अहमदाबाद, गुजरात, 14 जून, 2025: एक तारीख, जो अब सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख नहीं रह गई, बल्कि इतिहास के पन्नों में एक काले दिन के रूप में दर्ज हो गई. इस एक दिन ने सैकड़ों घरों की हंसी छीन ली. किसी ने सुबह बेटी को एयरपोर्ट छोड़ा था, किसी का पूरा परिवार एक नई जिंदगी के लिए विदेश जा रहा था और कोई अपने सपनों के साथ एक नई उड़ान भरने निकला था. लेकिन ना कोई लंदन पहुंच पाया और ना ही कोई लौट कर घर आया. अब विमान हादसे के बाद अस्पताल अब सिर्फ इलाज की जगह नहीं, मातम का घर बन चुका है. शवों के लिए परिजन रोते-बिलखते नजर आ रहे है. तस्वीरों में देख सकते है कि किस तरह अपनों को आखिरी बार देखने के लिए परिजन के चहरे पर गुस्सा और गम, दोनों नजर आ रहा है. पीड़ित परिवारों को बताया गया है कि शवों की पहचान के लिए 72 घंटे का समय लग सकता है, तब तक शव नहीं सौंपे जाएंगे.
00:00बारा तारीक जो अब सिर्फ कालेंडर की एक तारीक नहीं रह गए
00:28बलकि इतिहास के पन्नों में एक काले दिन के रूपें तर्ज हो गई
00:32इस एक दिन ने सैक्डों घरों की हसी छीन ली
00:36किसी ने सुभा बेटी को एरपोर्ट छोड़ा था
00:39किसी का पूरा परिवार एक नई जिन्दगी के लिए वितेश चा रहा था
00:44और कोई अपने सपनों के साथ एक नई उड़ान भरने निकला था
00:48लेकिन ना कोई लंडन पहुँच पाया पर ना ही कोई लोट कर घर आ पाया
00:54अब विवान हाथसे के बाद अस्पताल सिर्फ इलाज की जगा नहीं मातम का घर बन चुका है
01:01शवों के लिए परिजन रोते बिलखते नजर आ रहे हैं
01:05तस्पीरों में देख सकते हैं कि किस तरह अपनों को आखरी बार देखने के लिए परिजन के चुहरे पर गुसा और गम दूरों नजर आ रहा है
01:13पीडित परिवारों को बताया गया है कि शवों की पहच्चान के लिए 72 घंटे का समय लग सकता है
01:20तब तक शव नहीं सौपे जाएंगे
01:50डाटीए नेरी पॉर्ट देके अगार रूल करेंज सर देगा हुआ था फोर्टेट आवर्स में अंदर सबकर प्टना चाई है
01:55क्यों ने भी पड़ रहा है ऐंडर नहीं जाने दे रहे हैं हमारी पैमेली देखने तो दो तो वी देखने देखने दे
02:04दीने मिलेगा तो ही मिलने देंगे विदाउ दीने अमारी पैमेली नहीं हम आपे नहीं हो डीने के लिए बैटे बेटे बहुत आएगा तभी जाने देंगे कब तक चले गाई यह अभी जो बॉड़ी है डिस्पोज होने लग गई है थेलियों में भरके देंगे हम लोगों को
02:34कर दो जों हो ब र TUो को साकता हु�擊 के यह ठाईओी हूं है तर मोच साथ हो डिए है रगी है