Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 2 days ago
भारत के लिए साबित होगा मील का पत्थर, क्या है Axiom मिशन?

Category

🗞
News
Transcript
00:00इंडियन एरफोर्स के पाइलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुकला, तीन अन्य क्रू मेंबर्स के साथ स्पेस मिशन एक्सियोम 4 का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा.
00:16खराब मौसम और तक्नीकी अर्चनों के चलते, एक्सियोम 4 मिशन को फिलहाल रोका गया है, लेकिन बहुत जल्द ही ये मिशन लॉंच किया जाएगा.
00:25आईए एक्सियोम 4 मिशन के बारे में डीटेल में जानते हैं, साथ ही ये भी जानेंगे कि ये मिशन भारत के लिए कितना फाइदेमन्द साबित होगा.
00:33ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुकला और एक्स 4 मिशन के अन्य तीन सदस्य जल्द ही अंतरराश्ट्रिय अंतरिक्ष स्टेशन ISS की ओर रवाना होंगे.
00:51एक्सियोम 4 मिशन का क्रू इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करेगा, जहां वो लेबोरेटरी की परिक्रमा करेंगे और साइन्स, आउट्रीच और कमर्शल अक्टिविटीज को अन्जाम देंगे.
01:02एक्सियोम 4 मिशन नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के LC-39A लॉंच पैड से, स्पेसेक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से लॉंच किया जाएगा.
01:11भारत के लिए ये मिशन इसलिए खास है क्योंकि भारत के शुभांशु शुकला इस मिशन के पाइलट है, यानि वही इस मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को उड़ाएंगे. उन्हें खास तौर पर इसकी ट्रेनिंग दी गई है.
01:23एक्सियूम 4 मिशन का लक्ष है चार सदस्यों वाले क्रू के साथ साथ एक्सपेरिमेंट्स को अंजाम देना. इनमें साथ एक्सपेरिमेंट की प्लानिंग इसरो ने की है, जबकि पाँच अन्य प्रयोग शामिल हैं, जिनमें शुभांशु शुकला नासा के Human Research प्रोग्रा
01:53शुभांशु शुकला, स्वावोश उजनांस्की और तीबोर कापु शामिल हैं. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुकला भारतिय वायु सेना के पाइलट हैं, जिनहें इजरो के एतिहासिक गगन्यान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में
02:23इंजीनियर हैं, जो एक्सियम 4 में मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में योगदान देंगे। हंगरी के मैकेनिकल इंजीनियर टीबोर कापु भी मिशन स्पेशलिस्ट हैं.
02:32X-4 क्रू को ISS पर जाने से पहले कई तरह की Emergency Situations के लिए तैयार होने की जरूरत है.
02:42ग्रूप कैप्टन शुभांशु शुकला और मिशन के बाकी तीनों सदस्यों ने Comprehensive Emergency Training ली है.
02:49इस Training के दम पर वो किसी भी चुनौती का सामना कर सकेंगे.
02:52ट्रेनिंग में पानी के नीचे की ड्रिल्स, आग बुझाने की प्रैक्टिस, डिप्रेशराइजेशन, स्पेस सूट और स्पेस क्राफ्ट को यूज करने जैसी तमाम ट्रेनिंग शामिल है.
03:02इतना ही नहीं, ISS पर Emergency Situation में काम करना, Microgravity में काम करना, सूक्ष्म गुरुत्वा कर्शन में काम करने की ट्रेनिंग भी दी गई है.
03:13आने वाले समय में, ये ट्रेनिंग गगन्यान मिशन के लिए भी मददगार होगी.
03:17ये मिशन न केवल वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए है, बलकि अगले स्पेस स्टेशन को बनाने का रास्ता भी खोलेगा.
03:26भारत नासा सहयोग से गगन्यान की तैयारी करेगा.
03:292030 में ISS को समुद्र में गिराया जाएगा.
03:33उसके पहले अगले स्पेस स्टेशन का काम शुरू हो जाएगा.
03:36एक्सियोम स्पेस 2027 में पहला मॉडियूल लाँच करेगा, जो पावर, तापमान, नियंतरन और स्टोरिज स्पेस देगा.
03:44इसके बाद तीन साल में चार और मॉडियूल्स, एयर लॉक, हैबिटाइट और रिसर्च और मैनुफैक्टरिंग लाँच होंगे.
03:512030 में जब ISS समुद्र में गिराया जाएगा, तो एक्सियोम स्टेशन खुद एक फ्री फ्लोटिंग लैब बनेगा.
