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  • 6/12/2025
#Behkaway #YasirNawaz #YashmaGill
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Behkaway Episode 57 - [Eng Sub] - Yashma Gill - Yasir Nawaz - Hiba Ali Khan - 10th June 2025 - Har Pal Geo

In a world where desires blur the lines between right and wrong, one man’s pursuit of happiness sets off a chain of irreversible consequences.

Zubair, a middle-aged man hardened by ego and entitlement, rules over his household with an iron hand. His wife, Zeenat, bears the weight of his injustices in silence, enduring not only his coldness but the cruelty of his mother and sister. Despite her unwavering love and devotion, Zeenat receives nothing but pain in return.

But everything begins to shift when Zubair encounters Sitara, a young, captivating woman whose charm ignites a dangerous spark within him. Driven by selfish desires, Zubair makes a decision that sets off a ripple effect far beyond his control.

Will Zubair abandon Zeenat after meeting Sitara? Will his decision have consequences for his family? And will Sitara prove to be a blessing or a nightmare in disguise for him?

7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Asad Jabal
Writer: Samra Bukhari

Cast:

Yashma Gill as Sitara
Yasir Nawaz as Zubair
Hiba Ali Khan as Zeenat
Osama Tahir as Jahangir
Nayyer Ejaz as Bhai Jee
Farhan Ally Agha as Majid
Ayesha Gul as Rasheeda
Diya Rahman as Shahana
Jenaan Hussain as Sidra
Sajida Syed as Mahtab
Maria Rizvi as Rida
Hina Javed as Neelam
Akbar Islam as Zeenat's uncle
Kamran Jeelani as Aslam
Sami Khan as Shuja
Khushi Maheen as Sana
Rubab Rasheed as Saba

#Behkaway
#YashmaGill
#YasirNawaz

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Fun
Transcript
00:00तुछ दूमना के रेडा
00:12तुबहरा के यह लो यह रखो तूम गभसे साइंग डगर खावा था मैंने यह
00:21यह क्या है
00:24तलाग नमा
00:33मतलब
00:43मैं तुम्हें तलाग दे चुका हूँ
00:45आज के बास से तुम आजाद हो मेरी दरब से
00:48मेरा तुमसे कोई रिष्टा कोई तालोक कोई वास्ता नहीं है
00:54जा सकते तुम्हा से
00:56तो रही बात हक महर की
01:01तो हक महर से कही ज़्यादा मालियत का जेवर तुम चुरा चुकी है
01:04अब मैं दावा नहीं करूँगा वो तुम्हारा हुआ
01:10आप ना करें दावा तुम्हारा ग्रावा तुम्हारा तुम्हारा हुर चाहिए
01:16इतना भी तुम लेके गई हो ना वो सब मुझे वापस नहीं हमेरे पास कुछ!
01:23कुछ नहीं हमेरे पास!
01:26बहले चाहो तुम मेरे तलाशी ले लो या पर मुझे पुलिस के वाले करतो!
01:31अब जोरी हो क्या है?
01:40और तोड जांगिर की जान में चले गई है!
01:46लेकिन काश के जांगिर की चगा है मर जाते हैं!
01:54अरे तेरे जैसे पेजातों को मौत भी नहीं आती है!
01:57पागल उरत, बज़द और इस घर के ओपर इस घर के किसी फरत पर तेरा को होग नहीं चल निकल लिया है!
01:59अपने पास और निकलो एथरसे!
02:01चला चला यहांसे!
