Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 6/20/2025
Maharashtra: मंगलसूत्र लेने पहुंचे 93 के बुजुर्ग, दुकानदार ने जीता दिल। Sambhaji Nagar
 

Category

🗞
News
Transcript
00:00क्या आपने कभी सूचा है कि एक छोटा सा गहना किसी के लिए कितना माईने रख सकता है
00:13एक बुजुर्ग दमपत्ती जिनकी आखों में सालों की उम्मीद और संघर्श की ज्छलक है
00:20दुरसल छ्वत्रपती संभाजी नगर के गुलमंदी में एक बुजुर्ग दमपत्ती सूनी के आभूशन खरीदने के लिए पहुंचे थे
00:28उनके पास थे केवल 1100 रुपे जो उन्होंने भीक मांकर एक महीनी में जमा किये थे
00:35कुछ दुकानदारों ने उन्हें पैसे देकर टाल दिया
00:39लेकिन एक जूर्डी शौप के मालिक ने उनकी कहानी सुनी और भावुक हो गए
00:44उन्होंने एक ग्राम सुनी की जूर्डी उन्हीं केवल 20 रुपे में दे दी
00:49बुजुर्ग दमपत्ती ने दुकानदार से कहा कि आप पर भगवान का हमीश्वा आशरवाद रहेगा
00:55उनकी आखों में आसु थे लेकिन दिल में संतोष था
01:19काय वात्त थो मेश्वान तुम अजय केला तुमाह आता बरकीन बड़ रक खरता काय संदो ता म παई
01:33छालेन तेनर इनर्मजा पसुत एंक यहा थे नहीं काय नहीं inserts裁 Gopay नहीं
01:37मैं टुमी एके गृँपाई गोडा करता हूए।
01:42एंग्यों दुम आपों tu सु पोध मिला एंग।
01:47देवाना म ना फिसे अरह �water?
01:52अल्रा रशानी है…
01:53चर सेवाने खेतना।
01:57writing 5-4 हुचन पोद्गाली,
02:00टााक लूठा बुटाली,
02:01शांध।
02:04दाहादार रामन्दी, तो परचे को हो दापल्डी होतिया मनू, तेचे नहीं केली, तो ही बदार चेगा हटली पना संपच्छी तीर ढवी जाली, दूसरी आनुम लागली तो यास दालू
02:14कट्या आपना खाला तूसर तावा खालनो तावा खालनो ता, येटाद?
02:18बता दे यह दमपत्ती, जन्न शहर के मानता तहसील के छोटी सी गाउं के निवासी है,
02:45खेती में नुक्सान के बाद, वे शहर में आकर भीक मांग कर अपनी रोजी रोटी चलाते हैं, उनके पास बहुत कुछ नहीं था, लेकिन दिल में एक दूसरे के लिए अपार प्रेम और उम्मीद थी
02:58यह जो है न, एक बुजूर्ग आये थे, हम मराठी में आजी आजोबा गोलते हैं, तो उनको कुछ ज्वेलरी, वो बुले कि मुझे पोत लेना है, और वो पोत लेने के इसाब से अंदर आहे, उनको यहाँ पे स्टापने पोत दिखाया, उनको एक माला अच्छा लगा, एक
03:28आफिस में था उपर, तो एक मेरे एंप्लॉई ने मुझे बुलाया, मैं निच्चे आया, तो उनसे जो बाच्चित हमने की, वो सब वीडियो में है, और प्रामानिक भूत थे, उनको पैसे देके ही लेना था, तो उन्होंने मुझे पहले 1120 देने की कोशिश की, फिर कुछ
03:58हमने वो मना किया, और वहाँ पे जो हमारा वन ग्राम गोल्ड ज्वेलरी का जो बिजनेस है, उसमें से जो माला थी, वो हमने उनको सुपूर्प की, वो वाटी जो पिंडंट है, वो सुपूर्प किया, और तो भी वो बुले कि हमसे कुछ ना कुछ तो लो, तो उनके अश्
04:28का अशिर्वाद और उनका अशिर्वाद मुझे मिल गया।
04:58की रिस्क है, लुटोरों की रिस्क है, फिर भी इतनी उम्रों में अपनी बीवी के लिए एक एक रुपया मांग के उन्होंने जमा किया है, और दूसरी बात, ये दो साल से मेरे पास आते हैं, थीन चार दिन में एक बार आते हैं, उनके जो छुट्टे पैसे होते हैं, एक �
05:28करके वो सेप्टी उसको रखते हैं, पर फिर भी उनको रिस्क है पैसे की ये तीन चार दिन में एक बार आते हैं, चिलर के नोट बना के लेके जाते हैं, अपने गाहों को जाते हैं, इनका एक बेटा भी है, मजूरी करता है, वो मंठा साइड गाहों है, इनका उदर खेती �
05:58इसलिए अवरंगबाद आये काम करने के लिए, पर बाबा को काम ने कर सकते हुँमर जादा है, तो इनके दिमाग में आया कि चलो मंदिर के बहार दक्षिना के रूप में पैसे इतले हैं, और वो ऐसे ही मंदिर के बहार पैसे मांगने लगे लोगों से, दिन बर पैसे मां�
06:28अधिया बटे जोगा पासा नहीं संब्सक्राइए शुलेटे।
06:32जा अधियो लीए है आधिक भीट वाट लीटर माला साझाएं
06:36मझी बुटे है
06:37तो हमाट रांगा जाला
06:58झाल

Recommended