02:11आवाज बहुत मीठी है अच्छे शिश्य होने के सारे गुण है इसमें ताल और सुर का ताल मेल बहुत ही बढ़िया है
02:22ये शिश्य और कोई नहीं मेरा भतीजा है पुरोहिक जी
02:26ये हुई न बात इतना ही नहीं तुम्हारी तरह तुम्हारी छवी नजर आती है इसमें
02:33और तुम्हारे साथ इसका खून का भी तो रिष्टा है न संगेत की कला इसमें कोट कोट कर भरी है तुम्हारी तरह इसमें भी वो हुनर है
02:39जी तेरो बेटे
02:41पुरोहिक जी आपके सामने गाने का जो मौका मिला है मेरा जन्ब सार्थक हो गया है
02:44ये लो, मेरी तरफ से तुम्हारे लिए भेट, रख लो
02:48रामनुनी, उत्तरदिशा के घर में जो काम चल रहा था पूरा हो गया?
02:58अभी पूरा काम नहीं हुआ है मालिक
03:00तो फिर जल से जल मजदूरों को भला कर काम पूरा कर लो
03:02जी, मजदूर आने वाले हैं, तो मैं वहीं जा रहा हूँ
03:06कुई नहीं है क्या, पीने के लिए पानी चाहिए था
03:25कहा जा रही हो? मालिक ने पानी मंग गया है
03:34मालिक का खयाल रखने के लिए मैं यहाँ हूँ
03:36तुम बस रोसोई का काम करो, बेवज़ा मालिक के सामने जाकर खड़ी मत होना
03:39मुझे दो
03:41अगर आपको कुछ चाहिए, तो आप मुझे आवाज दे सकते हैं न, किसी और से क्यों मांगते हैं?
03:57तुम यहाँ नहीं थी, इसलिए आवाज लगए, पीने के लिए पानी कोई भी दे सकता है, क्या फर्क बढ़ता है?
04:02अपसे मुझे आवाज दिया कर ये बस
04:03बहुत देर हो गई है, पिता जी डाटेंगे क्या? अब हम चलें क्या? तुम आ रही हो या नहीं?
04:24पारो, देख तेरा आशिक खड़ा है, इस चुप कर
04:27आज इतना कुछ इंतजाम कर रखा है, आज कुछ खास है क्या?
04:36आज बहुत खास पूजा है, इसलिए ये सब लेकर आने के लिए पिताजनी बोला है, तुम किसी को ये सब मत बताना?
04:42मैं क्यों किसी को बताऊंगी? पर ऐसी कौन सी पूजा है?
04:46ये वशी करण पूजा है, सुना है, ये सब मालिक के लिए है, कह रहते कि उनको किसी लड़की का वशी करण करना है, उसी के लिए है
04:53लेकिन इस पूजा में बहुत खर्च होता है क्या?
04:56क्यों? तुम्हे भी किसी को अपने वश में करना है क्या?
04:58कर दो
05:28कर दो
05:59ए हट
06:00तुमसे मैंने कहा था ना कि उनके सामने इस तरह से मत खड़ा हो ना
06:04अंग प्रदर्शन करके उनको अपने जाल में फसाने का इरादा है क्या
06:08मैं इस तस्वीर को साफ करने के लिए आई थी
06:10तुम बस रसोई के काम पर धियान दिया करो
06:12यहां की साफ सफाई करने की तुमें कोई जरूरत नहीं है
06:15वहां का सारा काम हो गया था
06:18जलो अंदर जाओ
06:37रुको
06:39ची यही पकवान पका रहती तु इतनी देर से
06:46इतना नमक भर दिया जिप्पे भी नहीं रखा जा रहा है
06:49जो भी काम करती हो उसे बिगाड़ कर रख देती हो
06:51मनुस का हिंकी
07:03सवामी जी मुझे आपसे एक बात करनी है
07:05क्या बात है बोलो
07:08मैं एक पूजा करवाना चाहती हूँ
07:12कैसी पूजा करवाना चाहती हो पारो तुम
07:15बोलो
07:17मैं वशीकरण की पूजा करवाना चाहती हूँ
07:20वशीकरण की पूजा
07:22तुम किसे अपने जाल में फसाना चाहती हो पारो
07:24वो मैं
07:26बोलो
07:28मैं जहां काम करती हूँ उस मालिक को
07:32पुरोहित मालिक को
07:33किस लिए ये नहीं हो सकता
07:37स्वामी जी ये मेरे लिए कर दीजिए
07:42उनकी वज़े से मुझे हर दिन बहुत कर्ष्ट सहने पड़ रहे हैं
07:48मैं मालिक को फसाने की कोशिश कर रही हूँ
07:49ऐसा माल किन का कहना है
07:52मुझे उनकी बात को सच करना पड़ेगा
07:55स्वामी जी मदद कीजिए
07:57पारो ये कोई साधारन पूजा नहीं है
08:01साथ दिनों तक चलने वाली कठिन पूजा है
08:03पूजा के लिए बहुत सारी सामगरी के बेवस्था करनी होगी
08:07सिर्फ इतना ही नहीं
08:09पूजा करने वाले और पूजा करवाने वाले
08:11दोनों को साथ में ये करनी होती है
08:13तभी इस पूजा का फल मिलेगा
08:15लेकिन वो वश्च में हो जाएगा
08:17यदि तुम ये सब करने के लिए तयार हो
08:19तो मैं ये करने के लिए तयार हूँ
08:21क्या हुआ? तयार हो क्या?