02:16झाल झाल
02:46आप नाखेरें दावा, मैं करती हूँ दावा, मुझे मेरा सारा जेवर वापस चाहिए
03:16जितना भी तुम लेकर गई हो ना वो सब मुझे बापस नहीं अभी आपस कुछ
03:20कुछ नहीं अभी आपस
03:22बले चाहू तुम परी तलाशी ले लो यापर मुझे पुलिस के वाले करता हूँ
03:26सिद्रा बसकर बसकर ना क्यों रोई जा रही है
03:38है
03:40मेरा बच्चा सुन बासुन देख
03:44जांगीर तो देखली उसी वक्त मर गया था जो उसी तारक साथियां से भागा था
03:48हम एना बता
03:52मैं सिर्फ अपनी किसमत को रो रहे हैं
03:58लोगों की जिन्दगी में कितनी खुशियां होती है
04:02खुशियों से भरी होती हैं उनकी जिन्दगी
04:06मुझे तो एक खुशी भी रास नहीं आती
04:10यह सब जीनत की नजर की वज़ा से
04:14नजर लगाती है मेरी खुश्यों को
04:16बस बस कर
04:18वो लोग तो हमेरे जिन्दगीयों से निकल गए ना जीनत है ना उसकी बेटिया है
04:22खामखा कब है हम अपने दिल से निकाल दे
04:26अना मेरा बच्चा बस कर रोना बंकर
04:28शाब शाब शाब शाब शुप शुप बिलकुप खामुश
04:31शुप तो नहीं करूंगी मैं
04:33बिलकुप शुप नहीं करूंगी
04:35और ये भाई कितना बदरंग जिंदगी तो नहीं गुजारूंगी मैं
04:39अपनी जिन्दगी के लिए खुशी ढूल के लाओंगी.
04:47ठीक है, ठीक है.
04:50सही बचाँ.
04:59बसकर, बसकर, बसकर.
05:01बन कर, बन करो ना.
05:09बसकर, बसकर.
05:11बसकर.
05:39झाल झाल
06:09झाल
06:39हेलो?
06:58बस अब तयारी रखो
07:00बहुत जल्द शादी की तारीख देने आ रहा हूँ
07:04हाँ तो आ भी जाओ ना
07:07कबसे यही बाते किये जा रहे हो
07:09और हमारी तरफ से तो पूरी तयारी है
07:10किसी चीज़ के कोई कमी तो है नहीं
07:12और कितनी तयारी चाहिए तुम्हें?
07:14अरे मैं अपनी बात नहीं कर रहा
07:17हमारी जो ब्रादरी है ना
07:22वो बड़ी लंबी चौड़ी है
07:24अगर दुलन खाली हाँ आ जाए ना
07:28तो उसकी कोई इज़त नहीं होती
07:30और मैं चाहता हूँ
07:34कि हर कोई तुम्हारी इज़त करे
07:36तुम्हारे खाली हाथ आ जाने पर कोई बाते ना कर
07:40और मैं क्यों खाली हाथ आओंगी भाई?
07:42इतना सारा सामान है मेरा फर्नीचर है
07:44बरतन बगएरा है
07:45और आदी से जादर चीज़े तो खुली भी नहीं है
07:48पैक हैं बिलकुल
07:49शादी को देनी कितने हुए थे?
08:06जमीन या जादाद देकर रुकसद किया जाता है
08:09अब असलम ये कैसे मुम्किन है?
08:15क्यों मुम्किन नहीं होगा?
08:18एक मिनट डुको
08:19बक्षो!
08:23बक्षो कहा मर गया?
08:27जी मालिक आ गया
08:28काना लगा दिया है मेरा?
08:31मालिक आप कहें तो मैं लगवा दे थे?
08:32तुझे के हर रोष समझाया जाए
08:35बताया जाए
08:36कि कब मेरा खाना लगएगा या नहीं लगएगा?
08:39देखनी रहा के मैं आ गया हूँ
08:40अब शेकल के देखना जाजा के ता कहो खाना लगा मेरा?
08:51हाँ
08:52तो मैं क्या बूल रहा था?
08:54अरे क्यों मुम्किन नहीं है?
