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  • 6/16/2025
मॉडल्स हजारीबाग की लोक कला सोहराय को अपने परिधानों में जगह देकर फैशन जगत में पेश कर रहे हैं.

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00:00जारकंड की एक मात्र जियाई टैक प्राप सोहराई कला फैसन की दुनिया में अपना जलवा भी खेर रहा है
00:07पांच हजार साल पुराना यह कलाकिरती बढ़का गाउं के बादम के इसको गुफा में दिखता है
00:14लेकिन धीरे धीरे अब यह फैसन की दुनिया में भी अपनी जगह बनाने को आतूर दिख रहा है
00:20हजारी बाग की युवा कलाकार अमित कुमार इसे फेवरिक में उतारने की कोशिस कर रहे हैं
00:26हजारी बाग में कारिकरम के दौरान सोहराई कलाको परिधार में उतारके युवाओं ने कैट वाक किया
00:32यह बताया कि सोहराई आने वाले दिनों में पेरिस के फैसन सो में दिखेगा तो कोई बड़ी बात नहीं होगी
00:39अमित बताते हैं कि छोटा सा प्रियास हजारी बाग की अपनी कलाको फैसन के दुनिया में उतारने की है
00:46इसे लेकर काम भी किया जा रहा है
00:49हाल के दिनों में राची में एक कारिकरम के दौरान लगे स्टॉल में लोगों ने खूब इसकी खरिदारी भी की है
00:55परियास तो सुरु से रहा है आपको पता होगा 2016 में हम लोगों ने इसको कोहनार महसों में किया था व्यापक रूप से बट अबर जो इस बार हुए है आपका हजारी वा कलाकार महसों में इसमें जो औरीजनल जो चार बेस कलर होते हैं
01:08सो रहा है कि उसी को हम लोगों लेकर बेसिक डिजाइन किया सारे ड्रेस में आप देख भी पा रहे होंगे सारे ड्रेस जो बने हुए हैं तो मैं यहीं चाहूंगा कि यह जो अंतराश्टिय अकला है जो एक भीती चित्री थी उसको अब जो हम चाहते हैं कि वह वस्त के माध
01:38सोराय जारखन की अपनी एक प्राचीन कला है जो घरों की दिवार पर की जाती है बढ़कागाओं के बादन के इसको गुफा में आज भी इस कला को देखा जा सकता है पांच हजार वर्ष से अधिक पुरानी इस कला कृति में प्रकृति को विशेश अस्थान दिया गया ट्
02:08इसे लेकर नया पिड़ी काम भी कर रहा है जैसे आप कह रहा है मंच मंच को हमें ऐसे ही विशाल मिलना चाहिए और प्रस्कृति भी खूब होनी चाहिए जैसे हम देख रहे हैं सोराय जो हमारी एक कला है एक पेंटिंग है उसको हम आर्ट फोर्म में एक काशन शो में लेकर
02:38क्योंकि मैं अब दुबाई से होकर क्या रही हूँ तो मैं बिल्कुल चाहूंगी कि मैं जो यह रिप्रेजेंटेशन है वो दुबाई ना से दुबाई में जितने भी वर्ल्ड वाइड है वहां पे जरूर यह रिप्रेजेंटेशन दे पाओ
02:48कहा जाता है कि बादम राजा ने इस कला कृति को बनवाया था जिसमें बनने वाले डियाइनों में पेड़, पौधे, पत्ते, जीव, जन्तु, आदी के चित्र होते हैं
02:59इसकी बारिकी इतनी है कि हर एक पत्ते और बियाइन का अपना एक खास मतलब है, इस कला को परमपरिक तोर पर जिंदा रखने एक चुनवती से कम नहीं है, फैसन के जरी इस कला को आम जन्ता तक पहुचाने की कोशिस की जा रही है, इसके पहले भी कई ऐसे लोग हैं जो इ
03:29मॉडलिंग के बारे में कि सिर्फ वेस्टर्ण व्रसेज में या फिर लहगा ये सब में कर सकते हैं, यहां में हम जार्खन के आर्ट फॉर्म को बाहर लेकर आरें, प्रमोट करें और यह बहुत ही अच्छा काबिली तारी सोच, स्कोप आगे देखते हैं किस नहीं हाँ, बि
03:59लेकर कई लोग काम कर रहें, अमीद भी इस कला को एक नई मुकाम देने की कोशिस में लगे हुए हैं, कहना गलत नहीं होगा कि वह दिन दूर नहीं है कि फैसल के दुनिया में सोराय अपना जल्वा बिखेरेगा, गौहरो प्रकास, ETV भारत, हजारी बाग

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