08:26तयार हूँ
08:27तो हम कल से ही शुरू करते हैं
08:30जैसे जैसे मैं कहूँ, वैसे वैसे करते जाना, शेश में समय समय पर बताता रहूँगा
08:34ठीक है, तुम्हें चलती है
08:36हाजा केली हो तुम, सहली कहा है?
08:45नहीं, वो पता नहीं
08:46जोट मत बोलो, कुछ तो परिशानी है
08:48ए, ऐसा कुछ नहीं है
08:50ए, कुछ तो बात है
08:52मुझे पताओ
08:53नहीं, ऐसा कुछ नहीं है
08:56पूजा के लिए सामगर की व्यवस्था करनी है
09:16शाम तक इंतजाम नहीं क्या तो बाबा मंत्रवादी डाटेंगे
09:19ये मेरे अकेले के बसका काम नहीं लग रहा है
09:24अगर तुम मेरा साथ दे दो तो
09:26बस इतनी से बात है
09:28इस बात को लेकर तुम परिशान हो
09:31तुम्हें क्या चाहिए
09:33मैं भी तुम्हारे साथ चल कर तुम्हारे साथ देता हो
09:36कुट्टन, तुम मेरे लिए क्यों परिशान होते हो, तुम रहने दो.
09:39मुझे क्या परिशानी होगी, पारू?
09:42चलो, मैं तुम्हे फूल चुन कर देता हूँ.
09:44चलो, आओ, उस तरफ जो बंदरो वाला पाहड है ना, वहाँ चलेंगे, तो बहुत सारे फूल मिलेंगे.
10:06नहीं, कोई देख लेगा, अब ही नहीं, यहां कोई नहीं है, फिर भी ऐसा मत करो, आज के लिए इतने फूल काफी है, मैं चलती हूँ, मुझे छोड़ा कुटन, पारो, रुख जाओ पारो, पारो,
10:36ये लो, इसे पूजा के लिए रखो, जैसा मैं बोलू वैसा तुम्हे करना होगा, अच्छे से शिंगार करके अंगंग से खुश्बू महकनी चाहिए, ऐसा होना चाहिए, स्त्री का सौंदर्य, अपने रंग के हिसाब से सजधज कर, तुम्हें संग मरमर की मूरत की तरह ख
11:06ये लो, ये घजा सौंदर्ट वार्या तरह खाना होगा होगाथ, अपने रंग होगार की त
11:09कर दो कर दो
11:39कर दो कर दो कर दो
12:09कर दो कर दो
12:39हाँ हाँ हाँ बहुत अच्छा लगा मुझे बहुत पसंद आया है कि रुको कहा अपना डंका बजा दी फिर रही हो कितनी बार समझाना पड़ेगा कि इस तरह मत घुमा करो तुम्हें जो काम बताया था वो काम किया क्या तुमने आके देखती हूं मैं
13:00दो दिनों में समाप्थ हो जाएगी और पूजा के आखरी दिन वो आदमी मेरी पूजा के फलस्वरू तुम्हारी और खिचा चलाएगा
13:20तब तुम अपने बदन को दिखा कर उसे मोहित करना ज्यादा समय नश्ट नहीं करना ठीक है स्वामी जी मैं समाल लूगी
13:29ये लो इसे हवन में जलाना ताकि इसका धुआ वो सूंग सके और जब चले तो धर्ती को भी पता ना चले चहरा जैसे खिला कमल आखें जैसे खुला समंदर जैसे ही वो इस धुए को सूंगेगा उसके कदम तेरी और चल पड़ेंगे
13:59श्री राम पाहि माम जय रगुराम
14:29झाल झाल
14:59कर दो कर दो
15:29कर दो कर दो कर दो
15:59इस पूजास्थल में तुम सिर्फ उसका नाम लेकर हिजाब करना
16:02मैंने जो मंत्र तुम्हें बताए वो जबते रहना
16:06पूरे मंत्र जबने के बाद जैसे ही तुम अपनी आखे खोलोगी