अहमदाबाद विमान हादसा: ब्लैक बॉक्स मिला, जांच जारी, देखें ये रिपोर्ट
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00:00एहमदबाद की इसी एइपोर्ट से एर इंडिया की फ्लाइट 171 ने उडान भरी थी
00:05लेकिन चंद पलूं के भीतर वो यहां से बस थोड़ी ही दूर आगे क्राश कर गया
00:12सबसे जरूरी होता है किसी भी एइप्राश की जाच में उस ब्लैक बॉक्स का मिलना
00:1828 घंटे बाद वो ब्लाक बॉक्स मिला और संभावनाएं बहुत बढ़ गई है कि इस पूरे मामले का जो सच है वो जल से जल सामने आएगा
00:29क्याप्टन सुमिच सभरवाल के पास 8000 घंटों से ज्यादा का फ्लाइट अनुभव था
00:39फर्स्ट ओप्सर क्लाइब कुंदर के पास 1400 फ्लाइट आवर्स का अनुभव था
00:44फिर क्या वज़े थी कि इतने अनुभवी हाथों में विमान की कमान होने के बावजूद ड्रीम लाइनर क्रैश हो गया
00:51क्या विमान के दोनों इंजन फेल हो गए थे
00:58क्या लैंडिंग गियर किसी तकनीकी गलती का कारण बना
01:02क्या इंधन में कोई मिलावट थी या किसी तरह का ब्लॉकेज था
01:06क्या किसी पक्षी के टक्राने से ये हाथ्चा हुआ
01:10क्या पाइलेट की किसी गलती के कारण ये हाथ्चा हुआ
01:14कि अदर एक हुमन एरर की संभावना को में नकारूंगा बिल्कुल क्योंकि इसमें पालेट एरर तो मैं नहीं मानूगा इसके इप तरह से क्योंकि क्योंकि टेक ओफ था और इस परस तौर पे दिख रहा है कि जहाज जो है टेक आफ कर रहा है और उसने अपने जो वील्स है व
01:44अंदर चले जाते हैं और इस केस में एसा नहीं हुआ है तो समावना लगती है कि इसमें होसता है कि स्क्निकी
01:51की खराबी हो, इलेक्टिक फेलियर हो गया हो और या फिर पाइलट ने जान मुझ कि उसको खुला रहने दिया हो, एक्स्टेंडर पोजिशन में रहने दिया हो, उसकी वज़े उस थे कि उसको कॉक्वेट में कोई मैल फंक्शन दिखा हो, या जो टेक ओफ के अपर जो थ्रस्
02:21जिस बात का जिक्र कर रहे हैं, वो है कॉन्फिग्रेशन एरर, टेक ओफ की समय कॉन्फिग्रेशन एरर का मतलब होता है विमान की उन सेटिंग्स में गलती, जो उसे सही धंग से उडान भरने से रोग देती हैं, जैसे फ्लैप्स की गलत सेटिंग, कम थ्रस्ट,
02:47समय से पहले टेक ओफ, या फिर लैंडिंग गियर न उठाना जैसी घलतियां शामिल होती हैं, ये सभी चीजें विमान के एलिवेशन पर असर डालती हैं, जिससे विमान हवा में रुख सकता है, या फिर नियंद्रन खो सकता है,
03:04एहमदाबाद रनवे पर उस वक्त खरीब 43 डिगरी का तापमान था, यानि वातावरन दर्म था और हवा पतली, विमान 625 स्पीट की उचाई ले पाया था, उसकी रफ्तार थी 170 नौट, लेकिन जानकारों के अनुसार बोईंग जैसे वजनी विमान की रफ्तार उस उचा�
03:34फ्लैप्स, अगर फ्लैप्स बहुत कम लगाए गए तो विमान के लिए लिफ्ट बनाना मुश्किल हो जाता है, ज्यादा फ्लैप्स से ड्रैग इतना बह जाता है कि विमान उपर नहीं जा पाता, थ्रस्ट में कमी, टेक ओफ के लिए सही थ्रस्ट सेट करना बहुत ज़र�
04:04समय से पहले रोटेशन, अगर विमान की रफ्तार कम हो, तो उसकी नोज ठीक से उपर नहीं उठपाती, 787 जैसे विमान के लिए ये रफ्तार 140 से 160 नॉट होती है,
