या क्या क्या दिया तुमने रिया से कि वो चुप हो गई
31:58क्या बोलू भाई मैं
31:59मैं रिया को उसके बाप से मिलाने ले गया था
32:06तुम अजगर खान की कबर पर ले गए रुया को तो इसमें इसी कौन सी बड़ी बात है
32:14मैंने उसके बाप की कबर से माफी मांगे गी
32:20निगोरी चलाने की
32:36क्या कहा तुमने भीज़ आपने सुनी तुमने असखार खान से माफी मांगी है
32:45भाई क्या तो शुक्र हूँ
32:46पता है तुमने क्या किया कबीर
32:56जो हुझे कई साल पहले कर लेना चाहिए था भाई
33:06हां है माफी मांकर वो कतल अपने सार ले लिया है
33:12सरी था भाई Yearu बॉलव कथल हमेशासे मेरे सार ही था
33:16मेरे सार से उत्रे कपीर वह गलती थी
33:22तुम उसवत एक जोटे बच्चे थे तुमने कोई कतल नहीं किया या भ्रती मुझसे हुए थी ना
33:28मुझसे ही तो हुई थी गलती
33:30उसका बोज मेरे जमीर पर था
33:33उस बोज को मुझे हलका करना था
33:39रिया के लिए नहीं खुद अपने लिए करना था भाई
33:40मैं सोचता था उसके बारे में हमेशा
33:42किसी को भी गलती से भी
33:50किसी उमर में भी किसी की जान नहीं लेनी चाहिए भाई
33:52अंदाज़ा हो गया ना मुझे इस बात का
33:54आपने इंकरेवान पकड़ा है मिराज
34:20मेरा कबीर
34:24मेरा भाई कातिल नहीं है
34:34छोटा भाई है मेरा शेर है मेरा कबीर है
34:41किया आप अमा को बता हूँ अरे नहीं यार अब उन्हें
34:54डरते हो आप से तो कमी डरता हूँ यार आप चलो
35:01असलाव लेकुम असलाव लेकुम
35:12कहां रह गे थे तुम दोनों
35:16मुबीन तुमारे लिए खुश खप्री है
35:18अगले महीने का पहला जुमान तुमारी शादी की तारीख तारीख तै कर दिया है मैंने
35:23मुबारिक हो
35:24या मेरी तलाग होने वाली या भाई की तिस्ती शादी करा रही है
35:33बीवी कहा है तुमारी आई नहीं तुमारे साथ
35:38कहां चोड़ायो खुला तो नहीं मांग लिए उसने
35:49नहीं बखुला नहीं लेगी इंशादला तो सोचने का वक्त मांगा इसने
35:58क्या सोचे की वो मेरे बारे मैं सोचे की
36:02नहीं आपसा जाएगी
36:12आएगी फिर जली जाएगी बस यह आना जाना लगा रहेगा ऐसी लड़कें टिकर नहीं बैठती
36:19मी भी है वो मेरी
36:22रिया है वो दुश्मन की बेटी है और दुश्मन है
36:40जा मौबबत हों दुश्मनी का क्या का?
36:43बर्सों की नफरत है यह दिनों में नी फुलाई जा सकती
36:47एक पल में दुश्मनी मौबबत में बदल जाती है
37:00मौबद इश्मन
37:04बतनी इतनी सी बात है लोगों को समझ क्यों नहीं आते है।

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