फादर्स डे पर पढ़िए कहानी डॉ. बीएम भारद्वाज की, जो कई लोगों के 'पिता' के रूप में उन्हें नया जीवन दे रहे हैं.
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00:00भरतपूर के बियम भारदवाज जो पेशे से डॉक्टर या समाद सेवी होंगे लेकिन उनके पहचान कुछ और है उन्हें सैकरों बच्चे और हजारों बे सहारा लोग पापा कहते हैं
00:21226 बच्चों के जन प्रमार पत्र और स्कूल रिकॉर्ड में उनका नाम पिता के रूप में दर्ज है करीब 1500 लावारिस अनात लोगों के आधार कार्ड में भी उनका नाम पिता के कॉलम में लिखा है यह रिष्टा खून से नहीं करुना, सेवा और समरपर से बना है
00:39अपना घर आश्रम में डॉक्टर भारद्वाज ने बिना जन्म दिये, दुनिया का सबसे बड़ा परिवार बना लिया है
00:46यहाँ छे हजार से ज्यादा लोग एक साथ एक छट के नीचे रहते हैं
00:52जो उन्हें पापा और उनकी पतनी डॉक्टर माधुरी भारद्वाज को मम्मी कहकर बुलाते हैं
00:57फादस्टे पर जानिये इस अनोखे परिवार की कहानी
01:01जो छोटे नन्यमूने बच्चे हैं जिनकी उम्र जीरो से लेकर दस बारे साल तक किया पंदर साल तक किया
01:10दो सुच्छबीस बच्चे इस तरह के हैं
01:12आश्रम में अधिकतर जब आप देखेंगे
01:16तो चाली साल तक के प्रभुजन तक अधिकतर मादुरी को ममी और हमें पापा कहते हैं
01:24ममी पापा कहके बुलाते हैं
01:27हमारी जुम्मेदारी और भी बढ़ जाती है
01:29हमारी जुम्मेदारी इस तरह से बढ़ जाती है कि जब पापा की जितने दैक तो है
01:33Dr. Bharadwaj
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