04:34अगर विमान इस रफ्तार से पहले ही उपर उठने की कोशिश करता है, तो उसको ठीक से लिफ्ट नहीं बहुती है, इससे विमान का पिछला हिस्सा रन्वे से टक्रा सकता है, या विमान हवा में आस्थिर होकर गिर भी सकता है, लैंडिंग गिर में दिक्कत, टेक ओफ के �
05:04पिछला है, इससे विमान के रफ्तार और उपर उठने की ख्रमता और कमजोर होकी।
05:33एक साथ पेल हुने की आशंकाएं दस लाक में एक बार ही होती है।
06:03पेल ही चारा नहीं था सिर्फ यह चारा बचा था कि सामने जो कुछ भी नजर आ रहा है वहां पे एरक्राफ को पुट डाउन करें क्योंकि उनके पास कोई चोईस नहीं बची थी उन्होंने लैंडिंग यह नीचे रखा और बाकी उनके हाथ में कुछ और बचा नहीं था क्य
06:33यह अपने आप में एक बहुत ही रेर दुरगटना होई जिसमें की दोनों एंजिन फेल हो सके इसमें पाइलिट कुछ भी नहीं कर सके
06:42विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है जिससे हाथ से की वज़े जानने में मदद मिल सकती है
06:48लेकिन पहले हम आपको बताते हैं कि ब्लैक बॉक्स होता क्या है
06:51दरसल ब्लैक बॉक्स प्लाइट से जुड़ी सभी जानकारी और गतिविध्यों को रिकॉर्ड करने का काम करता है
06:57ब्लैक बॉक्स को प्लाइट डेटा रिकॉर्डर के नाम से भी जाना जाता है
07:01तो घटना के समय इसमें किसी प्रकार की कोई दिखत ना आए
07:05इसे देखते हुए इसका निर्मान सबसे मजभूत धातू टाइटेनियम से किया जाता है
07:09इसका इस्तमाल 1950 के दशक से शुरू हुआ था
07:14इसके अविशकार कश्य डेविड वरेन नाम के एक वैज्ञानिक को दिया जाता है
07:18ब्लैक बॉक्स को फ्रेम के सबसे पिछले भाग में लगाया जाता है
07:21एक सामाने ब्लैक बॉक्स का वज़न खरीब साड़े चाल किलो का होता है
07:25इसमें दो तरह क्या recorder लगे होते हैं, cockpit voice recorder और flight data recorder
07:30cockpit voice recorder में जो आवाजे मिली हैं, उनके मताबिक पाइलेट ने आखरी वक्त पर मेडे मेडे की call की थी
07:37और कहा था कि thrust अचीव नहीं हो रहा, विमान नीचे आ रहा है मेडे मेडे, यानि उन्होंने प्लेन को बचाने की पूरी कोशिश की
07:46thrust विमान को उडाने में एक एहम force है, जो विमान को आगे की ओर धकेलता है, और वो हवा में उते हुए अपनी दिशा को बरकरार रख पाता है
07:55सरल शब्दों में कहें तो thrust ही विमान को गती और उडान प्रदान करता है, और जब thrust not achieved कहा गया, तो इसका मतलब साब था कि ये एक गंभीर स्थिती होती है, जब इंजिन टेक ओफ के लिए जरूरी thrust पैदा नहीं कर पा रहा है, और विमान पर्याप्त गती नहीं पकड़ �
08:25अन्यंतर खो दिया गया था, क्या फ्लाइट में कोई तकनीकी खरावी थी, या फिर आखरे समय में पाइलट क्या बाचीद कर रही थी, एर इंडिया के इस विमान का क्राश और उसके साथ ही, पिछले कुछ दिनों में याद करिये, तो एर टर्बूलेंस में विमानों के फ
08:55हुए आंकडे दिखाते हैं
09:25जोखिम भरा विकल्ब है, मोटर साइकलें परिवहन का सबसे खतरनाक साधन मानी जाती हैं, मोटर साइकल सवारों के मित्यू की आशंका यातरी वहनों में बैटने वालों की तुलना में 22 गुना अधिक पाई गई, नेशनल सेफटी काउंसिल ने ये पाया कि सड़क दुर �
09:55वहीं विश्व के कुल आंकडों पर नजर डालें, तो अंतरराश्ट्री नागरिक उडेयन संगठन, ICAO और राश्ट्री परिवहन सुरक्षा बोर्ड NTSB के रिपोर्ट्स के अनुसार, विमान दुर घटनाओं में मोतों की संख्या अपेक्षाकरत कम रही हैं।
10:112020-2024 के आंकडों के अनुसार, 2020 में 7 घातक दुर घटनाओं में कुल 251 मोते हुई।
10:35कुल मिलाकर पिछले 5 वर्षों में विमान दुर घटनाओं में लगभभ 496 मोते हुई।
10:41इसी तरह विश्व स्वास्त संगठन की Global Road Safety Report 2023 के अनुसार कुल मिला कर पिछले पांच वर्षों में सड़क दुर घटनाओं में लगभग 6.1 मिलियन मौते हुई
10:52वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले पांच वर्षों में रेल हाथ्सों में भी कई सौ लोगों के मित्य हुई लेकिन सड़क हाथ्सों के मुकाबले वो आंकड़ा काफी कम रहा
11:01हाला कि पिछले कुछ घटना क्रमों ने जन्ता के विश्वास को एर ट्रैवल को लेकर हिला दिया है
11:09ड्रीम लाइनर क्रैश जरूर कर गया लेकिन हवाई यात्रा को अभी भी सबसे सुरक्षित यात्रा माना जाता है
11:20एवियेशन सेफ्टी नेटवर्क के आंकड़ों के अनुसार 2000 से लेकर 2025 तक हवाई यात्रा में होने वाली मौतों में भारी गिरा बटाई
11:28जिसमें सबसे ज़्यादा मौतें 1148 सन 2000 में हुई
11:322024 में 244 मौतें हवाई यात्रा में हुई
11:361965 से 1974 के दशक में हवाई दुर्घटनाओं में 16,383 लोगों की मौत हुई
11:42जबकि 2015 से 2024 के दशक में सबसे कम 2140 लोगों की मौत एर क्रैश में हुई
11:49एर इंडिया की फ्लाइट टेक आफ जिया इनीशल क्लाइम के वक्त दुर्घटना ग्रस्त हुई
11:59एविएशन सेफटी नेटवर्क के मुताविख इस हालात में होने वाली दुर्घटनाओं को प्रतिशत मात्र 2.9 है
12:05सबसे ज़्यादा विमान हाथसे यानी 36.7 प्रतिशत तब होते हैं जब विमान लैंडिंग कर रहा होता है
12:11ग्राउन पर हाथसा 18.3 प्रतिशत
12:16टेक ओफ पर हाथसा 10.2 प्रतिशत इनीशल क्लाइम पर हाथसा 2.9 प्रतिशत मों की हवाई रास्ते में हाथसे 24.2 प्रतिशत
12:27रनवे अप्रोच करते समय हाथसे 7.2 प्रतिशत लैंडिंग के वक्त हाथसा 36.7 प्रतिशत अन्य 0.6 प्रतिशत
12:37वैसे एहमदाबाद हादसे के बाद DGCA ने सुरक्षा के लिए नए निर्देश जारी किये है
13:07जो उसके बारे में पूरी जानकारी रखते हों
13:09इसके अलावा जो टेकनिकल एविडेंस जो हासिल करना है वहां से यानि ब्लैक बॉक्स
13:14उसको हासिल करने के लिए भी उसकी मदद करने के लिए भी जो मेर इंडिया का स्टाफ था वहां पर मौजूद था
13:21लेकिन जिन लोगों ने अपने अपनों को गवा दिया है इस पूरे हादसे में उनको बहुत सारे सवालों के जवाब अभी चाहिए
13:27अभी सब गमगीन हैं दुख में डूबे हुए हैं
13:30दिर्देशों के मताबिक टेक ओफ से पहले फ्यूल पैरामीटर मॉनिटरिंग और संबन्धित सिस्टम की जाच होगी
13:37इसके अलावा कैबिन एर कंप्रेसर, इलेक्ट्रोनिक इंजिन कंट्रोल सिस्टम, इंजिन फ्यूल ड्रिवन एक्टुएटर का ओपरेशनल टेस्ट, ओयल सिस्टम, हैड्रॉलिक सिस्टम की सर्विस इबिलिटी और टेक ओफ पैरामीटर्स की समीक्षा की जाएगी
13:51डीजी सीए के मुताबिक ट्रांजिट इंस्पेक्शन में अब फ्लाइट कंट्रोल इंस्पेक्शन अनिवारे होगा जो अगले आदेश तक लागू रहेगा, वहीं अगले दो हफ्तों में पावर इंशोरिंस चेक भी पूरा कराना होगा