09:02किसे कहकर मकान का कुछ हिस्सा अपने नाम लिखवा लो में शारा पर है अच्छे खासे पैसे मिल जाएंगे या एक काम और हो सकता है किसी भी तरह दुकान के कांगजा तलाश करके ले आओ कैसे तुम्हारे नाम करना है मेरा काम है
09:27जड़ा सोचो अगर ऐसा हो जाया ना तो तुम्हारे लिए कितना अच्छा होगा और ऐसे भी जुबैर के कोई आगे पीछे दो है नहीं बाद में भी हमें मिलनी है तो अभी क्यों नहीं
09:42और मुझे तो ये भी फिकर है के हमारे बाद तुम्हारी आपा और इसका शोहर कोई गेम ना खेल जाए
09:55अरे नहीं नहीं उनके फिकर करने की जरूरत नहीं है तो बिचारे सीधे साधे से लोग है
10:01मैंने खुद उन्हें वकीलों के तफ्तर के चक्र लगाते देखा है
10:09वागई?
10:17बहुत भुली हो तुम
10:19बहुत भुली
10:22जितनी दुनिया ये सीधी दिखाए देती है ना
10:27उतनी है नहीं
10:29सिद्रा
10:34ये तुम
10:50अधी राथ तु किसे बात कर रही?
10:55नहीं भाई मैं
10:56तुझे तुम्हारा इस तरह अधी राथ को किसी से बात करना बिलकुल पसंद नहीं है
10:59पून बंद कर और सोजाओ
11:01और आए दा समझाना ना पड़े मुझे
11:05सोजाओ
11:07तुम्हारा दुम्हारा है
11:20ये राथ बंद कर दो
11:23बाइ यागे निस्पचा से
11:53कर दो
12:23कर दो अधिया किदर किदर आरी हो तो निकल जाव अधर से मैं तुमारा खुरूं कर दूंगे निद्टर अधर से तहाचो यह मेरे और मेरे मिया कमामलें थे हमें हापस में हाल करनी थे
12:38सुबहर इदर देखिये ना मैं आपकी सितारा
12:48आपस आगई हैं
12:52हमेशा हमेशा के लिए आगई हूँ वो उस जांगीर की कैट से बागके हैं
13:03मैं बस कैट से भाग करने ही आई हो तो दुतकार के निकाला हूँगा उसने तो मैं में तल एकसी
13:08सित्राबाजी मैं आपके आगे हाथ जोरती हो मुझे मुझे मेरे शोहर से बात करने थे जुबहर
13:13जुबहर आपको मेरी बात का यकीन करना होगा उस जांगीर ने मुझे वर गराया था मुझे आपके खिराब बढ़काया था मुझे जुड़ी जुड़ी बात की दिए मुझे तुमसे कोई बात करी जन कदमों से चलके तुम यहाँ पर आई हो ना उन्ही कदमों से वापस �
13:43में तेरी शकल भी ने थेखनी अगर यहां से नहीं कहीं तो तर गराब हुड़ दूगी मैं अपने हाथों से समझ गई ना ने मेरे बेटे के साथ बेवफाई की तो मेरे बेटे का सौग लूटकर यहां से दपा हो गई भाग गई उस कम बगत के साथ और अब उसको फिर से �
14:13है कितनी बेमार हो गया आपकी से हट को क्या होगी आफिर को क्या है यह लूग आपका ख़याल ने रखते ने वापके सादनी और नवाग का लिगा यह सब तुम्हारी करम नौजी है
14:22मैं चाहू हूँ तो पुलीस को बलाओ, बले के नहीं बलाओ, तो कि एक मुझरिम दूसरे मुझरिम को क्या सदा कर रहे हैं, मैंने अपनी खुशियों को अपने हाथों से आख लगए, अपनी प्यार करने वाली बीवी बच्चों को बेघर किया है, तुन्हीं को मेरे साथ किय
14:52मैं नहीं है, यह क्या है, तलाओ नमा, मतलब, मैं तुम्हें तलाओ दे चुका हूँ, आज के बास से तुम आजाद हो मेरी दरफ से, मेरा तुम से कोई रिष्टा, कोई तालोग, कोई वास्ता नहीं है, जासे कि तुम्हास,
