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  • 2 days ago
श्रावण मास आने वाला है उसके पहले ही मंदिर में सावन की तैयारी की जा रही है। वहीं महाकुंभ के बाद प्रयागराज में सांस्कृतिक रक्षा के लिए मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। यमुना किनारे स्थित इस मनकामेश्वर मंदिर में सावन माह से भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन ने ड्रेस कोड अनिवार्य किया है। इसके तहत मंदिर में अब पारम्परिक पोशाक में भक्त वहाँ पूजा,और धार्मिक अनुष्ठान कर सकेंगे। बता दें कि यह कदम मंदिर प्रशासन ने धार्मिक परम्पराओ का पालन कराने के लिए उठाया गया है। खासकर उन लोगो के लिए है जो मंदिर में अभिषेक के दौरान किसी भी प्रकार का वस्त्र पहन कर ,धार्मिक अनुष्ठान करते है। सुनिए इसपर मंदिर के महंत ब्रह्मचारी श्रीधरानंद जी महाराज ने क्या कहा...
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Transcript
00:00श्रावन मास आने वाला है और उसके पहले ही मंदिरों में सावन की तैयारियां शुरू हो चुकी है
00:07वहीं महाकुम्ब के बाद प्रियाग राज में सांस्कृतिक रक्षा के लिए मंदिरों में ड्रेस कोट लागू किया जा रहा है
00:17यमुना किनारे इस्थित इस मन कामेश्वर मंदिर में सावन मासे भक्तों के लिए मंदिर प्रिशासन ने ड्रेस कोट अनिवारे किया है
00:28इसके तहट मंदिर में अब पारंपरिक पोशाक में ही भक्त वहां पूजा और धार्मिक अनुष्ठान कर सकेंगे
00:37बता दें कि यह कदम मंदिर प्रिशासन ने धार्मिक परंपराओं का पालन कराने के लिए उठाया है
00:45खास कर उन लोगों के लिए जो मंदिर में अभिशेक के दोरान किसी भी प्रकार का वर्स्थ रपैन कर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं
00:54सुनिए इस पर मंदिर के महंत ब्रह्माचारी श्री धरानन्द जी महराज ने क्या कहा
01:01लाखों स्रद्धाल्वों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है
01:05अभी इस बीच ये देखा गया है कि जो पूजन करने का तरीका है
01:12कहीने कहीं स्रद्धाल्वों का लगतार बदलता जा रहा है
01:15उसको देखते हुए तो कि अब सामने सावन भी है
01:19और इसमें जो है बहुत स्रद्धाल्वों का जमावड़ा इस मंदिर में रहता है
01:25और उसमें रुद्धाविशेक करते हैं लोग
01:28तो उसी पर प्रतिवंद लगाया गया है
01:30कि रुद्धाविशेक के समय लोग जो भी व्यक्ति रुद्धाविशेक करेगा
01:36उसको धोती पहनना आनिवारे होगा, महिलाओं को साड़ी पहनना और सूट पहनना आनिवारे होगा,
01:42क्योंकि अभी देखा गया है कि लोग पेंट, जीन्स और बेल्ट लगा कर ही पूजन रुद्रवशे करना शुरू कर देते हैं,
01:49कहीं ने कहीं परंपराओं के साथ खिलवार हो रहा है, इसलिए कड़ाई से इसका पालन शावन से कराया जाएगा, और ये निरंतर आंगे भी जारी रहेगा.
01:59देखिए इसके लिए तो पहले भी मंदर प्रबंदन में रोक लगा रखी है, जो कटे-पटे कपड़े आते हैं, और जो भद्दे कपड़े पहन कर आते हैं, उस पर रोक लगा रखी है, जो फुल पेंट होता है, साइट होती है, उसको पहन के आना चाहिए, हाप पेंट प
02:29साड़ी है, इन सब को पहन कर ही पूजन करना चाहिए, जब ही जिस फल के प्राप्ति के लिए आप पूजन किया जा रहा है, अगर उसका गड़वेस और पईधान ही नहीं होगा, तो उस फल की प्राप्ति नहीं होगी, इस लिए इस पर तो पहले से भी रोक जारी है, और �
02:59इसलिए सावन से यह प्रतिवन्द जारी होगा, जो निरंतर चालू रहेगा, और उर्दुराभी सेप के समय जो भी प्रोस होगा, उसको धोती पहनना आनिवारे होगा, और महिलाओं को साड़ी पहनना।
03:11वहीं भक्त भी इस तरह के ड्रेस कोड को सुईकार कर रहे हैं, जिससे मंदिर के प्रवेश में मरियादा बनी रहे, सुनिए इस पर श्रद्धालू ने क्या कहा?
03:41एक अच्छा मेसेज जाएगा, कि आपको जो भी है, अगर आपको मन में जो भाव है, जो आपको मंदिर के प्रतिभावना है, उस वो सुरक्षित रहेगी, और आपका जो हिंदू रीती रिवाज और जो भी परिधान है, उनका भी एक उचित तरीके से, इसका जो भी यह न
04:11करने वाला या जो उसके साथ लोग होते हैं, किसी के मन में भाव अच्छा नहीं रहता, इसलिए जो भी उचित परिधान है, वही पहन के आए, यह जो निर्ना लिया गया है, बहुत ही अच्छा, बहुत ही पर्फेक्ट लिया गया है, मतलब जो प्रसासन में लिया, उसका स
04:41कर दो

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