03:57बता दें कि ISS दुनिया का सबसे महंगा सरकारी प्रोजेक्ट है, जिस पर 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च हुए.
04:07इसे 13 साल में बनाया गया, साल 2000 से लगातार यहां कोई न कोई एस्ट्रोनॉट रह रहा है, लेकिन इसमें एक समय में सिर्फ 6 लोग रहते हैं.
04:16ISS 400 से 4500 किलोमीटर की उचाई पर प्रिथवी की परिक्रमा करता है, इसका आकार एक फुटबॉल मैदान से बड़ा है, लेकिन 2030 में इसे समुद्र में गिरा दिया जाएगा, क्योंकि यह पुराना हो रहा है.
04:29अब थोड़ा डीटेल में समझते हैं कि X4 मिशन का मकसद क्या है. यह मिशन 14 दिनों का होगा, जो ISS पर 6 महीने से साल भर तक रहने वाले लोगों की तुलना में बहुत कम है.
04:43लेकिन इस दौरान क्रू साथ वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियां करेंगे, जो 31 देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे. यह अब तक का सबसे बड़ा रिसर्च वर्क होगा, जो एक्सियोम स्पेस मिशन पर ISS में किया जाएगा. आईए जानते हैं वहाँ क्या क्या ह
05:13ब्लड ग्लूकोज मैनेजमेंट पर रिसर्च होगी और कैंसर पर भी रिसर्च की जाएगी.
05:17एक्सियोम 4 मिशन न केवल भारत के लिए एक गर्व का पल है, बल्कि इससे देश को कई तरह के फायदे मिलेंगे.
05:26पूर्व इसरो वैज्ञानिक विनोध कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि एक्सियोम 4 मिशन भारत को वैज्ञानिक, तकनीकी, आर्थिक और सामाजिक फायदे देगा.
05:36ये मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष में बढ़ती भूमिका को मजबूत करेगा, बल्कि भविश्य के मिशन जैसे गगन्यान और अगले स्पेस स्टेशन की नीव भी रखेगा.
05:46आने वाले समय में, ये मिशन भारत को एक वैश्विक शक्ती के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा.
05:54शुभान्शु शुकला की ट्रेनिंग और ISS पर उनका अनुभव गगन्यान मिशन के लिए बहुत उपयोगी होगा.
05:59एक्स-फोर मिशन भारत और नासा के बीच सहयोग को मजबूत करेगा.
06:05ये मिशन 31 देशों के प्रयोगों में भारत की भागीदारी को बढ़ाएगा.
06:09वैश्विक स्तर पर भारत की अंतरिक्ष में भूमिका को और मजबूत करेगा.
06:13इतना ही नहीं, इस मिशन से छात्रों और युवाओं को अंतरिक्ष में रुची बढ़ेगी.
06:18ये शिक्षा और अनुसंधान में निवेश को बढ़ावा देगा और भविश्य की पीडियों को प्रेरित करेगा.
06:24अब चलते चलते जान लेते हैं इस मिशन के हीरो के बारे में.
06:31शुभान्शु शुकला भारतिय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन है.
06:35इसरो के गगन्यान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक है.
06:391985 में लखनव में जन्मे शुभान्शु के पास 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है.
06:46वो SU-30 MKI, MIG-21, MIG-29, Jaguar, Hawk जैसे विमानों को उड़ा चुके हैं.
06:54वो ISS पर जाने वाले पहले भारतिय होंगे.
06:571924 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतिय.
07:03शुभान्शु शुकला की शुरुआती पढ़ाई सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में हुई, जहां से उन्होंने अपने सपनों की नीव रखी.
07:09मात्र 16 साल की उम्र में उनका चयन राष्ट्रिय रक्षा अकादमी NDA में हो गया.
07:15NDA से भारतिय वायु सेना और फिर Axiom 4 मिशन तक, शुभान्शु ने हर कदम पर मेहनत और लगन से भारत का नाम रोशन किया.
07:23आज वो Nasa के इस एतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जो न सिर्फ लखनव, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल है.
07:32आपको ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं.
07:35ऐसी ही स्टोरीज और अपडेट्स पाने के लिए सबस्क्राइब करें आज तक AI.

Recommended