15:22तो रही बात हक महर की, तो हक महर से कहीं ज्यादा मालियत का जेवर तुम चुराच की हो, मैं दावा नहीं को नहीं को मारा होगा, अरे तेरे जैसे बेरातों को मौत भी नहीं आती है, पागल औरत, बजाद, और इस घर पर, इस घर के किसी पर्क मेरे तेरा, कोई हक नहीं, �
15:52यह इतनी रात को तुम आस्मान के नीचे क्या कर रही हो, जिनके सर से छच छेंग जाए वो युमें खुले आस्मान के नीचे रह जाते, किसी ने तुम से छच छीनी नहीं थी, तुम खुद ढोकर मार के गई थी, अपश्ता आ रही हो,
16:17महीनों से अपना पेट काट काट के तुम्हें बिढ़ा के खिला रहे हैं, लेकिन साफ बात को, अब उठो कुछ का माने की सोचो,
16:35सच बूचो तो, हमसे तुमाई जेमेदारी ना आप मसीद नी उठाई जाती,
16:41और जब मैं आपको यह आशिकरवाया करती थी तब,
16:43सेर, सपाटे, उम्दा खाने, महंगे कपड़े, थब तो आप बहुत सदकेवारी जाती थी मेरे,
16:57सदकेवारी तो मैं भी भी जा सकती,
16:59मैं तो बस यह कह रही हूँ, कि घर से बाहर निकलो, जाके कमाओ,
17:05और अगर नहीं कर सकती कुछ, तो फिर किसी पैसे बाले आद्वी को देखकर,
17:14निकाप पढ़के नहीं जिन्दगी शुरू करो,
17:19आखिर कब तक अपने खरीब चाचा-चाची के घर पे बोजबनी बैठी रोगी तू,
17:24हाँ, तुम कहो तो मैं देखू तुमारी लिए को रिष्टा,
17:31मुझनाही तो आपके हमदर्दी के जरुएत है और नहीं मदब की,
17:37सितारा अपने राज़ते हमें शक्ते तलाश कर लेती है,
17:41इस पर भी जो करना होका मैं खुद कर लिए,
17:46तो जल्दी कर लेना, जो भी करना है,
17:50तुम्हारा बोज ना अब हमसे बर्दाश नहीं होता,
18:06मुझे अपने घर जाना है कबीर, तुमने वादा किया था,
18:09ठीक है मैं तुमने ले जाता हूँ, मुझे तुमारी खुश्ची अजीज है,
18:12तुम देखने हो, कबीर को तो मुझे खानी पाएगी,
18:16अमीद तो है, मैंने आपकी बेटी से शादी किया है,
18:19और मैं अपनी पूरी कुशिश करूँगा कि जिन्दगी वज़े से खुश्रूप,
18:22अगर अगर आप देख रहे हैं, तो यह देख कर नहीं मुझे माफ करते हैं,
18:25यह यहां से दो रास्ते निकलते हैं, एक केरे साथ तुश्रा मेरे बगया,
18:30हम जानते हैं हम एक बीसरों से मौपत करते हैं, इसका मैं तो करता हूँ,
18:34लेकिन अब हमें चुनना होगा, अब तुम देख लो, तुम मेरे साथ मज़ूर है या मुझसे अलग हो रहा है।
18:40यह शादी हो तो गई, लेकिन उसने रिया को बहुत टॉर्चर देकर जबर्दसी अपने पास रखा हुआ है।
18:47यह जूट है।
18:49सिकंतर खान ने अपनी बहन की खुद शादी करवाई थी कबीर खान से।
18:55तुम्हारे भाई ने हमें जलील कर रखा था, इसी वज़ा से करा थी शादी के विए दुश्मनी खत्म हो जाए।
19:00लेकि तुम्हारे भाई ने दुश्मनी निकालने के लिए शादी किये।
19:03कभीर के वकील का कहिना है कि वो तलाफ नहीं देना चाहते क्या आप अब भी अलेर्गी चाहते हैं
19:13वभादार हमसे जमाने में कम है
19:16वभादार हमसे जमाने में कम है
19:19वभा हमने किया
19:42झाल झाल
20:12तुम सिता रही हो ना?
