कोलकाता, पश्चिम बंगाल : 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विचारक और लेखक आचार्य प्रशांत ने योग के भौतिक रूप और युद्ध को लेकर कई बातें कहीं। गोवा में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम का लाइव टेलिकास्ट 30 से 35 जगहों पर किया गया। श्रीमद्भागवतगीता की दृष्टि से योग क्या है? आचार्य प्रशांत ने इस विषय पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में आए प्रतिभागियों ने बताया कि यह सेशन उनके लिए आंखें खोलने वाला रहा। उन्हें योग का एक नया रूप समझ में आया। आचार्य ने समझाया कि योग सिर्फ शरीर को हिलाना डुलाना नहीं है। योग का अर्थ है अपनी संभावना से परम संभावना तक पहुंचना।