20:22अरे यहां क्या कर रही हो?
20:25तुम्हारे बाप किसा रख तुने?
20:28बड़ी दिले रहो भाई
20:29पहले कतल की कोशेश फिर चोरी
20:33फिर नाजाइज तरीके से एक बंदे के साथ फरार हुई
20:39फिर भी तरहा कर रही हो
20:41मेरी बात सुनो, अपने काम से काम रखो और चलते बढ़ाओ
20:43ओ, मुझ पर किस बात का उस्सा निकाल रही हो?
20:47यकीन मारो तुम्हे देखकर बहुत खुशी हो रही है
20:49अच्छा कहीं चलते हैं ना?
20:54कुछ अच्छा सा खाते पीते हैं, चाय वाय पीते हैं
20:57तुम अपने दुख्रे सुनाना, मैं अपने सुनाऊंगा
21:00आखरकार हम दोनों एकी मन्जिल के मुसाफिर हैं
21:05ये देखो, नहीं गाड़ी लिया है दो ती दिन पहले
21:10इस गाड़ी में बैटोगी ना, तो इस गाड़ी के भाग खुल जाएंगे
21:16आजाओ, सोच क्या रही हो, हमारी पुरानी जान पैचान है ना, आजाओ
21:22आओ आओ
21:40आओ
22:10इतने दिनों
22:11छोड़ो
22:17जो गुजर जाता है मैं उसके बारे में ना बात करती हूँ ना सोचती हूँ
22:24सही कह रही हो
22:26वैसे अब आगे के बारे में क्या सोचा है
22:32जुबैर तो तो तुमसे अपना हर तालुक खतम कर चुका है
22:39उस समय भी ना मैं बेक असूर थी
22:43मेरी कोई गालती नहीं थी
22:45सारी गालती ना
22:47वो उस बत्तमीज बत्सूरत
22:49बड़ी उमर के सद्रा के शोहर के थी
22:51नहीं नहीं
22:53वो बहुत अंग था उससे
22:55बहुत जर्म करती थी वो उस पर
22:57उसके नाक में दम करके रखा हुआ था
22:59और इस सब में
23:01मेरी भी उससे हमदर्दी थी
23:03हमदर्दी थी
23:05हमदर्दी तो तुम्हे
23:07उससे भी होनी चाहिए
23:11आजकल वो महतर्मा उस पर डोरे डाल रही
23:13उसकी मा भी यही चाहती
23:15नहीं उड़तों का तो वो हाल है के
23:19उसकी जेब में
23:21चार पैसे क्या देखे
23:23लकिन तुम भिलाने
23:25तुम मिला दे
23:29तो तुमने क्या सुचा?
23:31तौबा करो
23:33तौबा
23:35रोज-रोज मनने से बेतर है
23:37कि बंदा एक ही बाहर मर जाए
23:39मैं तो सिदल से कभी
23:41शादी नहीं करूँगा
23:43ना मैं अकल का अंधा हूँ
23:47और नहीं आखों से ना भीना हूँ
23:49क्या मंगवाँ तुमारे लिए क्या खाओगी?
23:55खुछ भी मंगवा लो तुम आने वाले वक्त की फिकर मुझे खाई जा रहे है
24:01तुम जैसी हसी लड़की को आने वाले वक्त की क्या अफ़र
24:09उसे दोस्ती कर लो बेफिकर हो जाओगी
24:15तुम्हारा मुस्तक्बिल तुम्हारे माजी से कहीं स्यादा अच्छा होगा
24:22अच्छा पता ना दावे करना असान होता है
24:31देवाना मुश्किल और से तारा आप ऐसे यकीन नहीं करते
24:36असलम जबानी खलामी दावे नहीं करता
24:40साथ रहोगी ना वक्त खुद बताएगा
24:45सनया अचकर जुबार की दुकान के तुमारा कब से है हां हां सही सुनाया तो
24:54बेलकुँ सही सुनाया बलके ब्रांचिय भी ब्रांचिय खुलने वाली है
24:59और वो जगा भी मेरे नाम ही हो जायेगी
25:02और आदा पैसा तो मैंने उसकी कारूबार में लगाया था
25:08आज तक उसने वो दुकान जो है वो अपने नाम ही रखी है अगर सुबैर में अब इतना नहीं है कि मुझसे कब सा छुड़ा सके
25:24सच को तो सुबैर तुमारे काबली नहीं थी हाँ कहां तो उसके चक्कर में भज गई थी
25:42अपने आपको लेखो कितनी हसीन कितनी खुबसूरत उसकी हालत लेखो
25:52अरे ये तो शुकर है कि सुबैर ने फुड़ी तुम्हारा पीचा छोड़ दी है
26:02बना सिर्फ एक च्छट के चक्कर में तुम बीमार शोहर खुरू सास और नक्चेडी नंद की खिदमते कर रही होती
26:11अब तुम देखना कि मैं कैसे तुम्हें शीशे की कुड़िया की तरह सब्कान कर रुकूंग
26:20मैं आतो
26:50आतो
27:17आवे, हीटाएगर, आवो, इल्लाँ.
27:24जीनद्भावी, कैसे उसकते हैं?
27:34सुरियेगा?
27:38जीनद भावी कैसे हो सकते हैं?
27:48सुरियेगा
27:51आप जीनद भावी हैं जीनद भावी हैं
27:58वजीर यह ते तो लो
28:01स्लाम लेकुम भावी कैसे हैं आप
28:04भाजी पूशा मैं जी हूँ आप यहां कैसे
28:07तो कैसादी नहीं जा रही है?
28:11खेर मेरी छोड़े हैं आप
28:13काफी अर्सा से नुम्र होता आपको
28:16पुछी कि दिलाश कह रहे था?
28:19वो शुजा से भी पूछा था के आपका पता बता दे लेकिन जानी क्यों नहीं नहीं बताता था वो
28:26बहुत सारी बाते कर दी थे आपसे
28:30अच्छा?
28:31सक क्या जरूरी था?
28:33लंबी बात है भी उसे बहुत कुछ बताना है
28:36ठीक है तुम ऑफिस है बेरा अंदर आजो वहां बेट के बात कर लेकिन
28:40आज़े आज़े
28:50यही सब कुछ बताने के लिए आपसे मुझे
28:54स्थामर करें
29:04मिस भाबी
29:06काफी अड़ से आपको तलाश करता रहा है
29:09लेकिन नहीं आ रहा है कि अम्मा और सिद्रा सुबहर के साथ पर इतना बुरा सुडूक कर रहे
29:24कैसे हैं वो
29:29मैंने देखा था उस दिन
29:33बहुत नकलीफ में लग रहे था
29:38क्या पुछती हैं भाबी
29:42वही सिहत की खराबी और कुछ पश्टावे
29:48सबेर भाई तो बिस्तर से लग गाए
29:50आपको और दोनों बच्चियों को बहुत याद करते हैं
29:56उन्होंने मुझसे और शुजा से वादा भी लिया था
30:02कि हम आपको तलाश करें कि उनका पैगाम पहुँचारेंगे
30:05कि वह आपसे मिलना चाहते हैं
30:11आप
30:13आप उनसे मिलेंगी ना भाभी
30:25मैं
30:28मैं जानता हूं भाभी कि उन्होंने आपको साथ कुछ अच्छा नहीं किया
30:34वह शर्मिंदा है
30:39आपसे मिलके माफ ही मांगना चाहते है
30:45आप
30:46आपने माफ करतीजे भाभी
30:55उनके अपनोंने तुनका साथ कपका छोड़ दिया
31:00किसी बोश की तरह वह कोने में पड़े रहते है
31:05घर और रिस्टोर पर तो उस फ्राडी असलम नहीं कबजा कर दिया
31:13असलम नहीं कबजा
31:17शुझे ने बताया क्यों नहीं मुझे
31:19भाभी वो बहुत शातिर इंसान है
31:24सितर अबाजी को शिशे मुथार के उन से मंगनी करता है
31:31और उसके बाद घर और रिस्टोर सब पर उसी कह राज चलता है
31:39भाभी जबेर भाई को घर वालों ने तो साइट पे कर दिया
31:49लेकिन अगर सच पूछें तो
31:54जब से आप और बच्चें उनकी जिन्दगी से गई हैं गोई हैं उनकी जिन्दगी उजड़ते गई
31:59हर्च से फर्च पर आकर गिर गया और जा रहे हैं
32:05कर दो
32:35हलो
32:37हाज जी
32:38खवाज का क्या प्रोग्राम है
32:42अभी कल तो मिले थे
32:45ऐसे तो ना कहें
32:47मैं तो उसे एक मुलाकात के बाद ही अगली मुलाकात के इंतिजार में हूँ
32:53वक्त काटे नहीं कट रहा रात भर जाकता रहा हूँ
32:57को प्रोग्राम बनाओ ना
32:59असलम
33:01मैं तुम से फिर बाद में बात करता हूँ
33:03कस्टमान आने है ख़दाफिस
33:05कर रहा हूँ
33:07कर रहा हूँ
33:13वक्त कर दो
33:15करें आने है
33:17भुम
33:19कर साम
33:28भेरो
33:30कहां गाइब हो?
33:39मेरा फोन भी नहीं उठा रहे हो, घर भी नहीं चकर लगाया, क्या हो गया?
33:43आप यही, सवाल जवाब शुरूँ
33:44अभी आई हो, जूस भी हो, कोई बोतल शोतल पी हो
33:48नहीं, मुझे कुछ मी नहीं चाहिए, मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहे?
33:52वो, मेरा मुबाइल खराब हो गया था, वो बनने के लिए दिया था
33:56तो वो अभी मुझे वापिस मिला है, मैं तुम्हें कॉल करने ही वाला था
33:59पता था मुझे कि तुम फिकरमंद हो रही होगी
34:02यह बताओ कि, अम्मा कैसी है, अम्मा से बात हुई तुमारी
34:06तुकान हो जाएगी न हमारी
34:08जब भी टाइम नहीं मिला, लेकिन मैं कर लूँगी उनसे बाद
34:11या सिद्रा, तुम समझ नहीं रही हो
34:14यह मामला जितनी जल्दी निपड़ जाया, उतना ही अच्छा
34:18अच्छा भी तो छोड़ो ने इन बातों को, मुझे कहीं बाहर तो ले चलो
34:22मैं घर में बैटी बैटी इतनी बोर हो रही थी
34:25मैं इस वक्त यहां से कहीं नहीं जा सकता है
34:27एक तो वजीर भी जो है ना, पता नहीं कहां मर गया है
34:30वो सब कुछ मुझे ही देखना पड़ता है
34:32तो मैं काम करूँ कि तुम अभी घर जाओ, मैं शाम को चक्का लगा लूँगा
34:35लेकिन एक बात का खियार लखना है
34:37बस मुझे खुश्खबरी चाहिए
34:39जाओ
35:00रगदू मना के रेणा

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